RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
भाभी ने करण का और मेरा हाथ पकड़ा और खीचते हुए कहा.
करू-चुप चाप चलो तुम दोनो.
भाभी ने हमे अपने रूम में बिठाया और फिर मम्मी पापा और भैया को वही बुला लिया और करण के दिल की जो बात थी वो उनको बता दी.
भाभी की बात सुनकर वो खुश तो हुए मगर साथ साथ थोड़े परेशान भी और पापा ने कहा.
पापा-करण बेटा हमे खुशी है कि आपने ऐसा सोचा मगर बेटा इतनी जल्दी सब तियारियाँ कैसी होंगी.
करण-पापा तैयारियाँ तो हो ही चुकी है गुलनाज़ की शादी के साथ ही तो होगी हमारी शादी.
पापा-मगर बेटा रिश्तेदारों को भी तो बुलाना ही पड़ेगा.
करण-गुलनाज़ दीदी की शादी है तो आपके रिलेटिव्स तो आ ही रहे है रही बात हमारे रिलेटिव्स की तो उसकी फिकर आप मत करो.
मम्मी-मगर बेटा आपके मम्मी पापा.
कारण-मम्मी वो रेडी है आप उनकी फिकर मत करो.
पापा-ओके तो एक दफ़ा रीत से पूछ लेते है हम.
करण-जी ज़रूर.
पापा-रीत बेटा क्या मंज़ूर है आपको.
मैने शरमाते हुए कहा.
मे-जी पापा.
भैया मेरे सर पे हाथ मारते हुए बोले.
हॅरी-देखो-2 कितनी जल्दी है मेडम को शादी की.
भैया की बात सुनकर सभी हँसने लगे. फिर मम्मी ने मुझे कस कर सीने से लगाया और कहा.
मम्मी-बेटा हम बहुत खुश है आप दोनो के फ़ैसले से.
पापा-ओके तो बेटा जैसा तुम चाहो वैसा ही ठीक रहेगा.
करण-थॅंक यू पापा अब मैं चलता हूँ बहुत काम करना बाकी है अब तो.
पापा-ओके बेटा. रीत बेटा जाओ करण को छोड़ कर आओ.
मैं करण के साथ बाहर को चल पड़ी और उसकी गाड़ी के पास जाकर मैने उसे हग किया और कहा.
मे-ओके काजू कल मिलती हूँ शादी के मंडप में.
मैं वापिस मुड़ने लगी तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खीचा और सीने से लगाते हुए कहा.
करण-कल तक तो सबर नही होगा डार्लिंग एक किस तो देदो.
मे-नो अब तो कल ही मिलेगा सब कुछ.
करण-सब कुछ मतलब.
मे-सब कुछ मतलब सब कुछ.
करण-मतलब पीछे का भी.
मैने मुस्कुराते हुए कहा.
मे-हां बाबा सब कुछ.
फिर करण ने मेरे नितंबों को ज़ोर से मसल दिया और मेरे होंठों को चूमने लगा. मैने बड़ी मुश्क़िल से उसे दूर किया और धक्का देकर गाड़ी में बिठा दिया और ज़ोर से गाड़ी की डोर बंद कर दिया. करण ने गाड़ी स्टार्ट की और शीशा नीचे करते हुए कहा.
करण-रीत मेरी बात तो सुनो.
मे-क्या है.
वो शीशे से बाहर की और गर्दन निकाल कर बात कर रहा था.
कारण-नज़दीक तो आओ.
मैं थोड़ा आगे हो गई.
करण-और नज़दीक.
मैने अपने घुटनो पे हाथ रखकर झुकते हुए कहा.
मे-अब बताओ भी.
अब हम दोनो का चेहरा बिल्कुल नज़दीक था.
करण-एक किस करो.
मैने उसकी गाल पे किस की और कहा.
मे-लो.
करण-यहाँ नही.
मैने दूसरी गाल पे भी किस की.
करण-यहाँ नही डार्लिंग.
मे-तो कहाँ.
करण-तुम्हे पता तो है.
मैने अपने हाथों में उसका चेहरा पकड़ा और अपने होंठ धीरे से उसके होंठों पे रख दिए और हम दोनो प्यार के रस से भरे इस चुंबन में खो गये.
मुझे तब होश आया जब किसी ने पीछे से मेरी पीठ पे हाथ लगाया. मैं झट से सीधी हुई और घूम कर देखा तो पीछे महक थी.
महक-जीजू थोड़ा सबर कर्लो कल कर लेना जो करना है.
करण-अरे नही महक मैं तो बस.
महक-ओह हो हो इतने भी शरीफ मत बनो मेरे जीजू....
मे-करण अब जाओ भी.
करण-अच्छा बाबा. बाइ.
मे-बाइ.
उसके जाने के बाद मेने महक को पूछा.
मे-तुझे किसने बताया हमारी शादी के बारे में.
महक-मेडम उधर अनाउसमेंट हो चुकी है आपकी शादी की चलो जल्दी.....
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