RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
जैसे ही सबको मालूम चला कि मैने विभा के साथ कुछ नही किया है तो सब मुझे गालियाँ देने लगे, कुछ बोल रहे थे कि इतना बढ़िया मौका मैने हाथ से जाने दिया....कुछ ने ये भी कहा की चोदु बना रहा है हमे, उधर माल को ठोक भी दिया और यहाँ आके होशियारी छोड़ रहा है.....और बाकी जितने बचे सबने गे की उपाधि दे डाली, लेकिन उन सबको क्या पता कि इस दिल के अरमान तो कुछ और ही थे.......
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वरुण और उसके दोस्तो की हॉस्टिल वालो ने धुलाई की ,ये खबर रात-ओ-रात लगभग सबको मालूम पड़ चुकी थी और जो दो नाम उच्छल कर सामने आए थे वो थे सीडार और अरमान....फर्स्ट एअर के एक लड़के ने अपने सीनियर को बुरी तरह धोया, ये खबर लगभग हर कोई जानने लगा था, जिसका मतलब था कि कॉलेज मे मेरी पॉप्युलॅरिटी शेयर मार्केट के सेंसेक्श की तरह रातो रात बढ़ चुकी थी.....वरुण की पिलाई से जहा कुछ लोग खुश थे वही बहुत से लोग ऐसे थे, जिनको मैने अपना दुश्मन बना लिया था....दूसरे दिन से फिर वही घिसी पीटी ज़िंदगी शुरू हो गयी, लेकिन आज मैं और अरुण कॉलेज के पीछे वाले गाते से ना जाकर सामने वाले गेट से गये....आज मुझे कोई फ़र्क नही पड़ रहा था कि कौन जूनियर है और कौन सीनियर और जब मैं फर्स्ट एअर की क्लास वाली कॉरिडर मे पहुचा तो वहाँ क्लास के बाहर खड़े सभी स्टूडेंट्स की नज़र मुझ पर ज़म गयी....
"देखा बे, मेरे साथ चलने का फ़ायदा" बकवास करते हुए अरुण बोला
"सुबह सुबह खा मत....अभी कुर्रे भी आएगा और फिज़िक्स के लॉ पढ़ा-पढ़ा के सर पर हथौड़ा मारेगा....."
क्लास मे बॅग रख कर मैं बाहर आ गया लेकिन अरुण किसी लड़के की कॉपी से सीजी का असाइनमेंट कॉपी करने लगा,....क्लास शुरू होने मे अभी टाइम था, इसलिए मैने बाहर खड़े लड़को के साथ गप्पे शप्पे मारना ही बेहतर समझा, वहाँ कुछ लड़के हॉस्टिल के भी थे तो कुछ लड़के सिटी वाले भी थे, सब अपनी आँखो मे चमक लिए मुझसे पुछ रहे थे कि क्या मैने सच मे वरुण और उसके दोस्तो को मारा या ये सिर्फ़ एक अफवाह है......
"अरमान के केस मे जो कुछ भी होता है वो सब हक़ीक़त होती है, अफवाहे तो इस चोदु के केस मे बनती है, जो अपने नोकिया 1200 मे मेसेज टाइप कर रहा है....."भू की तरफ देखकर मैने इशारा किया और उसके हाथ से मोबाइल छीन लिया....
"अबे मेरी माल का मेसेज आने वाला है, बक्चोदि मत कर...."
"लवदा माल, तेरे से कौन लड़की पटेगी बे...."
"ये वही लड़की है...."
"कौन वही...."
"अबे वही...."
"बीसी नाम बता..."
"एश...."भू शरमा कर बोला, वो एश का नाम बताते वक़्त ऐसे शर्मा रहा जैसे की हल्दी लगाने वाली रस्म हो रही हो,....
मैने नंबर देखा, साला सच मे एश से मेसेज-मेसेज खेल रहा था, यकीन तो नही हो रहा था लेकिन एश का जब रिप्लाइ आया तो मुझे यकीन करना पड़ा.....
"कहाँ हो...."एश ने मेसेज किया...
"अपनी क्लास के बाहर खड़ा हूँ, "
"मैं तुम्हे पहचानूँगी कैसे..."
"तुम बस कॉलेज आओ, मैं तुम्हे पहचान लूँगा......"
"क्लास से बाहर निकलो, मैं बस पहुचने ही वाली हूँ...."
"मैं बाहर ही हूँ...."मेसेज टाइप करके भू ने एश को सेंड कर दिया, और वहाँ खड़े सभी लड़को का मुँह खुला रह गया है, खुद मेरा भी बुरा हाल था कि इसने एश को मिलने के लिए राज़ी कर लिया....कही ये इससे पट गयी तो ...
"एश...."इस नाम को मैं हॉस्पिटल वाले कांड से भूलने लगा था ,लेकिन आज भू और एश के बीच हुए इस मेसेज-मेसेज के खेल ने मेरे अंदर एक टीस पैदा कर दी थी, पूरे जहाँ मे वो एश और गौतम के बीच का लव सीन फिर याद आ गया....और जब कॉरिडर मे एश को गौतम के साथ आते हुए देखा तो दिल से आवाज़ आई कि काश एश गौतम को छोड़ कर मेरे पास आ जाए, दिल से आवाज़ आई कि काश गौतम को दूसरी लड़की पसंद आ जाए, और वो एश को छोड़ दे, आवाज़ आई कि काश एश के दिल मे भी मेरे लिए वही अरमान जाग जाए जो अरमान मेरे दिल मे उसके लिए थे......
तभी जोरदार आवाज़ आई, किसी ने किसी को कस कर थप्पड़ मारा था, और जब नज़रें आवाज़ की तरफ हुई तो हँसी के साथ गुस्सा भी उफन पड़ा, गौतम ने भू को करारा तमाचा मारा था, हँसी इसलिए आ रही थी क्यूंकी भू जहाँ कुछ देर पहले एश के लिए अपने अरमानो को उछाल रहा था वो अब अपने गाल सहला रहा था, गुस्सा इसलिए आया क्यूंकी जिसको पाने की तमन्ना कॉलेज के पहले दिन से थी उसके बॉय फ्रेंड ने मेरे दोस्त को मारा था........
"ओये लंगूर की औलाद, शकल तो देख लेता आईने मे मुझे मेसेज करने से पहले...."एश भू का मज़ाक उड़ा रही थी और गौतम जिसने अभी हाल फिलहाल मे भू को तमाचा जड़ा था वो भी हंस रहा था........
गौतम कॉलेज का फेमस स्टूडेंट था और वरुण का करीबी भी था, रंग-रूप और चाल चलन उसकी रहिसी को दिखाती थी, और कल रात हॉस्टिल मे किसी ने मुझे ये बताया था कि वरुण की तरह वो भी बड़ी हार्ड रॅगिंग लेता है और इसी सिलसिले मे कुछ दिनो पहले कॉलेज से डिसमिस होते होते बचा था, हुआ कुछ यूँ था कि सिटी बस मे उसने फर्स्ट एअर के एक लड़के के बाल पकड़ कर चलती बस की खिड़की से बाहर फेक दिया था......
"सुन बे लंगूर, दोबारा यदि एश के आस-पास भटका तो पूरे कॉलेज मे दौड़ा दौड़ा कर मारूँगा....."गौतम अपनी सीनियारिटी की अकड़ दिखाते हुए बोला....
"साइन्स कहता है सभी इंसान के पूर्वज बंदर और लंगूर थे, इसलिए अपने बाप-दादा की इज़्ज़त करो....."भू के कंधे पर हाथ रखकर मैने कहा"दोबारा हाथ उठाया तो हाथ तोड़ दूँगा..."
उस वक़्त मुझमे वो हिम्मत शायद जलन की वजह से आई थी, वरना भू मेरा उतना खास दोस्त नही था कि मैं उसके लिए लड़ाई करता फिरू....
"क्या बोला बे..."
"इसको दूर कर दे वरना, लड़की के सामने बेज़्जती हो जाएगी...."मेरा इशारा एश की तरफ था, जो हालत वहाँ गौतम की थी वही हालत एश की भी थी, मेरे लिए गौतम के साथ साथ एश के मन मे नफ़रत थी......
"एश जान....तुम यही खड़ी रहना, मैं देखता हूँ कि कल का आया ये क्या करता है..."कहते हुए उसने एक बार और भू को मारा....
"ऐसा क्या, फिर ये ले..."मैं उससे थोड़ा पीछे गया और कसकर एक थप्पड़ गौतम को जड़ दिया,...
वो थप्पड़ मैने अपनी पूरी ताक़त के साथ मारा था, इसलिए उसकी गूँज सबके कानो तक तो पहुचनी थी, वहाँ खड़े सभी स्टूडेंट्स मे से हर किसी की आँखे बड़ी हो गयी तो किसी का मुँह खुला का खुला रह गया, कुछ लड़कियो ने अपने मुँह पर हाथ रखकर लड़कियो वाली स्टाइल मे अवववव भी किया....फर्स्ट एअर की सभी क्लास मे जितने भी स्टूडेंट्स बैठे थे वो सब लड़ाई का नाम सुनकर बाहर कॉरिडर पर आ गये, तब मुझे लगा कि गौतम को नही मारना चाहिए था,...गौतम की गर्ल फ्रेंड भी वही खड़ी थी,इसलिए वो उसके सामने मुझे गाली नही दे सकता था और मेरे सामने जिसे मैं गर्लफ्रेंड बनाना चाहता था वो खड़ी थी, इसलिए उस वक़्त गाली तो मैं भी नही दे सकता था....
"चल साइड मे साले..."मेरा कॉलर पकड़ कर गौतम ने बोला और जवाब मे मैने भी अपने दोनो हाथो से उसका कॉलर कसकर पकड़ लिया.....
"तू खुद को समझता क्या है बे, तुझे ज़रा भी अंदाज़ा है कि हू आम आइ आंड व्हाट कॅन आइ डू "दाँत पीसकर उसने धीरे से कहा...
"मेरा हाथ फ्रिकशन्लेस है, यदि एक बार मारना शुरू करूँगा तो मारता ही जाउन्गा और जिसे मारता हूँ उसका क्या हाल होता है ये तू वरुण से पुछ लेना....."
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