RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
तभी मुझे कोमल न्ड वो दोनो लड़के आते दिखाई दिए. शायद आकाश ने उन्हे कॉल करके बुला लिया था.
मेरे पास आकर कोमल बोली.
कोमल-अरे भाभी आप अंदर ही आ गई.
मे-क्यूँ मैं अंदर नही आ सकती क्या.
कोमल-भाभी मैने ऐसे थोड़ी कहा आप इनसे मिलो ये मेरे दोस्त हैं
'पवन न्ड सन्नी'
पवन न्ड सन्नी ने मेरी तरफ हाथ बढ़ा दिया. मैं उन्दोनो से हाथ मिलाया और कहा.
मे-मैं हूँ कोमल की भाभी.
पवन-भाभी...?
मे-क्यूँ कोई शक आपको.
पवन-नही-2 शक तो नही मगर आपको देखकर लगा नही कि आप इसकी भाभी हो सकती हैं.
मैने सोचा ये लो हो गये अभी से शुरू.
फिर कोमल ने आकाश की तरफ इशारा करते हुए कहा.
कोमल-और भाभी ये है आकाश.
मे-इसे मैं जानती हूँ.
कोमल-वो कैसे.
आकाश-बस ऐसे ही.
कोमल-मगर कब्से जानते हो आप एकदुसरे को.
आकाश-जब हम छोटे-2 थे.
कोमल-मतलब.
मे-मतलब हम दोनो पड़ोसी है और हम स्कूल और कॉलेज में क्लासमेट रह चुके हैं.
कोमल हैरान होते हुए .
कोमल-क्या सच में भाभी.
मे-यस. अब चलो रेहान बाहर गाड़ी में वेट कर रहा है कब्से.
कोमल-ओके भाभी चलो जल्दी.
हमने उन तीनो को बाइ कहा और बाहर की तरफ चल पड़े. मैने पीछे मूड कर देखा तो तीनो की नज़रें मेरे और कोमल के नितंबों को ही घूर रही थी. मैं अपने नितंबों को और ज़्यादा मटकाती हुई चलने लगी वहीं कोमल तो पहले से ही मस्तानी चाल चल रही थी. आख़िर हम गाड़ी के पास पहुँची और उसमे बैठ गई. हमारे अंदर बैठते ही रेहान ने गाड़ी स्टार्ट की और घर की ओर चल पड़ा.
गाड़ी चलाते-2 रेहान बोला.
रेहान-भाभी इतना टाइम क्यूँ लगा दिया क्या आप भी लेक्चर लगाने लग गई थी.
मे-मैने बताया तो था फोन पे मेरी फ्रेंड मिल गई थी.
कोमल मेरी ओर देखते हुए .
कोमल-कोन्सि फ्रेंड भाभी.
मे-वो तुझे मिलाया तो था वो बचपन वाली फ्रेंड.
कोमल-ओह अच्छा-2 वो फ्रेंड....अच्छा है अच्छा है.
कहते हुए कोमल मंद-2 मुस्कुराने लगी.
मैने मन में सोचा कि कमीनी मज़े खुद लेकर आई है और अब मज़े मेरे ले रही है मुझे छेड़-2 कर.
आख़िर हम घर पहुँचे और फिर रात को मैने डिन्नर रेडी किया और हम सब ने मिलकर खाया और फिर सभी अपने-2 रूम में जाकर सो गये.
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