RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
रोहित ; अच्छा तू नही उतारती है तो में खुद ही देख लेता हूँ और रोहित ने उसकी जीन्स के पीछे जहाँ उसका आस क्रॅक नज़र आ रहा था वहाँ से सीधे अंदर हाथ भर दिया और उंगलियो को जैसे ही मोड़ा उसकी उंगली उसकी बहन सुधा की गुदा से टकरा गई और रोहित ने उंगली मोड़ कर कस कर उसकी गान्ड के छेद में दबा दी यह सब इतनी जल्दी हुआ कि सुधा कुछ कर भी नही पाई और उसकी गान्ड में रोहित की उंगली जाते ही वह ज़ोर से सीस्या पड़ी, आह भैया क्या कर रहे हो, लेकिन रोहित ने अपने हाथ को बाहर नही निकाला और उसके चुतड़ों को दबोचते हुए कहा, अब बता तू पैंटी क्यो नही पहनती है
सुधा का चेहरा लाल हो गया था और वह उसका हाथ निकालने की कोशिश करती हुई कहने लगी ओह भैया प्लीज़ हाथ बाहर निकाल लो अब से में कसम से रोज पैंटी पहनूँगी
रोहित : सुधा की गुदा को कुरेदते हुए कहने लगा पहले मुझे बता तू पैंटी क्यो नही पहनती है
सुधा : ओह भैया क्या बताऊ बस ऐसे ही नही पहनी
रोहित ने अपने हाथ को बाहर निकाला तब सुधा को थोड़ी राहत महसूस हुई पर वह कुछ सोचती इससे पहले ही रोहित ने उसकी कसी हुई मोटी चुचियो को अपने हाथ में भर कर दबोच लिया और सुधा आह भैया सीयी छोड़ो ना यह आप क्या कर रहे हो कोई भाई अपनी बहन के साथ ऐसा करता है क्या
रोहित ने उसके मोटे मोटे चुचो को एक बार और कस कर दबोचते हुए कहा में जानता हूँ तू पैंटी क्यो नही पहनती है और रोहित ने उसके चुचो को छोड़ दिया सुधा की साँसे धुकनी की तरह चलने लगी और वह रोहित से थोड़ा दूर होकर कहने लगी क्या जानते है आप और यह कैसी हरकत कर रहे है, सुधा के चेहरे पर थोड़े कठोर भाव थे
रोहित : अब ज़्यादा बनो मत में सब जानता हूँ आज कल तुम्हे मोटे तगड़े लंड के अलावा कुछ दिखाई नही देता है
सुधा : शर्म से पानी पानी होते हुए अपनी नज़रे ज़मीन पर गढ़ा लेती है और फिर नज़रे उपर उठा कर कहती है भैया आज आपको क्या हो गया है जो इतनी गंदी बाते मुझसे कर रहे है, तब रोहित कहता है सुधा में तुझे चोदना चाहता हूँ, और में जानता हूँ भी मुझसे अपनी चूत मरवाना चाहती है,
सुधा सकपकाते हुए भैया यह आप क्या बोल रहे है, तभी रोहित ने सुधा के पास आकर उसे पकड़ लिया और उससे कहा अब नाटक छोड़ सुधा में जानता हूँ उस दिन जब मैने आँखो में पट्टी बाँधी हुई थी तब तूने मेरा लंड खूब तबीयत से चूसा था और मेरा रस भी पिया था,
रोहित की बात सुन कर सुधा पानी पानी हो गई और उसकी नज़रे ज़मीन में गढ़ी जा रही थी, रोहित ने उसको अपनी बाँहो में भर लिया और उसका लंड खड़ा हो गया, वह सुधा के मोटे मोटे बोबो को मसल्ते हुए उसके रस भरे होंठो को अपने मुँह में लेकर चूसने लगता है और सुधा उसको कस कर पकड़ लेती है सुधा की चूत से भी पानी बहने लगता है, रोहित सुधा की जीभ को अपने मुँह में लेने की कोशिश करता है और सुधा उसे अपनी जीभ निकाल कर देती है और रोहित उसकी पूरी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूस्ते हुए उसके बड़े बड़े दूध को खूब कस कस कर मसल्ने लगता है, तभी रोहित की आँखे खुलती है और उसे दूर कोई साइकल से आता हुआ नज़र आता है और वह सुधा को छोड़ कर दूर करते हुए कहता है सुधा कोई आ रहा है, उसकी बात सुन कर सुधा उससे दूर हो जाती है, उसके बाद रोहित उससे कहता है सुधा में तुझे पूरी नंगी करके चोदना चाहता हूँ, सुधा मंद मंद मुस्कुराते हुए नीचे देखती रहती है तब रोहित कहता है कुछ तो बोलो
सुधा : भैया मुझे शर्म आती है,
रोहित-- पगली अब मुझसे क्यो शर्मा रही है,
सुधा : पर यह सब कैसे होगा घर में सब लोग होते है
रोहित : मेरी बात ध्यान से सुन तू सोनू को बोल कि तुझे भैया का लंड फिर से चूसना है, सोनू पक्का मेरी आँखो में पट्टी बाँध कर तुझे यह मोका देगी बस फिर हमारा काम बन जाएगा और सोनू को यह पता भी नही चलेगा कि हमने पहले ही सेट्टिंग की हुई है, मैं तुझे पट्टी बाँधे बाँधे सोनू समझ कर चोदुन्गा और फिर आगे सब हमारे हाथ में होगा
सुधा : मुस्कुराते हुए भैया आप बड़े खराब हो अब चलो भी
रोहित : लेकिन यह बात तू सोनू से शेयर नही करना तब सुधा ने बाइक पर बैठते हुए कहा नही करूँगी अब चलो भी और सुधा पीछे से रोहित से चिपक गई और रोहित घर की ओर चल पड़ा,
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