RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
चूत में उठती मीठी टीस उसे बार -2 विनय की तरफ देखने पर मजबूर कर रही थी…किरण की चूत चीख-2 कर लंड माँग रही थी. किरण ने रात का खाना तैयार कर लिया….और फिर अपना पसीना सुखाते हुए वो विनय और वशाली के पास जाकर बैठ गये….विनय सोफे के बीच मे बैठा हुआ था….एक तरफ वशाली थी….और दूसरी तरफ किरण….. “क्या हुआ बड़े चुप-2 हो तुम दोनो….” उसने विनय के बालो को सवारते हुए कहा. तो, विनय थोड़ा सा चोंक गया….हालाँकि चोन्कने वाली बात नही थी…वो थोड़ा सा घबराया हुआ लग रहा था…
उसे डर था कि, कही मामी को उसके लंड से निकले पानी का जो उसने मामी की गान्ड की दर्रार मे निकाला है…वो पता ना चल जाए….”आ ऐसे ही…” विनय ने हकलाते हुए कहा….और उठ कर अपने रूम मे चला गया, अब किरण समझ चुकी थी…कि विनय दोपहर की हरक़त के कारण डरा हुआ है. अब उसने फैंसला कर लिया था कि, जब उसे चोदने के लिए पागल एक लड़का घर मे जवान और फ्रेश लंड लेकर घूम रहा है…तो फिर वो क्यों मर-2 कर जिए….क्यों ना वो अपने बदन और चूत की प्यास को विनए के लंड से बुझा ले….आख़िर विनय भी तो उसका चोदना चाहता है…और पता नही कितनी बार वो मुझे ख्यालों मे चोद भी चुका होगा. और मुझे कुछ पता भी नही चला…..
यही सब सोचते हुए कब 8 बज गये…..किरण को पता ही नही चला… किरण की तंद्रा तब टूटी…..जब वशाली ने पास आकर उसे हिलाया….”क क क्या हुआ वशाली…..?” उसने वशाली की तरफ देखते हुए पूछा….”हहा हा मम्मा आप डर क्यों गये…?” वशाली ने हंसते हुए कहा….” नही तो वो मैं कुछ सोच रही थी…तू बता क्या हुआ….?”
वशाली: मोम 8 बज चुके है….और मुझे भूख लगी है….
किरण: ठीक है….मैं खाना लगा देती हूँ…तुम जाकर विनय को बुला लाओ….
वशाली विनय को बुलाने उसके रूम मे चली गयी….किरण ने जल्दी से टेबल पर खाना लगाया….और फिर तीनो ने साथ मे ही खाना खा लिया…..उस रात को अजय 11 बजे घर वापिस आया…आज भी वो दारू पीकर आया था…इसलिए खाना खाया और बेड पर लेटते ही सो गया…किरण बेड पर लेटी हुई अपनी किस्मत को कोस रही थी….पर अब उसने आगे बढ़ने के बारे मे सोच लिया था…चाहे कुछ भी हो जाए…मैं अब और घुट-2 कर नही जी सकती….मुझे भी लाइफ को एंजाय करने का हक़ है…पिछले 8 सालो मे मैं इस घर मे सिर्फ़ नौकरो की तरह काम ही तो करती रही हूँ.
अगली सुबन किरण 6 बजे उठी…उसने अजय को ब्रेकफास्ट बना कर दिया तो, बाकी सब के लिए भी पहले से ब्रेकफास्ट बना कर रख लिया…आज का प्लान उसके दिमाग़ मे तैयार था…वो जानती थी, कि उसे मंज़िल तक पहुँचना आसान काम नही है….पर जो उसने सोचा था…अगर वो धीरे-2 कदम सही ढंग से बढ़ेगे तो, वो जल्द ही विनय के लंड को अपनी चूत मे लेने का सपना पूरा कर सकती है…
अजय ऑफीस के लिए निकल गया….विनय और वशाली दोनो 7 बजे उठ गये…. दोनो नहा धो कर फ्रेश हुए, और ब्रेकफास्ट करके टीवी देखने लगी. तभी बाहर डोर बेल बजी तो, किरण ने जाकर गेट खोला….सामने रिंकी खड़ी थी….”नमस्ते आंटी जी…” रिंकी ने अंदर आते हुए कहा…
.”नमस्ते बेटा…..”
रिंकी: वशाली कहाँ पर है…?
किरण: अंदर ही है….
फिर रिंकी अंदर आई, किरण किचन मे बर्तन सॉफ करने लगी….जब रिंकी ने विनय को वशाली के पास बैठे देखा तो, उसने मुस्करा कर विनय की तरफ देखा….और फिर पहले वशाली की तरफ हाथ बढ़ाया…और हाथ मिलाने के बाद विनय की तरफ हाथ बढ़ाया….विनय ने रिंकी के फेस की तरफ देखा….जो बड़ी अदा के साथ मुस्करा रही थी…वशाली ने विनय को कोहनी मारते हुए इशारा किया तो, विनय ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया. “अब तो नाराज़ नही हो ना….?” रिंकी ने मुस्कराते हुए पूछा….तो विनय ने ना मे सर हिला दिया….
रिंकी: चल वशाली मेरे घर चलते है….
वशाली: चल ठीक है एक मिनिट मम्मी को बता दूं…
रिंकी: जल्दी कर….
वशाली किचन मे गयी…और किरण को बता कर रिंकी के घर चली गयी. किरण तो खुद चाहती थी कि, वो विनय के साथ घर मे अकेली रहे. पर जैसे ही रिंकी और वशाली गये, तो शीतल वहाँ आ धमकी….अपने बच्चो को भी साथ ली आई थी…..किरण बर्तन सॉफ करके बाहर आई…और नीचे चटाई पर बैठते हुए बोली….”हो गया घर का काम ख़तम दीदी…?”
शीतल: हां अभी निबटा कर आई हूँ…और तुम्हारा….
किरण: बस सिर्फ़ सॉफ सफाई का काम बचा है….आंजू आ जाएगे तो वो भी ख़तम हो जाएगा….
शीतल: किरण ये तूने बहुत अच्छा किया….ये घर भी तो कितना बड़ा है. सॉफ सफाई करते-2 कमर टूट जाती होगी तेरी….
किरण: हां दीदी….
शीतल: अक्चा किरण मैं बाज़ार जा रही हूँ….बच्चो के लिए कुछ कपड़े लेने थे…तू भी साथ मे चल….तुझे तो कपड़ों की कवालिटी के बारे मे काफ़ी नालेज है….
किरण: दीदी पर घर का काम….
शीतल: वो नौकरानी किस लिए रखी है….वो कर देगे सॉफ सफाई..वैसे भी 1 डेढ़ घंटे मे वापिस आ जाएँगे…
किरण: ठीक है दीदी….आप बैठो मैं तैयार होकर आती हूँ….तब तक अंजू भी आ जाएगी…उसको काम समझा कर चलते है…..
शीतल: ठीक है….जल्दी कर…..
किरण उठ कर अपने रूम मे चली गयी…15 मिनिट बाद जब वो तैयार होकर बाहर आई तो, उसी समय अंजू भी वहाँ आ गयी….किरण ने उसे बताया कि सिर्फ़ सॉफ सफाई का ही काम करना है….और वो काम ख़तम कर जा सकती है….अंजू को काम समझाने के बाद वो शीतल और उसके बच्चो के साथ घर से निकल गये…उन सब के जाने के बाद अंजू ने गेट को अंदर से बंद किया और अंदर हाल मे आ गयी….वहाँ सोफे पर विनय को बैठा देख वो मुस्कराते हुए उसके पास चली गयी….और सोफे के सामने नीचे बैठते हुए उसने अपना एक हाथ विनय की जाँघ पर उसके लंड के पास रख दिया…..
अंजू: क्या हुआ मेरे राजा को…बड़े चुप चुप हो….
अंजू ने अपने हाथ की उंगलियों से जैसे ही विनय के लंड को छुआ तो, विनय के बदन मे झुरजुरी दौड़ गयी….उसने तरसती नज़रो से अंजू की तरफ देखा और उखड़ी हुई सांसो को संभालते हुए बोला…” क कुछ भी तो नही…” अंजू विनय की बात सुन कर मुस्कुराइ….”आज करना है….” अंजू ने विनय के लंड को उसके शॉर्ट्स के ऊपेर से सहलाते हुए कहा….तो विनय ने अंजू की आँखो मैं झाँकते हुए हां मे सर हिला दिया…
अंजू: ठीक है…लेकिन पहले काम ख़तम करना पड़ेगा….नही तो अगर दीदी घर आ गये….और काम ख़तम ना हुआ…तो क्या कहूँगी उनसे…. मैं जल्दी -2 काम ख़तम कर लेती हूँ….
विनय: ठीक है….
अंजू उठी और बाहर गेट के पास पड़ी हुई झाड़ू को उठा कर लाई…” विनय बाबू जी मेरे मदद करो ना काम करवाने मैं….जितनी जल्दी काम ख़तम होगा…उतना ज़्यादा टाइम हमे मिल जाएगा…” अंजू ने अपने होंटो को दाँतों मे दबाते हुए कहा….अंजू की ये अदा देख कर विनय के लंड ने शॉर्ट्स मे झटका खाया…”आप बालटी मे पानी भर कर रखो…तब तक मैं झाड़ू लगाती हूँ…”
विनय: ठीक है….
विनय ने जलदी से बालटी उठाई…और बाथरूम मे जाकर उसमे पानी भरने लगा….पानी भर कर उसने उसमे पोच्छा डाल कर बालटी को बाहर ले आया…अंजू किरण के रूम की सफाई कर रही थी…विनय सीधा मामी के रूम मे चला गया…अंजू ने झाड़ू लगाते हुए विनय की तरफ देखा... विनय उसके ब्लाउस मे झाँक रही चुचियों को खा जाने वाली नज़रो से घूर रहा था…”विनय बाबू तुम्हे मेरी चुचियाँ अच्छी लगती है ना…?” अंजू ने विनय की आँखो मे झाँकते हुए पूछा…”हां” अंजू ने अपनी साड़ी के पल्लू को अपनी चुचियों से हटा कर अपनी कमर मे फँसा लिया….”कितनी ….” उसने फिर से झुक कर झाड़ू मारते हुए कहा….
विनय: बहुत ज़्यादा….
अंजू: देखनी है….?
विनय: हां….
अंजू: बाहर का गेट बंद है ना….
विनय: हां बंद है…
अंजू: फिर थोड़ा सबर करो मेरे राजा….आज सब कुछ खोल कर दिखाउन्गि तुम्हे….फिर अंजू ने जल्दी जल्दी सारे कमरो मे झाड़ू मारा…और फिर उसने बालटी और पूछा लेकर हाल मे लगाना शुरू कर दिया…फिर अंजू ने सबसे पहले किरण के रूम मे पोन्छा मारा उसके बाद ममता के रूम मे फिर वो बालटी लेकर जब विनय के रूम मे आए तो देखा, विनय बेड पर बैठा हुआ था…उसने बालटी नीचे रखी…और नीचे पैरो के बल बैठ कर पोंच्छा लगाना शुरू कर दिया…
|