Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:34 PM,
#65
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
वह जब भी अपनी मां की गांड पर चिपक लगाता तो उसकी मां हर चपत पर आउच्च कहकर अपनी गांड उचका देती जिससे राहुल दर्द के मारे अपनी मां की उचकी हुई गांड को देखकर मदहोश हो उठता और फिर लगातार जोर-जोर से दो-चार चपत और लगा देता। दोनों एक दूसरे के बदन से खेलते हुए आनंदित हो रहे थे बारिश बिल्कुल रुक चुकी थी लेकिन रह रह कर बादलों की चमक और गड़गड़ाहट बारिश के होने का एहसास करा देते थे लेकिन मौसम पूरी तरह से ठंडा हो चुका था। ठंड के बावजूद भी दोनों फिर से गर्म हो चुके थे और अलका की गरम सिस्कारियों ने कमरे के अंदर के तापमान को और ज्यादा गर्म कर दिया था। राहुल उत्तेजना में हल्का के गुलाबी होंठ को दातों से काट भी ले रहा था जिससे अलका और मस्त हो जाती थी और मदहोश होते हुए अपने बेटे के लंड कोे कस के हथेली में दबोच लेती थी। 
अलका अभी भी अपने बेटे के लंड को अपनी बुर पर लगातार रगड़ रही थी। और इस तरह से अपनी मां के द्वारा अपने लंड को बुर पर रगड़ने से राहुल उत्तेजना की परम शिखर पर पहुंच गया, उससे यह बदन की जरूरत बर्दाश्त नहीं हो रही थी। इसलिए वहां हल्के हल्के अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा जिससे राहुल के लंड का सुपाड़ा अलका की बुर में थोड़ा-थोड़ा जाकर अंदर-बाहर होने लगा इससे अलका की कामोत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई उसके मुंह से लगातार सिसकारी छूट रही थी। दोनों खुली खिड़की के पास एकदम नग्न अवस्था में अपनी वासना को अंजाम देने में लगे हुए थे राहुल लगातार अपनी मां की चुचियों को दबाए जा रहा था और साथ ही कमर को हिला कर सुपाड़े को बस थोड़ा-थोड़ा इन अंदर-बाहर कर रहा था धीरे-धीरे इस तरह से अलका के बदन की चिंगारी भड़क रही थी वह बार-बार अपनी भी कमर को आगे की तरफ ठेल दे रही थी ताकि राहुल का लंड पूरी तरह से अलका की बुर में घुस सके लेकिन राहुल जानबूझकर लंड को घुसने नहीं दे रहा था। क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि ऐसा करने पर उसकी मां और ज्यादा चुदवासी हुई जा रही थी। 
बाहर से अा रहीे ठंडी हवा का झोंका बार बार दोनों के बदन मे सिरहन सीे पैदा कर रही थी। दोनों मदहोश होकर एक दूसरे के होठों को चूसने और काटने में लगे हुए थे राहुल का एक हाथ अलका के नितंब पर तो दूसरा हाथ उसकी बड़ी बड़ी चूचियां पर अपना दबाव बराबर बनाए हुए था। अलका की मदहोश कर देने वाली गर्म सिसकारी राहुल की टांगो के बीच हलचल मचाए हुए थी जिसे वह पकड़ कर बार-बार अपनी बुर में डालने की कोशिश कीए जा रही थी। लेकिन राहुल था कि बार बार बस उतना ही जाने दे रहा था कि जिससे उसके मां की कामाग्नि और ज्यादा भड़क जाए, और जैसा राहुल सोच रहा था वैसा हो भी रहा था। राहुल की मां की प्यास पल-पल बढ़ती जा रही थी। उत्तेजना की तपन में उसका गला सूखता जा रहा था और सूखते गले से थुक निगलने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
अलका बेतहाशा चुदवासी हो चुकी थी उससे अपने आपको संभाला नहीं जा रहा था बादलों की गड़गड़ाहट नें उसके उत्तेजना को और ज्यादा भड़काने का काम कर रहा था। वह लंड को छोड़कर दोनों हाथ को राहुल के पीछे ले जाकर अपने बदन से चिपका ली इतना कस के वह अपनीं बाहों में दबोची की उसकी बड़ी बड़ी चूचियां राहुल के सीने से दब गई और निप्पल सुईयो की तरह चुभने लगी। इस तरह से अपनी बाहों में भेींचने से राहुल एकदम से चुदवासा हो गया। और जो हाथ उसकी नितंबों पर गश्त लगा रहे थे उसे वह जांघो को बीच सटा दिया। जांघों के बीच अपने बेटे के हथेली का स्पर्श पाते ही राहुल अपनी जांघों को सिकोड़ने लगी। राहुल की हथेली जैसे ही अलका की रसीली गोरे की दरारों पर पड़ी तो राहुल के मूल्यों में भूल से निकला नमकीन सा चिपचिपा तरल पदार्थ लग गया। अपनी उंगलियों पर नमकीन अरथ लगते हैं राहुल और ज्यादा उत्तेजित होने लगा और वह बिना एकपल गंवाए तुरंत घुटनों के बल बैठ गया। अलका उसे अपने गुठनाे पर बैठते हुए प्यासी नजरों से देखने लगी' और भला देखने के सिवा कर भी क्या सकती थी अजीब सी मनोस्थिति में दोनों फंसे हुए थे। दोनों रिश्ते को मर्यादा के बंधन को तोड़ कर सब कुछ कर चुके थे और आगे करने की तैयारी भी कर रहे थे लेकिन एक दूसरे से वार्तालाप करने में शर्म महसूस कर रहे थे दोनों एक दूसरे के बदन से लगातार अपनी प्यास बुझाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन अपने मन की बात करने में अभी भी शर्म सी महसूस कर रहे थे जो बाते उनकी जुबान से होनी थी वह सारी बातें उनके शरीर की हरकत और आंखों के इशारे से हो रही थी। 
राहुल ने अपनी मां को खिड़की की तरफ सटा दिया और खुद ऊसकी जांघों के बीच घुटनों के बल बैठ गया। अलका को अभी भी नहीं पता था कि राहुल क्या करने वाला है वह आश्चर्य से और प्यासी नजरों से बस राहुल को ही ताके जा रही थी। राहुल किसान से बड़ी ही तीव्र गति से चल रही थी जैसे की मेरेथोन की रेस दौड़ कर आया हो। राहुल का भी गला सूख रहा था वह अपने दोनों हाथो को अपनी मां की गुदाज जांघों पर रखते हुए अपने मुंह को जागों के बीच में जाने लगा तो उसकी मां समझ गई कि राहुल क्या करने वाला है और उस बारे में सोचकर ही उसका पूरा बदन झनझन आ गया उसकी टांगे कांपने लगी। 
राहुल खाकी अपनी नशीली आंखों से अपनी मां की तरफ देखते हुए बुर जब दो चार अंगुल दूर रह गई तभी अपनी जीभ को बाहर निकाल लिया ' अपने बेटे की लपलपाती हुई जीभ को देखकर उसके बदन में सिरहन सी दौड़ गई ठंडी हवा के झोंकों में भी उसके पसीने छूटने लगे अगले पल की बेसब्री से इंतजार करते हुए वह गनगना रही थी। ऊसकी फुलती हुई सांसो के साथ साथ उसकी बड़ी बड़ी चूचियां भी ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखते हुए राहुल और ज्यादा उत्तेजित हो रहा था और अपनी जीभ को लपलपाते हुए अपनी मां की बुर के करीब ले जा रहा था। अलका का बदन उत्तेजना की वजह से कसमसा रहा था, और वह कसमसाते हुए अपनी बुर को पीछे की तरफ करने की कोशिश कर रही थी लेकिन राहुल ने उसे उसकी जांघों से दबोच रखा था। जिसकी वजह से वह अपनी बुर को पीछे नहीं ले जा पा रही थी और राहुल ने तुरंत अपनी जीभ की नोक से अपनी मां की बुर की गुलाबी पत्तीयों को कुरेदना शुरू किया' और जैसे ही अलका अपने बेटे की जीभ को अपनी बुर की गुलाबी पत्तीी पर महसूस की वैसे ही तुरंत अलका की ब** में मदन रस की 24 बहुत अब खाना शुरु कर दी जो किसी भी राहुल की जीभ पर ही गिर गई थी राहुल मदन रस को अमृत बुंद समझ कर चाटते हुए अपने गले के नीचे उतार कर अपना गला तर्र करने लगा। अलका यह देख कर पूरी तरह से उत्तेजित हो गई और तुरंत गरम सिसकारी लेते हुए अपने दोनों हाथो से राहुल का सिर पकड़ कर अपनी बुर पर दबा दी। दोनों मां-बेटे एकदम बेसब्र हो गए दोनों से रहा नहीं जा रहा था राहुल लगातार अपनी जीभ का वार अपनी मां की बुर पर करने लगा एक तरफ से वह जीभ से ही अपनी मां के बुर की चुदाई कर रहा था। कुछ सेकंड तक वह बुर की गुलाबी पत्तियों पर ही अपनी जीभ को लपलपाता और फिर तुरंत एक झटके से जितना हो सकता था उतनी अंदर अपनी जीभ को सट से उतार देता ' अलका की बुर इतना ज्यादा पानी छोड़ रही थी कि तुरंत जीभ को अपने अंदर ले लेती जिससे अलका का मजा दुगना बढ़ जा रहा था। अपने बेटे का यह प्यार करने का ढंग से बड़ा ही कामुक लग रहा था। अलका अपने आप को संभाल नहीं पा रही थी और बार बार उत्तेजना बस दांतों से अपने होंठ को ही चबाने लग जा रही थी। उसके मुंह से गर्म सिसकारियां बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी। वह बार-बार अपने बेटे के बालों को खींचते हुए उसके मां को अपनी बुर से सटा दे रही थी और खुद ही अपनी भरावदार गांड को गोल-गोल घुमाते हुए अपनी बुर चटवाने का मजा ले रही थी। राहुल कुछ देर तक अपनी मां की बुर मे ही लगा रहा अलका से अब बर्दाश्त कर पाना बड़ा मुश्किल हो रहा था । उसकी गरम सिसकारी बढ़ती जा रही थी उससे जब बर्दाश्त कर पाना मुश्किल होने लगा तो वह सिसकारी लेते हुए बोली।

स्स्स्सहहहहहहहहहहहह.....आहहहहहहहहहह..... राहुल .... तू जब ऐसा करता है ना ......तो ना जाने मुझे क्या होने लगता है .....स्स्सहहहहहहह......ऐसा लगने लगता है कि मैं हवा में उड़ रही हुं। ऊऊऊहहहहहह.... बेटा कुछ कर मुझ से रहा नहीं जा रहा है। ( अलका लगातार सिसकारी भरते हुए बोले जा रहीे थी' राहुल अपनी मां की गरम सिसकारी और उसकी बातों को सुनकर समझ गया था की अब उसकी मां को क्या चाहिए इसलिए वह खड़ा हुआ। और एक बार फिर से अपनी मां की गुलाबी होठों को अपने होठों में भऱ कर चूसने लगा' होठो को चूसते हुए वह धीरे-धीरे चूचियों को मसलने लगा दोनों को बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी राहुल ने तुरंत अपनी जगह बदल दिया कुछ देर पहले जहां उसकी मां खड़ी थी अब खिड़की पर राहुल खड़ा था बाहर की ठंडी हवा दोनों के तन को ऐसे माहौल में ठंडा करने की वजाय गरम कर रहा था। अलका कुछ समझ पाती इससे पहले ही वह अपनी मां के कंधो को पकड़कर धीरे धीरे नीचे की तरफ ले जाने लगा और हल्का भी उसकी गर्दन से होते हुए उसके चौड़े सीने पर चुंबनों की बौछार करते हुए नीचे की तरफ जा रही थी राहुल जल्दी से जल्दी से और नीचे ले जाना चाह रहा था। इसलिए बाहर अपनी मां के कंधो पर और ज्यादा जोर देने लगा और अगले ही पल उसकी मां घुटनों के बल बैठे हुए थे अल्का पुरी तरह से समझ गई थी थी राहुल क्या चाह रहा था। राहुल का लंड अलका के होठो से बस दो चार अंगुल ही दूर था जिसे अलका अांख फाड़े देख रही थी। अलका की सांसे और ज्यादा तीव्र गति से चलने लगी। अपनी मां को इस स्थिति में बैठी हुई देखकर राहुल की दिल की धड़कनें बढ़ने लगी उसके बदन एक अजीब से सुख की अनुभूति हो रही थी अलका कुछ कह पाती इससे पहले ही राहुल अपने खड़े लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाते हुए सुपाड़े को अपनी मां के होठों पर स्पर्श कराने की कोशिश करने लगा लेकिन उसकी मां ने मुंह दूसरी तरफ फेर ली और बोली।

नहीं ऐसा मत कर राहुल मैंने कभी भी ऐसा नहीं कि हुं
बहुत अजीब सा लग रहा है।

राहुल की बहुत इच्छा थी कि उसकी मां उसके लंड को मुंह में लेकर चूसे क्योंकि इससे पहले वीनीत की भाभी और नीलू ने उसके खड़े लंड को मुंह में लेकर चुसी थी और लंड की चुसाई में उसे जो आनंद प्राप्त हुआ था बहुत ही अतुल्य था इसलिए आज भी वह चाहता था कि उसकी मां उसके पूरे लंड को मुंह में भरकर चुसे लेकिन उसकी मा थीे की अपना मुंह फेर ले रही थी इसलिए अपनी मां को समझाते हुए वह बोला।

मम्मी बहुत मजा आएगा( लंबू को ऊपर-नीचे करके हिलाते हुए) बस एक बार इसे अपने मुंह में ले कर देखिए बहुत मजा आएगा मम्मी प्लीज..... बहुत मजा आएगा मम्मी। ( अपने बेटे को इस तरह से गिड़गिड़ाते हुए देखकर वह बोली। 

तु ईतना कहता है तो बस एक बार ही लुंगी अगर खराब लगा तो फिर बाहर निकाल दूंगी।


हां.... हां मम्मी खराब लगे तो जरुर बाहर निकाल देना बस एक बार इसे अपने मुंह में ले लीजिए। ( इतना कहने के साथ ही राहुल फिर से अपने लंड को अपनी मम्मी के होठो की तरफ बढ़ाकर उसके सुपाड़े को अपनी मां के गुलाबी होठो से रगड़ने लगा। अलका भी सुपाड़े के गर्म एहसास से, अपने होठों को हल्का सा खोल दी राहुल को तो बस यही चाहता था इसलिए होठ खुलते ही उसने तुरंत सुपाड़े को अपनी मां के होठो के बीच फंसा कर अंदर डालने लगा और अलका भी सुपाड़े को हलके हलके से जीभ से चाटने लगी। अपनी मां के जीभ का स्पर्श लँड के सुपाड़े पर होते ही राहुल अजीब सी आनंद की अनुभुती करके पुरी तरह से गनगना गया। अलका की सांसे तेज चल रही थी । उसे अजीब सा लग रहा था । क्योंकि आज इससे पहले उसने ऐसा कभी नहीं की थी हालांकि उसके पति ने बहुत जोर दिया था उसका लंड चूसने के लिए लेकिन अलका इसके लिए कभी तैयार ही नहीं हुई लेकिन आज माहौल बदल चुका था अपने पति का लंड मुंह में लेने से इनकार करने वाली अलका आज अपने ही बेटे का लंड मुंह मे लेकर चूस रही थी। अलका धीरे-धीरे अपने होंठों को खोल रही थी और राहुल मौका देखते हुए धीरे-धीरे अपने लंड को उसके मुंह के भीतर उतार रहा था। कुछ ही देर में राहुल का पूरा समुचा लंड उसकी मां के मुंह में घुसा हुआ था जिसको राहुल धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुए अपनी मां के मुहं को चोद रहा था। राहुल की तो सांसे गर्म होने लगी थी। राहुल के बदन में मदहोशी छाने लगी थी आंखों को मुंदकर कर अतुल्य सुख का अहसास अपने अंदर कर रहा था। राहुल के लिए तो यह अतुलनीय पल था लेकिन अलका के लिए अजीब सी स्थिति बनी हुई थी। उससे तो ना ठीक से लंड चुसा जा रहा था और ना ही उसे बाहर निकाला जा रहा था। लंड का स्वाद उसे कसेला लग रहा था। राहुल तो अपनी मां के मुँह को ही बुर समझकर अंदर बाहर करने लगा था।
थोड़ी देर में अलका को भी मजा आने लगा उसने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह किसी का लंड अपने मुंह में लेगी और चुसेगी , लेकिन आज अपने बेटे के आग्रह पर खुद उसका ही लंड मुंह में लेकर चूस रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि लंड जुसाई में इतना आनंद प्राप्त होता है। अलका अब मजे ले लेकर लंड को चुस रही थी। अलका के साथ साथ राहुल भी एकदम गर्म हो चुका था । उसे इसका एहसास हो गया था कि अगर वह कुछ देर और लंड को यूंही अपनी मां के मुंह में अंदर बाहर करता रहा तो उसका गर्म लावा फूट पड़ेगा। इसलिए उसने तुरंत अपनी मां के मुंह में से लंड बाहर खींच लिया। लंड के मुंह से बाहर निकलते ही अलका हांफने लगी। उसे बहुत मजा आ रहा था इसलिए थोड़ा सा नाराजगी जताते हुए अपने बेटे की तरफ देखने लगी। राहुल अपनी मां की बाहों को पकड़कर उसे खड़ा किया। राहुल अब अपनी मां को चोदने जा रहा था। वह अपनी मां को बिस्तर की तरफ ले गया। और बिस्तर पर पीठ के बल लेटा दिया अलका ने खुद ही अपनी टांगो को फैला दी अाधी टांग उसकी पलंग के नीचे लटक रही थी। राहुल एक बार अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाते हुए अपनी मां की रसीली बुर को देखने लगा, अलका भी प्यासी नजरों से अपने बेटे के खड़े लंड को देख रहीे थी। दोनों तरफ आग बराबर लगी हुई थी राहुल ने अपनी मां के जांघो के बीच जगह बनाया और अपनी मां के बदन के ऊपर झुकते हुए अपने लंड के सुपाड़ो को बुक की गुलाबी फांखों के बीच रखकर अंदर की तरफ सरकाना शुरु कर दिया। अलका की बुर इतनी ज्यादा गीली थी कि लंड धीरे-धीरे आराम से अंदर की तरफ सरकने लगा।। अगले ही पल राहुल का समूचा लंड ऊसकी मां की बुर में घुसा हुआ था। अलका की सांसे तेज चल रही थी उसकी चूचियां कुछ ज्यादा ही ऊपर नीचे हो रही थी और उस फुदकती हुई चूचियों को राहुल ने अपने हथेली में दबोच लिया और अपने कमर को आगे पीछे करके अपनी मां की चुदाई करना शुरु कर दिया। लंड गजब का सरकता हुआ बुर के अंदर बाहर हो रहा था। राहुल के हर ठाप पर अलका की आह निकल जा रही थी। अलका के सांसे तीव्र गति से चल रही थी। राहुल की कमर पूरे लय में ऊपर नीचे हो रही थी। इतनी तेजी से राहुल अपनी मां की चुदाई कर रहा था कि अलका को यकीन ही नहीं हो रहा था कि इतनी तेजी से भी चुदाई की जा सकती है। थोड़ी ही देर में दोनों पसीने पसीने हो गए। पुच्च पुच्च की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था। यह पुच्च -पुच्च की आवाज लंड और बुर के संगम से आ रही थी। अलका मदहोश हुए जा रही थी और वह भी नीचे से कमर उछाल उछाल कर अपने बेटे का साथ दे रही थी। कुछ देर तक यूं ही राहुल अपनी मां के ऊपर सवार होकर उसे चोदता रहा। तभी चुदाई करते करते उसे विनीत की भाभी याद आ गई जब उसने पीछे से अपनी बुर में लंड डलवाकर चुदवाई थी। राहुल ने उस तरीके को अपनी मां पर आजमाने की सोचा। इसलिए वह अपनी मां की बुर से लंड को बाहर खींचकर निकाल लिया। अलका को बहुत मजा आ रहा था इसलिए लंड निकालने पर उसका सारा मजा किरकिरा होता नजर आने लगा तो राहुल से सिसकारी भरते हुए बोली। 

ससससहहहहहहहहह.....आहहहहहहहहह.......राहुल नीकाल क्यों लिया....... बहुत मजा आ रहा था।

( बिस्तर से उठते हुए ) इसे भी ज्यादा मजा मिलेगा मम्मी बस एक बार खड़ी हो जाओ।
( कितना कह कर राहुल बिस्तर से खड़ा हो गया। अलका समझ नहीं पा रही थी कि राहुल क्या करना चाह रहा है। लेकिन राहुल के कहने के अनुसार कि इस से भी ज्यादा मजा मिलेगा इसलिए वह भी बिस्तर से खड़ी हो गई। जैसे ही अलका खड़ी हुई राहुल ने उसे घूमने के लिए कहा तो वह आश्चर्य से राहुल की तरफ पीठ करके खड़ी हो गई और राहुल ने अपनी मां कीे पीठ पर हाथ लगाते हुए उसे नीचे झुकाते हुए बिस्तर पर करने लगा। जैसे जैसे राहुल ने अपने हाथों के इशारे से और समझाते हुए निर्देश दिया वैसे-वैसे अलका उसी पोजीशन में हो गई इस पोजीशन में अपनी मां को देखते ही राहुल और भी ज्यादा चुदवासा हो गया । क्योंकि इस पोजिशन में उसकी मां की गांड वीनीत की भाभी की गांड और नीलू की गांड से कुछ ज्यादा ही उभरी हुई और गोल नजर आ रही थी। अपनी मां की गांड को देखकर राहुल के लंड़ ने ठुनकी मार कर उसे सलामी दीया। अलका अभी भी आश्चर्य में थी उसे अभी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था। राहुल ने अपने मां के गोल. गांड को अपनी हथेली में भरने के लालच को रोक नहीं पाया। और तुरंत अपनी मां की गांड पर दोनों हाथ से चपत लगाते हुए कस के हथेली में भर लिया।चपत लगते ही उसकी मां के मुंह से आह निकल गई। अलका को ईस तरह से झुक कर अपनी गांड को बाहर निकाल कर बैठने में ज्यादा रोमांच का अनुभव हो रहा था। लेकिन कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि राहुल करने क्या वाला है राहुल तू बार-बार अपनी हथेलियों को अपनी मां की उभरी हुई गांड पर मसलते हुए फिरा रहा था। अलका के बदन में झुनझुनी की लहर फैल जा रही थी। अलका से रहा नहीं जा रहा था और वह अपने बेटे से पूछने लगी।

तू करने क्या वाला है बेटा मुझे इस तरह से कर के ।

बस मम्मी आप देखते जाओ आपको कितना मजा मिलता है।( इतना कहने के साथ ही राहुल अपने हाथ में लंड को पकड़े अपनी मां की गांड से बिल्कुल सट गया
और ज्यों ही लंड के सुपाड़े को अपनी मां की बुर पर लगाया अलका एकदम से गनगना गई ' वह कुछ और समझ पाती इससे पहले ही राहुल नहीं जोरदार झटका लगाया और पूरा लंड सीधे उसके बच्चेदानी से जा टकराया अलका के मुंह से चीख सीे निकल गई। अब अलका को पूरी तरह से समझ में आ गया था। तभी राहुल ने दूसरा ठाप लगाया और फिर से अलका के मुंह से चीख निकल गई। इस पोजीशन में राहुल कहां रुकने वाला था अब धड़ाधड़ बुर में धक्के लगाते हुए अपनी मां को चोदने लगा। और उसकी मां के मुंह से लगातार सिसकारी की आवाज गूंजने लगी। इस पोजीशन में अलका को भी बहुत मजा आ रहा था उसने कभी सोची ही नहीं थी कि ईस तरह से भी चुदवाया जाता है। बहुत ज्यादा मजा आ रहा था कुछ ही देर में अलका भी अपनी गांड को पीछे की तरफ धकेल कर राहुल के हर धक्के का जवाब देने लगी। जांघ से जांघ टकराने की बहुत ही मादक आवाज कमरे में गूंज रही थी। मां बेटे दोनों पसीने से तरबतर हो चुके थे कोई भी हार मान नहीं रहा था राहुल के हर धक्के का जवाब अलका अपनी गांड को पीछे की तरफ ठेलकर देती थी। 
राहुल इतनी जल्दी झड़ने वाला नहीं था क्योंकि कुछ देर पहले उसने अपना गरम पानी की मां की बुर में छोड़ चुका था। अद्भुत चुदाई का नजारा राहुल दिखा रहा था अलका कभी सोची भी नहीं थी कि ईस तरह की भी चुदाई होती है। आआआहहहहहहह आहहहहहह की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था राहुल के हर धक्के के साथ ही पूरी पलंग चरमरा जा रही थी जब जब राहुल कसके धक्का लगाता तो अलका आगे की तरफ गिरते गिरते वह जाती हो तो अच्छा था कि राहुल ने उसे कमर से पकड़ा हुआ था बहुत ही गजब का नजारा लग रहा था सिस्कारियों की आवाज से पुरा कमरा गूंज रहा था। अलका को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था कि यह हकीकत है उसे यह सब सपना हीं लग रहा था। 
एक रात में सब कुछ बदल चुका था कुछ ही दिन पहले अलका एक संस्कारी महिला थी । शरीर सुख की कामना को उसने अपने अंदर दफन कर चुकी थी उसे इन बातों से कुछ भी लेना देना नहीं था लेकिन इस समय वही संस्कारी मर्यादा वाली अलका झुक कर डोगी स्टाइल में अपने बेटे से ही चुदवा रही थी। दोनों ठाप पर ठाप लगा रहे थे राहुल पीछे से तो अलका आगे से कोई भी हार मानने को तैयार नहीं था। यह चुदाई कुछ ज्यादा ही लंबी चल रही थी। तकरीबन 40 45 मिनट के घमासान चुदाई के बाद अलका की सिसकारी और ज्यादा तेज होने लगी। उसका बदन अकड़ने लगा साथ ही राहुल का भी और एक जबरदस्त धक्के के साथ ही दोनों एक साथ झड़ गए । राहुल अपनी मां के पीठ पर झड़ते हुए लेट गया था। अलका भी गहरी गहरी सांसे ले रही थी। दोनों बिस्तर पर लेट गए। 
दोनों हाथ से हुए एक दूसरे की बाहों में बिस्तर पर लेटे रहे। और थक कर वह दोनों को कब नींद आ गई इसका पता ही नहीं चला।
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