Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:38 PM,
#85
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
दरवाजा ठीक करने के बहाने दोनों सोनू के उपस्थित होने के बावजूद भी अपनी काम प्यास को बुझाने में सफल रहे। हां अपनी यह प्यास बुझाने के चक्कर में सब्जी थोड़ी जल गई थी, सब्जी के जल जाने का दुख दोनों को बिल्कुल नहीं था बल्कि अपने बदन की जलन को शीतलता प्रदान करने की संतुष्टी दोनों के चेहरे पर साफ नजर आ रहीे थी।

राहुल ने तो अपने जिस्म की भूख को अपनी मां को चोदकर मिटा लिया था लेकिन पेट की भूख मिटाने के लिए उसे जली हुई सब्जी ही खाना पड़ा। खाना खाकर वक्त अलका और राहुल दोनों एक दूसरे को देखते हुए मुस्कुरा रहे थे। 
खाना खाने के बाद राहुल पढ़ाई का बहाना बनाकर घर पर नीलू के घर जाने के लिए निकल पड़ा। रास्ते भर नीलू के बारे में सोच सोच कर वह अपने बदन में उत्तेजना का अनुभव कर रहा था। उसके रेशमी बाल उसके गोरे-गोरे गाल गुलाबी रस भरे होठ उसका भरा हुआ बदन. उसके गोल गोल नारंगी की तरह चुचीया उसके बदन में रोमांच जगा रहे थे। खास करके नीलू की भरावदार और चुस्त गांड, जिसके बारे में सोचते ही राहुल की आंखों के सामने उसकी नंगी गांड और गांड की फांकों के बीच से झांकती हुई उसकी गुलाबी बुर और बुर की गुलाबी पक्तियां नजर आने लगती थी खास करके स्कूटी पर बैठती हुई नीलू ज्यादा जेहन में बसी हुई थी क्योंकि जब भी वह स्कूटी पर बैठती थी या उठती थी तब तब उसके भरावदार गांड कीसी रुईदार गद्गे की तरह दबती और उठती थी। जिसे देखकर राहुल के बदन में चुदास की चीटियां रेंगने लगती। राहुल का मन यह सब याद करके नीलू से जल्दी से जल्दी मिलने के लिए तड़पने लगा। वह चौराहे पर आकर जल्दी से एक ऑटो किया और सीधे नीलू के बंगले के सामने उतर गया। बंगले का गेट खोलकर वह दरवाजे तक गया और दरवाजे पर पहुंचते ही उसकी उत्सुकता बढ़ने लगी वह अंदर से थोड़ा घबरा रहा था क्योंकि नीलू ने यह नहीं बताई थी कि उसकी मम्मी घर से कब जाएंगेी इसलिए वहां मन में यही सोच रहा था कि अगर नीलू की मम्मी घर पर उपस्थित रहीे तो वह क्या कहेगा। फिर भी घबराते हुए वह बेल बजा दिया। थोड़ी देर बाद से दरवाजे के भीतर कदमों की आहट सुनाई दी वह समझ गया कि अब दरवाजा खुलने वाला है लेकिन कौन खोलेगा यह उसे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था। उसका दिल ज़ोरों से धड़क रहा था, तभी दरवाजा खुला और सामने का नजारा देखकर राहुल के होश ही उड़ गए । सामने नीलु ही थी। नीलू ईस समय बला की खूबसूरत लग रही थी। बाल गीले ही थे लेकिन उसने बालों को एक रिबन से बांध रखी थी और बालों की लटे गालों पर चहल-कदमी करते हुए लहरा रहे थे। नीलू ने एक गंजी टाईप सफेद रंग की पहनी हुई थी। जोकि बाल के पानी की एक एक बूंद के गिरने की वजह से जगह जगह से भीग कर बदन पर चिपक गई थी जिससे उसका गोरा बदन साफ साफ झलक रहा था। राहुल के बदन में एकाएक झनझनाहट का अनुभव हुआ जब उसकी नजर नीलू की छातियों पर गई जो कि स्लीप में से उसकी ब्राउन रंग की निप्पल पानी में भीगने की वजह से स्लीप के ऊपर से साफ साफ नजर आ रही थी। एक बात तो साफ़ थीै कि इस समय नीलू स्लीप के नीचे ब्रा बिल्कुल नहीं पहनी हुई थी। राहुल की तो आंखें फटी की फटी रह गई क्योंकि जो नजारा उसने देखा था वह भले ही कपड़ों में था लेकिन बहुत ही कामुक नजारा था। नीलू कमर के नीचे की स्कर्ट पहनी हुई थी जोकि घुटनों तक आ रही थी आज नीलु अपने रुप रंग रवैया से और भी ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी। राहुल तो नीलू के रूप-रंग में ऐसा खो गया की वह ईस बात को भूल ही गया था कि इस समय वह दरवाजे पर खड़ा है। नीलू भी अच्छी तरह से समझ गई थी कि राहुल की नजर उसके छाती के उभारों पर ही टिकी हुई थी। इसलिए वह राहुल को ओर ज्यादा तड़पाते हुए अपने लाल-लाल होठों पर कामुक मुस्कान बिखेरते हुए अपनी हथेली को अपनी चुचियों पर हेल्कैसे फिराते हुए
बोली।

क्या हुआ राहुल ऐसे क्या देख रहे हो? 

नीलू की बात सुनकर जैसे उसे नींद से जगाया गया हो इस तरह से थूक निगलते हुए बोला।

ओह नीलू आज तो तुम्हारा यह रुप देख कर मेरा मन एकदम से डोलने लगा है आज बहुत ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लग रही हो। 
( राहुल के मुंह से अपनी तारीफ के शब्द सुनकर नीलू मन ही मन प्रसन्न होने लगी और प्यारी मुस्कान बिखेरते हुए बोली।)

अंदर तो आ जाओ या यूं ही दरवाजे पर खड़े खड़े ही बात करोगे। 

तुम्हारे साथ तो मैं कहीं भी खड़े होकर बात कर सकता हूं क्योंकि जब तुम पास होती हो तो ना मुझे धूप छांव का पता चलता है ना दिन रात का। 


चलो अब बातें ना बनाओ और अंदर आ जाओ।
( राहुल मुस्कुराते हुए कमरे में दाखिल हो गया और नीलू ने दरवाजे को बंद कर दी , नीलू दरवाजे को बंद कर ही रही थी कि तभी राहुल बुला।)

आंटी है या चली गई? 

मम्मी तो सुबह ही चली गई करीब 9:00 बजे ही अब से मैं तुम्हारी बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी कि आप आओगे कब आओगे लेकिन तुम हो कि....खैर छोड़ो देर आए दुरुस्त आए। अच्छा यह बताओ क्या लोगे चाय या कॉफी या फिर कोल्ड्रिंक। 
( राहुल नीलू की गोल-गोल चुचियों पर नज़र गड़ाते हुए बोला।)
ना चाय ना कॉफी और ना ही कोल्ड्रिंक, मुझे तो आज बस तुम्हारा दूध पीना है। 
( नीलू राहुल की बात सुनकर फिर से हंसने लगी और बोली।) 

धत पागल तुम एकदम बुद्धू होते जा रहे हो। अभी मेरे (अपनी चुचियों को हथेलियों में कसते हुए )इस में से दूध थोड़ी निकलता है। 

कुछ भी हो नीलू लेकिन मैं आज तुम्हारी चुचियों को मुंह में भर भर कर इसका सारा रस निचोड़ डालूंगा (इतना कहने के साथ ही वह नीलू की तरफ आगे बढ़ने लगा और नीलू खिलखिलाते हुए पीछे की तरफ कदम ले जाने लगी लेकिन राहुल लपक कर उसे अपनी बाहों में भर लिया और फिर सोफे पर लेट आते हुए उसके होठों को चूमने लगा और एक हाथ से कपड़े के ऊपर से ही उसकी तनी हुई चूची को दबाते हुए बोला।

मेरी रानी मेरी प्यारी नीलू आज मुझे तुम अपना दूध पिला ही दो। 
( नीलू हंसते हुए उसे अपने ऊपर से हटाने की पूरी कोशिश करते हुए बोली।) 

नहीं बिल्कुल भी नहीं आज मैं तुम्हें इसे छूने भी नहीं दूंगी। ( नीलू इनकार तो कर रही थी लेकिन अंदर ही अंदर वह ऐसा ही चाहती थी जैसा कि राहुल करना चाहता था। राहुल भी कम नहीं था उसे अब औरतों को अपने कामों में करना अच्छी तरह से आता है इसलिए वह नीलू के गुलाबी होठों को चूसते हुए एक हाथ स्लिप के अंदर ले जाकर अठखेलियां करती उस गोलाई को पकड़ लिया और उसे दबाना शुरु कर दिया। थोड़ी ही देर में नीलू के ऊपर हीं और उसके गुलाबी होठों का रस चूसते हुए दूसरा हाथ भी स्लिप के अंदर डाल कर नीलू की दूसरी गोलाई को भी हथेली में भर लिया। नीलू के दोनों खरबूजे राहुल के हाथ लग चुके थे उसे तो जैसे मुंह मांगी मुराद मिल चुकी थी। दोनों चूचियां हाथ में आते ही राहुल रबर की गेंद की तरह दोनों को दबाना शुरु कर दिया और थोड़ी ही देर में नीलू कमजोर पड़ने लगी उसकी आंखों में खुमारी का नशा छाने लगा। राहुल उसके होठों को चूसना छोड़कर अपना ध्यान चूचियों पर ही लगा दिया। थोड़ी ही देर में नीलु चूची मर्दन से मस्त होने लगी। रह रह कर उसकी गरम सिसकारी छुटने लगी। उसे रहा नहीं गया राहुल के नीचे कसमसाते हुए वह अपनी स्लिप को खींचकर चूचियों के ऊपर चढ़ा दी।
अब नीलू की दोनों नारंगी है राहुल की आंखों के सामने थी और राहुल दोनो चुचियों को कस कसके दबाते हुए
अपना मुंह उसकी ब्राउन कलर की नीप्पल पर लगा कर चूसना शुरू कर दिया। इस तरह से चुसाई करते देख नीलू बदहवास होने लगी, वह अपना होश खोने लगी उसकी स्कर्ट जांघो से सरक कर कमर तक आ गई । राहुल को इसका एहसास हो गया कि नीलू की स्कर्ट सरककर कमर तक चली गई है और उसकी चिकनी जांघे बिल्कुल नंगी हो चुकी है इसलिए राहुल चुचियों को मुंह में भरकर चूसते हुए एक हाथ नीचे ले जाकर चिकनी चिकनी जांघों को सहलाना शुरु कर दिया। नीलू की तो हालत ही खराब होने लगी राहुल बराबर डटा रहा। वह एक साथ नीलू के संगमरमर जैसे चिकने बदन पर टूट कर बिखरना शुरू हो गया था कभी चूचियों को दबाता तो कभी निप्पल को मुंह में भर कर पीने लगता तो कभी नीलूं के दूधिया चिकनी जांघों को सहलाने लग जाता इतने पर भी उसका मन बिल्कुल भी नहीं भर रहा था। उसके पैंट में ऊसका मोटा लंड गदर मचाए हुए था।
उसने तुरंत एक हाथ नीचे ले जाकर अपने पेंट के बटन को खोलना शुरू कर दिया' वह बटन खोलते हुए लगातार नीलू की चूचियों को दबा दबा कर पीए जा रहा था नीलु की तो हालत पतली होती जा रही थी। उसके मुंह से लगातार गर्म सिसकारी की आवाज़ आ रही थी ओह राहुल ससससहहहहहहह.....क्या कर रहे हो.....ऊंमममममम..... मुझसे तो रहा नहीं जा रहा है...। और पीअों राहुल पूरा सससससहहहहहहह.....मुंह में भर कर......आहहहहहहहह..... दबा दबा कर पीअो।
ओहहहहहहह....राहुल..... ( नीलू उत्तेजना बस अटक अटक कर बोल रही थी और साथ ही गर्म सिसकारी भरते हुए राहुल के बालों में अपनी उंगलियां उलझाकर उसे कस कर अपनी छातियों पर दबाकर उसे और जोर से चुचीया पीने के लिए उकसा रही थी। राहुल भी अपना होशा खो बैठा था। उसने अपनी पेंट नीचे जांघोे तक सरका दिया उसके अंडरवीयर में गजब का भयानक उभार बना हुआ था जो कि अब वह उभार नीलू की जांघों के बीच उसकी पेंटी के तले फूली हुई बुर पर बराबर महसूस हो रहा था। राहुल के तने हुए लंड को अपने बुर पर महसूस करते हीैं वह जल बिन मछली की तरह तड़प उठी। और वह तुरंत अपने दोनों हथेलियों को राहुल के नितंबों पर रखकर उसे अपनी बुर पर दबाने लगी। राहुल अब अच्छी तरह से समझ गया था कि नीलू का लोहा पूरी तरह से गर्म हो चुका है बस अब उस पर चोट करने की देर है। वैसे तो राहुल का हथोड़ा भी गरम भट्टी की तरह तपने लगा था , उसे भी ठंडा होने के लिए शीतल जल से भरे झील की तलाश थी जोकि नीलू के जांघों के बीच छुपी हुई थी। राहुल भी अब अगले आक्रमण की तैयारी कर चुका था, इसलिए वह चूची वाले मोर्चे को छोड़कर खड़ा हुआ और खड़ा होकर अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया नीलू तरसी और उत्सुक आंखो सेराहुल को कपड़े उतारते हुए देख रही

नीलू की नजरे खासकर के उसके उभरे हुए अंडरवियर पर ही टिकी हुई थी जिसे राहुल एक झटके से उतार कर अपनी टांगों से बाहर निकाल दिया और इस समय राहुल पूरी तरह से नीलू की आंखों के सामने नंगा खड़ा था। राहुल अपने तने हुए लंड को नीलू की आंखों के सामने पकड़कर उसे ऊपर-नीचे करते हुए हीलाना शुरु कर दिया। जिसे देख कर नीलू की बुर उत्तेजना के मारे फूलकर पकौड़ी हो गई। राहुल कुछ कह पाता ईससे पहले ही नीलू आगे बढ़कर राहुल के लंबे लंड को अपने हथेली में भर ली और राहुल की आंखों में झांकते हुए बड़ी ही कामुक अंदाज से अपनी जीभ को बाहर निकालकर जीभ की किनारी से लंड के सुपाड़े को चाटना शुरु कर दि। जैसे ही नीलु के जीभ का स्पर्श लंड के सुपाड़े पर हुआ वैसे ही तुरंत राहुल के बदन में रोमांच की लहर भर गई। नीलू भी जैसे कि उसे और ज्यादा तड़पा रही हो इस तरह से जीभ की किनारी को
लंड के सुपाड़े के चारों तरफ गोल-गोल घुमाते हुए उसे चाटना शुरू कर दी। नीलू के इस कामुक हरकत की वजह से राहुल के बदन में कामोत्तेजना कि वह लहर भर गई की उसे ऐसा लगने लगा कि जैसे नीलू उसके बदन पर धीरे-धीरे छुरिया चला रही हो। राहुल से बिल्कुल रहा नहीं गया उसके मुंह से भी गरम सिसकारी की आवाज आने लगी। 
ओह नीलू सससहहहहहहहहह.....आाााहहहहहहह...।मेरी जान यह क्या कर रही हो मुझे ऐसा लग रहा है कि ससससहहहहह...... मेरा पूरा बदन हवा में झूला झूल रहा है। ( और इतना कहने के साथ ही राहुल ने नीलू के सर पर अपने दोनों हाथ रख कर अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ाया ' नीलू भी राहुल के इशारे को समझते हुए अपना पूरा मुंह खोल दी और अगले ही पल राहुल का तना हुआ मोटा लंबा लंड होठो पर रगड़ खाता हुआ
गले तक ऊतर गया। नीलू पूरा लंड मुंह में लेकर चूस ना शुरू कर दी। राहुल के मुंह से गरम सिसकारी की आवाज आने लगी। गले तक लंड लेकर उसे चूसने की वजह से ऊग्ग..... ऊग्ग ......ऊग्ग ....की नीलू के गले से आ रही थी। पूरा माहौल गरमा चुका था राहुल भी एकदम मैच्योर की तरह उसके बालों को पकड़कर हल्के हल्के कमर को आगे पीछे करते हुए उसके मुंह को ही चोद रहा था। कुछ देर तक राहुल ऐसे ही नीलू के मुंह चोदने का मजा लेता रहा। नीलू पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी,ऊसकी बुर से नमकीन पानी अमृत की बूंद की तरह रीस रहा था । नीलू की चुदास से भरी बुर राहुल के लंड के लिए तड़प रही थी जिसे वह अपनी हथेली से रगड़ रगड़ कर और भी ज्यादा गर्म कर रही थी। कुछ देर तक राहुल यूंही नीलू को अपना लंड लोलीपोप की तरह चुसवाता रहा । अब ऊससे भी रहा नही जा रहा था। राहुल को भी याद नीलू के बुर की तड़प लगने लगी थी इसलिए कहा नीलू के मुंह में से अपने लंड को बाहर की तरफ खींचकर निकाला। राहुल का समुचा लंड नीलू के थुक में सना हुआ था। जिसे राहुल अपनी मुट्ठी में भरते हुए और उसे आगे पीछे कर के हिलाते हुए बोला।

बस मेरी जान अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है अब तो तुम्हारी बुर में अपना लंड डाल कर ही अपनी प्यास बुझाऊंगा।

वह भी अपनी टांग को सोफे के नीचे फैलाते हुए बोली।

तो देर किस बात की है आ जाओ। मैं तो कब से तैयार बैठी हूं।

ओह मेरी जान तुम्हें तो देखते ही मुझे ना जाने क्या होने लगता है।( इतना कहते ही राहुल झुककर नीलू की स्कर्ट को पकड़कर नीचे की तरफ खींचते हुए उसको निकालने लगा। स्कर्ट के निकलते ही नीलू ने खुद अपनी पैंटी को नीचे की तरफ सरकाते हुए उसे अपनी लंबी चिकनी टांगो से निकाल कर नीचे फर्श पर फेंक दी। नीलू अपनी स्कर्ट और पेंटी के बदन से दूर होते ही अपने स्लिप को भी निकाल कर फेंक दी।राहुल और नीलू दोनों इस समय संपूर्णता नग्नावस्था में थे। नीलू उत्तेजना के मारे अपनी बुर की गुलाबी पत्तियों पर अपनी हथेली रगड़ रही थी और राहुल वहीं पास में खड़ा खड़ा अपने लंड को मुठिया रहा था। नीलू की गर्मी देखकर राहुल से रहा नहीं गया और राहुल झुककर नीलु की जांघों को फैलाते हुए जांगो के बीच अपने लिए जगह बनाने लगा। राहुल के इस हरकत पर नीलू के बदन में गुदगुदी होने लगी। क्योंकि उसे मालूम था कि अब कुछ ही सेकंड में उसकी बुर के अंदर राहुल का मोटा लंड घुसने वाला है। 
तभी राहुल अपने लंड को पकड़े हुए नीलुं के ऊपर झुकना शुरु कर दिया। और अगले ही पल अपने दमदार लंड के सुपाड़े को नीलू की पसीजति हुई बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच टीका दिया ,लंड का गरम सुपाड़ा बुर से स्पर्श होते ही नीलु गद गद हो गई । उत्तेजना के मारे उसकी बुर की गुलाबी नाजुक पत्तियां किसी सूखे पत्ते की तरह फड़फड़ाने लगी। राहुल की भी उत्तेजना परम शिखर पर विराजमान हो चुकी थी किसी भी पल वह आक्रमण कर सकता था क्योंकि उसने अपने लिए जगह बना लिया था। नीलू भी जबरदस्त प्रहार के लिए अपने आप को तैयार करते हुए बड़ी तेजी से सांस लेते हुए अपने बदन को सिकुड़े हुए थी। अभी तो राहुल ने सिर्फ अपने लंड के सुपाड़े को ही बुर से सटाया था और इतने में ही नीलू के पसीने छूट गए थे राहुल के मर्दानगी का लोहा वह पहले ही मान चुकीे थी। तभी राहुल अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ाते हुए सुपाड़े को गुलाबी पत्तियों के बीच से अंदर की तरफ सरकाने लगा। नीलू दर्द को दबाते हुए अपने होठों को दांत से भींच ली। धीरे धीरे करते हुए राहुल ने अपना पूरा समुचा लंड नीलू की बुर में जड़ तक उतार दिया। नीलू अंदर तक सहम गई वह दर्द से छटपटा रही थी क्योंकि राहुल के मोटे लंड ने नीलू की बुर पर कोई भी रहम नहीं दिखाया वह नीलू की बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच से बड़ी बेरहमी से रगड़ता हुआ अंदर तक उतर गया। जैसे ही राहुल का लंड नीलु की बुर की जड़ मे ऊतरा वैसे ही नीलू के मुख्य से हल्की सी कराहने की आवाज निकल गई।

आहहहह...राहुल......

राहुल कहां मानने वाला था वह नीलू की पतली कमर को अपनी हथेलियों में थामकर धीरे धीरे अपने लंड को बुर के अंदर बाहर करते हुए चोदना शुरू कर दिया। धीरे धीरे करते हुए नीलू की सिसकारियां पूरे कमरे में गूंजने लगी। राहुल के बदन से पशीना टपक कर नीलू की छातियों पर गिर रहा था। जिस पर नजर पड़ते हैं राहुल ने तुरंत अपने हाथ को बढ़ाकर नीलू की दोनो चुचियों को थाम लिया और मैं जोर-जोर से बताते हुए नीलू की बुर मे लंड पेलना शुरु कर दीया। राहुल के मोटे लंड की वजह से नीलू के बुर की गुलाबी पत्तियां फेल चुकी थी।

सससससहहहहहह .....राहुल बहुत मजा आ रहा है...... गजब की ताकत है तुम्हारे में.... तुमने मेरी बुर को अंदर तक हिला कर रख दिया है.....आहहहहहह......आहहहहहहहहह.. (तब तक राहुल ने दो-तीन जबरदस्त धक्के लगा दिया .... और नीलू के मुख से आह निकल गई।) 
गजब की चुदाई चल रही थी दोनों थकने का नाम नहीं ले रहे थे राहुल के हर धक्के पर सोफे मै से फचर फचर की आवाज आ रही थी। करीब आधे घंटे तक नीलु की बुर को रगड़ने के बाद नीलु की सिसकारीया बढ़ने लगी और राहुल के भी धक्के तेज हो गए। और दो चार धक्कों के बाद ही दोनों एक दूसरे को अपने बदन से भींचते हुए झड़ने लगे।
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