RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
भैया के बेड पर चढ़ते ही भाभी घूम गई. भाभी कुछ बोलती उस से पहले ही भैया भाभी के उपर लेट गये और भाभी का चेहरा पकड़ कर उनके रसीले होंठों पे अपने होंठ टिका दिए. भैया का एक हाथ अब नाइटी के उपर से भाभी के उरोज मसल्ने लगा. और भैया ने अपना दूसरा हाथ नीचे किया और नाइटी को उपर करके अपना हाथ पैंटी के अंदर डाल कर भाभी के नितंबों को मसल्ने लगे. भाभी छॅट्पाटा रही थी. मैने सोचा अब भाभी कंट्रोल नही कर पाएँगी.
करू भाभी की पैंटी अब खिसक कर उनकी जांघों तक आ चुकी थी और उनकी नाइटी भैया ने उपर उठा दी थी अब भाभी के गोरे गोरे नितंब मेरी आँखों के सामने थे और उनके उपर भैया का हाथ बेरेहमी से घूम रहा था.
भाभी उनकी गिरफ़्त से निकलने की पूरी कोशिश कर रही थी बट वो सफल नही हो पा रही थी. भाभी ने अपना एक हाथ अपने नितंबो पे घूम रहे भैया के हाथ के उपर रखा और ज़ोर के साथ उसे झटक दिया और फिर एक ही झटके में भैया को अपने से दूर हटा दिया और भाभी बिस्तर से उठ कर खड़ी हो गयी. भाभी की पीठ अब भैया की तरफ थी और वो अपनी पैंटी को दोनो हाथों से पकड़ कर उपर खींचने लगी.
मैने मॅन में कहा 'थॅंक गॉड'
भाभी अपने बेपर्दा नितंबों को ढकने की कोशिश कर ही रही थी कि भैया ने उठ कर फिरसे भाभी को पीछे से पकड़ लिया और अपने हाथों से भाभी के उरोजो को नाइटी के उपर से मसल्ने लगे. भाभी ने उनके हाथों को अपने उरोजो से हटाते हुए कहा.
करू-दूर रहो मुझसे.
हॅरी-प्लीज़ करू अब मत रोको मुझसे कंट्रोल नही हो रहा.
भाभी ने घूमते हुए अपना चेहरा भैया की तरफ किया और उन्हे धक्का देते हुए बिस्तेर के उपर गिरा दिया और गुस्से से कहा.
करू-अगर अब मेरे साथ कोई बदतमीज़ी की तो मैं शोर मचा दूँगी.
हॅरी-करू यार तुम बहुत ज़िद्दी हो मेरा भी कुछ ख़याल करो आख़िर आपके पातिदेव है हम.
करू-मैं अभी तक इस घर में हूँ तो वो सिर्फ़ मम्मी पापा न्ड रीत की वजह से वरना कब की चली जाती.
भाभी की आँखों में आँसू आ गये थे और वो अपने आँसू सॉफ करती हुई डोर की तरफ बढ़ गयी.
बाहर आकर भाभी मेरे गले लग कर रोने लगी.
मेने उन्हे संभालते हुए कहा.
मे-ओह कमोन भाभी रोना बंद करो. आपने देखा नही कैसे भैया की लार टपक रही थी आज.
करू-मगर रीतू वो उस बात के लिए तो अभी भी रेडी नही है जिसके लिए हम ये सब कुछ कर रहे हैं.
मे-ओह भाभी देखती जाओ आप अब आख़िरी स्टेप है फिर देखना कैसे हमारी सारी शर्तें मानेगे भैया.
करू-अब करना क्या है.
मे-भाभी अब थोड़ा टफ काम है.
करू-ऐसा क्या करना होगा.
मैं भाभी के कान में नेक्स्ट प्लान बताने लगी.
भाभी मेरा प्लान सुनकर एकदम से चौंक गयी और गुस्से से बोली.
करू-रीतू तेरा दिमाग़ तो ठीक है. मैं पराए मर्द के साथ कैसे कर सकती हूँ ये सब.
मे-ओह भाभी पराया कॉन है अपने जादू भैया ही तो है आपके देवर उनके साथ ही तो करना है.
करू-बिल्कुल भी नही मैं ये सब नही कर सकती मानती हूँ वो मेरा देवर है पर इसका मतलब ये तो नही कि.....
मे-मेरी सती-सावित्री भाभी जी मैं हूँ ना मैं भी तो आपके पास ही रहूंगी.
करू-नही रीतू मुझे बहुत शरम आएगी.
मे-कुछ नही होगा भाभी आप बस तियार रहो मैं जादू भैया से बात करके आती हूँ तब तक आप कपड़े चेंज करो.
करू-अरे पगली सुन तो.
मैं भाभी की बात को अनसुना करते हुए बाहर निकल गयी.
मैं बाहर निकली तो मेरा मोबाइल रिंग करने लगा. मैने स्क्रीन पे देखा तो करण का नाम फ्लश हो रहा था. मैने सोचा इस काजू के बच्चे को भी अभी फोन करना था. मैने अपने कदमो को रोकते हुए फोन उठाया और कहा.
मे-काजू कैसे हो.
करण-तुम्हारे बिना बुरा हाल है मेरी सेक्सी स्वीतू.
मे-तो मैं क्या कर सकती हूँ जी.
करण-आप तो बहुत कुछ कर सकती हो और करवा भी सकती हो.
मे-अच्छा जी मैं कुछ नही करवाने वाली समझे आप.
करण-डार्लिंग ऐसा मत कहो यार अभी आ जाओ ना यार प्लीज़.
मे-ओये काजू एक दिन का सबर तक नही कर सकते तुम.
करण-अच्छा चलो वादा करो कल चलोगि मेरे साथ.
मे-कहाँ पे.
करण-यहाँ मैं लेकर जाउन्गा.
मे-ह्म्म्म्म म चलो ठीक है.
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