Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
07-03-2018, 12:04 PM,
#19
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
तुषार के साथ किए सेक्स की वजह से मुझे खूब नींद आई और शाम को 7 बजे मुझे गुलनाज़ दीदी ने उठाया.
गुलनाज़-ओये रीतू उठ कब से घोड़े बेच कर सो रही है.
मैं आँखें मल्ति हुई उठी और गुलनाज़ दीदी के गले में बाहें डाल दी. मैने दीदी की चीक्स पे किस की और बदले में दीदी ने भी प्यार के साथ मेरे फोर्हेड न्ड चीक्स पे किस की और कहा.
गुलनाज़-आज तो खूब सोई हो आप.
मे-जी दीदी मैं थक गई थी.
गुलनाज़-आपको पता है हम अपनी भाभी से मिलकर आ रहे हैं.
मे-ओह हम दीदी मैं तो भूल ही गई थी. कैसी लगी करू भाभी आपको.
गुलनाज़-बहुत अच्छी सच में बहुत अच्छी हैं वो आपको पूछ रही थी और मुझे आपको उनकी तरफ से किस देने को बोला है. और ये लो भाभी की तरफ से एक और किस.
और दीदी ने मेरी चीक्स पे फिरसे किस की और मुझे बाहर आने को बोल कर चली गई. मैं उठी और अपना मूह धोया मेरा दर्द अब काफ़ी कम हो चुका था. मैं वॉशरूम में गई और जब वॉशरूम करने के लिए अपनी सलवार नीचे की तो देखा मेरी योनि पूरी लाल हो चुकी थी और किनारों से सुज़ भी गई थी. मैने अपनी योनि को प्यार से सहलाते हुए कहा.
मे-देखो तुषार के बच्चे ने क्या हाल कर दिया मेरी परी का.
फिर मैने बाथरूम किया और फ्रेश हो कर बाहर ड्रॉयिंग रूम में आ गई. गुलनाज़ दीदी ने मुझे चाइ दी और हम बैठ कर चाइ पीने लगे. जावेद भैया भी हमारे पास आकर बैठ गये और बोले.
जॉड-ओये रीतू अब उठी है तू.
मे-जी भैया.
जॉड-तू इतना कब से सोने लगी और आज तो मेडम ने ड्रेस भी नही खोली स्कूल वाली.
मे-वो भैया मेरा सर दर्द कर रहा था इसलिए मैं ऐसे ही सो गई.
जॉड-रीतू ये आकाश भी तेरे ही क्लास में है ना.
मे-जी भैया.
जॉड-मैने उसे कहा था कि रीत का ख़याल रखा कर स्कूल में.
मैने सोचा बहुत अच्छे से ख़याल रखता है मेरा वो कमीना.
असल में भैया और आकाश अच्छे दोस्त थे और आकाश की एक बड़ी बेहन थी 'दीपा' जो जावेद भैया के साथ ही कॉलेज में पढ़ रही थी. भैया का उनके घर काफ़ी आना जाना था और मुझे पता था कि भैया और दीपा के बीच कुछ ना कुछ ज़रूर चल रहा है. मैने उन्हे छत पे कई बार छुप कर मिलते हुए देखा था. अक्सर वो छत पे एक दूसरे के साथ लिपट-ते चिपट-ते रहते थे.
...................
मैने अब चाइ पी और फिर दीदी और भैया को बाइ बोल कर अपने घर आ गई. भैया, मम्मी और पापा तीनो ड्रॉयिंग रूम में बैठे थे मैने मम्मी के पास बैठते हुए पूछा.
मे-मम्मी कैसी लगी आपको भाभी.
मम्मी-बहुत ही सुंदर और शुशील.
पापा-बहुत अच्छी पसंद है हॅरी की.
मे-तो फिर भैया किसके हैं पसंद तो अच्छी ही होगी.
सब मेरी बात सुन कर हँसने लगे. फिर मैने पूछा.
मे-तो फिर कब आ रही है मेरी भाभी घर में.
मम्मी-बहुत जलद आज हमने शगुन डाल दिया है और 5मंत के बाद शादी फिक्स की है.
मे-वाउ ये तो बहुत अच्छी खबर है. मैं अभी भाभी से बात करती हूँ.
मैं उठने लगी तो मम्मी ने कहा.
मम्मी-बात बाद में करना पहले अपनी ड्रेस चेंज कर सुबह से स्कूल की ड्रेस पहने घूम रही है तू.
मैने रूम में आकर ड्रेस चेंज की और लोवर और टी-शर्ट पहन ली लेकिन अंदर ब्रा और पैंटी नही पहनी. छत पे जाके मैने भाभी को फोन किया.
करू-हेलो माइ स्वीट ननद कैसी है तू.
मे-मैं ठीक हूँ भाभी. शादी की मुबारक हो.
करू-तुझे भी स्वीतू तेरी वजह से ही सब कुछ हुआ है वरना ये घून्चु देखता रह जाता और मुझे कोई और ही उठा कर ले जाता.
मे-ऐसे कैसे उठा कर ले जाता पहले उसे रीत का सामना करना पड़ता.
करू-हां ये तो है वैसे भी अगर मुझे से पहले तू किसी के सामने आती तो हर कोई तुझे ही उठा कर ले जाता. तेरे जैसी कच्ची कली कहाँ मिलेगी किसिको.
अब भाभी को क्या पता था कि ये कच्ची कली ताज़ा-ताज़ा फूल बन कर आई है आज.
मे-अच्छा भाभी आज तो आपको बताना पड़ेगा कि भैया ने आपके साथ 'वो' किया या नही.
करू-ओये रीतू तू मुझसे पिटेगी एक ना एक दिन.
मे-प्लीज़ भाभी बताओ ना प्लीज़....
करू-देखो-2 कैसे मरी जा रही ये सुन ने को.
मे-प्लीज़ भाभी.
करू-अच्छा सुन मेरी माँ. तेरे भैया दिखने में जितने भोले है उतने है नही.
मे-वो कैसे.
करू-वो ऐसे कि प्रपोज के दूसरे दिन ही तेरे भैया ने मुझे पहली किस की थी.
मे-ओह ग्रेट कहाँ पे.
करू-होंठो पे और कहाँ पे.
मे-अच्छा-2 मैने सोचा नीचे की थी.
करू-शट अप. बेफ़्कऊफ़ लड़की. जा मैं नही बताती.
मे-ओह सॉरी सॉरी भाभी प्लीज़ नाराज़ मत हो आप.
करू-अच्छा तो सुन. प्रपोज करने के ठीक 1वीक बाद ही तेरे भैया ने मेरे साथ वो भी कर दिया.
मे-और आपने खुशी-2 करवा लिया.
करू-यस अब हॅरी की खुशी में ही मेरी खुशी है.
मे-बस एक बार ही किया.
करू-अरे नही फिर तो जब भी मौका मिला तभी पकड़ लिया छिलकोज़ू ने मुझे.
मे-सिर्फ़ भैया के साथ ही किया या किसी और के साथ भी.
करू-ओये महा-मूरख लड़की. वन आंड ओन्ली तेरे भैया के साथ समझी. किसी और ने तो मुझे टच तक नही किया और तेरे भैया ने मेरे जिस्म का कोई ऐसा हिस्सा नही छोड़ा यहाँ टच ना किया हो. तूने तो कोई ऐसी वैसी हरकत नही की किसी के साथ.
मे-नही भाभी मैं तो बहुत शरीफ हूँ.
करू-दिख रही है मुझे तेरी शराफ़त. अगर तूने कोई ग़लत काम किया ना तो देखना बहुत मारूँगी मैं तुझे.
मे-ओये मेरी 'हिट्लर भाभी' अब बस भी करो.
करू-अच्छा फिर बात करूँगी. बाइ स्वीतू.
मे-बाइ भाभी.
भाभी से बात करने के बाद मैं नीचे आ गई. अब अंधेरा काफ़ी हो चुका था मैने सब के साथ मिल कर खाना खाया और फिर अपने रूम में चली गई. आज नींद थी कि आने का नाम ही नही ले रही थी. शायद दिन में सो लेने की वजह से नींद आँखों से दूरी बनाए हुए थी. मैने सोचा चलो तुषार को फोन करती हूँ.
मैने उसका नो. मिलाया और कुछ देर रिंग जाने के बाद उसने फोन उठाया.
तुषार-हाई मेरी सेक्सी जानेमन कैसी हो.
मे-ठीक हूँ तुमने तो मेरा हाल पूछने की ज़रूरत तक नही समझी.
तुषार-ओह हो ऐसी बात नही है जानू. तुम जानती तो हो मम्मी बीमार है मेरी.
मे-क्यूँ आंटी ठीक नही हुई अभी तक.
तुषार-पहले से बेहतर हैं अब.
मे-ओके गुड.
तुषार-अच्छा रीत बाद में फोन करता हूँ मम्मी बुला रही हैं.
मे-ओके ओके गो.
उसने फोन काट दिया और मैं सोचने लगी अब क्या करू. तभी मेरे मोबाइल. की रिंग बज उठी. मैने नंबर. देखा तो आकाश का था. मैने मन में सोचा लो आ गया कमीना.
मैने फोन उठाया और कहा.
मे-यस किससे मिलना है आपको.
आकाश-एक कली से मिलना है जो आज ही फूल बनी है वो भी मेरी आँखों के सामने.
मे-बकवास बंद करो अपनी.
आकाश-ये बकवास नही है डार्लिंग जब से तुम्हारा नंगा बदन देखा है तब से मेरा पप्पू बैठने का नाम ही नही ले रहा है. बस तुम्हे ही याद कर रहा है.
मे-अपने पप्पू को कहो कि भूल जाए मुझे और सिर्फ़ महक के बारे में सोचे.
आकाश-अरे यार कहाँ महक का नाम ले दिया सारा मूड ऑफ कर दिया.
मे-देखो आकाश मैं तुम्हे कुछ बताना चाहती हूँ प्लीज़ ध्यान से सुनो.
आकाश-बताओ आपकी सुन ने के लिए ही तो बैठे हैं.
मे-देखो आकाश मैं महक के बारे में तुम्हे कुछ बताना चाहती हूँ.
आकाश-क्या.
मे-आकाश महक तुम्हे बहुत प्यार करती है और तुम हो कि उसे हमेशा एंजाय्मेंट की चीज़ समझते हो.
फिर मैने वो सारी बातें उसे बताई जो मुझे महक ने उस्दिन ग्राउंड में बताई थी. मेरी बातें का असर आकाश के उपर भी हुआ. उसने मुझसे वादा किया कि वो अब महक को कभी इग्नोर नही करेगा. मगर फोन पे मेरे साथ वो फिरसे पहले की तरह फ्लर्ट करने लगा. मैं यही चाहती थी कि आकाश मेरे साथ भी ऐसा ही रहे और महक को भी पूरा प्यार दे.
आकाश-अच्छा रीत अब मैने तुम्हारे साथ वादा किया है कि मैं महक को इग्नोर नही करूँगा. अब तुम्हे भी मुझे वादा देना होगा.
मे-कैसा वादा.
आकाश-यही कि जैसा आज तुषार के नाम तुमने एक पैंटी की वैसे ही मेरे नाम भी एक पैंटी करोगी.
मे-अरे ये कैसा वादा हुआ.
आकाश-बस तुम वादा करो. मुझे पता है तुम चाहत हो मेरी तुम्हारे साथ सेक्स करना. मगर तडपा रही हो मुझे.
मे-ना बाबा ना मैं कोई वादा नही करूँगी अगर तुम में हिम्मत है तो देखा जाएगा.
आकाश-चॅलेंज कर रही हो.
मे-कुछ ऐसा ही समझ लो.
आकाश-ओके तो फिर ठीक है याद रखना रीत डार्लिंग अगर मैने अपना लंड तुम्हरे दोनो छेदो में ना घुसाया तो अपना नाम बदल दूँगा.
मे-ओके तो अभी से नाम सोचना शुरू करदो.
और मैने फोन काट दिया. क्योंकि वो कमीना तो पीछे ही पड़ गया था. फिर मैं सोने की कोशिश करने लगी और आख़िरकार मैं सपनो की दुनिया में खो गई.
दूसरे दिन सुबह उठी और रूटीन की तरह फ्रेश हो कर खाना खाकर स्कूल चली गई. बस फिर ऐसे ही दिन गुज़रते गये. तुषार और आकाश लगभग रोज़ ही फोन करते और मुझे गरम करते रहते. स्कूल में भी तुषार को जब भी मौका मिलता तो वो मुझे पकड़ लेता और बस शुरू हो जाता कभी क्लास रूम में तो कभी लाइब्ररी में बस वो मुझे पकड़ लेता. स्कूल में मैं उसे कपड़े नही उतारने देती थी बस वो उपर उपर से मसल कर मज़े लेता रहता स्कूल में तक़रीबन सभी स्टूडेंट्स को पता चल चुका था कि रीत और तुषार दोनो की जोड़ी बन चुकी. सभी लड़के तुषार की किस्मत से खार खाते क्योंकि तुषार की किस्मत ही थी जो उसके हाथ मेरे जैसी कच्ची कली लगी थी. आकाश ने भी इस बीच एक दो बार बस में मेरे साथ खूब मज़े किए थे. वो लड़का रेहान भी अक्सर बस में होता मगर वो बेचारा मुझसे दूर ही रहता और आकाश को मेरे साथ चिपकते देखता रहता. ज़्यादा तर मैं बस में बच ही जाती थी क्योंकि और लोग बीच में आकर खड़े हो जाते थे लेकिन जिस दिन भी आकाश मेरे पीछे आ जाता उस दिन मेरी पैंटी का गीलेपन से बुरा हाल हो जाता. पहले बस में आकाश उसे गीली होने पर मज़बूर करता और फिर स्कूल में तुषार. आकाश का महक के साथ बिहेव अब बहुत अच्छा हो गेया था. महक भी इस बदलाव से खुश थी. ऐसे ही हंसते खेलते टाइम गुज़र गया और हमारा आख़िरी एग्ज़ॅम आ गया था.
इस बीच तुषार ने मेरे साथ एक दफ़ा और सेक्स कर लिया था. वो और मैं स्कूल से बंक करके उसके घर गयी थी. उस दिन उसके पेरेंट्स किसी शादी में गये थे. वहाँ तुषार ने पूरा दिन मेरी जी भर के चुदाई की थी. सुबह 8 बजे से लेकर शाम के 4 बजे तक उसने मुझे कपड़े नही पहन ने दिए सारा दिन मैं उसके घर में नंगी ही घूमती रही थी. और उस दिन उसने मेरे साथ सेक्स के 4 राउंड लगाए थे मेरी तो हालत पतली हो गई थी. वो कोई गोली राउंड लगाने से करने से पहले ख़ाता था और फिर लगातार 30-40मिनट तक मुझे चोदता रहता था. मेरी परी का बुरा हाल कर दिया था उसने उस दिन.
.................
अब कल हमारा लास्ट एग्ज़ॅम था और मैने काफ़ी अच्छी तैयारी की थी एग्ज़ॅम के लिए.
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RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त - by sexstories - 07-03-2018, 12:04 PM

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