Kamukta Story घर की मुर्गियाँ
06-14-2021, 12:12 PM,
#97
RE: Kamukta Story घर की मुर्गियाँ
नेहा- "आअहह... भैय्य्या कुछ करो प्लीज़्ज़.."

समीर- क्या हुआ मेरी चुलबुली?

नेहा- “आह्ह... भैय्य्या बहुत बेचैनी है.."

समीर- “अभी दूर करता हूँ..” और समीर नेहा के दोनों पैर खोल देता है, तो सामने चूत मुँह खोले बुला रही थी।

समीर भी अपने होंठ चूत से लगा देता है।

नेहा तड़प जाती है। समीर चूत को बड़ी ही मस्ती में चटता है। मगर नेहा को अब कुछ और चाहिए था। मगर समीर बस नेहा की चूत को चूसने पर लगा था।

नेहा- “भइया डाल्लो ना... अपना लण्ड.."

समीर के कानों में नेहा की ये आवाज टकराती है, तो समीर चूसना छोड़ देता है और नेहा के चेहरे को देखने लगता है। नेहा वासना की आग में पूरी जल चुकी थी। अब ये आग सिर्फ लण्ड ही बुझा सकता था। समीर नेहा की चूत में उंगली डालकर देखता है की लण्ड घुस सकता है क्या? मगर समीर को नहीं लगता इतनी छोटी जगह में ये मोटा सांड़ कैसे घुसेगा?

आज समीर को अपना ही लण्ड बहुत बड़ा महसूस हो रहा था। क्योंकी समीर नेहा को रोता बिलखता नहीं देख पायेगा

नेहा- क्या सोचने लगे भइया?

समीर- “नेहा, तू अभी बहुत छोटी है। ये सब तुझसे नहीं होगा.." और समीर नेहा की चूत को दोनों हाथों से फैलाकर सुराख देखता है, जो एक इंच भी नहीं लग रहा था, जबकी समीर का लण्ड दो इंच से भी मोटा था।

नेहा- भइया तुम फिकर ना करो में सब सह लूंगी। तुम अंदर तो डालो।

समीर- सब ऐसे ही कहते हैं, जब अंदर जायेगा तब पता चलता है।

नेहा- मैं प्रामिस करती हूँ मैं नहीं रोऊँगी। तुम डालो... अब मुझसे सबर नहीं हो रहा।

अब समीर नेहा की जिद के आगे झुक गया। फिर भी समीर जानता था ये काम बहुत मुश्किल है। वो तेल की शीशी से तेल निकालकर दोनों पर चुपड़ता है, और लण्ड को आखिरकार, चूत पर रख देता है। नेहा को बड़ा सुकून मिला चूत से लण्ड के टच होने पर। मगर समीर कोई जल्दी के मूड में नहीं था। ये सब नेहा का प्यार ही था जो समीर को रोकके हए था बस। समीर लण्ड को चूत पर बाहर-बाहर रगड़ने लगा।

नेहा का पानी लगातार बहे जा रहा था। नेहा आँखें बंद किए लण्ड को अंदर जाने के अहसास में थी। मगर जब समीर अंदर ही नहीं कर रहा था तो नेहा फिर बोलती है- “क्या भइया, अंदर क्यों नहीं करते आप?"

समीर ने भी अब एक धक्का मार ही दिया। लण्ड चूत की दीवार तोड़ता हआ लगभग आधा घुस गया।

नेहा- "आईईई... आss उम्म्म्म
... आआआ आss मर गईई...

बेचारा समीर भी डर गया, और कहा- "नेहा। मेरी बहाना तू ठीक है... तू कहे तो बाहर निकाल लूं।

नेहा- अह्ह... सस्स्सी बहुत दर्द हो रहा है अहह... स्स्स्सी .."

समीर- बाहर निकालू क्या?

नेहा- नहीं, बस यू ही रहने दो आअहह... स्स्स्स्सी ... इसस्स्स .."

समीर नेहा को किस करने लग गया जिससे नेहा का ध्यान बँट जाय, और वास्तव में नेहा का ध्यान किस में चला गया और नेहा खुद भी किस में ध्यान दे रही थी। समीर का आधा लण्ड चूत में यू ही पड़ा था। समीर किस करता हुआ अब चूचियां चूसने लगा। 15 मिनट में नेहा बिल्कुल नार्मल लग रही थी समीर को। नेहा खुद भी नार्मल महसूस कर रही थी।

नेहा- भइया कितना बाहर है?

समीर- लगभग 4 इंच बाहर है।

नेहा- भइया एक इंच और अंदर डाल दो मगर धीरे-धीरे।

समीर भी बड़े ही धीरे-धीरे लण्ड अंदर सरकाने लगा। समीर की कोशिश में लगभग 10 मिनट में धीरे-धीरे पूरा लण्ड ही घुस गया।

समीर- अब कैसा लग रहा है?

नेहा- कितना घुस गया?

समीर- खुद ही देख लो?

नेहा अपना हाथ लण्ड पर ले जाती है, मगर लण्ड तो पूरा जड़ तक घुस चुका था। नेहा ने पूछा- “भइया कहां गया आपका?"

समीर- वो तो तुम पूरा का पूरा चूत में ले चुकी हो।

नेहा- क्या सच्ची?

समीर- तेरी कसम सच्ची,

नेहा- पूरा चला गया अब तो इतना दर्द भी नहीं।

समीर अब हल्के से लण्ड को बाहर खींचता है। मगर जरा सा भी तेज खींचता या डालता, तो फौरन नेहा को दर्द होता। मगर अब नेहा बिल्कुल भी विरोध नहीं कर रही थी। बल्की हल्का-हल्का खुद भी साथ दे रही थी। नेहा की
अहह... अहह... स्स्सी ... स्स्सी ... बढ़ने लगी- “आहह... हाँ हाँ स्स्सी ... सस्सी ... उम्म्म्म ...” करने लगी।

समीर झड़ना चाहता था मगर नेहा का अभी कुछ पता नहीं था। कंट्रोल करता हुआ नेहा से पूछता है- “कैसा लग रहा है मेरी जान नेहा?"

नेहा- भइया मजा आने लगा, तेज कर सकते हो जितना उतना तेज करो।

समीर सोचने लगा- “नेहा भी किसी भी पल झड़ सकती है। एक-दो तेज धक्के मार दूं तो मैं भी नहीं रुक सकूँगा..." और समीर का कंट्रोल भी खतम हो गया और ताबड़तोड़ धक्के लगा दिए थे। दोनों एक साथ झड़ गये।

आज नेहा कली से फूल बन गई। नेहा को आज अपने सब्र का फल मिल गया था। एकदम फँस हो नेहा, और पहली चुदाई का दर्द भरा सुख नेहा को नींद की आगोश में ले लिया। समीर भी सफर की थकान और फिर चुदाई, वो भी सील तोड़ने वाली मेहनत। समीर में इतनी भी हिम्मत नहीं थी की कपड़े भी पहने। अभी दिन के दो बजे थे, और दोनों एक दूजे के ऊपर नंगे ही सो गये। चुदाई के बाद की नींद कितनी सुकून भरी आई।
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RE: Kamukta Story घर की मुर्गियाँ - by desiaks - 06-14-2021, 12:12 PM

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