Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 01:01 PM,
#46
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है

कोई पंद्रह मिनिट पश्चात हम उनके घर पहुच गये मामी ने ताला खोला और मुझे आराम करने को कहा मैं सोफे पे लेट सा गया थोड़ी थकान भी हो रही थी मामी रसोई मे जाके खाने की तैयारी करने लगी मैने टीवी ऑन करलिया और गाने चलाने लगा लगभग एक घंटे बाद मामी खाना लेके आई और हम साथ बैठ कर खाने लगे फिर उन्होने मुझे दूध का गिलास दिया खाना ख़ाके मैं थोड़ा बाहर की साइड पे आ गया क्योंकि मुझे थोड़ी गर्मी सी लग रही थी बाहर आके थोड़ा अच्छा फील हुआ

मैने कुएँ पे लगी मोटर ऑन की और नहाने के लिए पास ही बनी होदि में पानी छोड़ लिया और मस्ती से नहाने लगा ठंडे ठंडे पानी की बोछारे बहुत ही सुकून दे रही थी मामी भी बाहर आ गयी और मुझे देखने लगी मैने कहा आप भी आ जाओ तो वो बोली नही मैं तुम्हारे साथ नही नहा सकती हू तो मैने कहा हम आप तो बस चुद सकती हो ऑर कुछ नही कर सकती मैं जानता हू आपने मुझे अपनी झान्टो मे लगी आग ओ बुझाने के लिए ही तो रोका है फिर अब नखरे क्यों दिखाती हो जब मज़ा करना हैं तो खुल के करो

ताकि उसका पूरा मज़ा मिले वरना क्या फ़ायदा तो वो कुछ सोच के बोली कि पर अगर कोई आ गया तो मैने कहा इस टाइम कॉन आएगा आगे अपपकी मर्ज़ी हैं ……………………… ////////////////////////////???????????????????????????????????????????????????????????????
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???????????????????????????? वो कुछ नही बोली और वैसे ही खड़ी रही तो मैं उनके पास गया और उन्हे उठा के पानी की होदि मे डाल दिया

तो वो बोली बाहर का बल्ब तो बंद कर दो मुझे उनकी ये बात सही लगी और फॉरन ही मैने उसे बंद कर दिया मामी की घाघरा चोली पूरा भीग गये थी हम बड़े ही मज़े से एक दूसरे से अठखेलिया कर रहे थे मैने मामी को अपनी बाहों मे भर लिया और उनके कपड़े उतारने लगा कुछ ही पलो मे हम दोनो बिल्कुल नंगे थे वो मेरी गोदी मे आके बैठ गयी ठंडे ठंडे पानी मे हमारे जिस्मो की गर्माहट घुलने लगी पता नही कितनी ही देर हम पानी मे पड़े रहे बाहर निकलने का मन ही नही कर रहा था

बस ऐसे ही उनको गोदी मे बिठाए रखा तो मामी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि चलो अब अंदर चलते है पानी से भीगी हुई मामी का योवन अपने पूरे शबाब पे था अंदर आके मैने एक तोलिया लिया और उनके बदन को पोंछने लगा आज उन्हे मैं रोशनीमे देख रहा था मैने उन्हे चूमना शुरू किया मेरे तपते होंठ उनके बदन का हर हिस्सा चूम रहे थे आज मामी बहुत ही फ़ुर्सत से चुदने वाली थी मैं बहुत देर तक उन्हे चूमता रहा फिर मैने उन्हे लंड चूसने को कहा

तो उन्होने मना करते हुए बोला कि उन्होने आज तक कभी लंड नही चूसा तो मैने कहा प्लीज़ एक बार तो चूस लो काफ़ी देर पटाने के बाद उन्होने कहा ट्राइ करती हू और नीचे बैठ के मेरे लंड को सूंघने लगी कुछ देर सूंघने के बाद उन्होने घप से मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और उसपे अपनी जीभ फेरने लगी वैसे तो मैं दो दो को लंड चूसा चुका था पर ऐसा मज़ा पहली बार आया था मामी का थूक उनके मुँह से बाहर गिर रहा था

तभी लाइट चली गयी मामी ने फॉरन लालटेन जला दी लालटेन की मध्यम रोशनी मे उनका बदन और भी सेक्सी लगने लगा था मामी ने दुबारा मेरा लंड अपने मुहमे भर लिया और उसपे अपना जादू चलाने लगी मेरी उंगलियाँ उनके सर के बालो मे फँसाने लगी थी मामी अब बहुत ही चाव से लंड की चुसाइ कर रही थी मामी सुपाडे के छेद मे अपनी जीभ को घुसाने की कोशिश कर रही थी उनकी खुरदरी जीभ का स्पर्श मुझे उत्तेजना के आसमान मे लगा तार उड़े जा रहा था

मैं बोला ओह ममीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई भूत ही अह्चॅयेयीययाया लग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग र्हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईन्न्ननननननननणणन्

तभी उन्होने लंड को बाहर निकाला और मेरी गोलियों को छूने लगी कामुकता अपने चरम पे थी उनकी गरम जीभ मेरी गोलियो पे सितम ढा रही थी तो मैने उन्हे रोका और उठा के बेड पे पटक दिया और उन्हे देखने लगा मामी अपनी चुचियो को मादक तरीके से मसल्ति हुई मेरी ओर देख रही थी तभी मामी ने अपनी चूत को रगड़ना चालू कर दिया वो बिल्कुल किसी रंडी की तरह हरकते करने लगी थी मामी अपनी चूत मे उंगली करती हुई मुझे वो दिलकश नज़ारा दिखा रही थी चूत का गीलापन उनकी उंगलियो पे सॉफ नज़र आ रहा था

शरीर के प्रत्येक कोने मे काम का संचार हो उठा था तो मैने उनकी टाँगे पकड़ी और उन्हे सरकते हुए बेड के किनारे पे ले आया और अपने लंड को चूत पे रख दिया मामी की चूत बहुत ही गरम हो गयी थी बस अब तपते लोहे पे हथौड़ा मारने की देर थी मैं भी लंड को चूत के दाने पे हल्के हल्के रगड़ ने लगा मामी तड़पने लगी उन पलो को सोच के आज भी शरीर का रोम रोम कांप उठता हैं उनकी चूत की पंखुड़िया फडक रही थी और लंड को अपनी ओर बुला रही थी मैने अब एक धक्का मारा और लंड उन कम से भरी पंखुड़ियों को चूमते हुए चूत मे पहुच गया
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