RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
वह एक किनारे पर सोई हुई थी। उसने दिनेश को सोने के लिए एक किनारे की जगह खाली कर रखी थी वैसे बेड सिंगल ही बेड था, ऊसपे एक ही इंसान आराम से सो सकता था जो कि बच्चों के लिए ही बना हुआ था लेकिन यह मजबूरी थी इसलिए छोटे से बेड पर दो जन को सोना पड़ रहा था। विनीत सोने के लिए टेबल पर से खड़ा हुआ तभी उसे ध्यान आया कि दरवाजा तो खुला ही है इस तरह से खुला छोड़ देना ठीक नहीं था क्योंकि अलंकार और विनय दोनों साथ सोने वाले थे और दरवाजा खुला रहा तो कोई भी आकर देख सकता है इसलिए उसने दरवाजे की कड़ी लगा दिया और सभी बत्तियों को बुझाने के बाद डिम लाइट ऑन कर दिया। उसके मन में अजीब से सुख की अनुभूति हो रही थी अलका के साथ सोने भर की स्थिति को जानकर वहउत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो गया था। उसके पूरे बदन में गुदगुदी सी मची हुई थी वह अपनी स्थिति को बयान नहीं कर पा रहा था। धीरे-धीरे वह बेड के करीब जाने लगा अलका सो चुकी थी वह भी बेड पर बैठते हुए पर्दे को नीचे गिरा दिया अब पर्दे के अंदर सिर्फ विनीत और अलका ही रह गए थे। उसके लंड में पूरी तरह से तनाव आ चुका था इतनी ज्यादा उत्तेजना का अनुभव कर रहा था कि ऐसा लग रहा था कि कही उसके लंड की नसें फट न जाए। वह कुछ देर तक यूं ही बेड पर बैठा रहा और फिर पीठ के बल लेट गया, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें महीनोे से जिसके पीछे पड़ा था जिस को भोगने की लालसा मन में लिए दिन-प्रतिदिन कामेच्छा का अनुभव किया करता था आज वह औरत उसके बिल्कुल करीब एक ही बिस्तर पर लेटी हुई थी। दो बार अलका के साथ संबंध बनाने की कोशिश कर चुका वीनीत इस समय अलका के व्यक्तित्व के आगे न जाने की सोच में पड़ गया था। बेड छोटा होने की वजह से दोनों का बदन आपस में सदा हुआ था। अलका के बदन का स्पर्श उसके बदन में रोमांच की स्थिति को पैदा कर रहा था। उसने नजरें घुमा कर देखा तो अलका सो चुकी थी उसकी नजर धीरे-धीरे उसके चेहरे से नीचे की तरफ बढ़ने लगी सोने की वजह से उसका आंचल जरा सा सीने से ढलग गया था जिसकी वजह से उसकी ब्लाउज मे कैद बड़ी बड़ी चूचियां सांस लेने की वजह से सांसो की गति के साथ ऊपर नीचे हो रही थी और विनीत और ऊपर-नीचे हो रही चूचियों को देखकर अंदर ही अंदर गनंगना गया उसकी जांघों के बीच सुरसुराहट होने लगी। उसके मुंह में पानी आ गया वह उन चुचियों को छूना चाहता था दबाना चाहता था उनसे प्यार करना चाहता था लेकिन इस समय ना जाने किस वजह से वह यह सब करने में हिचकिचा रहा था जबकि इससे पहले दो बार खुद ही आगे बढ़ने की पूरी कोशिश कर चुका था लेकिन आज अलका का व्यक्तित्व वीनीत को आगे बढ़ने से रोक रहा था या यूं कहो उसे आज ना जाने क्यों एक अजीब सा डर लग रहा था। वह अलंका की उठते-बैठते चुचीयों को देख कर मन ही मन ललचा रहा था। उसे एक अजीब प्रकार का डर मन में बैठ गया था कि अगर अस्पताल में वह भी इस समय जबकि उसका बेटा बीमार है ऐसे में उसके साथ कोई गंदी हरकत करेगा तो शायद वह हमेशा के लिए उससे नाराज हो जाए और वह अलका जेसी दोस्त के ही समान इंसान को खो दें और वह यह नहीं चाहता था कि उसकी ऐसी गलती की वजह से अलका से दूर हो या उसकी नाराजगी मोड़ ले।
विनीत इसी वजह से अलका के साथ कुछ भी करने से हीचकीचा भी रहा था ओर डर भी ं रहा था। उसका लंड पैंट के अंदर फुल टाईट था जिसमें उसे मीठा मीठा दर्द का अहसास भी हो रहा था। क्या करता धीरे-धीरे पैंट के ऊपर से ही अपने लंड को मसलते हुए गर्म आहें भर कर कब ऊसे नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला।
और दूसरी तरफ राहुल विनीत की भाभी की कपड़े उतार रहा था वैसे भी उतारने जैसा कुछ था ही नहीं, वैसे तो राहुल ने बहुत बार औरतों के कपड़ों को उठा रहा था लेकिन इस समय विनीत की भाभी के ट्रांसपेरेंट गाउन को उतारते समय उसे कुछ ज्यादा ही उत्तेजना का एहसास हो रहा था। अगले ही पल राहुल विनीत की भाभी का गांऊन उतारकर बिस्तर पर फेंक दिया। ओर उसे अपनी बाहों में भरकर उसकी सुराहीदार गर्दन को चूमने लगा जिससे वीनीत की भाभी की उत्तेजना बढ़ने लगी और वह भी राहुल टॉवल को खोलने लगी। अगले ही पल वह उसकी गर्दन को उसके गाल को होठ को चुमता रहा और तब तक वीनीत की भाभी ने उसके बदन से टॉवल को उतारकर नीचे फर्श पर फेंक दी।
टावर के नीचे राहुल कुछ नहीं पहना था इसलिए उस का टनटनाया हुआ लंड उसकी आंखों के सामने झूलने लगा
जिसे देखते ही विनीत की भाभी के मुंह में पानी आ गया। और उससे रहा नहीं गया और उसने आगे हाथ बढ़ा कर लंड को अपनी हथेली में भर ली और उसे हिलाने लगी। राहुल उसे पागलों की तरह चुमते हुए अपने दोनों हाथ को पीछे की तरफ ले जाकर उसकी ब्रा के हुक को खोलने लगा , हुक के खुलते ही वीनीत की भाभी खुद ही अपनी ब्रा को निकाल फेंकी ब्रा की कैद से दोनों कबूतर आजाद होते ही फड़फड़ाने लगे जिसे राहुल अपनी दोनों हथेलियों में भरकर सहलाते हुए उसे प्यार करने लगा। वीनीत की भाभी के आंखों में खुमारी छाने लगी चुदास का नशा उसके चेहरे पर साफ साफ नजर आ रहा था उससे अपनी उत्तेजना दबाए नहीं दब रही थी और वह राहुल का सिर पकड़कर उसके मुंह को अपनी चुचियों से सटा दी। राहुल भी भूखे बच्चे की तरह चुचियों को मुंह में भर कर पीना शुरु कर दिया। विनीत की भाभी की गरम सिसकारी गूंजने लगी राहुल लगातार कभी इस चूची को तो कभी दूसरी चूची को मुंह में भर भर कर पीना शुरु कर दिया। दोनों मदहोशी के आलम में खोने लगी थी।
ससससहहहहहह....आहहहहहहहहहहह....राहुल.... और जोर से पी दबा दबा कर पी मेरे राजा .....ससससहहहहह.....ऊहहहहहहहह.....म्मा...... हां ऐसे ही जोर-जोर से पी.....
विनीत की भाभी की गरम बातें सुनकर राहुल पूरी तरह से जोश में आ गया था। और वह दोनों हाथों से चूचियों को दबा दबा कर पीना शुरू कर दिया था। कुछ देर तक राहुल उसकी चुचियों को पीता रहा और वह भी मस्त होती रही लेकिन धीरे-धीरे राहुल का हाथ उसके चिकने पेट से होते हुए पेंटि के ऊपर से ही बुर को सहलाना शुरू कर दिया। पेंटी एकदम जालीदार थी इसलिए उसकी उंगली सीधे गुलाबी पत्तियों से स्पर्श हो रही थी जिसको करते हुए वह खुद भी गरम हो रहा था और विनीत की भाभी को भी गर्म कर रहा था थोड़ी ही देर में दोनों एकदम गरम हो गए। विनीत की भाभी से अब बिल्कुल सहन नहीं हो रहा था और वह खुद ही अपनी पैंटी को अपने हाथों से उतार फेंकी, पैंटी को अपने बदन से अलग करते ही दोनों बिल्कुल नंगे हो गए राहुल का लंड उस के नंगे बदन को देखकर ठुनकी मारने लगा।
इस समय विनीत की भाभी के दिमाग में कुछ और चल रहा था, वह उठ कर बैठ गई,
वह एकदम डॉगी स्टाइल में हो गयी घुटने और कोहनी के बल बैठकर अपनी भरावदार गांड को ऊपर की तरफ उचका दी , राहुल सोचा कि यह पीछे की तरफ से चुदवाना चाहती हैं वह अपने लंड को हिलाते हुए उसकी गांड के पीछे गया ही था कि वीनीत की भाभी बोली।
राहुल आज मैं तुम्हें बिल्कुल नया प्रकार का मजा देना चाहती हूं तुम एकदम मस्त हो जाओगे लेना चाहोगे एसा मजा।( विनीत की भाभी पीछे राहुल की तरफ देखते हुए बोली और राहुल बलात्कार इंकार करने वाला था उसे तो बस मजा चाहिए था। इसलिए वह बोला।)
हां भाभी क्यों नहीं।
तो एक काम करो, तुम्हें मेरी बुर दिखाई दे रही है ।
हां भाभी एकदम साफ साफ दीखाई दे रही है।( अपने लंड को हिलाते हुए बोला)
( राहुल का जवाब सुनकर विनीत की भाभी मुस्कुराने लगी और फिर बोली)
और उसके ऊपर का तुम्हें भूरे रंग का जो छेंद हे वो दिखाई दे रहा है।
हां भाभी वो भी दिखाई दे रहा है।
बस राहुल मेरे राजा अब तुम्हें उसी छेद को अपनी जीभ से चाटना है चाटोगे ना।
( विनीत की भाभी के मन में शंका थी कि राहुल साइड इंकार कर देगा क्योंकि राहुल भी अच्छी तरह से जानता था कि वह उसकी गांड का भूरे रंग का छेद है और विनीत की भाभी ने इतनी नशीली और कामुक आवाज़ में उससे यह बात कही थी कि राहुल के लिए इनकार करने का कोई भी बहाना नाथा। )
भाभी मैं तुमसे प्यार करने लगा हूं तुमने जो मुझे ऐसा सुख दिया है कि मैं उसे जिंदगी भर भूल नहीं सकता तुम्हारे इस भूरे रंग के छेद को तो क्या मैं किसी भी चीज को तुम्हारे बदन में किसी भी जगह को अपनी जीभ से चाट सकता हूं।
राहुल का इतना कहना भर ही था कि वह खुद अपने घुटनों के बल बैठ कर उसकी भरावदार गांड को अपनी हथेलियों में थाम लिया और अपनी जीभ को उसे भूरे रंग के छेद पर टिका कर चाटने लगा, जैसे ही राहुल की जीत भूरे रंग के छेद से स्पर्श हुई विनीत की भाभी पूरी तरह से गनंगना गई उत्तेजना के मारे उसकी रीढ़ की हड्डी एकदम टाइट हो गई। और उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई यह चीख बहुत ही कामुक थी। पहले तो राहुल को उस भूरे रंग के छेद का स्वाद कुछ कसैला सा अजीब सा लगा' लेकिन राहुल के मन मस्तिष्क पर वासना का भूत इस तरह से छाया हुआ था कि उन्मादित अवस्था में उसे भूरे रंग के छेद का कसैला स्वाद भी एकदम मधुर लगने लगा और वहां मस्ती के साथ अपनी जीभ से चाट चाट कर मजा लेने लगा विनीत की भाभी तो एकदम चुदवासी हो गई, उसे इतना ज्यादा आनंद का अहसास हो रहा था कि शब्दों में उसका वर्णन करपाना शायद मुश्किल हो। वीनृत की भाभी सिसकारी लेते हुए अपनी बड़ी-बड़ी भरावदार गांड को गोल-गोल घुमाते हुए अपनी गांड चटवाने का आनंद ले रही थी। दोनों को खूब मजा आ रहा था विनीत की भाभी रह रह कर अपनी गांड को पीछे की तरफ ठेल दे रही थी। राहुल को तो इस बात का एहसास तक नहीं था कि औरत की गांड को चाटने में बुर चाटने से ज्यादा मजा आता है। औरत की गांड चाटने में बदन में एक अजीब प्रकार की सनसनी सी फैल जाती है। आज राहुल औरत की गांड को चाटकर एक अद्भुत और अतुल आनंद की अनुभूति कर रहा था यह पल उसके लिए बहुत खास था आज मिनट की भाभी ने उसके अध्ययन में एक नया अध्याय जोड़ दि थी। जिसका वह बेहद आनंद ऊठा रहा था।
तभी वीनीत की भाभी के अगले निवेदन पर राहुल के तोते ऊड़ गए ,ऊसे अपने कानो पर विशवास ही नही हुआ ,वह भी क्या करता ऊसने बात ही कुछ ऐसी कह दी थी। इसलिए तो राहुल ने दोबारा उससे पूछा।
क्या कहा भाभी आपने मुझे ठीक से सुनाई नहीं दिया
(वीनीत की भाभी यह अच्छी तरह से जानती थी की राहुल सब कुछ सुन चुका है लेकिन उसे अपने ही कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था। इसलिए वह अपनी बात को दोहराते हुए बोली।)
राहुल....स्सहहहहह...... जिस छेंद को तुम....ऊहहहहहह...म्मा....( राहुल लगातार उस छेंद को चाटे जा रहा था इसलिए लगातार विनीत की भाभी के मुंह से गर्म सिसकारी निकल रही थी।) चाट कर मुझे....स्सहहहहहहहहहहह....मस्त कर दीए हो....ऊसमे तुम्हे तुम्हारा मोटा लंड डालकर चोदना है।
वीनीत की भाभी की यह बात सुनकर राहुल एकदम से सन्न रह गया । राहुल को सच में उसकी बातों पर और अपने कानों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ था। क्योंकि ऊसे आज तक यह पता ही नहीं था कि उस भूरे रंग के छेद में भी लंड डाल कर चोदा जाता है। वह इस वास्तविकता से बिल्कुल अनजान था। उसे इस तरह से आश्चर्य में पड़ता हुआ देखकर वीनीत ं की भाभी बोली
क्या हुआ राहुल क्या सोच रहे हो।
भभभ....भाभी .... यह आप क्या कह रही हैं? मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है। ( राहुल हकलाते हुए बोला)
इसमें क्या समझने वाली बात है जिस तरह से तुम अपने लंड को मेरी बुर के छेद में डाल कर चोदते हो बस उसी तरह से तुम्हें मेरे इस छेंद में भी अपने लंड को डालकर चोदना है।
कककक....क्या ..... इसमें कैसे जाएगा भाभी?
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