RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
सुबह आँख खुली और मैं बिस्तेर से उठ कर वॉशरूम में गई और फिर फ्रेश होकर बाहर निकली और मम्मी से चाइ लेकर पीने लगी. फिर मैं स्कूल के लिए रेडी हुई. वैसे आज स्कूल तो नही जाना था. लेकिन फिर भी घर से तो स्कूल के लिए ही निकलना था. मैने स्कूल ड्रेस ब्लू कमीज़ और वाइट सलवार पहनी और घर से निकल गई. बस स्टॉप पे आकाश रोज़ की तरह खड़ा था. मुझे खड़े कुछ ही मिनिट हुए थे कि एक वाइट कलर की स्कोडा मेरे पास आकर रुकी. आकाश मेरे पास ही खड़ा था. उस कार के शीशे ब्लॅक थे इसलिए दिख नही रहा था कि अंदर कॉन है. तुषार ड्राइवर साइड का डोर खोल कर बाहर निकला और मुझे अंदर आने का इशारा किया फिर उसने आकाश को भी गाड़ी में आने को कहा. आकाश आगे का डोर खोल कर उसके पास वाली सीट पे बैठ गया और मैं पीछे बैठ गई और साइड वाली सीट पे अपना बॅग रख दिया. गाड़ी चल पड़ी और आकाश ने कहा.
आकाश-यार कहाँ घूमने जा रहे हो आज.
तुषार-बस यार ऐसे ही सोचा थोड़ा घूम फिर आते हैं.
आकाश-तो मुझे क्यूँ बिठा लिया गाड़ी में.
तुषार-अबे तुझे स्कूल के पास छोड़ दूँगा.
आकाश-तुम दोनो नही आ रहे हो आज महक भी नही आ रही तो मैं अकेला क्या करूँगा वहाँ.
तुषार-तो तू भी साथ में चल यार.
आकाश-हां ये सही है यार सुमित के फार्महाउस पे चलते हैं वहाँ अच्छा टाइम स्पेंड हो जाएगा यार.
फार्महाउस का नाम सुनते ही मेरा दिल घबरा गया और मुझे महक की बात याद आ गई कि कैसे महक के साथ उस फार्महाउस पे इन दोनो ने....नही नही मैं वहाँ नही जाउन्गी.
तभी आकाश ने मोबाइल निकाला और किसी को फोन किया.
आकाश-हां सुमित कैसा है.
'वो फार्महाउस की चाबी चाहिए थी यार'
'ओह नो. चल कोई बात नही ओके डियर बाइ'
तुषार-क्या हुआ.
आकाश-यार उसके कुछ गेस्ट्स आए हैं फार्महाउस पे.
तुषार-ओह नो.
कहते हुए तुषार ने गाड़ी एक साइड पे रोक दी और गाड़ी से बाहर निकलते हुए कहा.
तुषार-तू चला यार गाड़ी. मैं पीछे बैठता हूँ रीत के साथ.
तुषार मेरे पास आया और मेरा बॅग उठाकर आयेज की सीट पे रख दिया और मेरे साथ बैठ गया. आकाश ड्राइवर सीट पे जाकर गाड़ी ड्राइव करने लगा.
तुषार ने अपना हाथ मेरे कंधों के पीछे से घुमा कर मेरी दूसरी ओर कर लिया और मुझे अपनी तरफ खींचा. मैं थोड़ा सा उसकी तरफ हो गई. तुषार ने अपने होंठ मेरी गाल पे रख दिए और किस करने लगा. मैं अपने गाल नीचे की ओर करती हुई उसे हटाने लगी. मगर वो नही हटा मैने उसे दूर करते हुए कहा.
मे-तुषार प्लीज़ ये सब मत करो.
तुषार-अरे डार्लिंग अब थोड़ा बहुत हक तो बनता ही है हमारा.
मे-प्लीज़ तुषार मुझे शरम आ रही है और आकाश भी तो है गाड़ी में.
तुषार-यार तुम इसकी चिंता मत करो ये पीछे नही देखेगा. साले पीछे मत देखना समझे.
आकाश-नही देखूँगा यार आप करो एंजाय.
आकाश की बात सुन ने के बाद तुषार ने मेरा दुपट्टा मेरे गले में से उतार दिया और दुपट्टा उतरते ही मेरे उरोज जो कि मेरी कमीज़ में तने हुए थे वो तुषार को दिखने लगे. तुषार को मेरे उरोजो की तरफ देखता पाकर मुझे बहुत शरम आने लगी और मैने अपने दोनो हाथों को अपने उरोजो के उपर कर लिया ताकि उन्हे तुषार की नज़रों से बचा सकूँ. तुषार ने मेरे दोनो हाथों को पकड़ा और उठाकर अपने गले में डाल दिए और मुझे अपनी तरफ खीच लिया. अब मेरी एक टाँग सीट के उपर थी तो दूसरी नीचे और तुषार भी ऐसे ही बैठा था अब हम बिल्कुल एक दूसरे के सामने थे. तुषार मुझे घूर रहा था जिसकी वजह से मुझे बहुत शरम आ रही थी. तुषार ने मुझे अपने और पास खीच लिया अब हमारे होंठों के बीच बहुत कम फासला था. उसके होंठ मेरे होंठों की तरफ आने लगे और आख़िरकार मेरे होंठों को उसके होंठों ने क़ैद कर लिया. मेरी आँखें बंद होती चली गई और मैं मदहोश होकर चुंबन में तुषार का पूरा साथ देने लगी.
तुषार मेरे होंठो को बेदर्दी से चूस रहा था मुझे भी उसकी इस बेदर्दी में बहुत मज़ा आ रहा था. वो कभी मेरे उपर वाले होंठ को तो कभी नीचे वाले होंठ को अपने होंठो में लेता और अपनी तरफ खीचता मेरे होंठ भी उसके होंठों के साथ उसकी तरफ खिचे चले जाते. मैं आँखें बंद करके उसके चुंबन का मज़ा ले रही थी. मैं भूल चुकी थी कि हम दोनो के अलावा आकाश भी गाड़ी में है जो शायद हमे ही देख रहा है. तुषार के हाथ अब मेरी जांघों पे घूमने लगे थे और उसके हाथ जांघों पे महसूस करते ही मेरी योनि में सरसराहट होने लगी थी. मैने अपनी जांघों को आपस में भींच लिया और अपने हाथ नीचे लेज़ा कर उसके हाथों को अपनी जांघों के उपर से हटाने लगी. मगर तुषार अपने हाथ वहाँ से हटने को तयार नही था. उल्टा उसने मेरी दोनो लेग्स को पकड़ा और उन्हे उपर उठाते हुए मुझे अपनी तरफ खीचा. उसके खीचने की वजह से हमारे होंठ एक दूसरे से अलग हो गये और मेरे नितंब सीट के उपर घिसते हुए उसके पास पहुँच गये. मेरी दोनो टाँगें उसकी कमर के इर्द-गिर्द फैल गयी और मेरा सर पीछे की तरफ होता हुआ गाड़ी के डोर के साथ जाकर टिक गया. अब मैं सीट के उपर लगभग लेट गई थी और तुषार मेरी टाँगों के बीच था. तुषार ने अपनी टी-शर्ट उतार दी और उसे साइड पे फेंक दिया. टी-शर्ट उतारते देख मैने उसे कहा.
मे-टी-शर्ट क्यूँ उतार रहे हो तुम.
तुषार-बहुत गर्मी है डार्लिंग मैं तो कहता हूँ तुम भी उतार दो.
मे-बकवास मत करो मैं नही उतारने वाली.
तुषार-देखते हैं जानू.
मैने देखा तुषार की बॉडी भी काफ़ी अच्छी थी. हां लेकिन आकाश जितनी नही थी लेकिन फिर भी बहुत अच्छे से मैंटेन किया था उसने अपनी बॉडी को.
वो अब मेरे उपर लेट गया और फिरसे मेरे होंठों को चूसने लगा. मैने भी उसके गले में बाहें डाल दी और उसका साथ देने लगी. उसके हाथ अब हम दोनो के शरीर के बीच मेरे उरोजो के उपर पहुँच चुके थे और वो उन्हे मेरे कमीज़ के उपर से ही हाथों में भर कर मसल्ने लगा था. उरोजो के मसले जाने की वजह से मेरे पूरे शरीर में मस्ती की लहरें दौड़ने लगी थी. वो जितनी ज़ोर से मेरे उरोज मसलता मैं उतनी ही ज़ोर से उसके होंठ को चूस देती. तुषार मेरी इस हरकत से पागल सा हो गया. वो भी ज़ोर ज़ोर से मेरे होंठो को चूसने लगा और बीच-2 में बाइट भी करने लगा जिसकी वजह से मेरे होंठ दर्द करने लगे. मैने उसका चेहरा अपने हाथों में थाम लिया और उसे दूर हटाने लगी. बड़ी मुश्क़िल से मैने अपने होंठों को उसके होंठों की क़ैद से छुड़ाया. मैने अपना हाथ होंठों पे रखा तो मुझे अपने हाथों पे थोड़ा खून नज़र आया. मैने तुषार को मारते हुए कहा.
मे-तुमने खून निकाल दिया देखो.
तुषार-कोई बात नही डार्लिंग अभी सॉफ कर देता हूँ.
और वो अपनी जीभ निकालकर मेरे होंठों पे फिराने लगा और सारा खून चाट कर सॉफ कर दिया. अब उसने अपना चेहरा नीचे किया और मेरे उरोजो के उपर कमीज़ के उपर से ही अपनी जीभ फिराने लगा. मैने आकाश की तरफ देखा वो आगे देखता हुआ गाड़ी चला रहा था. आचनक उसने पीछे देखा और हमारी नज़रें एक हो गई. वो मुझे देखकर स्माइल करने लगा और बदले में मैने अपनी जीभ निकाल कर उसे चिड़ा दिया. अब तुषार ने अपने दोनो हाथों से मेरा कमीज़ पकड़ा और धीरे-2 उसे उपर सरकाने लगा और मेरा गोरा और चिकना पेट उसकी आँखों के सामने नंगा हो गया. मैने अपना कमीज़ नीचे करना चाहा मगर उसने मेरे हाथों को अपने हाथों में पकड़ लिया. जैसे ही उसके होंठ मेरे पेट के उपर मुझे महसूस हुए तो मेरा पूरा शरीर काँप उठा और एक आहह मेरे मूह से निकल गई. वो अपने होंठ मेरे गोरे पेट के उपर फिराने लगा मेरे लिए ये बर्दाश्त करना बहुत मुश्क़िल हो रहा था मेरी साँसें तेज़-2 चलने लगी जिसकी वजह से मेरा पेट उपर नीचे होने लगा. तुषार के हाथ अब मेरी सलवार के नाडे के उपर पहुँच गये और जैसे ही वो उसे खोलने लगा तो मैने झट से उसके हाथों को थाम लिया और कहा.
मे-प्लीज़ तुषार इसे मत खोलो.
तुषार-रीत प्लीज़ यार अब नखरा मत करो खोलने दो ना मुझे एक बार तुम्हारी चूत देखनी है.
मे-मुझे नही दिखानी.
तुषार ने अब अपने हाथ वहाँ से हटाए और फिर मेरे हाथों को अपने हाथों में जाकड़ लिया. वो अपना चेहरा मेरी योनि की तरफ लेकर गया और उसने झट से मेरे नाडे को अपने दाँतों के पीछ पकड़ कर खीच दिया और मेरी सलवार नाडा खुलते ही ढीली हो गई. मैं अपनी टाँगें इधर उधर हिलाते हुए कहने लगी.
मे-तुम बहुत बड़े कमिने हो तुषार.
तुषार-यस वो तो मैं हूँ.
अब उसने मेरी सलवार को किनारों से पकड़ा और मेरी उपर उठी टाँगों में से बाहर निकालने लगा. मैं कुछ कर पाती उस से पहले ही मेरी सलवार मेरी टाँगों से अलग हो गई और तुषार ने उसे आकाश के पास आगे फेंक दिया. आकाश ने पीछे देखा और वो मेरी बे-परदा हो चुकी नंगी मसल जांघे को घूर्ने लगा. मैं एकदम से सीधी होकर बैठ गई और अपना कमीज़ नीचे करते हुए अपनी जांघों को ढकने लगी.
मैने आकाश की तरफ देखते हुए कहा.
मे-आकाश मेरी सलवार वापिस दो प्लीज़.
आकाश-अरे रीत मैने थोड़े ही ना उतारी है जिसने उतारी है उस से माँगो.
मे-प्लीज़ तुषार मेरी सलवार दो वरना मैं तुम्हे कभी नही बुलाउन्गी.
तुषार-ओह डार्लिंग नाराज़ मत हो प्लीज़.
तुषार अब अपनी पैंट उतारने लगा और मैं अपनी नग्न जांघे छिपाने लगी.
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