RE: Chudakkad Talakshuda Maa Mother Sex Story
“साली रंडी बेटे का लंड का टेस्ट कैसा लग रहा है? अब मेरा लंड का शरबत पीले जल्दी से मेरी जान” बोल कर मैने अपने मा के मूह में अपना सारा माल दल दिया.
मा ने मेरा सारा वीर्या निगल लिया और उसके मूह के आजू बाजू लगा हुआ माल चाट लिया. क्या सही लग रही थी मेरी मा. मैने उसे खिच कर अपने बदन से लिपटा लिया और उसे पागलो की तरह चूमने लगा. मेरे मूह का थूक उसके मूह में भर के में आचे से उसे चूमने और चाटने लगा. मा को अपने गोदी में उठाकर मैं उसे उसके कमरे में ले गया. बिस्तर पर उसे लेटकर मैं अपने रूम से मा की आल्मिराह की चाबी ले आया. ड्रॉयर से एक पिंक तोंग निकल कर मा के हाथ में रख दिया.
“चल जल्दी से अपने सारे कापरे उतार के एह पह्न ले. तभी तो लगेगी असली वाली रंडी” मैने कहा.
“सला मदारचोड़ कुत्ता. अपनी मा को नज़र दे रहा है नालयक. तो देख अब” बोलकर मा अपने कापरे एक एक करके खोलने लगी.
क्या पताका लग रही थी मा. पूरी नंगी हो कर मेरा दिया हुआ पिंक तोंग पहें कर बिस्तर पर लेट गयी. मुझसे और रहा नही गया और मैं जानवर की तरह उनके उपर टूट परा. उनके सारे बदन को चाटने लगा. उनको शायद थोरी शरम आ रही थी इसीलिए वो आखें बंद करके आहे भरने लगी. मैने उनकी चूचियाँ हाट में लेकर आची तरह से मसालने लगा. कितनी भारी है उनकी चूचियाँ की क्या बताऊं. मैं चूचियों को मज़ा से चाट रहा था तो कभी कभी काट रहा था. मेरी मा के मूह से उनके आराम का संकेत मिल रहा था.
“चल भोसदिके अब मेरी चूत को भी तो खुश कर दे भावडे” बोलके मेरी मा ने अपने पाएर खोल दिए.
“पहले तेरी चूत का रस तो चखके देखलू कामिनी” और मैने अपने मा के तोंग को एक साइड में करके चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. मा के चूत का नमकीन रस मेरे मूह में भरने लगा. मा ने पेशाब करके चूत ढोई नही थी तो पेशाब के कुछ बूँद भी मेरे मूह में आ गये. मा एक हाट से मेरे सिर को चूत में दबा रही थी और दूसरे से अपने चूचियाँ खीच रही थी. क्या नज़ारा था मेरी मा मेरा नाम लेकर अपने आप को मेरे हवाले कर रही थी.
“रवि में झरने वाली हूँ. चाट चाट के लाल बना दे मेरी चूत को!” यह बोल के मा झार गयी.
अब मुझसे और सहा नही जेया रहा था. मैने एक झटके में मा की तोंग खोल दी और अपना टगरा लंड उनके चूत पे घुसा दिया. मेरा लंड काफ़ी आसानी से ही उनके लंड में घुस गया. मुझे समझ में आ गया की मेरी मा रेग्युलर्ली चुड़वति है.
“साली रंडी मेरे बाप को चोर कर कितनो से छुड़वा चुकी है?” लंड को अंदर बाहर करते हुए मैने पूछा.
“बोहोट रे पगले. आअहह…मुझे तो याद भी नही है सबके नाम” मा बोली.
“इसी लिए जवानी का जोश अभी तक सर पे सॉवॅर है कुट्टिया के.”
“हा. मदारचोड़ जल्दी कर. बुढहे की तरह क्या धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा है कामीने. जहा से आया है उसी जगा वापस जेया रहा है रे तू हरामी.”
“रंडी की बच्ची. छुड़वाने का बोहोट सौख है तुझे. यह ले.”
“और दल. मेरा छोड़ू बेटा आज मुझे संतुष्ट कर दे.”
“क्यूँ तेरे गन्दू प्रेमी तेरी प्यास नही बुझा पाते क्या?”
“कहा रे. तेरे शर्मा अंकल तो थोड़ी देर करके ही तक जाते है. उनसे मिलने के बाद फिर तेरे चाचू से मिलती हूँ तब थोरी रहट मिलती है. उसके बाद कभी कभी तेरे मामा को भी बुला कर चूत में लंड डलवा लेती हूँ तब थोरी रहट मिलती है.”
“तू तो बरी पौच्ी हुई चीज़ है रे. आज तो तेरी बर की चटनी बना दूँगा.”
“आजा मेरा राजा बेटा. आचे से चोददे फिर चूत के पसीने में तले हुए भजिए खिलौंगी. आआ हाअ और तेज़. हा ऐसे ही और दे…आआआहह” बोलके मा झाड़ गयी.
“अभी रुक जा रानी. तुझ जैसी लंड चोसू मा के चूत को तो मैं अपने लंड के दूध से मखान जैसा बना दूँगा” बोलते बोलते मैं भी मा के चूत में झाड़ गया.
पर अभी तक मेरा मान नही भरा था. मुझे हमेशा से ही मेरी मा के गांड पर लालच था. आज जब मौका मिला ही था तब चौका भी मारना ज़रूरी था. मैने मा को उल्टा करके सुला दिया और उसके गांड को दबाने लगा.
“आज तो तेरी गांड का माखन छक्के देखूँगा मैं” बोलके मैं मा की गांड चाट ने लगा.
मा भी मेरा साथ देते हुए कुटिया की तरह बिस्तर पर बहत् गयी.
“मेरे रंडी छोड़ू बेटा अपने लंड का माज़ा मेरी गांड को दे दे. कब से तुझे पाने के लिए तारप रही हूँ. तेरे बारे में सोचकर कितनी बार चूत में उंगली की है तुझे पता नही. आज मेरी गांड को अपने लंड से भर दे.”
“ले मेरी डार्लिंग अभी तेरे गांड में मेरा यह सकत डंडा घुसा देता हूँ. क्या टाइट है रे. एकड़ों रापचिक माल है रे तू. तुझे तो मैं आज पूरा का पूरा खा जौंगा.” कहते कहते मैं अपना लंड मा के गांड की छेड़ में अंदर बाहर करने लगा.
“चूतिया और ज़ोर दल. साले सुवार जल्दी कर ना. कुत्ते के बीज मेरी तड़प मिटा पाएगा अकेले की चाचू को आवाज़ देनी परेगी?”
“रुक जा चुड़ैल. आज तो मैं तेरी सारी तड़प मिटा दूँगा. तुझ जैसे हरामी की चूड़ी को मेरे सिवा कोई संत्ुस्त नही कर सकता” कहते कहते मैने अपने मा के चूचियों को खिचने लगा.
मा ज़ोर ज़ोर से मदहोश हो कर चिल्ला रही थी. वो इस दौरान मेरे लंड को गंद में लेते हुए टीन बार झार चुकी थी. अब मेरा भी झड़ने का टाइम आ गया था.
“अब से तू मेरी पर्सनल रंडी. शादी के बाद भी तुझे रखैल बना कर चोदूंगा . तू देख लेना शीतल” बोलके मैने अपना माल उसके गांड में चोददिया.
अब मेरे वीर्या से मैने उसके तीनो चीड़ भर दिए थे. मा ने मेरे लंड को चाट कर सॉफ कर दिया. उसको काज़ के पाकर के मैं बिस्तर पे लेट गया और हम दोनो सो गये.
सुबह जब मैं उठा तब मैं कमरे में अकेला था. मैने जल्दी से कापरे पहने और कमरे के बाहर गया. मुझे मा किचन में कम करने की आवाज़ सुनाए दी. मुझे समझ नही आ रहा था की वो क्या बोलेगी. पर जैसे ही मैं किचन के अंदर गया मेरे सारे शक दूर हो गये. मा बिल्कुल नंगी होकर ब्रेकफास्ट बना रही थी. मैं पीछे से जाकर उन्हे हग करके उनके गाले में चूमने लगा. फिर हम लोगो ने जल्दी से खाना खा लिया और हमारा चोदने का सिलसिला फिरसे चालू किया.
आज मैं और मेरी मा बिल्कुल एक मॅरीड कपल की तरह है. मैं रोज़ कम से वापस आकर अपनी मा को बीवी बनाकर खूब माज़ा लेकर छोड़ता हू. कभी कभी चेंज के लिए मा अपने पुराने आशिक़ो को घर पे बुलाती है और मैं उसे चुड़वते हुए देखता हूँ.
——–समाप्त——–
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