RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
अंजू ने विनय के लंड को मूह से बाहर निकाला और फिर बेड पर घूमी विनय की तरफ पीठ कर ली….और फिर घुटनो के बल बेड के किनारे पर बैठते हुए, उसने साड़ी और पेटिकोट को एक साथ उठा कर अपनी कमर तक ऊपर उठा लिया और फिर आगे की तरफ झुकते हुए डॉगी पोज़िशन में आ गये…उसने अपने फेस को घुमा कर पीछे खड़े विनय के तरफ देखा और फिर मदहोशी से भरी मस्त आवाज़ में बोली….”आज जा विनय बाबू डाल दो अंदर….और निकाल लो दिन की जुदाई की भडास…” ये कहते हुए अंजू ने अपनी जाँघो को फेला लिया…..
और आगे की तरफ झुकते हुए अपने सर को बेड पर टिका दिया….जिससे अंजू की गान्ड जैसे ही ऊपर की तरफ उठी, तो उसकी चूत का छेद पीछे की तरफ बाहर को निकल आया….विनय तो जैसे इस पल के लिए कब से तड़प रहा था. अब सारा डर धूल हो चुका था…वो अंजू के पीछे आया, और अपने लंड के सुपाडे को अंजू की चूत के छेद पर टिकाते हुए, अपनी कमर को आगे की तरफ पुश किया….विनय का लंड जो कि अंजू के थूक से गीला होकर चिकना हो गया था…अंजू के सुखी फुद्दि में घुसता चला गया….”शीई अह्ह्ह्ह ओह विनय बाबू…….हाआँ डाल दो पूरा का पूरा अंदर…ओह्ह्ह….” अंजू ने अपनी गान्ड को पीछे की ओर किया तो, विनय का लंड सरकता हुआ, अंजू की चूत मे घुसता चला गया….]
लंड चूत मे जाते ही, विनय उतावलों की तरह अपने कमर को तेज़ी से हिलाते हुए अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा…थोड़ी ही देर मैं अंजू की चूत ने भी अपने कामरस का खजाना खोल दिया…अब अंजू की चूत से निकल रहे पानी से विनय का लंड और भी चिकना होकर आसानी से अंदर बाहर होने लगा….”अहह शियीयीयियीयियी अहह अहह उंह हाआँ और ज़ोर से ठोको अपना खुन्टा अह्ह्ह्ह हइई मेरीए चूत….आह ….”
अंजू भी एक दम मस्त हो चुकी थी….विनय अब अपना लंड सुपाडे तक बाहर निकाल-2 कर अंजू की चूत की गहराईयो मे घुसा रहा था…करीब 10 मिनिट की चुदाई के बाद दोनो बुरी तरह से झड़ने लगी….जब विनय का लंड सिकुड कर बाहर आया तो, अंजू ने विनय को जल्दी से नीचे जाने के लिए कहा…विनय ने अपने लंड को वहाँ पड़े कपड़े से सॉफ किया और फिर वो नीचे आ गया….
विनय नीचे आ गया….वो मन ही मन बहुत खुश था…मन में लड्डू फूट रहे थे…..अंजू ने खुद घर आकर उसे चूत दी दी थी. ऐसे मोके तो अब मिलते ही रहेंगे…विनय बाहर हाल में बैठ कर टीवी देखने लगा…..किरण नहा कर बाहर आई, उसने साड़ी पहनी हुई थी. उसके खुले हुए भीगे बाल जो उसके चुतड़ों तक लंबे थे…किसी को भी अपना दीवाना बना सकती थी…अपने मामी के गोरे और कामुक बदन को देख कर विनय के दिमाग़ मैं कल दोपहर वाली घटना फिर से ताज़ा हो गयी. उसका बस नही चल रहा था…नही तो वो अभी मामी के पास जाता और उससे बाहों में भर कर उसके आगोश में समा जाता….
तभी डोर बेल बजी तो, किरण ने बाहर जाकर गेट खोला….सामने अभी खड़ा था…उसने किरण के पाँव छुए….और विनय के बारे पूछा. “ मामी विनय भैया को मम्मी बुला रही है…” किरण ने वही से विनय को आवाज़ दी तो, विनय उठ कर गेट की तरफ चला गया…” जी मामी” उसने किरण की ओर देखते हुए कहा….”जा बेटा तेरी मासी बुला रही है…” विनय अभी के साथ उसके घर चला गया…किरण ने गेट बंद किया और वापिस अंदर हाल में आ गयी….
और टीवी देखने लगी……थोड़ी देर बाद अंजू भी अपना काम निपटा कर नीचे आ गयी…किरण ने घड़ी में टाइम देखा अभी 11 ही बजे थे… घर का सारा काम निपट चुका था…अब 1 बजे दोपहर का खाना ही बनाना था…”हो गयी सफाई ऊपर भी….” किरण ने मुस्कराते हुए पूछा…”जी हो गयी…अब और क्या करना है….” अंजू नीचे बिछी चटाई पर बैठते हुए कहा….
किरण: कुछ नही अभी थोड़ा आराम कर ले…फिर 1 बजे खाना बनाना है.
अंजू: जी…
किरण: (अपने हाथो की तरफ देखते हुए…) इतनी गरमी है की, पूरी स्किन रूखी सी हो गयी है…..
अंजू: दीदी जी आप नहाने से पहले तैल लगा लिया करो…..
किरण: नही कल इनसे बॉडी लोशन मँगवाया था….वो लगा लेती हूँ….
ये कह कर किरण कुर्सी से उठी, और अपने रूम में चली गयी…वहाँ से बॉडी लोशन के बॉटल ली और फिर हॉल मे आ गयी….और फिर कुर्सी पर बैठ कर अपने हाथों और बाहों पर बॉडी लोशन लगाने लगी…फिर उसने थोड़ा सा बॉडी लोशन हाथ मे लिया और अपनी गर्दन के पीछे की तरफ लगाने लगी….ऐसा करते हुए, किरण को थोड़ी परेशानी हो रही थी… “दीदी जी आप कहो तो मैं लगा दूं….” अंजू ने मुस्कुराते हुए कहा….
अब किरण को इससे ज़्यादा और क्या चाहिए था…नौकरानी भी मिली ओए ऐसी मिली कि उसका हर तरह का काम करने से इनकार ना करे…. “हां चल तू आकर लगा दे….” किरण ने मुस्कराते हुए कहा….अंजू वहाँ से उठी और किरण के पीछे आकर खड़ी हो गयी….उसने बॉटल से अपने हथेली पर बॉडी लोशन टापकया और फिर बॉटल को टेबल पर रखा…फिर अपने दोनो हाथों को आपस मे मला और किरण की गर्दन के पीछे बॉडी लोशन लगाने लगी…अंजू के नरम हाथो का अहसास किरण को बेहद सुखद महसूस हो रहा था…मानो जैसे उसकी काफ़ी दिनो की थकान ख़तम हो गयी हो…..
अंजू धीरे-2 अपने हाथो को उसकी गर्दन और खुले हुए कंधो पर घूमते हुए सहला रही थी….”अर्रे वाह आंजू तू तो मालिश भी बहुत अच्छी कर लेती है…” किरण ने आँखे बंद करते हुए कहा…तो अंजू ने भी शोखी मे आते हुए, अपने किस्से सुनाना शुरू कर दिए….” ये तो कुछ भी नही दीदी जी….पता है मेरे गाओं में कई औरतें आती थी…मेरे पास मालिश करवाने के लिए…..सभी कहती थी कि, अंजू तेरे हाथो में तो जादू है…..” किरण अंजू की बात सुन कर हँसने लगी… “ तो तू गाओं में ये काम करती थी….” किरण ने आगे की तरफ झुकते हुए कहा…ताकि अंजू ठीक से उसके गर्दन और पीठ के मालिश कर सके.
अंजू: अब क्या करती दीदी….गाओं की औरतें सब जानकार थी….माना भी तो किसी को नही कर सकती थी….मालिश करवाती तो खुद ही कुछ ना कुछ दे जाती….
किरण: हां सही कहती थी…तुम्हारे गाओं की औरतें….बहुत सकून मिल रहा है….
अंजू उसके कंधो और पीठ पर हाथों से सहलाते हुए, बीच-2 में जब उसके कंधो को दबाती तो, किरण के बदन को ऐसा सकून मिलता. कि उसका दिल करने लगा कि, अंजू ऐसे ही उसकी मालिश करती रहे….. “ये तो बस ऐसे ही कर रही हूँ…असली मालिश तो अभी मेने की ही नही…आप करवाएँगी मुझसे मालिश….” उसने किरण के सामने आते हुए कहा… तो किरण ने अपनी आँखे खोल कर अंजू की तरफ देखा…
किरण: क्या इस समय….?
अंजू: हां क्यों….?
किरण: पर अभी तो मेने नहा लिया…..
अंजू: तो क्या हुआ….ये क्रीम तो नहाने के बाद भी लगाते है ना, इस से कर देती हूँ…
किरण: (कुछ देर सोचने के बाद…) चल ठीक है कर दे…
अंजू: ठीक है दीदी…पहले आप ये साड़ी उतार कर कोई पुरानी धुलने वाली पेटिकोट पहन लो…यहा बाँध लीजिएगा…..
अंजू ने अपनी चुचियों की तरफ इशारा करते हुए कहा, तो किरण मुस्कुराइ और उठ कर बाथरूम में चली गयी…एक-2 करके उसने अपने सारे कपड़े उतार दिया…और जो पेटिकोट उसने नहाने के समय उतारा था…उसे अपनी चुचियों पर बढ़ा लिया….और बाहर आ गये…..अंजू बाहर चटाई पर बैठी हुई इंतजार कर रही थी….जब किरण आए तो, अंजू ने वहाँ पर एक साइड में लगे हुए पलंग से एक तकिया उठाया और उसे चटाई पर रख दिया…. “आप यहाँ लेट जाए….पैट के बल…” अंजू ने चटाई की तरफ इशारा करते हुए कहा. तो किरण चटाई पर पैट के बल लेट गयी…
अंजू बॉडीलोशन की बॉटल लेकर उसके बगल में बैठ गयी…फिर अंजू ने किरण के पेटिकोट को उसके घुटनो तक उठाया….और अपनी हथेली में बॉडी लोशन लगा कर किरण की पिंदलियों पर लगाते हुए मालिश करने लगी… अंजू के हाथों का स्पर्श किरण को बहुत सकून दे रहा था…अंजू भी पूरे मन के साथ किरण के पैरो से लेकर पिंडलयों तक मालिश कर रही थी….उसने करीब 6-7 मिनिट तक किरण के पैरो से लेकर पिंडलियों तक मालिश की, और फिर उसने किरण के पेटीकोटे को और ऊपर सरकाते हुए, उसके चुतड़ों तक ऊपर चढ़ा दिया….इतना ऊपर कि किरण की वाइट कलर की पैंटी भी सॉफ नज़र आने लगी….
|