RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
कुछ देर बाद सभी मिल जाते है और सोनू अपनी सास के चुतड़ों की ओर देख कर धीरे से कहती है मम्मी जी लगता है आप बहुत मज़े ले कर आ रही है नीलम कहती है क्यो तब सोनू कहती है आपकी लेग्गी बहुत गीली हो रही है तब नीलम उसकी ओर देख कर मुस्कुरा देती है, मेले में सोनू सुधा और नीलम की मोटी मोटी गान्ड और बोबो को भीड़ में बहुत से लोगो ने सहलाया और दबाया और मोका मिलने पर मनोहर और रोहित ने भी खूब मज़े लिए पूरे मेले में तीनो रंडियो की चूत बराबर पानी छोड़ती रही और दोनो मर्दो के लंड पूरे समय टाइट रहे रात को 12 बजे तक उन्होने मेले के भरपूर आनद लिए फिर वापस स्कॉर्पियो में आकर बैठ गये इस बार मनोहर ने कहा यार मुझे तो थकान हो रही है गाड़ी कौन चलाएगा तब नीलम ने कहा में चला लेती हूँ आप पीछे आराम से बैठ जाओ सोनू और सुधा पीछे बैठी थी मनोहर के आने पर सुधा बाहर आ गई और मनोहर को बैठने दिया और फिर वह भी बैठ गई अब मनोहर बहू और बेटी के बीच फसा हुआ था और दोनो के जिस्म से आती महक उसके लंड को फिर से खड़ा करने लगी थी, सभी लोग थके हुए थे इसलिए कोई भी बात नही कर रहा था नीलम गाड़ी चला रही थी और रोहित उसके पास बैठा हुआ था, नीलम ने पीछे देखा तो सुधा सोनू और मनोहर तीनो आँखे बंद किए हुए बैठे थे नीलम ने एक नज़र रोहित की ओर डाली और फिर उसके हाथ को पकड़ कर अपने गुदाज पेट पर रख दिया रोहित ने मम्मी को मुस्कुरा कर देखा और उसके मखमली पेट और गहरी नाभि को सहलाने लगा उधर मनोहर का एक हाथ सुधा की मोटी जाँघो को सहला रहा था और दूसरा हाथ सोनू की जाँघो को सहला रहा था,
सोनू और सुधा आँखे बंद किए हुए थी लेकिन उनकी चूत काफ़ी गरम हो रही थी, तभी सुधा ने कहा पापा में आपकी गोद में सर रख लूँ तब मनोहर ने कहा क्यो नही बेटे और सुधा ने अपने सर को मनोहर के गोद में रखा तो उसके दिल की धड़कने बढ़ गई उसका सर मनोहर के खड़े लंड पर रखा हुआ था और उसने अपने गालो को लंड के उपर लाकर रख लिया जिससे मनोहर के कड़क लंड पर दबाव पड़ा और उसकी उत्तेजना और भी बढ़ गई अब मनोहर ने सुधा की कमर पर हाथ रख लिया और दूसरे हाथ से सुधा के गोरे गोरे भरे हुए गालो को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से सुधा की कमर से हाथ धीरे से उसकी मोटी गान्ड के उपर रख कर हल्के हल्के अपनी बेटी की गदराई गान्ड को सहलाने लगा, सोनू ने उन दोनो की पोज़िशन को देखते हुए कहा मम्मी पीछे की लाइट ऑफ कर दीजिए ना आँखो में पड़ रही है तब नीलम ने पीछे की लाइट ऑफ कर दी अब मनोहर ने सुधा के रसीले होंठो पर उंगलिया फिराते हुए उसकी स्कर्ट जो कि उसकी मोटी गुदाज जाँघो पर चढ़ि हुई थी को हल्के से सरका दिया और सुधा के नंगे मक्खन की तरह चिकने और भारी चुतड़ों को हल्के हल्के दबोचने लगा,
सुधा की चूत तो उसकी इस हरकत से पूरी रसीली हो गई थी और जब मनोहर ने हाथ को और आगे लेजा कर सुधा की मोटी गान्ड की दरार में हाथ फेरा तो उसके लंड के ज़ोर से सुधा का सर उठाने लगा तब सुधा ने एक हाथ को अपने गालो के नीचे रख कर अपने हाथ में पापा के मोटे लंड को दबा लिया पापा के मोटे लंड की मोटाई ने सुधा को पागल कर दिया और वह हल्के हल्के मनोहर के लंड को दबाने लगी तभी मनोहर का हाथ सुधा की गान्ड की गहरी दरार में पहुच गया और उसने जब अपनी उंगलियो से सुधा की गुदा को कुरेदा तो सुधा मस्ती में पागल हो गई, अब मनोहर ने अपने हाथ से सुधा की गान्ड के छेद में उंगली पेली और जब उसकी थोड़ी सी उंगली सुधा की टाइट गान्ड के छेद में घुसी तो सुधा के मुँह से हल्की सी कराह निकल गई,
तब मनोहर ने अपनी उंगली को उसकी मोटी गान्ड से निकाल कर सूँघा और उसके लंड ने सुधा की मोटी गदराई गान्ड की मादक गंध के चलते झटके देना शुरू कर दिया मनोहर ने पूरी उंगली को अपने मुँह में भर कर उसे अपने थूक से पूरी गीली कर लिया और फिर इस बार मनोहर ने अपनी उंगली को धीरे धीरे अपनी बेटी सुधा की गुदाज गान्ड में दबाना शुरू किया उसकी उंगली फिसलती हुई जैसे जैसे सुधा की गान्ड में घुसने लगी सुधा के हाथो की पकड़ अपने पापा के लंड पर और मजबूत होती जा रही थी, सुधा की मोटी गान्ड की टाइटनेस मनोहर को पागल किए जा रही थी और मनोहर ने थोड़ी कोशिश कर के अपनी पूरी उंगली अपनी बेटी सुधा की मोटी गदराई गान्ड के छेद में पेल दी,
सुधा का मन कर रहा था कि वह खूब ज़ोर ज़ोर से सीसीया दे उसको मीठा मीठा दर्द उसे पागल किए जा रहा था फिर मनोहर ने एक हाथ से सुधा के मोटे मोटे दूध को दबोच लिया उसकी बेटी पूरी तरह उसके काबू में थी और उसके लंड को खूब दबा दबा कर मसल रही थी हल्की रोशनी में सोनू उन दोनो की मस्ती भरी हरकत देख देख कर पागल हो रही थी मनोहर ने अपनी उंगली को सुधा की मोटी गान्ड से थोड़ा बाहर खींचा और फिर से उसे उसकी गुदाज गान्ड में ठूंस दिया अब मनोहर लगातार सुधा की मोटी गान्ड में उंगली अंदर बाहर करता जा रहा था उसकी गान्ड का कसाव मनोहर को पागल कर रहा था और अपनी बेटी के पत्थर की तरह कठोर बड़े बड़े बोबो को दबाने में उसे बहुत मज़ा मिल रहा था,
सुधा अपनी मोटी गान्ड में कभी अपने पापा की उंगली पूरी कस लेती और कभी गान्ड की गुदा को एक दम ढीला छोड़ देती थी लेकिन वह उस समय गन्गना उठी जब मनोहर ने अपनी दूसरी उंगली को सुधा की चूत की फांको में रगड़ते हुए उसकी चूत के छेद में उंगली लगा दी अब वह उसकी गान्ड में उंगली पेलते हुए उसकी चूत की फांको को खोल कर उनकी मसाज भी कर रहा था और सुधा अपने पापा के मोटे लंड को दबा दबा कर मसल्ने के लिए मजबूर थी लेकिन मनोहर ने जब सुधा के मोटे मोटे दूध को एक बार कस कर दबा दिया तो सुधा के मुँह से आह की आवाज़ निकल पड़ी, मनोहर की उंगली काफ़ी सुख गई थी और बहुत मुश्किल से सुधा की गान्ड में घुस रही थी उसने एक बार सुधा की गान्ड से सट से उंगली बाहर निकाली और उसे पहले सूंघते हुए सुधा के दूध को कस कर दबाया और फिर उसने उस उंगली को एक बार और अपने मुँह में डाल कर अपनी लार से पूरी गीली कर ली और फिर से उसने सुधा की गुदा में घुसा दी, सुधा का बदन काँपने लगा उसे लग रहा था कि उसका मूत निकल जाएगा, उसने पापा के लंड को कस कर अपनी मुट्ठी में भींच रखा था तभी सुधा को एक दूसरा हाथ उसके हाथ पर पड़ता महसूस हुआ सुधा को समझते देर ना लगी कि उसकी भाभी भी अंधेरे का फ़ायदा उठा कर पापा के मस्त लंड को अपनी मुट्ठी में लेकर मसलना चाहती है उसने अपने हाथ को हटा कर भाभी के हाथ को पकड़ कर पापा के मोटे लंड पर रख दिया सोनू के हाथ में जैसे ही पापा का लंड आया उसने उनके लंड को अपनी मुट्ठी में कस लिया और सलवार के उपर से अपनी चूत को सहलाते हुए पापा के लंड की मोटाई को महसूस करने लगी,
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