RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
किरण को अपनी चूत मे ऐसे महसूस हो रहा था….जैसे विनय ने उसकी फुद्दि के अंदर सैलाब ला दिया हो….उसे अपनी पूरी चूत उसके वीर्य से भरी हुई महसूस होने लगी….किरण आज बहुत दिनो बाद झड़ी थी…जैसे ही विनय का लंड किरण की चूत से बाहर आया…तो किरण सीधी हुई, उसके सीधे खड़े होते ही, उसकी चूत से वीर्य की धार बह कर बाहर निकलते हुए, उसकी जांघों मे अटकती पैंटी की ऊपेर पड़ने लगी…. उसके देखते ही देखते उसकी पैंटी उसके वीर्य से सन गई….
किरण: हाइी मा तू इंसान है या भैंसा…..कितना पानी छोड़ता हे रे तेरा लंड अह्ह्ह्ह….
ये कहते हुए किरण ने मुस्कुराते हुए, विनय की तरफ देखा, और अपनी पैंटी और सलवार को एक साथ ऊपेर कर सलवार का नाडा बांधने लगी….
विनय: मामी सॉरी वो आप की पैंटी खराब हो गई….आप बाद मे बदल लेना….
किरण: अर्रे नही पुत्तर ऐसे कोई बात नही….अब ये पैंटी तो मैं पूरा दिन ऐसे ही पहन कर रखूँगी…
विनय: क्यों ?
किरण: (मुस्कुराते हुए) ताकि तेरे लंड का पानी मेरी फुद्दि को ठंडा रखे. हा हहा…अच्छा अब तू जा….मे थोड़ी देर बाद बाहर आती हूँ….
विनय स्टोर से निकल कर बाहर आया तो, देखा कि अभी सो रहा था…फिर मामी की फुद्दि की खुजली मिटी तो उसको नींद आने लगी…वो अपने रूम मे जाकर बेड पर लेट गई.. विनय वही चटाई पर अभी के साथ लेट गया….और कुछ ही पलों मे नींद ने उसे भी अपने आगोश मे ले लिया…शाम के 5 बज रहे थे….जब किरण की आँख खुली…वो उठ कर अपने रूम से बाहर आई, तो देखा विनय और अभी दोनो अभी तक हॉल मे सो रहे थे. उसने उन दोनो को जगाया और खुद किचन मे चाइ बनाने चली गई….चाइ पीने के बाद विनय अभी को उसके घर छोड़ने चला गया….इधर किरण अभी रात के खाने की तैयारी कर रही थी कि, उसका मोबाइल बजने लगा….
उसने किचन से बाहर कर अपना मोबाइल उठाया तो देखा, उसके पापा का फोन था… उसके पापा ने बताया कि, वो इस वक़्त अपने बड़े भाई के घर मे है…और आज रात वही रुकने वाले है…वो कल सुबह ही घर वापिस आएँगे…किरण ने जैसे ही कॉल कट की तो, उसके चेहरे पर तीखी मुस्कान फेल गई…अब घर पर रात पर तीन ही लोग मज़ूद होने वाले थे….एक वो दूसरा विनय और तीसरा किरण का पति अजय….जब से उनके घर किरण के मम्मी पापा आए हुए थे….तब से अजय घर पर शराब पी कर नही आ रहा था…और जब अजय रात को शराब पीकर आता था…तब वो खाना खाते ही बेड पर ढेर हो जाता था….उसने अपने पति का नंबर मिलाया…..तो थोड़ी देर बाद अजय ने कॉल पिक की…..
अजय: हेलो हां किरण बोलो….
किरण: जी वो आज मम्मी पापा अपने भाई के घर पर ही रहेंगे….कल आने वाले है. आप थोड़ा जल्दी आ जाना….घर पर आज वशाली भी नही है….
अजय: हां हां मे जल्दी आ जाउन्गा….
उसके बाद किरण ने कॉल कट की…वो जानती थी कि, ये खबर सुनने के बाद के आज उसके सास ससुर घर पर नही आने वाले है, तो वो ज़रूर दारू पी कर आएगा…और उसके बाद अजय को हॅंडल कैसे करना है…..वो ये अच्छी तरह से जानती है…
रात के 8 बज चुके थे….किरण खाना तैयार कर चुकी थी….और वो विनय के साथ हॉल मे बैठे हुए टीवी देख रही थी….कि तभी उसका मोबाइल बजने लगा….उसने मोबाइल उठा कर देखा, तो अजय की कॉल थी….अजय ने उसे बताया कि, वो आज रात नही आ सकता. एक ज़रूरी ऑर्डर है…जो उसे कल तक डिलीवर करना है….किरण ने अजय से बात करके कॉल कट की तो, उसके होंठो पर मुस्कान फेल गई….वो जानती थी कि, घर ना आने का ये अजय का बहाना है…दरअसल जब भी अजय का ज़यादा पीने का मूड होता….तो वो किरण की झिक-2 से बचने के लिए काम का बहाना बना लेता…और अपने ऑफीस मे ही रात को ठहर जाया करता था….किरण ने अपना मोबाइल सोफे पर रखा…और विनय के सर के बालो को सहलाते हुए उसके सर को अपनी जाँघो पर रख लिया…..
विनय: किसका फोन था मामी जी…
किरण: तुम्हारे मामा का….आज घर नही आएँगे…
विनय: क्या आज घर नही आएँगे….?
किरण: हां….
विनय: तो क्या आज हम सारी रात……(विनय बोलते-2 चुप हो गया….किरण उसके दिल की बात को जान कर मुस्करा उठी….)
किरण: बोल ना क्या हम आज सारी रात…
विनय: का कुछ नही….
किरण: अभी भी मुझसे छुपा रहा है….बोल ना….तू जो कहगा….वैसा ही होगा…एक बार बोल कर तो देख…..
विनय ने अपनी मामी की ऊपेर नीचे हो रही चुचियों को देखा…और अपने गाले को सॉफ करते हुए कहा….”सच…?” किरण विनय की तरफ देख कर मुस्कुराइ…और उसके बालो को सहलाते हुए बोली…”तू कह के तो देख….” विनय ने अपना सर किरण की जाँघो से उठाया और उठ कर बैठते हुए किरण की नाइटी मे ऊपेर नीचे हो रही चुचियों की तरफ इशारा करते हुए कहा….”मामी मुझे तुम्हारी चुचियों को देखना है….” किरण विनय की बात सुन कर मुस्कराने लगी…और उसके सर पर हाथ फेरते हुए बोली….”पहले खाना खा लेते है…फिर तुझे जो देखना होगा…वो सब दिखाउन्गी…”
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