Indian Sex Story परिवार हो तो ऐसा
09-20-2018, 01:59 PM,
#15
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
"क्या तुम मुझे दीखा सकते हो?"

"हां दीखा सकता हूँ अगर तुम मेरे लंड को थोड़ा सा चूस दो तो" उसने जवाब दिया.. स्वीटी को तभी ख़याल आया कि वो किससे बात कर रही है.. वो दुविधा मे फँसी वैसे ही खड़ी रही.

"अब इतना भी क्या सोच रही है.. स्वीटी? तुमने ही मुझे बताया कि तुम चुदाई का मज़ा ले चुकी हो.. तो चूसने मे क्या हर्ज़ है " प्रीति अपनी चहेरी बेहन के नज़दीक खिसकती हुई बोली. उसने अपना हाथ स्वीटी के हाथ पर रखा जो राज के लंड को पकड़े हुए था... और फिर धीरे धीरे मसल्नेलगि. .. जब उसने देखा की स्वीटी खुद उसके लंड को मसल रही है तो उसने राज के लंड को अब नीचे से अपनी मुट्ठी मे भर लिया और अब दोनो मिल कर राज के लंड को मुठियाने लगे.

"मुझे विश्वास नही हो रहा कि तुम अपने सगे भाई का लंड मुठिया रही हो? स्वीटी ने कहा.

"क्या करूँ में भी.. ऐसा शानदार लंड रोज़ कहाँ मिलता है.. " प्रीति ने जवाब दिया और नीचे घूटनों के बल बैठ गयी... स्वीटी आँखे फाडे प्रीति को देख रही थी.. प्रीति ने अपने भाई के लंड को अपने मुँह मे ले लिया..

प्रीति के नंगे बदन की गर्मी स्वीटी को अपने पैरों के पास महसूस हो रही थी.. वो देख रही थी कि किस तरह वो अपने ही भाई का लंड चूस रही है.. और उसकी चूत गीली होने लगी.. उसका दिल लंड चूसने को मचल उठा.. वो अपनी बेहन के पास बैठ गयी.. प्रीति ने राज के लंड को बाहर निकाल दिया जिससे अब स्वीटी उस लंड को चूस सके.

प्रीति देख रही थी कि किस तरह उसके भाई का लंड स्वीटी के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था.. उसकी निगाहें स्वीटी के बदन पर फिसलती हुई उसकी चुचियों पर पहुँची.. जहाँ उसकी छोटी चुचियाँ कड़ी दीख रही थी.. साथ ही निपल तने हुए थे.. . उत्तेजना मे उसके भी निपल तन कर खड़े हो चुके थे.. वो देखना चाहती थी कि उसके निपल ज़्यादा कड़े थे या फिर स्वीटी के. प्रीति ने हाथ बढ़कर उसकी चुचि को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और मसल्ने लगी.. अपनी खुद की चुचियों को तो उसने कई बार मसला था लेकिन आज दूसरी लड़की की चुचि पकड़ मसल्ने मे उसे मज़ा आ रहा था...

राज अपनी दोनो बहनो की नज़रों का आनंद ले रहा था..वो देख रहा था कि एक बेहन किस तरह उसके लंड को चूस रही थी. तो दूसरी अपनी बेहन की चुचि को मसल रही थी.. उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी...

स्वीटी ने जब देखा कि राज के लंड से पानी रिस रहा है तो उसने अपने आपमे पूरी हिम्मत जुटाई और उसके लंड को अपने गले तक ले लिया.. राज के लंड ने पिचकारी छोड़ी और वो उस वीर्य को पीने लगी.... उससे सारा रस नही पीया गया.. कुछ उसकी होठों के किनारे से बहने लगा तो उसने लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल दिया..

प्रीति ने तुरंत राज के लंड को अपने मुँह मे लिया और बचा हुआ सारा रस पीने लगी.. "थॅंक्स स्वीटी तुम सही मे बहोत अछा लंड चूस्ति हो" राज ने पलंग पर पसरते हुए कहा.

"वो तो ठीक है राज लेकिन मुझे अभी भी विश्वास नही हो रहा कि कोई लंड इतना लंबा और मोटा हो सकता है क्या? स्वीटी ने अपने कपड़े उठाते हुए कहा, "अब हमे पार्टी मे चलना चाहिए इसके पहले कि किसी को कुछ पता चले. तीनो ने अपने कपड़े पहने और वापस पार्टी मे आ गये.

पार्टी ख़तम होने के बाद जब सब विदा लेने लगे तो स्वीटी ने अपने चचेरे भाई को खींच एक कोने मे किया और उसके होठों को चूसने लगी.. उसने अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी... और राज का लंड आने वाले दिनो याद मे खड़ा होने लगा.

"राज मुझे इसकी कोई परवाह नही कि तुम मेरे चचेरे भाई हो... एक ना एक दिन में तुमसे चुदवा के रहूंगी.. मुझे ये तुम्हारा घोड़े जैसा लंड बहोत पसंद आ गया है.. में चाहती हूँ कि तुम इसे मेरी चूत मे घुसा मेरी चूत के चिथड़े चिथड़े कर दो.. क्या तुम मेरी तमन्ना पूरी करोगे? " स्वीटी ने उसके होठों को चूस्टे हुए कहा.

राज तो खुद कामग्नी मे जल रहा था.. वो तो खुद किसी को चोदने के लिए तड़प रहा था.. "हां हां क्यों नही" उसने जवाब दिया.

"ओह्ह राज तुमने तो मेरा दिल ही जीत लिया" कहकर स्वीटी ने उसे चूमा और छोड़ दिया..

वसुंधरा और प्रीति दोनो राज के साथ कार मे थी और दोनो एक दूसरे से नज़रे चुरा कर राज के खड़े लंड को देख रही थी जो पॅंट मे तंबू बनाए हुए था.

आने वाले दीनो मे राज यही सोचता रहा कि उसे कब मौका मिलेगा चूत को चोदने का.. वो चूत चाहे उसकी चचेरी बेहन की ही क्यों ना हो... और आख़िर भगवान ने उसकी सुन ली.

शुक्रवार की रात थी.. राज की मम्मी को किसी काम से सहर से बाहर जाना पड़ा... प्रीति और राज घर मे अकेले थे.. राज और प्रीति दोनो खाने की टेबल पर बैठे थे.. प्रीति आज अपने पूरे यौवन पर थी.. वो आज की रात राज के लंड की एक एक बूँद पीना चाहती थी.. वो हर तरीके से उसे रिझाने मे लगी हुई थी.. लेकिन राज.... वो तो अपने ख्यालों मे खोया हुआ था.. उसके ख़यालों मे थी स्वीटी की मुलायम और गोरी चूत जिसे चोदने का उसने वादा किया था.. राज अपनी बेहन की अदाओं को नज़र अंदाज़ कर टीवी देख रहा था... प्रीति उसके बगल मे बैठ गयी और उसने अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतार कर अपने दोनो कबूतर आज़ाद कर दिए.. उसने अपना हाथ अपने भाई के लंड पर रखा और कहा कि वो उसे चूसना चाहती है.
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RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा - by sexstories - 09-20-2018, 01:59 PM

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