RE: Maa Bete ki Vasna मेरा बेटा मेरा यार
"हुंह यह हुयी ना बात......आपका लंड जब मेरी चूत को यूँ रगड़ता है तो मेरा दिमाग बहुत तेज़ चलता है........"
"दिमाग तो मालूम नहीं मगर जब भी तेरी भीगी चूत को चोदता हूँ तो ऐसा आनंद आता है के लगता है जन्नत बस तेरी टांगो के बीच ही है" मेरे पतिदेव अपनी पसंदीदा लाइन बोलते हुए अपना चेहरा झुकाकर मेरे होंठो को चूमते है।
"हुम्म....बहुत चालू हैं आप भी"
"बस डार्लिंग तुम्हारी सोहबत का असर है........अब ज़रा मेरे सवाल का भी जवाब दे दो"
"हुंह क्या पूछा था आपने........ हन्ह वो बेटे के बारे में......मुझे लगता है आपकी पहली बात सही है, जरूर किसी लड़की ने बेचारे का दिल तोड़ दिया है"
"मुझे भी यही लगता है.......मादरचोद मालूम नहीं साली कौन होगी" पतिदेव गुस्से में अपने घस्सों को तेज़ किये जा रहे थे। हम फिर से उत्तेजना के शिखर की और बढ़ने लगे थे।
"आप उस बेचारी को क्यों गालियाँ दे रहे हैं........आप तो जानते तक नहीं हो उसे?"
"गालियाँ नहीं दूँ तो और क्या करू......और तू क्यों उसकी इतनी तरफदारी कर रही है जैसे तू उसे जानती है?"
"मैं कहाँ तरफदारी कर रही हूँ...मैं तो कह रही हूँ के गलती हमारे बेटे की भी हो सकती है" अचानक वो रात का मंज़र मेरी आँखों के सामने घूम गया। चूत और भी रस बहाने लगी।
"गलती? क्या गलती करेगा वो......ज्यादा से ज्यादा उसकी चूत ही मार ली होगी ना............हरामिन किसी और से भी तो मरवाएगी ही.....अगर मेरे बेटे ने मार ली तो कोनसा पहाड़ टूट पड़ा" पतिदेव के मुंह से बेटे के लण्ड का ज़िक्र सुन मेरी चूत में सनसनी की लहर दौड़ गयी। मैंने पूरा ज़ोर लगाकर कमर उछालनी सुरु कर दी। मुझे कामुकता का दौरा सा पड़ गया।
"उफ्फ्फ्फ्फ़......ज़रा तेज़ तेज़ करिये न.......मेरा रस निकलने वाला है"
"मेरा भी" पतिदेव ने अपनी घस्सों की ररफ्तार फुल कर दी।
"वैसे आप सही कह रहे थे.......हमारे बेटे ने किसी को चोद भी दिया तो क्या हो गया.........अब भगवान ने उसे लण्ड तो चोदने के लिए ही दिया है" मैं फिर से उसी समय में पहुँच गयी थी। मैं फिर से घोड़ी बनी हुयी थी और मेरा बेटा मुझे पीछे से ताबड़तोड़ धक्के लगाता चोदे जा रहा था।
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