RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैने अपना चेहरा बाहर निकल कर देखा अब रेहान जा चुका था. मैं बाहर आई और सबसे पहले डोर लॉक किया और फिर अलमारी से कपड़े निकाले और रेडी हो गई. मैने ग्रीन कलर का एक बहुत ही सुंदर पाजामी सूट पहन लिया और फिर बाहर आ गई. रेहान बाहर मेरा ही वेट कर रहा था. मैने मम्मी जी को बाइ बोला और फिर रेहान के साथ बाइक पे बैठ गई. गाड़ी आज पापा लेकर गये थे इसलिए हमे बाइक पे ही जाना पड़ा. रेहान ने बाइक रोड पे दौड़ा दी कुछ देर तक हम दोनो चुप चाप बैठे रहे फिर रेहान बोला.
रेहान-भाभी सॉरी.
मे-इट'स ओके रेहान बट तुम्हे नॉक करके आना चाहिए था.
रेहान-आइ एम सॉरी भाभी.
मे-छोड़ो इस बात को तुम ड्राइविंग पे ध्यान दो.
थोड़ी देर तक हमारे बीच खामोशी छाई रही फिरसे रेहान ने बात शुरू की.
रेहान-भाभी आप बिना कपड़ों के कमाल की दिखती हो.
मैने उसकी पीठ पे मुक्का मारते हुए कहा.
मे-बेशरम तुम कभी नही सुधर सकते.
रेहान-अब आपके जैसी हसीना नंगी होकर सामने खड़ी हो तो कैसे कोई सुधर सकता है.
मे-शट अप. बकवास बंद करो समझे.
रेहान-भाभी आप तो नाराज़ हो जाती हो.
मे-इस टॉपिक पे बात मत करो बस.
रेहान-ओके आपकी मर्ज़ी.
फिर हम दोनो चुप छाप बैठे रहे और हम घर पहुँच गये. मैं और रेहान बाइक से उतर कर अंदर चले गये. मम्मी मुझे देखते ही शॉक्ड हो गई और मुझे बाहों में भरते हुए कहने लगी.
मम्मी-मेरी बच्ची कैसी है तू.
मे-एकदम बढ़िया मम्मी आप बताओ.
मम्मी-बस ठीक हूँ बच्ची.
फिर रेहान ने मम्मी के पैर छुए और हम दोनो वही सोफे पे बैठ गये. मम्मी और रेहान बातें कर रहे थे मैं भाभी से मिलने के लिए उनके रूम की ओर चल पड़ी. अंदर गई तो देखा भाभी बिस्तर पे आँखें बंद करके सो रही थी. मैं धडाम से उनके उपर गिर गई वो झट से उठी और मुझे अपने उपर से गिराते हुए कहा.
करू-रीतू तेरी ये आदत कब जाएगी.
मे-कभी नही.
फिर भाभी ने मेरे चेहरे की तरफ देखा और ज़ोर से मेरे गले मिल गई और मेरा माथा चूमते हुए कहा.
करू-कैसी है तू.
मे-आपके सामने ही तो हूँ.
करू-देख रही हूँ कुछ भारी हो गई है तू.
मैने अपने पेट पे हाथ रखकर कहा.
मे-कहाँ भाभी एकदम स्लिम हूँ मैं तो.
भाभी ने मेरे उरोजो और नितंबों के उपर हाथ रखकर कहा.
करू-में पेट की नही इनकी बात कर रही हूँ लगदा है रोज़ाना मालिश होती है इनकी.
मेने शरमाते हुए कहा.
मे-कहाँ भाभी आपके नंदोई जी तो 20दिन से देल्ही गये है ट्रैनिंग के लिए.
करू-मतलब पिछले 20दिन तुमने खुद को संभाल लिया.
मे-बिल्कुल अब सुधर गई है आपकी रीतू.
करू-बहुत बढ़िया स्वीतू अब ऐसे ही रहना.
मे-सुधर तो गई हूँ पर ये मेरा देवर है ना रेहान लगता है फिर से बिगाड़ देगा मुझे.
करू-अरे कोई बात नही देवर भाभी के बीच तो छेड़ खानी चलती रहती है.
मैने आँखें नचाते हुए कहा.
मे-लगता है आप भी अपने देवर के साथ...हैं हैं ना..
करू-अब क्या बताऊं तुझे जादू का बच्चा पीछे ही पड़ गया बस फिर मुझे भी थोड़ा तरस आ गया और....
मे-और..?
करू-तू छोड़ इस बात को मैं कुछ खाने पीने का इंतज़ाम करती हूँ और बाहर जाकर तेरे उस नटखट देवर की भी खबर लेती हूँ.
मे-बचकर रहना उस से आप उसे हाथ पकड़ाओगी तो वो आपके उपर ही चढ़ जाएगा.
करू-कोई बात नही यहाँ अपना देवर चढ़ा लिया तो तेरे देवर को भी चढ़ा लूँगी.
मे-भाभी आप तो बिल्कुल बदल गई.
करू-अब क्या करूँ तेरे भैया तो सारा दिन काम-2 करते रहते हैं अब तुम बताओ अगर तेरे भैया काम करेंगे तो मेरा काम कॉन करेगा.
मे-हहहे भैया को समझाना पड़ेगा.
करू-कोई फ़ायदा नही मैने बहुत समझा कर देख लिया. तू छोड़ चल बाहर चलते हैं.
हम दोनो बाहर आ गई यहाँ रेहान न्ड मम्मी बैठे थे.
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