RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं आकाश के साथ लिपट कर लेट गई. आकाश ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने मुरझाए हुए लिंग के उपर रखते हुए कहा.
आकाश-इसे फिर से तयार करो डार्लिंग.
मे-अब चलो ना घर बहुत टाइम हो चुका है.
आकाश ने मेरे होंठ चूस्ते हुए कहा.
आकाश-इतनी जल्दी नही डार्लिंग आज तो तुम्हारे पीछे वाले छेद की ओपनिंग भी करनी है. याद है ना मेरा चॅलेंज.
मे-ना बाबा ना पीछे नही प्लीज़ आकाश फिर कभी.
आकाश-अरे फिर कभी तो हम मिलेंगे ही नही जो होगा आज ही होगा.
मे-प्लीज़ आकाश रहने दो ना बहुत दर्द होगा.
आकाश-डार्लिंग तुम डरो मत मैं आराम से करूँगा. अब जल्दी से मेरे पप्पू को रेडी करो.
मैने देखा उसके लिंग में तनाव आने लगा था. मैं अब उसकी छाती के उपर आ गई और अपने होंठ उसके होंठों के उपर रख दिए और चूसने लगी. उसके लिंग में अब तनाव आ रहा था जो कि मेरी जांघों के बीच मुझे महसूस हो रहा था. मैं थोड़ा नीचे आई और अपने होंठ आकाश की विशाल छाती के उपर रख दिए और उसकी छाती पे अपने होंठ घुमाने लगी. अब उसका लिंग पूरा तन चुका था और मेरी योनि के साथ बार-2 टकरा रहा था. आकाश ने मुझे कंधो से पकड़ा और अपने उपर खींच लिया. और अपने होंठ मेरे होंठों पे टिका दिए और नीचे हाथ लेजा कर अपना लिंग फिरसे मेरी योनि के उपर सेट कर दिया और नीचे से एक जोरदार धक्का दिया और पूरा लिंग फिरसे मेरी योनि में पहुँचा दिया. वो नीचे से धक्के लगाने लगा और उसका लिंग मेरी योनि में फिरसे अंदर बाहर होने लगा. उसके हाथ मेरे नितंबों के उपर थे और वो ज़ोर ज़ोर से मेरे नितंब मसल रहा था. उसकी एक उंगली मुझे अपने गुदा द्वार पे महसूस हो रही थी. वो धीरे-2 मेरे पीछे वाले छेद को रगड़ रहा था. उसने अचानक एक उंगली मेरे छेद में घुसा दी. मेरे मूह से एक चीख निकल गई और मैं उचक कर उसके उपर से उठ गई.
मे-प्लीज़ आकाश मान भी जाओ बहुत दर्द होगा.
आकाश अब बेड के उपर लेटा हुआ था और मैं उसके लिंग के उपर बैठी थी. आकाश ने मुझे बैठे-2 उपर नीचे होने को कहा. मैं उसके लिंग के उपर उछलने लगी. मैं जब उपर को उठती तो उसका लिंग मेरी योनि से बाहर आ जाता है और जब नीचे जाती तो फिरसे उसका लिंग मेरी योनि में समा जाता. मैं अब तक कर फिरसे आकाश के सीने के उपर लेट गयी और उसके लिंग के उपर उछलना बंद कर दिया. उसका लिंग अभी भी मेरे अंदर ही था. आकाश ने मुझे अपने उपर से नीचे उतार दिया और मुझे घुटनो के बल कर दिया. वो मेरे पीछे आया और अपना लिंग मेरे पीछे वाले छेद पे घिसने लगा.
मेरा दिल उसका लिंग पिछले छेद पे महसूस करके घबरा गया. मैने एक दफ़ा फिरसे उसे रिक्वेस्ट की.
मे-आकाश प्लीज़ रहने दो ना.
आकाश ने मेरी बात पे ध्यान ही नही दिया और वो अपने लिंग का दवाब मेरे छेद के उपर बढ़ाने लगा. मगर इतना बड़ा लिंग छोटे से छेद में जाए तो जाए कैसे. आकाश को काफ़ी मुश्क़िल हो रही थी मगर वो कहाँ पीछे हटने वाला था. उसने मेरी कमर को मज़बूती से थाम लिया. मुझे अहसास हो गया था कि अब कुछ होने वाला है. फिर उसने एक जोरदार धक्का दिया और उसके लिंग का सुपाडा मेरे च्छेद में घुस गया. जैसे ही उसका सुपाडा मेरे छेद में घुसा तो मेरी दर्दनाक चीख पूरे फार्म-हाउस में गूँज़ उठी. मेरी आँखें बाहर निकल आई और आँखों से आँसू भी निकल आए. मैं पूरे ज़ोर के साथ आगे को हुई और आकाश की गिरफ़्त से बाहर निकल गई और उसका लिंग भी मेरे छेद से बाहर निकल गया और मैं बेड के उपर सीधी होकर बैठ गई और रोते हुए कहने लगी.
मे-आकाश प्लीज़ मुझे जाने दो. तुम्हारा ये बहुत बड़ा है ये नही जाएगा अंदर.
मगर आकाश मुझे छोड़ने के मूड में नही था. वो मेरे पास आया और मुझे बाहों में भरता हुआ बोला.
आकाश-डार्लिंग प्लीज़ पहले-2 दर्द होगा बाद में तुम्हे भी मज़ा आएगा.
और उसने फिरसे मुझे उसी पोज़िशन में झुका दिया. आकाश ने फिरसे अपना औज़ार सेट किया और हल्के दवाब के साथ फिरसे अपना सुपाडा मेरे छेद में घुसा दिया. अब वो हल्के-2 धक्के देने लगा जिसकी वजह से उसका लिंग धीरे-2 मेरे छेद में घुसने लगा. उसका आधा लिंग मेरे छेद में घुस चुका था. मेरी तो साँसें अटक गई थी और गला सूख रहा था. मेरा पूरा चेहरा मेरे आँसुओं से भीग गया था और पूरा कमरे में मेरे रोने की आवाज़ सुनाई दे रही थी. अब आकाश ने एक और जोरदार धक्का दिया और उसका लिंग मेरे गुदा द्वार को चीरता हुआ अंदर चला गया और मेरी चीखें पूरे कमरे में गूँज़ उठी. मैं छटपटा रही थी मगर आकाश ने मज़बूती से मुझे थाम रखा था. मैं रोती हुई उसे कह रही थी.
मे-आकाश भगवान के लिए इसे बाहर निकाल लो प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज़ आकाश मैं मर जाउन्गी दर्द से.
मगर आकाश जानता था की अगर अब उसने मुझे छोड़ दिया तो कभी उसे मौका नही मिलेगा. अब वो धीरे-2 वो अपना लिंग अंदर बाहर करने लगा था. धीरे-2 उसके धक्के तेज़ होते जा रहे थे. मैने मज़बूती से चद्दर को पकड़ रखा था और अपना चेहरा बेड में घुसा रखा था. मुझसे दर्द बर्दाश्त नही हो रहा था. अब आकाश भी अपनी चरम सीमा पे पहुँच चुका था और उसने मुझे मज़बूती से थाम लिया और मेरे पीछे वाले छेद में ही उसने अपना सारा काम रस निकाल दिया. जैसे ही उसने अपना लिंग बाहर निकाला तो मुझे थोड़ी राहत मिली. उसका लिंग मेरे खून से सना हुआ था. उसने मेरी पैंटी उठाई और अपना लिंग सॉफ करने लगा.
आकाश ने मेरी पैंटी उठाई और अपना लिंग उसके साथ सॉफ करने लगा. फिर मेरे नितंबों के उपर लगे खून को भी उसने मेरी पैंटी के साथ सॉफ किया. मेरी वाइट पैंटी के उपर खून के निशान पड़ गये थे. आकाश ने मेरी पैंटी को चूमा और फिर मुझे बाहों में भरकर मेरे होंठ चूमने लगा. उसने अपने होंठ वापिस खींचे और कहा.
आकाश-तुम बहुत सेक्सी हो रीत. जो भी तुम से शादी करेगा बहुत लकी होगा.
मे-उम्म्म अब छोड़ो भी मुझे नहाना है.
|