Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
07-03-2018, 12:08 PM,
#26
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं और महक वहाँ से चल पड़ी. महक ने मुझे कहा.
महक-क्या ज़रूरत थी बीच में जाने की.
मे-अरे यार उस बिचारे को पीट रहे तो वो मश्टंडे.
महक-तो तुम्हारा क्या लगता है वो.
मे-पता नही मगर उसका चेहरा मुझे अच्छा लगा उसे देखते ही मुझे बहुत ही अच्छा सा फील हुया बस वोही फीलिंग मुझे वहाँ पे खींच कर ले गई.
महक-मदर इंडिया जी अब हम इसी कॉलेज में पढ़ने वाले है और अगर कभी उन लोगो ने हमे तंग करने की कोशिश की तो.
मे-तो क्या यार. हमारा आकाश फाइटर है ना हमारे पास वो इन सब की धुनाई कर देगा.
महक-ओह हो मेडम मगर आकाश सिर्फ़ मुझे बचाएगा आप क्या नानी लगती हो उसकी.
मे-ओये मिक्‍कु शैतान साली हूँ मैं आकाश की और साली आधी घरवाली होती है मेरे एक इशारे पे भागा चला आएगा वो.
महक-अच्छा अच्छा ओके मेरी माँ मगर पूरी घरवाली मत बन बैठना.
मे-अरे नही पूरी घरवाली का हक तो सिर्फ़ आपका ही है.
महक-अच्छा अब बस आ रही है चलो.
फिर हम बस में बैठे और घर वापिस आ गये.
अब टाइम आ चुका था मेरे गिफ्ट का. मैने पापा को याद दिलाया तो उन्होने कहा कि वो कल मेरे लिए स्कूटी खरीदने चलेंगे. दूसरे दिन चम-चमाति हुई अक्तिवा हमारे घर में आ गयी. मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नही था. मैने भाभी को पीछे बिठाया और 3-4 चक्कर लगाए स्कूटी के. करू भाभी को तो मैने हाथ तक नही लगाने दिया हॅंडल को वो बस पीछे बैठ कर ही ड्राइविंग का मज़ा लेती रही. मैं बहुत खुश थी अब बस इंतेज़ार था कॉलेज के 1स्ट डे का जिस दिन मैं फर्स्ट टाइम स्कूटी कॉलेज ले जाने वाली थी.
................
आख़िर वो दिन भी आ गया. महक को मैने अपने घर ही बुला लिया. वो कॉलेज के लिए रेडी होकर मेरे घर आ गई. मैं भी तैयार हुई आज मैने रेड टॉप के साथ ब्लू टाइट जीन्स पहनी थी और पैरों में हाइ हील के संदेल. जीन्स में कसे हुए मेरे नितंब पता नही कितनो को घायल करने वाले थे आज. मैं और महक कॉलेज के लिए निकल गयी. रास्ते में हमे आकाश भी मिल गया. उस कमिने ने भी न्यू क्रीज़्मा बाइक ली थी. उसने हमे रोका और महक को अपने साथ बिठा लिया. महक भी भाग कर उसके पीछे बैठ गई. मैने सोचा मिक्‍कु की बच्ची कल से अब इसी के साथ आना. हम कॉलेज में पहुँच गये और मैने स्कूटी पार्क की और महक और आकाश को साथ लेकर अपनी क्लास ढूँडने लगी. आकाश की नज़र बार-2 मेरे उपर आ रही थी. उसने आज पहली दफ़ा मुझे जीन्स में देखा था शायद इसी लिए उस से एग्ज़ाइट्मेंट कंट्रोल नही हो रही थी. बड़ी मुश्क़िल से हमने क्लास ढूंढी और जाकर एक डेस्क पे बैठ गये. हम एक ही बेंच पे बैठे थे और महक हम दोनो के बीच बैठी थी. थोड़ी देर बाद ही टीचर आई और बोलने लगी.
मॅम-हेलो स्टूडेंट्स.
'हाई मॅम'
मॅम-ओक तो आप सब का मैं वेलकम करती हुई आपके न्यू कॉलेज में.
'थॅंक्स मॅम'
फिर मॅम सब का इंट्रो लेने लगी. तभी एक स्टूडेंट बड़ी तेज़ी से अंदर आया. ये तो वोही हॅंडसम था जिसे मैने उस्दिन बचाया था.
मॅम-हेलो मिस्टर. कॉन हो आप.
लड़का-मॅम मैं इंसान हूँ.
मॅम-वो तो मुझे भी दिख रहा है. मगर यहाँ क्यूँ आए हो.
लड़का-मॅम पढ़ने आया हूँ.
सारी क्लास हँसने लगी.
मॅम-ओह शट अप एडियट. ये कैसा तरीका है बात करने का.
लड़का-मॅम मैं तो जस्ट आपके सवाल का आन्सर दे रहा था.
मॅम-इतना आटिट्यूड दिखाने की ज़रूरत नही है. आज तुम्हारा 1स्ट डे है और आज ही लेट.
लड़का-अकटुल्ली मॅम मैं तो पैदा होते वक़्त भी 5मिनट लेट हो गया था. इसलिए ये लेट वाला चक्कर तो जिंदगी के पहले पल से ही मेरा साथ जुड़ गया था.
अब उसकी बात पे मॅम भी हँसने लगी और सारी क्लास भी.
मॅम-पहले दिन ही शरारातें शुरू अच्छी जमेगी हमारी. गो टू युवर सीट.
लड़का-मगर मॅम मेरी कोई सीट तो है ही नही आज फर्स्ट डे है हमारा.
मॅम-अरे देख लो क्लास में जिस किसी के पास बैठना चाहो बैठ जाओ.
वो लड़का पूरी क्लास में नज़र घुमाने लगा और जैसे ही उसकी नज़र मेरे उपर पड़ी तो वो एकदम चौंक उठा और फिर मुस्कुराता हुआ मेरे पास आया और मेरे बराबर वाली सीट पे बैठ गया और मुझे देखता हुआ मुस्कुराने लगा. मैने भी उसे स्माइल पास की और फिर अपना चेहरा मॅम की तरफ घुमा लिया.
मॅम फिरसे इंट्रो लेने लगी. मैने, आकाश ने और महक ने भी अपना इंट्रो दिया और फिर उस लड़के की बारी आई तो वो उठा और बोलने लगा.
लड़का-आइ एम करण. आइ हॅव डन 10थ क्लास फ्रॉम सी.बी.एस.ई बोर्ड.
मॅम-बस इतनी सी इंट्रो बोलते तो बहुत हो आप.
उसने मेरी तरफ देखा और कहा.
करण-वो मॅम बात ऐसी है कि वैसे तो मैं बहुत बक-2 करता हूँ लेकिन जब कोई हसीन चेहरा आचनक सामने आ जाता है तो मेरी बोलती बंद हो जाती है.
मॅम उसकी बात सुनकर अपनी लट संवारने लगी उन्हे लगा था कि करण ने ये बात उनके हसीन चेहरे को देख कर कही थी मगर मुझे अच्छी तरह से पता था कि ये बात उसने मुझे देखकर कही थी.
1स्ट लेक्चर ख़तम हुआ और हम तीनो बाहर आ गये और कॅंटीन मे बैठ गये. मैने देखा करण इधर-उधर देखता हुआ वहाँ आ रहा था और हमे देखते ही वो हमारे पास आया और बोला.
करण-क्या मैं आपके साथ बैठ सकता हूँ.
मे-स्योर.
करण-थॅंक्स. बाइ दा वे आइएम करण.
उसने अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ा दिया. मैने भी उसके हाथ में अपना हाथ थमा दिया फिर महक और आकाश ने भी उसके साथ हॅंड-शक किया.
फिर वो बोला.
कारण-मिस. नवरीत मुझे आपको 2 बातें कहनी थी. पहली थॅंक्स न्ड दूसरी सॉरी.
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