Sex Vasna चोरी का माल
02-12-2022, 01:58 PM,
#11
RE: Sex Vasna चोरी का माल
माया मेमसाब
(भाग-3)
अब तक आपने पढा
माया चलो दूध ना पिलाओ! एक बार अपने होंठों का मधु तो चख लेने दो प्लीज?’
‘ना बाबा ना… केहो जी गल्लां करदे ओ… किस्से ने वेख लया ते? होर फेर की पता होंठां दे मधु दे बहाने तुसी कुज होर ना कर बैठो?’ (ना बाबा ना… कैसी बातें करते हो किसी ने देख लिया तो? और तुम क्या पता होंठों का मधु पीते पीते कुछ और ना कर बैठो) Click to expand... अब आगे-:
अब मैं इतना फुद्दू भी नहीं था कि इस फुलझड़ी का खुला इशारा न समझता। मैंने झट से उठ कर दरवाजा बंद कर लिया।

और फिर मैंने उसे झट से अपनी बाहों में भर लिया। उसके कांपते होंठ मेरे प्यासे होंठों के नीचे दब कर पिसने लगे। वो भी मुझे जोर जोर से चूमने लगी। उसकी साँसें बहुत तेज़ हो गई थी और उसने भी मुझे कस कर अपनी बाहों में भींच लिया। उसके रसीले मोटे मोटे होंठों का मधु पीते हुए मैं तो यही सोचता जा रहा था कि इसके नीचे वाले होंठ भी इतने ही मोटे और रस से भरे होंगे।

वो तो इतनी उतावली लग रही थी कि उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी जिसे मैं कुल्फी की तरह चूसने लगा। कभी कभी मैं भी अपनी जीभ उसके मुँह में डाल देता तो वो भी उसे जोर जोर से चूसने लगती। धीरे धीरे मैंने अप एक हाथ से उसके उरोजों को भी मसलने लगा। अब तो उसकी मीठी सीत्कारें ही निकलने लगी थी। मैंने एक हाथ उसके वर्जित क्षेत्र की ओर बढाया तब वह चौंकी।

‘ओह… नो… जीजू… यह क्या करने लगे… यह वर्जित क्षेत्र है इसे छूने की इजाजत नहीं है… बस बस… बस इस से आगे नहीं… आह…!’

‘देखो तुम गुजरात में पढ़ती हो और पता है गांधीजी भी गुजरात से ही थे?’

‘तो क्या हुआ? वो तो बेचारे अहिंसा के पुजारी थे?’
‘ओह… नहीं उन्होंने एक और बात भी कही थी!’
‘क्या?’

‘अरे मेरी सोनियो… बेचारे गांधीजी ने तो यह कहा है कोई भी चूत अछूत नहीं होती!’
‘धत्त… हाई रब्बा ..? किहो जी गल्लां करदे हो जी?’ वो खिलखिला कर हंस पड़ी।

मैंने उसकी नाइटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ फिराना चालू कर दिया। उसने पेंटी नहीं पहनी थी। मोटी मोटी फांकों वाली झांटों से लकदक चूत तो रस से लबालब भरी थी।

‘ऊईइ… माआआआ… ओह… ना बाबा… ना… मुझे डर लग रहा है तुम कुछ और कर बैठोगे? आह…रुको… उईइ इ……माँ…!’

अब तो मेरा एक हाथ उसकी नाइटी के अन्दर उसकी चूत तक पहुँच गया। वो तो उछल ही पड़ी- ओह… जीजू… रुको… आह…’

दोस्तो! अब तो पटियाले की यह मोरनी खुद कुकडू कूँ बोलने को तैयार थी। मैं जानता था वो पूरी तरह गर्म हो चुकी है। और अब इस पटियाले के पटोले को (कुड़ी को) कटी पतंग बनाने का समय आ चुका है।
मैंने उसकी नाइटी को ऊपर करते हुए अपना हाथ उसकी जाँघों के बीच डाल कर उसकी चूत की दरार में अपनी अंगुली फिराई और फिर उसके रस भरे छेद में डाल दी।
उसकी चूत तो रस से जैसे लबालब भरी थी। चूत पर लम्बी लम्बी झांटों का अहसास पाते ही मेरा लण्ड तो झटके ही खाने लगा था।

एक बात तो आप भी जानते होंगे कि पंजाबी लड़कियाँ अपनी चूत के बालों को बहुत कम काटती हैं। मैंने कहीं पढ़ा था कि पंजाबी लोग काली काली झांटों वाली चूत के बहुत शौक़ीन होते हैं।

मैंने अपनी अंगुली को दो तीन बार उसके रसीले छेद में अन्दर-बाहर कर दिया।

‘ओहो… प्लीज… छोड़ो मुझे… आह… रुको…एक मिनट…!’ उसने मुझे परे धकेल दिया।

मुझे लगा हाथ आई चिड़िया फुर्र हो जायेगी। पर उसने झट से अपनी नाइटी निकाल फैंकी और मुझे नीचे धकेलते हुए मेरे ऊपर आ गई। मेरी कमर से बंधी लुंगी तो कब की शहीद हो चुकी थी। उसने अपनी दोनों जांघें मेरी कमर के दोनों ओर कर ली और मेरे लण्ड को हाथ में पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी। मुझे तो लगा मैं अपने होश खो बैठूँगा। मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लेना चाहा।

‘ओये मेरे अनमोल रत्तन रुक ते सईं…?’ (मेरे पप्पू थोड़ा रुको तो सही)

और फिर उसने मेरे लण्ड का सुपर अपनी चूत के छेद से लगाया और फिर अपने नितम्बों को एक झटके के साथ नीचे कर दिया। 7 इंच का पूरा लण्ड एक ही घस्से में अन्दर समां गया।
‘ईईईईई ईईईइ… या…!!’

कुछ देर वो ऐसे ही मेरे लण्ड पर विराजमान रही। उसकी आँखें तो बंद थी पर उसके चहरे पर दर्द के साथ गर्वीली विजय मुस्कान थिरक रही थी। और फिर उसने अपनी कमर को होले होले ऊपर नीचे करना चालू कर दिया। साथ में मीठी आहें भी करने लगी।

‘ओह .. जीजू तुसी वी ना… इक नंबर दे गिरधारी लाल ई हो?’ (ओह जीजू तुम भी ना… एक नंबर के फुद्दू ही हो)
‘कैसे?’

‘किन्नी देर टन मेरी फुद्दी विच्च बिच्छू कट्ट रये ने होर तुहानू दुद्द पीण दी पई है?’ (कितनी देर से मेरी चूत में बिच्छू काट रहे हैं और तुम्हें दूध पीने की पड़ी है।)

मैं क्या बोलता। मेरी तो उसने बोलती बंद कर दी थी।

‘लो हूँण पी लो मर्ज़ी आये उन्ना दुद्ध!’ (लो अब पी लो जितना मर्ज़ी आये दूध) कहते हए उसने अपने एक उरोज को मेरे होंठों पर लगा दिया और फिर नितम्बों से एक कोर का धक्का लगा दिया .

अब तो वो पूरी मास्टरनी लग रही थी। मैंने किसी आज्ञाकारी बालक की तरह उसके उरोजों को चूसना चालू कर दिया। वो आह… ओह्ह . करती जा रही थी। उसकी चूत तो अन्दर से इस प्रकार संकोचन कर रही थी कि मुझे लगा जैसे यह अन्दर ही अन्दर मेरे लण्ड को निचोड़ रही है।

चूत के अन्दर की दीवारों का संकुचन और गर्मी अपने लण्ड पर महसूस करते हुए मुझे लगा मैं तो जल्दी ही झड़ जाऊँगा। मैं उसे अपने नीचे लेकर तसल्ली से चोदना चाहता था पर वो तो आह ऊँह करती अपनी कमर और मोटे मोटे नितम्बों से झटके ही लगाती जा रही थी। मैंने उसके नितम्बों पर हाथ फिरना चालू कर दिया। अब मैंने उसकी गाण्ड का छेद टटोलने की कोशिश की।

‘आह… उईइ… इ… माँ… जीजू बहुत मज़ा आ रहा है… आह…’

‘माया तुम्हारी चूत बहुत मजेदार है!’
‘एक बात बताओ?’
‘क… क्या?’

‘तुमने उस छिपकली को पहली रात में कितनी बार रगड़ा था?’
‘ओह… 2-3 बार… पर तुम क्यों पूछ रही हो?’
‘हाई… ओ रब्बा?’
‘क्यों क्या हुआ?’

‘वो मधु तो बता रही थी .. आह… कि… कि… बस एक बार ही किया था?’

‘साली मधु की बच्ची ’ मेरे मुँह से निकलते निकलते बचा। इतने में मेरी अंगुली उसकी गाण्ड के खुलते बंद होते छेद से जा टकराई। उसकी गाण्ड का छेद तो पहले से ही गीला और चिकना हो रहा था। मैंने पहले तो अपनी अंगुली उस छेद पर फिराई और फिर उसे उसकी गाण्ड में डाल दी। वो तो चीख ही पड़ी।

‘अबे… ओये भेन दे टके… ओह… की करदा ए ( क्या करते हो…?)’

‘क्यों क्या हुआ?’
‘ओह… अभी इसे मत छेड़ो…?’
‘क्यों?’
‘क्या वो मधु मक्खी तुम्हें गाण्ड नहीं मारने देती क्या?’
‘ना यार बहुत मिन्नतें करता हूँ पर मानती ही नहीं!’

‘इक नंबर दी फुदैड़ हैगी…? नखरे करदी है… होर तुसी वि निरे नन्द लाल हो… किसे दिन फड़ के ठोक दओ’ (एक नंबर क़ी चुदक्कड़ है वो… नखरे करती है ..? तुम भी निरे लल्लू हो किसी दिन पकड़ कर पीछे से ठोक क्यों नहीं देते?)

कहते हुए उसने अपनी चूत को मेरे लण्ड पर घिसना शुरू कर दिया जैसे कोई सिल बट्टे पर चटनी पीसता है। ऐसा तो कई बार जब मधु बहुत उत्तेजित होती है तब वह इसी तरह अपनी चूत को मेरे लण्ड पर रगड़ती है।

[Image: LZQARubiq-cp-S6r-O5o7-V73na38-AR-PR019i-NDVgg78s.gif]
‘ठीक है मेरी जान… आह…!’ मैंने कस कर उसे अपनी बाहों में भींच लिया। मैं अपने दबंग लण्ड से उसकी चूत को किरची किरची कर देना चाहता था। मज़े ले ले कर देर तक उसे चोदना चाहता था पर जिस तरीके से वह अपनी चूत को मेरे लण्ड पर घिस और रगड़ रही थी और अन्दर ही अन्दर संकोचन कर रही थी मुझे लगा मैं अभी शिखर पर पहुंच जाऊँगा और मेरी पिचकारी फूट जायेगी।
‘आईईईई ईईईईईईई… जीजू क्या तुम ऊपर नहीं आओगे?’ कहते हुए उसने पलटने का प्रयास किया।

[Image: 2nk-JM3z-Enrodpq-Op-RN9-YJ7-ZB9-Zks-WWvs...Gz-Bkc.gif]

मेरी अजीब हालत थी। मुझे लगा कि मेरे सुपारे में बहुत भारीपन सा आने लगा है और किसी भी समय मेरा तोता उड़ सकता है। मैं झट उसके ऊपर आ गया और उसके उरोजों को पकड़ कर मसलते हुए धक्के लगाने लगा। उसने अपनी जांघें खोल दी और अपने पैर ऊपर उठा लिए।
अभी मैंने 3-4 धक्के ही लगाए थे कि मेरी पिचकारी फूट गई। मैंने उसे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया। वो तो चाह रही थी मैं जोर जोर से धक्के लगाऊँ पर अब मैं क्या कर सकता था। मैं उसके ऊपर ही पसर गया।
‘ओह… खस्सी परांठे…?’

कहानी जारी रहेगी!
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Vasna चोरी का माल - by desiaks - 02-12-2022, 01:58 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,571,604 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 552,392 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,263,173 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 955,071 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,693,999 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,114,771 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,009,877 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,252,700 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,101,479 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,652 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)