RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं और करू भाभी बाहर आ गये जहाँ रेहान न्ड मम्मी बैठे थे. रेहान ने भाभी को नमस्ते किया और मैं और भाभी उनके साथ बैठ गये. मैं रेहान के सामने वाले सोफे पे मम्मी के साथ बैठ गई और भाभी रेहान के साथ उसी के सोफे पे बैठ गई. हमारे बैठते ही मम्मी उठते हुए बोली.
मम्मी-आप लोग बातें करो मैं चाय लेकर आती हूँ.
मम्मी के जाते ही भाभी रेहान को छेड़ते हुए बोली.
करू-तो आज देवर को मौका मिल गया भाभी को साथ लेकर आने का.
रेहान-जी वो भैया नही थे इसलिए आना ही पड़ा.
भाभी फिर रेहान के साथ इधर उधर की बातें करने लगी. मैं देख रही थी भाभी कुछ ज़्यादा ही चिपक-2 कर बातें कर रही थी रेहान के साथ और उन्होने रेहान की तरफ जो टाँग थी उसे उठाकर दूसरी टाँग पे रखा हुआ था और जीन्स पहने होने की वजह से भाभी की जाँघ जीन्स में कसी हुई रेहान की आँखों के सामने थी. भाभी बातें करते-2 अपना हाथ जाँघ पे उपर से नीचे तक फिरा रही थी. रेहान जैसे कमीने इंसान को तो बस इतना इशारा काफ़ी था. वो भी अब मुझे आँख बचाकर कभी-2 भाभी की जाँघ पे हाथ फिराने लगा था. वैसे तो वो ये काम बहुत चालाकी से कर रहा था बट अपनी इस कमीनी भाभी की नज़रों से वो कहाँ बच सकता था. उस बेचारे को क्या पता था कि उसकी भाभी ने तो ऐसे कामो में पीएचडी की है. मैने सोचा क्यूँ ना इन दोनो कबूतर और कबूतरी को थोड़ी देर के लिए खुला छोड़ कर देखु ये क्या करते हैं.
मैने उठते हुए कहा.
मे-भाभी आप बातें करो मैं मम्मी के पास किचन में जा रही हूँ.
मैं किचन में चली गई और वहाँ पे थोड़ी देर तक मम्मी से इधर उधर की बातें करती रही. मेरे पूछने पे मम्मी ने बताया कि तेरे पापा और भैया तो ऑफीस गये है शाम को ही वापिस आएँगे. मैने भाभी के बारे में पूछा तो उन्होने बताया कि करू बहुत ख़याल रखती है सब का उस से किसी को भी शिकायत नही है.
मैने सोचा अब बाहर जाकर देखना चाहिए उन्दोनो को. मैं बाहर आई तो हैरान रह गई क्यूंकी वो दोनो वहाँ नही थे. मैने मन में सोचा की ये दोनो कहाँ गये. मैं भाभी के रूम की तरफ आई तो मैने अंदर जो देखा वो चौंकाने लायक था. रेहान ने करू भाभी को अपनी बाहों में भरा हुआ था और उसके हाथ भाभी की जीन्स में क़ैद गोल-2 नितंबों को सहला रहे थे और उन्दोनो को होंठ एकदुसरे से चिपके हुए थे. मैं थोड़ा सा दरवाज़ा खोल कर अंदर देख रही थी. भाभी ने अपने होंठ छुड़ाते हुए कहा.
करू-रेहान छोड़ो रीत आती होगी.
रेहान-बस 2 मीं डार्लिंग तुम्हारे उपर तो मेरी आँख शादी के दिन से ही थी.
करू-मुझे सब पता है.
रेहान ने भाभी के उरोज टी-शर्ट के उपर से ही दबाते हुए कहा.
रेहान-मुझे बिल्कुल उम्मीद नही थी कि तुझ जैसी तीखी मिर्ची इतनी जल्दी मेरी गोद में आ जाएगी.
करू-अभी गोद में आई कहाँ हूँ बहुत सफ़र बाकी है अभी तो तुम्हारा.
रेहान ने झट से भाभी को गोद में उठाते हुए कहा.
रेहान-अजी हम तो बहोत से शॉर्टकट जानते हैं पूरा सफ़र जल्दी ही कंप्लीट कर लेंगे.
भाभी ने रेहान की गालों पे उंगली फिराते हुए कहा.
करू-मगर मुझे तो लोंग ड्राइव में मज़ा आता है.
रेहान ने भाभी को गोद में से उतारा और दीवार के साथ सटाते हुए कहा.
रेहान-कोई बात नही डार्लिंग इतनी लंबी ड्राइव करवाउँगा कि कभी भूल नही पाओगी.
मैने सोचा अगर अभी इन्हे रोका नही गया तो ये ज़रूर लोंग ड्राइव पे निकल जाएँगे और इस बीच किसी ने देख लिए तो ऐसा आक्सिडेंट होगा कि संभालना मुश्क़िल हो जाएगा.
मैं थोड़ा पीछे हटी और ज़ोर से आवाज़ देते हुए कहा.
मे-भाभी. भाभी जी कहाँ हो आप.
भाभी के रूम से आवाज़ आई.
करू-अरे मैं यहाँ हूँ अपने रूम में.
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