DesiMasalaBoard साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन
09-13-2020, 12:21 PM,
#31
RE: DesiMasalaBoard साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन
ज्योति ने अचम्भे से सुनीता की और देखा और बोली, "अच्छा? इसका मतलब सुनील जी भी कर्नल साहब से कुछ कम नहीं है।"

सुनीता ने ज्योतिजी से पूछा "दीदी आप कह रही थीं ना की आपको बदन में काफी दर्द है तो आप अब लेट जाओ, मैं आपका थोड़ा हल्का फुल्का मसाज कर देती हूँ। "

सुनीता की प्यार भरी बात सुनकर ज्योतिजी बड़ी खुश हुई और बोली, "हाँ बहन अगर थोड़ी वर्जिश हो जायेगी तो बेहतर लगेगा। मैं सोच तो रही थी की तुझे कहूं की थोड़ी मालिश कर दे पर हिचकिचा रही थी।"

सुनीता ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा, " जाइये, मैं आपसे बात नहीं करती। एक तरफ तो आप मुझे छोटी बहन कहती हो और फिर ऐसे छोटी सी बात के लिए हिचकिचाती हो? देखिये दीदी, जिस तरह से आपने मुझमें इतना विश्वास जताया है (सुनीता ने ज्योतिजी के नंगे बदन की और इशारा किया), की अब हम ना सिर्फ सहेलियां और बहनें हैं बल्कि हमारा रिश्ता उससे भी बढ़ कर है जिसका कोई नाम नहीं है। अब मुझसे ऐसी छोटी सी बात के लिए हिचकिचाना ठीक नहीं लगता दीदी।"

ज्योतिजी सुनीता की और देख कर मुस्कुरायी और बोली, "माफ़ करना बहन। मैंने ऐसा सोचा नहीं था। पर तुम ठीक कह रही हो। अब मैं ऐसा नहीं करुँगी।"

"अब आप चुपचाप उलटी लेट जाइये।" सुनीता ने अपना अधिकार जताते हुए कहा।

ज्योति आज्ञाकारी बच्ची की तरह पलंग पर उलटी लेट गयी। ज्योति के मादक कूल्हे और उनकी गाँड़ के दो गाल और उनके बिच की हलकी सी की दरार सुनीता ने देखि तो देखती ही रह गयी। ज्योतिजी का पूरा बदन पिछवाड़े से भी कितना आकर्षक और कमनीय लग रहा था! ज्योति जी की पीठ से सिकुड़ती हुई कमर और फिर अचानक ही कमर के निचे कूल्हों का उभार का कोई जवाब नहीं। गाँड़ की दरार ज्योति की दोनों जाँघों के मिलन के स्थान पर बदन के निचे ढकी हुई चूत का अंदेशा दे रही थी।

ज्योति की जाँघे जैसे विश्वकर्मा ने पूरा नाप लेकर एकदम सुडौल अनुपात में बनायी हो ऐसा जान पड़ता था। घुटनों के निचे की पिंडी और उसके निचे के पॉंव के तलवे भी रंगीले और लुभावने मन मोहक थे। सुनीता ने सोचा की इतनी प्यारी और लुभावनी कामिनी ज्योति भला यदि उसके के पति को भा गयी तो उसमें उस बेचारे का क्या दोष?

मालिश करने वाले तेल को हाथोँ पर लगा कर सुनीता ने ज्योतिजी के पॉंव की मालिश करनी शुरू की। ज्योति जी के करारे बदन के माँसल अंग अंग को छु कर जब सुनीता को ही इतना रोमांच हो रहा था तो अगर उसके पति सुनील को ज्योतिजी के करारे नंगे बदन को छूने का मौक़ा मिले तो उनका क्या हाल होगा यह सोच कर सुनीता का भी मन किया की वह भी कभी ना कभी अपने पति की इस कामिनी को चोदने की मनोकामना पूरी करने लिए सहायता करना चाहेगी।

फिर सुनीता सोचने लगी की अगर उसने ऐसा करने की कोशिश की तो फिर ज्योति जी भी चाहेगी की सुनीता को खुद को भी तो जस्सूजी से चुदवाना पडेगा। जस्सूजी से चुदवाने का यह विचार ही सुनीता के रोंगटे खड़ा करने के लिये काफी था।

फिलहाल सुनीता ने ज्योति जी की मालिश पर ध्यान देना था। धीरे धीरे सुनीता के हाथ जब ज्योति के कूल्हों को मलने लगे और वह उनके कूल्हों के गालों को दबाने और सहलाने लगी तो ज्योति जी के मुंहसे हलकी सी "आह्हह..." निकल पड़ी। सुनीता के हाथोँ का स्पर्श ज्योतिजी की चूत में हलचल करने के लिए पर्याप्त था।

ज्योतिजी ने लेटे लेटे सुनीता से कहा, "मेरी चद्दर गीली करवाएगी क्या? तेरे हाथों में क्या जादू है? मेरी चूत से पानी ऐसे रिस रहा है जैसे मैं क्या बताऊं? मेरे पॉंव जकड से गए थे। अब हलके लग रहे हैं।"

सुनीता ने कहा, "मैंने मसाज करने की ट्रैनिंग ली है दीदी। आप बस देखते जाओ। आप रुकिए, क्या मैं आप के निचे यह प्लास्टिक का कपड़ा रख दूँ? इस से चद्दर गीली या तेल वाली नहीं होगी। वरना चद्दर और भी गीली हो सकती है।" ज्योतिजी ने एक प्लस्टिक की चद्दर की और इशारा किया जिसे सुनीता ने उठ कर ज्योतिजी के नंगे बदन के निचे रख दिया और फिर ज्योतिजी का मालिश करना जारी रखा।

सुनीता ने अच्छी तरह ज्योतिजी की गाँड़ के गालों को रगड़ा और अपनी एक उंगली गाँड़ की दरार में हलके से ऐसी घुसाई की सीधी निचे ढकी हुई चूत की पंखुड़ियों को छूने लगी। गाँड़ के ऊपर से ही धीरे धीरे सुनीता ने ज्योतिजी की चूत को भी सहलाना शुरू किया। हर औरत की यह अक्सर कमजोरी होती है जब उसकी चूत की संवेदनशील लेबिया को कोई स्पर्श करे या सहलाये तो उसे चुदवाने की प्रबल इच्छा इतनी जागरूक हो जाती है की उसका स्वयं पर कोई नियत्रण नहीं रहता। तब वह कोई भी हो उससे चुद वाने के लिए तैयार हो ही जाती है।

सुनीता ने महसूस किया की ज्योतिजी की चूत में तब भी जस्सूजी का थोड़ा सा वीर्य था जो सुनीता ने अपनी उँगलियों में महसूस किया। जस्सूजी के अंडकोषों में कितना वीर्य भरा होगा यह सोच में सुनीता खो गयी। जब वह इतने सुदृढ़, माँसल और ताकतवर थे तो वीर्य तो होगा ही।

सुनीता ने अपने हाथ हटा लिए और देखे तो उस पर जस्सूजी का कुछ वीर्य भी चिपका हुआ था। कपडे से हाथों को पौंछ फिर उसपर तेल लगा कर सुनीता ज्योतिजी की कमर और पीठ पर मालिश करने में लग गयी।

धीरे से सुनीता ने ज्योतिजी की पीठ का मसाज इतनी दक्षता से किया की ज्योतिजी के मुंह से बार बार आह... ओह... बहुत अच्छ लग रहा है, बहन। तेरे हाथों में कमाल का जादू है। बदन से दर्द तो नाजाने कहाँ गायब हो गया।" बोलती रही।
Reply


Messages In This Thread
RE: DesiMasalaBoard साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन - by desiaks - 09-13-2020, 12:21 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,556,086 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,610 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,256,259 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 949,664 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,685,530 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,107,681 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,997,133 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,208,735 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,087,519 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,261 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)