RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
रोहित : नही मम्मी मैने उससे कभी ऐसा कुछ कहा नही
नीलम: क्यो ऐसी बाते तो लोग अपनी बीबी से कर लेते है कहीं तू सोनू से भी लड़कियो की तरह तो नही शरमाता है
रोहित : मुस्कुराते हुए नही मम्मी ऐसी बात नही है
नीलम : अच्छा बता मेरा फिगर तुझे कैसा लगता है
रोहित : मम्मी आपकी तो बात ही अलग है
नीलम : मुस्कुराते हुए अच्छा इसीलिए तेरा मन मेरा पेट चूमने और सहलाने का कर रहा है
रोहित : हँसते हुए नही मम्मी बस मुझे उस दिन बहुत अच्छा लगा था इसलिए आप से कह दिया
नीलम : फिर से सहलाएगा, नीलम ने रोहित की आँखो में कातिल निगाहे डालते हुए पूछा
रोहित : रोहित शरमाते हुए मम्मी आप कहेगी तो सहला दूँगा
नीलम : मुस्कुराते हुए, अच्छा ठीक है घर चल कर जितना मन करे सहला लेना और चूम लेना
रोहित : मुस्कुराते हुए मम्मी यू आर वेरी स्वीट
नीलम : हँसते हुए में स्वीट हूँ या मेरा पेट
रोहित : मम्मी आप तो उपर से लेकर नीचे तक पूरी स्वीट है
नीलम : मुस्कुराते हुए, बस बस अब ज़्यादा तारीफ ना कर और चल पैसे देकर आ और चल कर देखते है तेरे पापा दोनो को कहाँ लेकर घूम रहे है और फिर दोनो रेस्टोरेंट से बाहर वापस भीड़ में आ जाते है, और दूसरी तरफ सोनू और सुधा मनोहर को लेकर मेले के आख़िरी छोर पर पहुच जाते है जहाँ सुनसान था लेकिन मेले की रोशनी वहाँ आ रही थी लेकिन वहाँ कोई आड़ नही थी और पूरा मैदान दिखाई दे रहा था,
सोनू : पापा आप उधर मुँह कर लीजिए हम पेशाब करके आती है और सोनू ने सुधा का हाथ पकड़ा और थोड़ा आगे जाने लगी तब मनोहर ने कहा बेटी ज़्यादा आगे मत जाओ यहाँ कोई नही देख रहा है जल्दी से कर लो, खेत में कोई कीड़ा वग़ैरह ना हो तब सोनू ने मुस्कुराते हुए मनोहर को देखा और सुधा से कहा सुधा यहीं कर ले सुधा तो रंडी तैयार ही थी उसने अपनी स्कर्ट उपर उठा दी और मनोहर ने कनखियों से जब अपनी बेटी सुधा की मोटी भारी गान्ड और उसके खुले हुए पाटो को देखा तो उसका लंड भनभना गया, सोनू बराबर मनोहर को कनखियो से देख रही थी कि मनोहर अपने लंड को कैसे पॅंट के उपर से मसल्ते हुए अपनी बेटी सुधा की गुदाज मोटी गान्ड को देख रहा है सुधा नीचे बैठ गई और उसकी चूत से फव्वारे के साथ पेशाब निकलने लगा और उसकी पेशाब के साथ निकलने वाली सीटी की आवाज़ जब मनोहर के कानो में पड़ी तो वह पागल हो उठा और किसी पागल कुत्ते की भाँति अपनी बेटी की चूत से निकलने वेल पेशाब की मोटी धार को देखने लगा, कुछ देर तक सुधा ने पेशाब की और फिर धीरे से खड़ी हो गई
उसके बाद उसने मुस्कुरा कर पापा की ओर देखा तो मनोहर ने दूसरी ओर मुँह कर लिया तब दोनो ननद भाभी मुस्कुराने लगी तब सुधा ने कहा भाभी आप भी मूत लो, तब सोनू ने बड़े आराम से अपनी सलवार का नाडा खोला और उसे अपने भारी चुतड़ों से नीचे सरका कर अपनी गुदाज गान्ड को अपने ससुर जी को दिखाते हुए मूतने के इए बैठ गई उसकी चूत से भी खूब मोटी पेशाब की धार निकलने लगी और एक सीटी की आवाज़ जब हुई तो मनोहर ने अपनी बहू के चतड़ो को घूरते हुए अपने लंड को खूब मसला सुधा अपने पापा की प्यासी निगाहो को देख कर स्कर्ट के उपर से अपनी रसीली बिना बालो वाली चूत को मसलने लगी कुछ देर बाद सोनू मूत कर उठी और सुधा को मुस्कुराते हुए देखने लगी और अपने स्कर्ट को उपर कर लिया और फिर दोनो मनोहर के पास आई तब सोनू ने मनोहर के पॅंट में बने हुए टॅट को देखते हुए कहा पापा आप को लगी हो तो आप भी कर लीजिए तब मनोहर ने कहा हाँ बेटी में भी कर ही लेता हूँ और मनोहर ने आगे जाकर अपने लंड को चैन खोल कर बाहर निकाला और लंड के टोपे को पीछे सरका कर लंड को मसल्ने लगा,
उसका लंड और भी तन कर खड़ा हो गया और उसे खड़े लंड में पेशाब आ ही नही रही थी कुछ देर तक वह लंड को मसल्ते रहा फिर बड़ी मुश्किल से लंड को चैन के अंदर ठुसने की कोशिश करने लगा सुधा और सोनू मुँह फाडे मनोहर की हरकते देख रही थी और दोनो समझ रही थी कि पापा का मोटा लोला खड़ा है और उन्हे मूत आया ही नही फिर मनोहर ने जैसे तैसे लंड को अंदर लिया और उन दोनो के करीब आने लगा दोनो लोन्डियो की निगाहे मनोहर के लंड पर ही टिकी हुई थी और जब मनोहर पास आ गया तब दोनो मुस्कुरा दी और मनोहर ने कहा चलो अब चलते है रोहित और नीलम भी हमे ढूँढ रहे होंगे और फिर तीनो मेले की ओर जाने लगे
|