RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
उसका लंड उसकी शॉर्ट मे लोहे की रोड की तरह तन चुका था…..किरण ने भी चोर नज़रों से विनय की तरफ देखा, तो उसके नज़रें भी विनय के फूले हुए शॉर्ट्स पर जाकर अटक गई…एक जवान लंड तैयार था…और एक मदमस्त गुदाज चूत भी….पर अभी दोनो के बीच कुछ दीवारे थी….जिनका गिर जाना अब तय लग रहा था…विनय के तने हुए लंड को देख कर किरण को अंदाज़ा हो गया था कि, विनय अभी भी जागा हुआ है…..और वो ये भी जानती थी कि, विनय अभी आगे बढ़ने के लिए तैयार नही है….और उसका और उकसाना ज़रूरी था…इतना कि वो खुद पहला कदम उठाता….मामी ने विनय के अंदर काम के आग भड़का दी थी…. एक कदम वो बढ़ा चुकी थी….और अब उसे इंतजार था कि, विनय कब पहला कदम बढ़ाने की कॉसिश करता है….
करीब 5 मिनट तक किरण वैसे ही बैठी रही….और अपनी चुचियों का जलवा विनय को दिखाती रही….फिर लाइट आ गई….उसने जानबूज कर विनय को नही उठाया और अपने रूम मे वैसे ही चली गई….मामी के जाने के बाद विनय उठ कर बैठ गया..बड़ा जुलम हो रहा था उस बेचारे के लंड पर….वो कुछ देर वही बैठा अपने लंड को मसलता रहा…और फिर उठ कर अपने मामी के रूम की तरफ चल पड़ा….जैसे ही वो मामी के रूम के डोर पर पहुँचा तो, अंदर का नज़ारा देख कर विनय की आँखे फटी की फटी रह गई…
अंदर का नज़ारा देख विनय अपनी पलकें झपकाना भी भूल गया….अंदर मामी बेड पर लेटी हुई थी…उसके बदन पर सिर्फ़ वाइट कलर का पेटिकोट और वाइट कलर के ब्रा ही थी…मामी ने अपना एक हाथ उठा कर अपने सर के ऊपेर तकिये पर रखा हुआ था…और किरण का पेटिकोट उसके जाँघो से काफ़ी ऊपेर तक चढ़ा हुआ था…किरण ने अपनी एक टाँग को घुटने से फोल्ड कर रखा था…और दूसरी टाँग को विपरीत दिशा मे मोड़ कर फेला रखा था….पेटिकोट का हल्का सा पल्ला ही किरण की चूत को ढके हुए था…
ये सब देख विनय की तो जैसे दिल की धड़कने ही थम गई हो….पैर मानो वही ज़मीन मे धँस गए हो….किरण अपनी आँखे बंद किए हुए लेटी हुई थी…कहीं मामी उसे यहा खड़ा ना देख ले…..ये सोच कर विनय जैसे ही रूम से बाहर जाने के लिए मुड़ा तो, पीछे से किरण ने उसे आवाज़ देकर रोक लिया…..
किरण: क्या हुआ विनय कहाँ जा रहा है…..?
विनय: (किरण की तरफ देखे बिना….) वो मैं अपने रूम मे जा रहा हूँ…
किरण: नींद आ रही है….?
विनय: हूंम्म
किरण: तो यही सो जा मेरे पास आकर…..
विनय: (हकलाती हुई ज़ुबान मे….) न न नही मे अपने रूम मे सो जाउन्गा….
किरण: यहाँ भी कोई नही है…..वशाली तो रिंकी के घर गई है….चल आ मेरे पास सबाश आजा मामी के पास सो जा आकर…
विनय तो दिल ही दिल मे यही दुआ कर रहा था कि, उसे मामी के साथ बेड पर सोने को मिल जाए….और वो दिल भर कर अपने मामी के गदराए हुए बदन का दीदार कर सके. विनय सर झुकाए हुए पलटा और बेड की तरफ बढ़ने लगा….”विनय ये लाइट बंद तो कर्दे….” किरण ने वैसे ही लेटे-2 कहा तो विनय ने रूम की लाइट बंद कर दी. पर बाहर आँगन से अभी भी इतनी रोशनी नज़र आ रही थी कि, वो मामी के दूध जैसे सफेद गदराए हुए बदन को देख सकता था….
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