RE: Tadpati Bhabhi Ko Choda
आज ये आशिक़ तेरा हुस्न-ए-दीदार करना चाहता है”
भाभी तो पहले से ही गर्म थी उन्होंने मुझे मेरे हाथों को अपनी चूचियों पर रख दिया और मेरे लबो को अपने लबो से मिलाकर रसपान करने लगी।
हमदोनो एक दूसरे में खो गये और एकदूसरे को बाँहों में भरकर चूमने और चाटने लगे। हम दोनों की तौलिया अलग हो गईं थी। हम निर्वस्त्र एक दूसरे के छुवन के मज़े ले रहे थे। मेरा लण्ड उनकी नंगी बुर की दरार का जायजा लेने लगा और मेरे होठ उनके होठो को तो कभी चुहियों को चूमने लगे।
Don't like the story? Click here for more options
फिर कुछ देर बाद हमे बेड पर लिटा कर मेरा लण्ड पर अपना जीभ फेरने लगी। और फिर धीरे धीरे चूसने लगी। कुछ ही देर में लण्ड में रक्त-प्रवाह इतनी तेज़ हो गया कि मेरा लण्ड उम्मीद से ज्यादा मोटा हो गया। लगभग 5 मिनट बाद मैंने भी अपनी भाभीजान के बुर का स्वाद चखने के लिए उनके बुर पे अपने होठ रखे।
भाभी के पैर कांप रहे थे। मैंने उनकी बुर को चाटने और काटने के अलावा जिह्वा-चोदन का आनंद दिया। लगभग १० मिनट के बाद उन्हें बेड पर खिंच कर उनके होठों पर अपने होठ रख चूसने लगा नीचे उनकी बुर पर अपना लण्ड रगड़ने लगा। भाभी इस क्षड़ का पूरी तरह लुफ़्त उठा रहीं थी। लगभग 7-8 मिनट बाद भाभी मिन्नतें करने लगी “बाबू प्लीज अपनी भाभी जान की बुर में अपना लण्ड पेल दो।”
मैं उनके बुर के दाने पर लण्ड पर रगड़ने लगा। भाभी पागल सी होती जा रहीं थी। अपनी गांड़ उठा उठा कर मेरे लण्ड पर रगड़ने लगी।
मैंने धीरे से अपने लण्ड को उनके बुर के छेद पर टिका कर धक्का दिया। मेरा पूरा लण्ड भाभी गर्म बुर को चीरते हुवे अंदर समां गया। भाभी की मुख्य से दर्द और ख़ुशी का मिला जुला आवाज़ निकला। मैं धक्के मरता गया और भाभी भी गांड़ हिला हिला कर चुदती रहीं।
5 मिनट के चुदाई के बाद मैं लण्ड निकालता फिर प्यार से पूरा घुसाता। फिर भाभी मेरे लण्ड को एक बार और चूस कर गिला की और मुझे पीठ के बल लिटा कर मेरे लण्ड को अपने शोला माफ़िक दहकते बुर के अंदर लेकर कमर हिला हिला कर चुदवाने लगी। मैं उनकी चूचियों को मसलता तो कभी उनकी गाँड़ पर चिकोटी काट देता। बिच बिच में भाभी झुक कर अपने होठो का रसपान करा देती।
लगभग 5 मिनेट बाद फिर वो नीचे और मैं उनके ऊपर लेट उनको किश करते हुवे पेलता रहा। कुछ ही देर में भाभी ने मुझे कस के पकड़ लिया और उनके नाख़ून मेरे पीठ पर छुभने लगे। मैं अपने कमर को गोल गोल घुमा कर धक्के मार रहा था।
तभी भाभी काफी तेज़ नाख़ून चुभाते हुवे कस कर पकड़ लिया और मेरे होठो को दांतों से काटने लगी। देखते ही देखते उनके बुर से पानी का धार छूट उठा और लण्ड का आवा गमन बहुत ही सरल हो गया।
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
चंद पल की देर थी, मेरी आँखे बंद होने लगी, कमर तेज़ी से चलने लगा, हाथ की जकड और तेज़ हो गयी। मेरा फेस उनके गर्दन से चिपक गया। आउट ऑफ द वर्ल्ड की फीलिंग आ रही थी। भाभी मुझे बाँहों में कस के पकड़ रखी थी। मेरा गर्म वीर्य भाभी की बुर में ही फवारो की तरह छूटने लगा।
कुछ देर वैसे ही बाँहों में एक दूसरे को लेकर चूमते रहे फिर जब जांघो के बीच चिपचिपा और ठण्ड वीर्य महसूस हुआ तब भाभी बगल में रखी तौली से हम दोनों के वीर्य साफ करीं।
फिर मेरी आँखों में देखीं। बहुत प्यारी और खुश नज़र आ रही थी। मैंने कहा “लव यू जान।”
भाभी इतना सुनते ही मेरे होठो पे टूट पड़ी और हमलोग फिर एकदूसरे को बाँहों में लेकर फ्रेंच किश करते रहे।
Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
|