Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
07-03-2018, 11:56 AM,
#6
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
तुषार के हाथ को जैसे ही मैने अपने नितंबों के नीचे महसूस किया तो मेरे पूरे शरीर में मस्ती की एक लहर सी दौड़ गई. लेकिन अब मैं अपने नितंबो को उसके हाथ के उपर हिला नही रही थी क्यूंकी मुझे बहुत शरम आ रही थी ये सोच सोच कर कि मैं तुषार के हाथ के उपर बैठी हूँ. तुषार की उंगलियाँ मुझे अपने पीछे वाले छेद के उपर महसूस हो रही थी. मुझे हिलते ना देख तुषार ने फिरसे मेरे कान में कहा.
तुषार-अब महक की तरह हिलो भी देखना कितना मज़ा आएगा.
मैने थोड़ा थोड़ा खुद को उसके हाथ के उपर हिलाना शुरू कर दिया और फिर मेरी स्पीड बढ़ती गई और मैं अच्छे से अपने नितंब उसके हाथ पे रगड़ने लगी. मैं बेकाबू हो चुकी थी और मेरे पूरे शरीर में मस्ती भर गई थी. मेरी योनि ने एक बार फिरसे रस टपकाना शुरू कर दिया था. तुषार का एक हाथ मेरे नितंबों के नीचे था और उसका दूसरा हाथ अब मेरी जांघों पे घूमने लगा था. उसकी हरकतों ने मुझे मदहोश कर दिया था और मैं उसके हाथों की कठपुतली बन चुकी थी. जाँघो के उपर घूम रहा उसका हाथ अब मेरी योनि की तरफ बढ़ चुका था. मेरे अंदर एक आग सी लगी हुई थी जो बहुत तेज़ी से मेरी योनि की तरफ बढ़ती हुई महसूस हो रही थी. जैसे ही उसका हाथ मेरी योनि के उपर पहुँचा तो मैने अपनी जांघों को कस कर भींच लिया मेरी आँखें अपने आप बंद हो गई और मेरी साँसें तेज़ तेज़ चलने लगी और मेरे अंदर की आग मेरे कम के रूप में मेरी योनि में से बाहर निकल गई. मैने अपने नितंबों को उसके हाथ पे घिसना अब बंद कर दिया था और मैं अपने दोनो हाथों से उसका हाथ जो की मेरी योनि पे था उसे बाहर निकालने लगी थी. जब तुषार ने अपना हाथ वहाँ से हटाया तो मैने देखा कि मेरी योनि से निकलने वाला कम उसके हाथ के उपर भी लगा हुआ था. जिसे देखकर मैं बुरह तरह से शरमा गई मैने थोड़ा सा उपर उठकर तुषार का हाथ अपने नीचे से निकाल दिया. तुषार से आँखें मिलाने की मेरी हिम्मत नही हो रही थी. मैने चुपके से उसकी तरफ देखा तो वो उस हाथ को चाट रहा था जो कि थोड़ी देर पहले मेरी योनि पे लगा हुआ था. उसने धीरे से मुझसे पूछा.
तुषार-मज़ा आ गया रीत तुम्हारी योनि का पानी बहुत टेस्टी है. तुम्हे मज़ा आया ना.
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और नज़रें नीची कर मुस्कुराने लगी.
अब मैं वहाँ से उठना चाहती थी और वॉशरूम में जाना चाहती थी. मैने महक और आकाश की तरफ देखा वो दोनो अब भी वैसे ही लगे हुए थे. मैं ये सोच कर घबराने लगी कि कही इन्होने मुझे तुषार के साथ ये सब करते देख तो नही लिया. मैं आकाश की सीट से उठी और क्लास से बाहर निकल गई और सीधा वॉशरूम में जाकर घुस गई मैने अपनी सलवार खोल कर नीचे की तो देखा मेरी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी. मैने सलवार उतार दी और फिर पैंटी भी उतारकर वहीं एक कोने में फेंक दी और जल्दी से वापिस सलवार पहन कर वॉशरूम से निकल गई. जब में क्लास में पहुँची तो हमारे टीचर क्लास में आ चुके थे. मैं जाकर अपनी सीट पे बैठ गई आकाश अपनी सीट पे जा चुका था. मेरा बिल्कुल भी मन नही लग रहा था पढ़ाई में. जैसे तैसे पहला पीरियड ख़तम हुआ. नेक्स्ट पीरियड आज फ्री था क्यूंकी मथ्स की मॅम आज नही आई थी. मैने महक को लाइब्ररी चलने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया. मैं अकेली ही उठ कर लाइब्ररी में चली गई. वहाँ कुछ और स्टूडेंट्स भी बैठे थे. मैने एक किताब उठाई और एक कोने में जाकर बैठ गई और पढ़ने लगी. थोड़ी देर बाद मुझे तुषार लाइब्ररी में दिखाई दिया. वो सीधा आकर मेरे साथ वाली कुर्सी पे बैठ गया. मैं कुर्सी के उपर बैठी थी और सामने लगे टेबल जो कि मेरे ब्रेस्ट्स तक आता था उसके उपर बुक रख कर पढ़ रही थी. तुषार ने अपने दोनो हाथों में मेरा हाथ पकड़ लिया और बोला.
तुषार-रीत तुम्हे पता है तुम बहुत खूबसूरत हो. तुम्हे देखकर तो कोई साधु संत भी तुम पर मोहित हो जाए.
मैं उसकी बातें सुनकर अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रही थी.
उसने आगे कहा.
तुषार-रीत शायद तुम्हे महक ने बताया होगा कि मैं तुम्हे पसंद करता हूँ. पहले मेरी हिम्मत नही होती थी तुमसे कुछ कहने की लेकिन आज क्लास में तुमने मेरा साथ दिया तो मुझे लगा कि तुम भी मुझे चाहती हो.
आइ लव यू रीत.
मैं कुछ नही बोल पा रही थी मुझे कुछ ना बोलते देख वो फिरसे बोला.
तुषार-मुझे पता है रीत तुम मेरी बातों का जवाब देने की हालत में नही हो. आज घर जा कर अच्छे से सोचना और अगर तुम्हारी हां हुई तो कल सुबह जल्दी आ जाना और मुझे यहाँ लाइब्ररी में आकर मिलना मैं यहीं तुम्हारा इंतेज़ार करूँगा.
फिर उसने मेरे हाथ को चूमा और उठ कर वहाँ से बाहर निकल गया.
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि मैं क्या करू. फिर मैने सोचा कि इस मामले में अगर घर जा कर ही सोचा जाए तो ज़्यादा बेटर रहेगा.
फिर मैं वहाँ से उठी और अपनी क्लास में जाकर बैठ गई क्यूंकी नेक्स्ट पीरियड अब शुरू होने वाला था.
पूरा दिन बड़ी मुश्क़िल से निकला और आख़िरकार स्कूल ऑफ होने के बाद मैं और महक बस स्टॉप की तरफ चल पड़े. मुझे खामोश देखकर महक बोली.
महक-रीतू आज तू बड़ी चुप चाप सी है क्या बात है.
रीत-कुछ नही महक बस थोड़ा सर दर्द कर रहा है.
मैं उसे अभी कुछ बताना नही चाहती थी. मैने एक ऑटो को रोका और मैं और महक उसमे बैठ कर घर की तरफ निकल पड़े.
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त - by sexstories - 07-03-2018, 11:56 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,639,803 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 560,411 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,292,746 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 976,952 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,732,064 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,146,430 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,065,373 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,449,906 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,158,068 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 298,171 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)