RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
मॉम सामने से आई और उन्होने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया ताकि वो चिकना हो सके...
और फिर उन्होने सोनिया की चूत भी चूसी, अब दोनो तरफ की पार्टी तैयार थी....
मॉम ने बड़े प्यार से मेरे लंड को पकड़कर सोनिया दी की चूत पर रखा और बोली : "शाबाश बेटा....अब धीरे-2 अंदर डालना....वरना इसे तकलीफ़ होगी....''
मैं मन ही मन हंस दिया....
और सोनिया भी....
मैने ठीक वैसे ही किया जैसे मॉम ने कहा था....
लंड को चूत पर रखा और उसे धीरे-2 अंदर खिसकाने लगा...
सब कुछ वैसे ही हो रहा था जैसा मॉम चाहती थी...
पर सोनिया को ऐसे लंड लेने में मज़ा नही आ रहा था..
वो ज़ोर से चिल्लाई : "ऐसे नही भाई......एक ही झटके में अंदर डालो.....डालो ना....''
और इससे पहले की मैं कुछ समझ पाता, सोनिया ने मेरे कुल्हो पर अपनी टांगे रखकर, मुझे अपने उपर पूरा खींच लिया....
और मेरा लंड दनदनाता हुआ सा उनकी चूत में घुसता चला गया....
''आआआआआआआआआआआआआआआआआहह ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.......... उम्म्म्ममममममममममममम''
एक ही पल में मेरा पूरा का पूरा लंड जड़ समेत सोनिया की चूत में था....
मैं सोनिया के उपर लेटा हुआ उसकी चूत से आ रही वाईबरेशन को महसूस कर रहा था...
और मॉम आश्चर्य से अपनी बेटी के इस कारनामे को देखकर बड़बड़ा रही थी
''ये आजकल की लड़किया बड़ी डेयरिंग बाज है.....मैं तो अपने फर्स्ट टाइम में 2 घंटे तक डरती रही थी....और ये....है भगवान...पता नही क्या होगा इसका...''
अब सोनिया का जो होना था वो तो हो ही चुका था...
मैने उसकी आँखो में देखा और उसमे मुझे एक अलग ही तरह की चमक दिखाई दी...
विजय की चमक ...
जैसे कह रही हो की
'देख लो भाई...जैसा मैने कहा था वो कर दिया है...मॉम को तुमसे चुदवा भी दिया और उनके सामने खुद भी चुद रही हूँ ....मानते हो ना मुझे....'
बस....
उसके बाद तो मैने उसके हिलते हुए मुम्मे पकड़ कर जोरों से उसकी चूत चोदनी शुरू कर दी....
इसी बीच मॉम भी अपनी टांगे फेला कर सोनिया के चेहरे पर बैठ गयी
बड़ा ही सैक्सी सीन था , मेरे सामने मेरी माँ और बहन,दोनों मजे ले रही थी थी...
बहन की चूत में तो मेरा लंड था जो अब मॉम की चूत में जाने के लिए निकल चुका था...
मैने अपना गीला लंड लेजाकर मॉम की चूत पर रखा और उन्होने भी ठीक वैसे ही मुझे अपने उपर खींचा जैसे सोनिया दी ने खींचा था...
घपप्प की आवाज़ के साथ मेरा तुर्कमानी लंड मॉम की चूत में घुसता चला गया..
अब सिसकारिया मारने की बारी मॉम की थी..
''आआआआआआआआआअहह बेटा......... शाबाश................ओफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़...... क्या लंड है रे तेरा...... कसम से ......मुझे तो खुद पर ही नाज़ हो रहा है....की ...की...ऐसा बेटा पैदा किया है.....अहह.....उम्म्म्मममममममममम......चोद बेटा...अपनी माँ को चोद ....ज़ोर ज़ोर से चोद .........''
सोनिया अब घोड़ी बन गयी और अपनी गांड लहरा दी मेरी तरफ....
मेरा लंड निकल कर उसकी गांड-हवेली की तरफ चल दिया...
और इस बार मैने अपना लंड उसकी चूत की बजाए गांड में पेल दिया....
वो तो अच्छा हुआ की मॉम अभी तक लेटी हुई थी, उन्हे यही लग रहा था की मैं सोनिया की चूत मार रहा हूँ डुग्गी स्टाइल में ...
पर असल में वो अपनी गांड मरवाई का मज़ा ले रही थी...
सैक्स ही सैक्स फैल चुका था पूरे कमरे में ....
और उस कमरे में एक के बाद दूसरे और फिर से पहले छेद में अपना लंड पेल रहा था...
आज की डेट में शायद मेरे से खुशकिस्मत लड़का कोई और नही था पूरी दुनिया में जिसे अपने घर में पूरा प्यार मिला था...
अपनी माँ का...
अपनी बहन का...
स्कूल में अपनी गर्लफ्रेंड साक्षी का ...
और बोनस के रूप में अपनी बहन की सहेली तनवी और चाँदनी...
कुल मिलाकर जब से सोनिया दी हॉस्टिल से वापिस आई थी , तब से लेकर आज तक मुझे भी नही पता था की मैं कितनी बार चूत मार चुका हूँ ...
और अब ये सिलसिला तो हमेशा के लिए चलने वाला था..
सोनिया दी के हॉस्टिल चले जाने के बाद मॉम के साथ और बाहर साक्षी और तनवी के साथ..
और ये सब करके मैने एक बात तो सीख ली थी अपनी लाइफ से की हर वो बात जो सिद्धांतो के हिसाब से ग़लत होती है, उसे करने के बाद वो उतनी ग़लत नही रहती जितना की हम सोच लेते है...
इसलिए अब मेरी लाइफ में सब सही है....
कुछ भी ग़लत नही है.
और मैं अपनी इस लाइफ को अच्छे से एंजाय कर रहा हूँ .....और करता रहूँगा.
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समाप्त
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दोस्तो , इसी अपडेट के साथ मैं अपनी इस कहानी को यही ख़त्म कर रहा हूँ ...
आशा करता हूँ की आप सभी को ये कहानी पसंद आई होगी.
मुझे पता है की मेरे ज़्यादातर दोस्त कहानी को और आगे ले जाने की बात करेंगे, पर मेरे हिसाब से इस कहानी के माध्यम से जो मैं दर्शाना चाहता था वो सब दर्शा चुका हूँ , इसके बाद जो भी होगा, वो सब रिपीट स्टोरी की तरह चलेगा..
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