Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:26 PM,
#26
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
वाह.....वाह.......वाह...... गजब का दृश्य।। कुछ ही पल में वीनीत की भाभी ने पूरी साड़ी को कमर तक उठा दी थी। कुछ ही पल के लिए विनीत की भाभी ने अपनी संपूर्ण ऊभरी हुई गदराई गांड का दर्शन करवा दी थी और उसके बाद अपनी मरून रंग की मखमली पेंटी से अपनी बेशकीमती गांड को ढँक ली।
इस नजारे को देखते ही राहुल को लगने लगा की कहीं उसके लंड से पानी का फव्वारा ना छूट पड़े .... उसके लंड में हल्का-हल्का और मीठा दर्द होने लगा था। लंड की नसें लंड के ऊपर ही ऊपस आई थी। नसों में खून का दौरा तीव्र गति से हो रहा था। ऐसा लगने लगा था कि लंड की नसे फट जाएंगी। 
विनीत की भाभी खास करके राहुल को अपनी गदराई गांड ही दिखाना चाहती थी इसीलिए तो साड़ी को एकदम कमर के उपर तक चढ़ा ली थी ताकि राहुल जी भरके उसकी गांड के दर्शन कर सके। उसे तो इतना यकीन ही था कि राहुल जरूर उसकी नग्नता का दर्शन कर रहा होगा लेकिन फिर भी अपनी तसल्ली के लिए वैसे ही साड़ी को कमर तक उठा कर पकड़े हुए अपनी गर्दन घुमा कर राहुल की तरफ देखी और राहुल को अपनी ही तरफ देखते हुए पाकर कामुक मुस्कान बिखेरने लगी।

राहुल की नजरे जेसे ही वीनीत की भाभी की नजरो से 
टकराई राहुल एकदम से शर्मिंदा हो गया। और अपनी नजरों को नीचे कर लिया । पेंट में उभरे हुए राहुल के तंबू को देखकर विनीत की भाभी तो मन ही मन बहुत खुश हो रही थी क्योंकि उसके बदन का जादू पूरी तरह से राहुल के ऊपर छा गया था। 
विनीत की भाभी ने पैंटी पहनने के बाद कमर पर लटकी हुई साड़ी को नीचे सरका दी और नंगी टांगें और गदराई गांड सब कुछ साड़ी की ओट में छिप गया। विनीत की भाभी आगे की तरफ घूमी और जैसे ही पहला कदम बढ़ाई उस से उठा हुआ कदम जमीन पर रखा नहीं गया और वह धम्म से बिस्तर पर कहरते हुए बैठ गई। 

ओहहह मा........ (ओर अपनी जाँघ पर हांथ रखके दबाते हुए ) मर गई रे....कमर के साथ साथ मेरी जाँघो मे भी बहुत दर्द हो रहा है। ना जाने क्या हो गया है मेरी टांगों में। 
( राहुल अभी भी बहुत शर्मिंदा था वह कैसे उससे बातें करें कैसे उससे नजरें मिलाए यह सब उसे समझ में नहीं आ रहा था। क्या करें उसकी चोरी जो पकड़ी गई थी। विनीत की भाभी ने तो उसे ना देखने के लिए बोली थी लेकिन उसके बोलने के बावजूद भी राहुल वीनीत की भाभी को पेंटी पहनते हुए देख रहा था और उसने भी अपने बदन को निहारते हुए राहुल को पकड़ ली थी। 
विनीत की भाभी राहुल की मनोदशा को भाँप ली थी। राहुल के माथे से टपक रही पसीने की बूंदे राहुल की मनोस्तिथि को पूरी तरह से बयान कर रही थी। वीनीत की भाभी अच्छी तरह से जानती थी कि उसके भरावदार नितंब के दर्शन करके राहुल पूरी तरह से गरमा चुका था। राहुल की जगह अगर कोई ओर खाया पिया इंसान होता तो अब तक उसकी बुर में अपना टनटनाता हुआ लंड डालकर कब का चोद चुका होता। 
विनीत की भाभी को अब पुरी तरह से यकीन हो चुका था की राहुल अब तक कुंवारा ही था मतलब की जवानी की बगिया में अभी कच्ची कली ही था। इस बात से वीनीत की भाभी और भी ज्यादा प्रसन्न हो रही थी। 
और राहुल से बोली।

क्या हुआ राहुल ऐसे क्यों खड़े हो तबीयत तो ठीक है ना और तुम्हारे माथे पर यह पसीना क्यों। 

( राहुल क्या कहता कुछ बोलने जैसा था ही नहीं फिर भी हड़ बड़ाते हुए बोला।)

कककककक.....कुछ नही भाभी बस यू ही थोड़ी गर्मी लग रही थी ........ इसलिए।


अरे तो पहले कहना था ना कि गर्मी लग रही है वो सामने की स्विच ऑन कर दो पंखा चालू हो जाएगा।

( राहुल तुरंत उसकी बात मानते हुए स्विच ऑन कर दिया और पंखा चालू हो गया लेकिन वह अच्छी तरह से जानता था कि उसके माथे से टपक रहे पसीने की बूंदें मौसम की गर्मी की वजह से नहीं बल्कि वीनीत की भाभी के कामुक बदन की गर्मी की वजह से पसीना टपक रहा है। विनीत की भाभी की छातियों के ऊपर से साड़ी का पल्लू नीचे लुढ़का हुआ था जिस से राहुल को
ब्लाउज के उपर से ही सही लेकिन उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को देखने का लुत्फ बराबर मिल रहा था। वीनीत की भाभी ये जानती थी कि राहुल क्या देख रहा है। किस लिए मन ही मन मुस्कुरा भी रही थी। 
राहुल के पेंट में बना तंबू एक पल के लिए भी ढीला नहीं पड़ा था जिससे उसे दर्द का एहसास भी हो रहा था। उसे वापस घर भी जाना था लेकिन जाने का मन नहीं कर रहा था। नोटबुक मिल चुकी थी इसलिए जाना तो था ही वह विनीत की भाभी से बोला।

अच्छा भाभी मैं अब चलता हूं नोट बुक देने के लिए शुक्रिया मेरी वजह से आपको तकलीफ हुई ना मैं नोटबुक लेने आता ओर ना ही आपके कमर में ईस तरह से तकलीफ होती। भाभी मैं आपसे माफी चाहता हूं। 


अरे इसमें माफी किस बात की यह तो बस हो गया इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है लेकिन अब तुम गलती कर रहे हो।


गलती कैसी गलती भाभी।


मुझे जो इस हाल में छोड़ कर जा रहे हो अगर तुम्हारी जगह वीनीत होता तो क्या मुझे इस तरह तकलीफ में छोड़कर जाता। मैं इस समय ठीक से चल भी नहीं पा रही हूं। 
( राहुल वीनीत की भाभी को हो रही तकलीफ से काफी चिंतित था। वह बड़ा मजबूर था ..... वह भी मदद करना चाहता था लेकिन कैसे करें क्या करें उसके समझ के बाहर था। फिर भी हड़ बड़ाते हुए बोला।) 

भभभ...भाभी मममममम...मैं क्या कर सकता हूं।
( विनीत की भाभी आंखों को नचाते हुए बोली।)

तुम करोगे मेरी मालीस? 
मुझे मालिश की जरूरत है मालिस से ही मेरे दर्द मे राहत मिलेगी। करोगे ना मेरी मालीस! 

( अब राहुल क्या कहता उसका तो खुद ही दिल कर रहा था यह सब करने को लेकिन कह नहीं पा रहा था।
और खुद उसके मुंह से मालिस करने की बात सुनकर राहुल के खुशी का ठिकाना ना रहा। खुशी के साथ साथ उसके बदन में अजीब सा रोमांच भर गया था। उसने बिना किसी झिझक के हाँ मे सिर हीला दिला दिया। राहुल की हामि से विनीत की भाभी बहुत खुश हुई। और उसने सामने के ड्रोवर मैसे मुव लाने को बोली। राहुल डोवर में से मूव निकालने के लिए आगे बढ़ा ।
वीनीत की भाभी मन ही मन बहुत ही खुश हो रही थी क्योंकि उसका बनाया प्लान कामयाब हो गया था। सीढ़ियों से वह जानबूझकर फिसली थी वह दर्द का बहाना करके जानबूझकर ही राहुल को रोकी थी ।
राहुल का सहारा लेकर कमरे में आना और नोटबुक के साथ अपनी पैंटी को रखना राहुल के सामने ही जानबूझकर अपनी पेंटी को पहनना और अपने नितंबों का प्रदर्शन कराना यह सब प्लान के तहत ही था। जो कि राहुल के उपर पूरी तरह से सफल हो चुका था।

राहुल मूव लेकर आया और राहुल को अपनी तरफ आता देखकर विनीत की भाभी कराहते हुए बोली

हाय रे मेरी कमर ! अब तो तू ही मेरी मदद कर सकता है राहुल। चल जल्दी से मेरी मालिश कर दे एेसा दर्द हो रहा है कि मुझसे रहा नहीं जा रहा। ( ऐसा कहते हुए विनीत की भाभी बिस्तर पर पेट के बल लेट गई और इस तरह से अपने दोनो पैरों को उठाई की उसकी साड़ी
घुटनों तक नीचे सरक गई और गोरी गोरी दोनों पिंडलियां दिखने लगी जिसे देख कर राहुल का पजामा तंग होने लगा । विनीत की भाभी को इस तरह से लेटे हुए देख कर और उसकी उभरी हुई गांड को देखकर राहुल फिर से उत्तेजित होने लगा। राहुल को समझ में नहीं आ रहा था कि कहां से शुरू करे कि तभी विनीत की भाभी बोल पड़ी।

राहुल अब खड़े ही रहोगे या मालीस भी करोगे।

हां हां हां हां भाभी अभी करता हुं। ( हकलाते हुए बोला।)

( राहुल विनीत की भाभी के बगल में जाकर बैठ गया और विनीत की भाभी बोली।)
कमर पर से थोड़ी साड़ी हटाकर अच्छे से मालिश कर दे राहुल बहुत दर्द कर रहा है।
( राहुल के तो हांथ कांप रहे थे। फिर भी हिम्मत करके कमर पर से साड़ी हटाया कमर पर से साड़ी के हटते ही
राहुल की आंखें मांसल कमर और कमर के बीच की गहरी लकीर को देखकर फटी की फटी रह गई। राहुल में तुरंत मुव निकालकर वीनीत की भाभी की कमर पर लगाया और मालिश करना शुरु कर दिया। गोरी गोरी कमर के स्पर्श से राहुल का बदन रोमांचित हुआ जा रहा था। इससे पहले भी उसने अपनी मम्मी की कमर पर मालिश किया था लेकिन ऐसा रोमांच उसे उस समय बिल्कुल भी नहीं हुआ था। विनीत की भाभी की गांड का उभार देखकर राहुल के लंड का तनाव बढ़ता जा रहा था। राहुल बढ़िया अच्छी से मालिश कर रहा था जिससे उसे सुकून मिलने लगा था लेकिन उसके मन में और ज्यादा खुरापात चल रही थी। वह बोली।

राहुल थोड़ा और नीचे वहां कुछ ज्यादा ही दर्द कर रहा है।

कहां पर भाभी? 

( विनीत की भाभी अपना एक हाथ पीछे लाकर और कमर के नीचे जहां गांड का उभार शुरु होता था वह जगह पर उंगली रख कर दिखाते हुए बोली।)

यहां इस जगह पर राहुल बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है उधर पर मालिश कर दो।

( राहुल के मन का गुब्बारा फूटने लगा था विनीत की भाभी का यह ईसारा उसके तन बदन में आग लगा रहा था राहुल भी मालिश करने के लिए बेताब था लेकिन असमंजस मे था। राहुल थोड़ा घबराहट के साथ बोला)

भाभी.........ईधर ...... केसे..... मतलब ...... ईधर ....तो
ससससस....साड़ी बंधी हुई है। ( राहुल सकपकाते हुए बोला ।) 

हाँ तो थोड़ी साड़ी ढीली कर दो अच्छा रुको में ही कर देती हूं।( इतना कहने के साथ ही वीनीत की भाभी अपने दोनों हाथ को अपने पेट के नीचे ले गई और अपनी गांड को थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठाई ..... गांड उचकाने की इस अदा पर राहुल के मुंह में पानी आ गया । वीनीत की भाभी ने पेट के नीचे खोशी हुई साड़ी को बाहर निकाल कर पेटीकोट की डोरी को ढीली कर दी और बोली।

लो राहुल थोड़ी सी साड़ी को नीचे सरका दो ताकि अच्छे से क्रीम लगाकर मेरी मालिश कर सको। ( वीनीत की भाभी की यह बात सुनकर राहुल का दिल बल्लियों उछलने लगा एक तरफ उसके मन में गुदगुदी सी मच रही थी और दूसरी तरफ उसका दिल घबरा भी रहा था। घबराहट से उसका गला सूखने लगा था। दिल तो उसका भी चाह रहा था वीनीत की भाभी की विशाल गांड के दर्शन के लिए । आज उसे विनीत की भाभी की गांड को एकदम करीब से देखने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ था इसलिए उसके हाथ भी कांप रहे थे फिर वह अपने कांपते हाथों की उंगलियों से साड़ी के दोनों छोर को पकड़ा और फिर पेटीकोट सहित नीचे की तरफ सरकाने लगा पेटीकोट के साथ-साथ विनीत की भाभी की पेंटी भी सरकते आ रही थी और जैसे ही गदराई गांड के बीच की फांक नजर आई मारे उत्तेजना के उसके हाथ ठीठक गए। भाभी की गांड की फांक उसके लंड की ऐठन को बढ़ाने लगे। मारे उत्तेजना के राहुल का बुरा हाल हो रहा था उसके माथे से पसीने की बूंदें टपक रही थी। वहीं दूसरी तरफ वीनीत की भाभी का भी कम बुरा हाल नहीं था उसके अरमान पूरे होने के कगार पर थे उस का प्लान पूरी तरह से सफल हो चुका था। इससे पहले भी वीनीत की भाभी ना जाने कितनों के सामने नंगी हुई थी और खुद को नंगी करवाई थी लेकिन जो आज राहुल के सामने नंगी होते हुए उसके बदन में रोमांच उठ रहा था ऐसा रोमांच उसने आज तक महसूस नहीं कि। इतने से ही उसकी बुर पनीया गई थी। 
साड़ी और पेटीकोट के साथ जैसे ही उसकी पैंटी भी नीचे सरकते हुए आई वैसे ही तुरंत राहुल ने पेंटी को वापस उपर की तरफ चढ़ा दिया। राहुल की आंखों में नशा छाने लगा था वह मदहोश होकर एकटक कमर के नीचे का गोलाकार उठान को देखता ही रह गया।

राहुल की दिल की धड़कने तेज होती जा रही थी। राहुल के हाथों के स्पर्श से विनीत की भाभी भी गरमा गई थी।
राहुल ने थोड़ी सी क्रीम अपनी उंगली पर लगाया और कमर के ऊपरी भाग पर हल्के हल्के मालिस करने लगा। मालिश करते समय भी उसकी नजर विनीत की भाभी की गांड पर ही टिकी हुई थी। तभी विनीत की भाभी बोली।

राहुल का कमर के नीचे मालिश कर उधर ज्यादा दर्द हो रहा है।

हां हां भाभी करता हूं मालीस ( भाभी की बात सुनते ही राहुल के लंड में एठन बढ़ने लगी उसने भी मालिश करते हुए धीरे-धीरे पैंटी में एक उंगली को डाल कर हल्के हल्के मालिश करने लगा उस जगह पर मालिश करते हुए राहुल के बदन में झनझनी सी फेल जा रही थी। विनीत की भाभी मंद मंद मुस्कुराते हुए अपनी गांड की मालिश राहुल से करवाये जा रही थी। राहुल पूरी तरह से उत्तेजना से भर चुका था उसकी अंडरवियर धीरे धीरे करके आगे से गीली होने लगी थी। इस वक्त राहुल की आधी हथेली उसकी पैंटी के अंदर समाई हुई थी।
गदराई गांड का नरम नरम एहसास राहुल को पागल किए जा रहा था। राहुल का गला एकाएक सूखने लगा जब उसकी बीच वाली उंगली नें गांड के बीचोबीच की फांक का स्पर्श किया उसके तन-बदन में आग सी लग गयी। विनीत की भाभी का भी यही हाल हुआ जब उसने राहुल की बीच वाली उंगली का स्पर्श अपनी गांड की फांक पर महसुस की तो मारे उत्तेजना के उसने अपनी गांड को ऊपर की तरफ उचका दी। दोनों की सांसे तेज चलने लगी थी। अब राहुल अपनी हथेली का दबाव गांड पर बढ़ाते हुए मालिश करने लगा था जिससे विनीत की भाभी को भी मजा आ रहा था। रह-रहकर राहुल की उंगलिया उसकी गांड के बीचोबीच की लकीर में चली जा रही थी जिससे दोनों का उन्माद बढ़ता ही जा रहा था। 
राहुल का लंड एकदम से टाइट हो चुका था ऐसा लगने लगा था कि कहीं लंड की नशे फट ना जाएं। विनीत की भाभी की बुर भी पानी से फचाफच भरी हुई थी। राहुल की तो जेसे लॉटरी लग गई हो। विनीत की भाभी का पूरा खजाना उसके हाथों में था बस ढका हुआ था। विनीत की भाभी की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी वो अब खुल के मजा लेना चाहती थी। इसलिए बोली। 

राहुल डर तो आराम लगने लगा है लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि मेरी जांघो मे भी बहुत दर्द है। जाँघो पर भी मालिश कर दे मुझे आराम मिल जाएगा। 
( पैंटी के अंदर हाथ डाले हुए ही राहुल बोला)
लेकिन भाभी यह साड़ी.........( इतना कहने के साथ ही राहुल खामोश हो गया राहुल के कहने का मतलब विनीत की भाभी समझ गई थी इसलिए वह बोली।)


हां तो क्या हुआ मेरी साड़ी को नीचे से ऊपर की तरफ कमर तक चढ़ा दो तब ठीक से मालिश हो पाएगी।
( इतना सुनते ही राहुल का लंड पेंट में ही उछाल मारने लगा वह मन ही मन बहुत ज्यादा खुश हुआ अब तक तो सिर्फ नंगी औरतों को देखता ही आया था लेकिन आज उसे खुद ही औरत नंगी करने का मौका मिला था।
राहुल की साँसे बेकाबु हो चुकी थी घोड़े की टॉप की तरह उसकीे दिल की धड़कनें चल रही थी। अब राहुल को वो करना था जो अब तक उसने नहीं किया था।इसलिए उसके हाथ कांप रहे थे। राहुल के मन में पूरी विशाल नंगी गांड को देखने की उत्सुकता के साथ साथ कामुक उन्माद भी चढ़ा हुआ था जिस का मिलाजुला असर राहुल के चेहरे पर साफ झलक रहा था
साड़ी पर चढ़ी हुई सिलवटें विनीत की भाभी के बदन को ओर भी ज्यादा कामुक बना रही थी।
आने वाले पल और बेहतरीन नजारे का राहुल को बड़ी बेसब्री से इंतजार था। विनीत की भाभी को भी इसी पल का इंतजार था कि कब राहुल अपने हाथों से उसकी साड़ी उठाकर उसको नंगी करे और उसकी विशालकाय
गदराई हुई गांड के दर्शन करके उत्तेजित हो और उसकी तीव्र संभोग की कामेच्छा को पूरी करें। 
आग दोनों तरफ बराबर लगी हुई थी। दोनों तरफ वासना का समंदर उछाल मार रहा था। तभी राहुल ने अपने कांपते हाथों से विनती भाभी की साड़ी को पकड़कर जाँघों की तरफ से ऊपर की तरफ सरकाने लगा जिससे वीनीत की भाभी कसमसाने लगी।
पैरों की तरफ से जैसे जैसे साड़ी सरक कर ऊपर आने लगी विनीत की भाभी की टांगे नंगी होने लगी गोरी चीकनी टांगो को देखकर राहुल का मन मचलने लगा।
धीरे धीरे करके साड़ी घुटनों तक सरक के आ गई 
नंगी टांगें और गोरी गोरी पिंडलियां देखकर राहुल अपने मन पर काबू ना कर सका और हल्के से गोरी-गोरी पिंडलियों पर अपनी उंगलियों से सहलाने लगा। 
राहुल की इस हरकत से विनीत की भाभी समझ गई कि राहुल अब लाइन पर आने लगा है उसके मन का डर धीरे-धीरे खत्म हो रहा था।
पिंडलियों को सहलाते हुए उसने साड़ी को फिर से ऊपर की तरफ खींचा इस बार आधे से भी ज्यादा दूधिया जांघे उजागर हो गई। वाहहहहहहह...........
अपने आप ही राहुल के मुख से निकल गया। विनीत की भाभी के साड़ी की अंदर की सुंदरता देखकर राहुल की आंखें चौंधिया जा रही थी। हक्का-बक्का सा बस देखे जा रहा था। हाथों में कपकपी और होंठ थर्रा रहे थे
अपने कांपते हाथों से राहुल ने साड़ी को और ऊपर खींचने की कोशिश किया तो साड़ी जाँघो के नीचे दबी होने से ऊपर की तरफ खींचा नहीं पाई इसलिए खुद ही विनीत की भाभी ने अपनी गदराई गांड को थोड़ा ऊपर की तरफ उचका दी ताकि राहुल साड़ी को कमर तक खींच सकें और कुछ सेकंड में ही विनीत की भाभी की साड़ी उसकी कमर तक चढ़ चुकी थी अब उसकी कमर के नीचे मात्र गदराई गांड को ढकने के लिए मखमली मैरून रंग की पैंटी ही रह गई थी जो कि उसके गोरे रंग पर और ज्यादा खीेल रही थी। राहुल तो थूक निगलता हुआ गांड के घेराव ओर उसके आकार को देखता ही रह गया। राहुल से रहा नही गया और उसने अपने दोनों हाथों की हथेली को विनीत की भाभी के गांड की दोनों फांकों पर रख दिया और हल्के से दबा दिया .... जैसे ही राहुल की हथेलियों का दबाव विनीत की भाभी अपनी नरम नरम गौरी गांड पर महसूस की वैसे ही उसके मुख से गरम सिसकारी फुट पड़ी । 

स्स्स्स्स्सहहहहहहहहह...........राहुलल.....
( वीऩत की भाभी के मुख से गर्म सिसकारी सुनते ही राहुल घबरा गया उसे लगा कि शायद भाभी को दर्द होने लगा इसलिए उसने झट से अपनी हथेली को दिनेश की भाभी की गांड पर से हटा लिया और बोला।)

क्या हुआ भाभी ज्यादा दर्द कर रहा है क्या? 

( राहुल बिल्कुल नादान था इस बात से विनीत की भाभी वाकिफ हो चुकी थी। इसलिए उसने अपने मुख से निकली गरम चुदवासी सिसकारी को दर्द का नाम देकर बोली।) 

हां राहुल (दर्द से कंहरते हुए) बहुत दर्द कर रहा है अब तो बर्दाश्त के भी बाहर होता जा रहा है मेरा दर्द। कुछ कर राहुल मुझे इस दर्द से निजात दिला मेरे पूरे बदन में अजीब सा दर्द होने लगा है। तू आज ऐसी मालिस कर कि सारा दर्द हमेशा के लिए भाग जाए। ......
( कुछ देर खामोश रहने के बाद फिर बोली)

राहुल एक काम करो मेरी पैंटी को भी उतार दो ताकि तुम मेरी अच्छी से मालिश कर सको। 
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:26 PM

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