RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
मामी की इस हरक़त से विनय एक दम से मचल उठा….उसने किरण के कंधो को पकड़ कर ऊपेर उठाया और पीछे बेड की तरफ धकेल दिया…और अपने लंड को मुट्ठी मे भर कर मूठ मारने वाले अंदाज़ मे हिलाते हुए, किरण की ओर देखने लगा… किरण ने भी अपनी वासना भरी आँखो से देखते हुए, अपने ब्लाउस के हुक्स को फिर से खोलना शुरू कर दिया…
ये सब किरण बड़ी ही अदा के साथ कर रही थी….वो जान बुझ कर अपने ब्लाउस को खोल रही थी….और विनय की बेकरारी को देख कर मुस्करा रही थी….पर जैसे ही उसकी नज़र विनय के लंड पर पड़ी. तो उसकी चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया….विनय भी बेड पर चढ़ गया. उसने अपनी बेताबी दिखाते हुए, किरण की दोनो टाँगो को घुटनो से पकड़ कर ऊपेर उठा दिया….
किरण की चूत का कुलबुलाता हुआ रसीला छेद विनय की आँखो के सामने आ गया…विनय ने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर लंड के सुपडे को किरण की चूत की फांको की लाइन के बीच मे रगड़ा तो, किरण एक दम से सिसक उठी. उसने सिसकारी भरते हुए, अपने सर के नीचे रखे तकिये को कस के पकड़ लाया….और अपनी गहरी नशीली आँखो से विनय की ओर देखते हुए, अपने थरथरा रहे होंटो से कहा….
किरण: हइई विनय तेरे लंड तों अहह फदड दी मेरी फुद्दि ….
विनय ने किरण की बात सुन कर जोश में आते हुए, अपने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर जैसे ही दबाया….किरण को महसूस हुआ कि, उसकी चूत का छेद किसी इलास्टिक की तरहा खिंच कर खुल गया हो….आज तक उसे अपनी चूत का छेद इस तरहा खुला हुआ महसूस नही हुआ था..विनय के लंड का सुपाडा बुरी तरहा से उसके छेद में फँस गया था…
और किरण को अपनी चूत के छेद विनय के लंड पर कसा हुआ सॉफ महसूस हो रहा था….विनय ने दो तीन बार अपने लंड को किरण की चूत मे आगे पीछे किया..जिससे विनय के लंड का सुपाडा किरण की चूत से निकल रहे कामरस से एक दम भीग गया….विनय के लंड का सुपाडा अब धीरे-2 किरण की गहराइयों मे घुसने लगा…किरण को अपनी चूत की दीवारे बुरी तरह फेली हुई महसूस हो रही थी….
जैसे ही विनय का पूरा लंड किरण की चूत मे समाया तो, किरण को अपनी चूत आख़िरी हिस्से तक भरी हुई महसूस हुई…किरण विनय के लंड को अपने अंदर महसूस करके एक दम मस्त हो गयी थी…उसके पूरा बदन थरथरा कांप रहा था….और रह-2 कर झटके खा रहा था…” हाई विनय तेरा लंड इतना आह बड़ा कैसे हो गया…आह मार ना फुद्दि मेरे पुत्तर आह तेरे को लंड देखते ही मेरी फुद्दि ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया है..
विनय ने भी किरण की नाइटी को पकड़ कर उसके बदन से अलग कर दिया…अब दो नंगे जिस्म एक दूसरे से चिपके हुए थे….और विनय अपना मुनसल सा लंड किरण की चूत की गहराइयों मे ठोक रहा था…”हाई मर गयी आह उंह विनय तेरा लौडा अहह आहह आह आह हाई मेरी फुद्दि फाड़ दी…अह्ह्ह्ह उंह सीईईई सीईइ स स विनय मेरी फुद्दि फॅट गयी….”
जैसे ही विनय पूरी ताक़त से अपना लंड किरण की चूत की गहराइयों मे उतरता. किरण बुरा सा मूह बना कर हाए-2 करने लगती… उसके चेहरे पर से सॉफ झलक रहा था कि, किरण को सच मे विनय के लंड को लेने मे तकलीफ़ हो रही है….पर इस दर्द के साथ किरण आज मज़े की उन वादियों मे घूम रही थी…जिसकी उसने आज तक कल्पना भी नही की थी…कि उसे कोई इस तरह सुबह के 5 बजे भी उठ कर चोदने के लिए उतावला हो सकता है…
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