RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
और फिर जैसे ही किरण ने अपनी टाँगो को खोला….अंजू ने अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए, किरण की चूत की फांको पर रख दिया..और धीरे-2 मसलने लगी….”शियीयीयीयियी ओह्ह्ह्ह अंजू क्या कर रही है….” उसने अंजू का हाथ पकड़ते हुए सिसक कर कहा….”मालिश कर रही हूँ दीदी…आपके बदन को ठंडा कर दूँगी….” अंजू ने अपने हाथ से किरण की चूत की फांको और उसकी चूत के दाने को मसलते हुए कहा था…किरण मस्ती में एक दम से कांप गयी….उसकी आँखे बंद हो गयी….
अंजू: दीदी फिर वो बेचारा मुझसे डरता फिर रहा था….फिर मैने धीरे-2 बहाने बहाने से उसे अपने बदन दिखाना शुरू कर दिया…कभी जान बुझ कर उसे अपनी कच्छि दिखा देती….तो कभी झुक कर अपनी चुचियों को…एक बार वो आंगन में बैठा पढ़ रहा था….और मैं कपड़े धो रही थी…हम दोनो आमने सामने बैठे थी..मेरे ये और सास ससुर खेतों में गये हुए थे…फिर मेने बैठे-2 अपने पेटिकोट को ऊपेर उठा कर अपनी जांघे और झान्टो से भरी चूत खूब दिखाई उसे…
किरण: (सिसकते हुए…) फिर….? फिर कुछ किया उसने…”
अंजू: कहाँ दीदी कच्चा था ना….इसीलिए एक रात सोते हुए, मैने ही पहल कर दी….अपना पेटिकोट उठा कर उसके लंड पर अपनी गान्ड को रगड़ा. और फिर पता नही उसमे हिम्मत कहाँ से आई….और फिर उसने अपना लंड बाहर निकाल कर पीछे से मेरी चूत मे पेल दिया….
किरण: क्या सच्ची…पीछे से ही डाल दिया….
अंजू: हां दीदी…फिर क्या था…हो गया शुरू…लगा ठोकने वो मुझे. मैने भी पूरा साथ दिया…पर पहली बार था ना बेचारे का. जल्दी पानी निकाल दिया उसने…..
किरण: शाइयीईयी हाईए इसका मतलब फिर तेरी चूत प्यासी रह गयी…
अंजू: प्यासी तो तब रहती…अगर वो रहने देता….दीदी इन नये लड़कों मे चूत को लेकर बड़ा जोश होता है….हमेशा ऊपेर चढ़ने को तैयार रहते है….चाहे चार बार पानी फेंक दिया हो इनके लंड ने… पता नही कैसे खड़ा हो जाता है….
किरण: तो उसने फिर से किया…
अंजू: हां दीदी…इस बार तो मेरे ऊपेर ही चढ़ आया…हवा मे टाँगे उठा कर पेल दिया अंदर और कमर हिला -2 कर लगा चोदने…. फिर मेने भी खूब गान्ड उछाली और फिर जब चूत ने पानी फेंका तो, ठंडी हुई….फिर एक साल तक तो उसने मुझे खूब चोदा…
किरण: फिर तो तेरे बच्चा हो जाना चाहिए था..कभी पेट से नही हुई…
अंजू: नही दीदी…उसकी उम्र नही हुई थी…उसमे अभी वीर्य बनना शुरू नही हुआ था….और फिर हम यहाँ आ गये….और वो अपने माँ बाप के यहाँ चला गया….उसके बाद मोका नही मिला….
किरण: तो तू रोज करती थी उसके साथ….?
अंजू: मैं कहाँ दीदी उसके बाद तो वो जब हम घर पर अकेले होते…वो कही भी शुरू हो जाता..कई बार तो खड़े-2 ही चोदा उसने मुझे…सच मैं दीदी बड़ा मज़ा आता था..
किरण: क्या खड़े खड़े ही…
अंजू: हां दीदी आज कल के छोरो के शॉंक है ये सब…ऐसे ही अलग -2 तरह के तरीकों से करते है…बस इनकी बातों को मानते रहो….फिर देखो कैसे मज़ा देते है….”लो दीदी हो गया….मेरे कहानी भी ख़तम और आपकी मालिश भी…
किरण: अच्छा एक बात बता तुझे कभी ये नही लगता कि, तूने ये सब करके बहुत ग़लत किया है…पाप किया है….
अंजू: लो दीदी कॉन से जमाने मे जी रही हो आप….कैसे ग़लत हुआ भला. अगर ना करती तो, ऐसे घुट -2 कर मर ना जाती..जवानी यूँ ही निकल जाती. और किसी को क्या फरक पड़ा…हम दोनो ने ही मज़ा किया…आज वो अपनी जगह सुखी है..और मैं यहाँ….अच्छा दीदी आप अब नहाना हो तो नहा लो.
अंजू की बातों ने किरण के दिमाग़ मे वासना के आग जला दी थी….जिसका असर सीधा उसकी चूत पर हो रहा था…अंजू की बातें सुनते हुए, उसके जेहन मे विनय के साथ हुई वो घटना घूम रही थी..वो उठ कर बाथरूम मे आई, और अपना पेटिकोट उतार कर शवर लेने लगी….शवर लेने के बाद वो फिर से साड़ी पहन कर बाहर आ गयी…और दोपहर का खाना बनाने लगी….अंजू 1:30 बजे वापिस चली गयी…विनय और वशाली दोनो घर आए, और फिर तीनो ने खाना खाया…
अंजू की चुदाई की बातें उसके दिमाग़ से निकलने का नाम ही नही ले रही थी….विनय को खाना ख़ाता देख, उसके दिमाग़ में अंजू की कही हर बात घूम रही थी…वो अंजू की जगह खुद और उसके भान्जे की जगह विनय को रख कर वही सारी बात सोच रही थी….ये सब सोचते हुए, उसकी चूत में तेज खेंचाव सा महसूस होने लगा था….किरण की चूत लंड माँग रही थी…और लंड के लिए तरसते हुए अपना कामरस बहा रही थी….
विनय और वशाली दोनो खा कर अपने अपने रूम में चले गये…लेकिन वशाली थोड़ी देर बाद बाहर आई, और रिंकी घर चली गये…किरण ने गेट बंद किया और बर्तन उठाए किचन में रखे, सभी लाइट्स और पंखे बंद करके अपने रूम चली गयी… उसने अपनी साड़ी उतारी, और फिर ब्लाउस और पेटिकोट में बेड पर लेट गये….आज किरण के दिल में मानो जैसे कोई तूफान से उठा हो….रह-2 कर उसे अंजू की बातें याद आ रही थी….और अंजू की बात याद करती, तो विनय का शॉर्ट में तना हुआ लंड उसकी आँखो के सामने आ जाता…. “क्या ये सब संभव है….क्या ऐसा हो सकता है…क्या मैं और विनय. नही नही ये मैं क्या सोच रही हूँ…”
अगर विनय को पता चला कि, मैं उसके बारे में क्या सोच रही हूँ. तो वो क्या सोचेगा…पर चूत लंड माँग रही थी….जो उस समय किरण के पास नही था…जिसका था…वो उससे टाइम नही दे पाता था…किरण अपने ही ख्यालों मे खोई हुई थी कि, तभी उसे बाहर से कुछ आवाज़ आई. वो उठी और बाहर गयी….
किरण बाहर आए तो, उसने देखा कि किचन का डोर खुला हुआ था. वो किचन की तरफ बढ़ी. और जब वो किचन मे पहुँची तो, उसने देखा कि विनय फ्रिड्ज से कोल्ड ड्रिंक की बॉटल निकाल कर अपने लिए ग्लास में कोल्ड ड्रिंक डाल रहा था…जब उसने किरण की तरफ देखा तो किरण ने मुस्कराते हुए कहा…”विनय मेरे लिए भी ग्लास मे डाल दे….” विनय ने मामी की बात सुन कर एक और ग्लास उठाया और कोल्ड ड्रिंक डालने लगा…फिर उसने बॉटल को फ्रिड्ज मे रखा और बाहर आ गया….किरण ने किचन का डोर बंद किया, और फिर विनय के हाथ से कोल्ड ड्रिंक का ग्लास लेकर हॉल मे नीचे बिछे कार्पेट पर बैठ कर कोल्ड्ड्रिंक पीने लगी…
विनय भी मामी के पास बैठ गया….” क्या हुआ नींद नही आ रही…?” किरण ने विनय की तरफ देखते हुए पूछा…तो विनय ने ना मे सर हिला दिया…बिना साड़ी के अपनी मामी को पेटिकोट और ब्लाउस मे कसे हुए गोरे बदन जो थोड़ा सा भरा हुआ था…उसके लंड मे हलचल सी होने लगी थी…तभी विनय ने देखा कि, कोल्ड्रींक पीते हुए, ग्लास से कोल्ड्रींक छलकी और किरण की नाभि और पेटिकोट पर गिरी…किरण ने पेटिकोट पर गिरी हुई थोड़ी सी कोल्ड ड्रिंक तो सॉफ कर दी….पर नाभि पर गिरी कोल्ड ड्रिंक वैसे ही लगी रही…..
विनय का ध्यान अब बार-2 अपनी मामी की गहरी नाभि पर जा रहा था. दोनो ने कोल्ड ड्रिंक ख़तम कर ली थी…. “चल आजा मैं तेरा सर सहला देती हूँ…” ये कहते हुए वो विनय का हाथ पकड़ कर खड़ी हुई, और विनय को लेकर अपने रूम में आ गयी… फिर विनय बेड पर चढ़ गया. मामी ने एसी ऑन किया और बेड पर आई, और पालती मार कर बैठते हुए, उसने विनय के सर को अपनी गोद में रख कर उसके सर को सहलाना शुरू कर दिया….विनय का फेस किरण के पेट की तरफ था…जिससे विनय को मामी की नाभि पर कोल्ड ड्रिंक लगी हुई सॉफ नज़र आ रही थी…जो अब सुख चुकी थी. पर ऑरेंज कलर का निशान सॉफ दिखाई दे रहा था….
फिर अचानक से पता नही विनय को क्या हुआ, विनय ने अपने होंटो को मामी की नाभि पर रखते हुए चूसना शुरू कर दिया….विनय की इस हरक़त से किरण का जिस्म आग की तरह दहक उठा…पूरा जिस्म ऐसे थरथरा गया… जैसे किसी ने उसके पेट पर ठंडी बर्फ रख दी हो…उसने विनय के सर को दोनो हाथो से पकड़ कर उसके होंटो को अपनी नाभि से दूर काया…. “ ह उंह विनय ये क्या कर रहा है….” किरण ने हल्का सा हंसते हुए कहा….पर वो विनय की इस हरक़त से शॉक्ड भी हो गयी थी….
विनय को जब अहसास हुआ कि, वो क्या कर गया है. तो वो हकलाते हुए बोला. “ वो मामी यहाँ वो कोल्ड ड्रिंक गिरी थी….” उसने किरण की नाभि की तरफ इशारा करते हुए कहा तो, किरण ने भी सर को झुका कर अपनी नाभि की तरफ देखा तो, वही अभी भी ऑरेंज कलर का निशान था…. “विनय पागल हो…कोल्ड ड्रिंक पीने का मन है तो, फ्रिड्ज से और ले लो….” विनय मामी की बात सुन कर थोडा सा उदास हो गया…” वो मन नही है…बस ऐसे ही….मामी प्लीज़ इसे पी लूँ….” विनय ने नाभि की तरफ इशारा करते हुए कहा…तो वो विनय की बात सुन कर हंस पड़ी….
किरण: पागल हो गये हो क्या…
किरण ने विनय के सर को फिर गोद में रख कर सहलाते हुए कहा…और पता नही क्यों विनय को ऐसा लगा कि, मामी अब उसे मना नही करेगी. और ना ही गुस्सा….इसीलिए उसने फिर से अपने होंटो को मामी की नाभि पर लगा कर उस हिस्से को चूसना और चाटना शुरू कर दिया….” शियीयियीयियी विनय फिर से शुरू हो गये अहह नही प्लीज़ विनय मत करो ना…” किरण ने एक दम सिसकते हुए कहा…मन तो उसका भी नही था कि, विनय उसकी नाभि को चूसना और चाटना बंद कर दे….पर फिर लोक लाज के चलते हुए वो घबरा रही थी….”प्लीज़ मामी….” और ये कहते हुए उसने फिर से अपने होंटो को किरण की नाभि पर लगा दिया…किरण एक दम सिहर उठी…उसने अपना सर पीछे की तरफ लुडकाते हुए बेड की पुष्ट से टिका दिया….”शाइयीईयी उफ्फ विनय ये क्या पागल पन कर रहे हो आह अहह उंह”
किरण की आँखे मस्ती मे बंद हो गयी थी…और फिर विनय ने जैसे ही अपनी जीभ को किरण की गहरी नाभि मे घुसा कर ज़ोर-2 घुमाया तो, किरण के रोंगटे मस्ती मे एक दम से खड़े हो गये….उसने विनय के सर को अपने दोनो हाथों से पकड़ते हुए अपने पेट से और चिपका लिया….” ओह्ह्ह्ह उंह विनय ना करो ना…..प्लीज़ मान जाओ ना…..शाइयीईयी हाईए…..” इस दौरान किरण सिर्फ़ बोल कर ही मना कर रही थी….पर उसने विनय को पीछे करने की कॉसिश नही की….किरण की चूत की आग एक बार फिर भड़क उठी थी…
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