RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उसके कहने पर मैं नाश्ता करने लगा,,,,लेकिन सॅंडविच को मूह मे लेके चबाने मे ऑर हलक
से नीचे उतारने मे मुझे मुश्किल हो रही थी,,,मुझे बार बार सोनिया के चेहरा नज़र आ रहा था
जब मैने उसको थप्पड़ मारा था ऑर उसके होंठों से खून निकल आया था लेकिन तब भी वो मुस्कुरा
रही थी,,,,,,,,,
जैसे तैसे नम आँखें लेके मैं चेयर पर बैठ हुआ नाश्ता कर रहा था ऑर कविता भी नाश्ता कर
रही थी,,,,वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी,,,,,,
नाश्ता ख़तम होते ही कविता उठी ऑर बर्तन उठकर किचन मे जाने लगी,,,मैने उसका हाथ पकड़
लिया,,,,,
क्या हुआ सन्नी,,,,वो थोड़ा घबराते हुए शरमाते हुए बोली,,,,,,
कुछ नही,,,,,ये बर्तन मैं रख देता हूँ किचन मे तुम सोनिया को फोन करके पूछो उसने
नाश्ता कर लिया क्या,,,,,
कविता ने हंसते हुए मेरी तरफ देखा ऑर बर्तन मुझे पकड़ा दिया,,,,,,,अच्छा अभी पूछती हूँ,,
उसने अपने फोन लिया ऑर सोनिया को कॉल करदी,,,,
हेलो सोनिया,,,,नाश्ता कर लिया क्या,,,हम लोगो ने तो कर लिया है अब स्टडी करने लगे है,,,वो बात
करने लगी ऑर मैं खुश होके किचन मे चला गया बर्तन रखने के लिए,,,,,
जब मैं बर्तन रखके वापिस आया तो कविता की बात हो चुकी थी सोनिया से,,,
सोनिया ने भी नाश्ता कर लिया है सन्नी,,,,अब वो स्टडी करने लगी थी,,,चलो हम भी चलते है
बाहर गर्दन मे ऑर स्टडी करते है,,,,,सर्दी है ना इसलिए बाहर बोला वरना रूम मे बैठ जाते
उसके शायद डर था कहीं मैं कुछ गड़बड़ नही करूँ ,,,,शायद उसकी तबीयत अभी तक ठीक नही
हुई थी लेकिन अब मेरी भी हालत ठीक नही थी,,,मेरा दिल नही कर रहा था मस्ती करने को ,,मैं तो
बस सोनिया के बारे मे सोचता जा रहा था ऑर उदास भी था,,,
इट्स ओके कविता,,,तुम बाहर गार्डन मे चलो ऑर मैं बुक्स लेके आता हूँ,,
कहाँ बैठना है फ्रंट गार्डन मे या बॅक साइड ,,,,,कविता ने शरमाते हुए बोला,,,,
जहाँ भी तुम्हारा दिल करे,,,,,स्टडी ही करनी है जहाँ मर्ज़ी चलो,,,मुझे कोई परेशानी नही,,,,
ठीक है फिर पीछे वाले गार्डन मे आ जाना,,,इतना बोलते हुए शरमाते हुए वो पीछे वाले गार्डन की
तरफ चली गयी ऑर मैं बुक्स लेने उपर की तरफ चला गया,,,,,
बुक लेके मैं नीचे आया ओर पीछे वाले गार्डन मे चला गया,,,कविता वहाँ धूप मे घास पर
जाके बैठ गयी थी,,,उसने अपनी बुक को अपनी गोद मे रखा हुआ था ऑर स्टडी करने लगी थी,,
मैं भी उसके पास जाके बैठ गया लेकिन ज़्यादा पास नही,,मैं उस से कुछ दूरी पर बैठा था,,
ऑर अपनी बुक को अपनी गोद मे रखकर ध्यान बुक की तरफ कर लिया,,,,,,,
मैं मोका तलाश करता हूँ अक्सर ऐसी खूबसूरत लड़की के साथ अकेले होने का ताकि खूब मस्ती
कर सकूँ लेकिन आज कविता मेरे साथ थी घर पर ,,,हम दोनो के सिवा कोई नही था,,लेकिन फिर भी
मेरा दिल नही था मस्ती करने का,,,आज दिल कुछ उदास हो गया था मेरा,,इसलिए इतनी खूबसूरत लड़की
के पास होने पर भी मेरा ध्यान बुक की तरफ था,,,
मैं स्टडी पर ध्यान लगा रहा था लेकिन दिल उदास था ऑर उदासी की वजह से ध्यान बार बार सोनिया
की तरफ जा रहा था,,,,उस मासूम को कितनी टेन्षन थी मेरी ,,कितनी केर थी मेरी,,,,मैं रात को
भूखा सोया था तो उसने भी कविता के घर पर डिन्नर नही किया था,,,,ऑर आज जब मैने नाश्ता कर
लिया तो उसने भी नाश्ता कर लिया,,,ऑर कविता को भी खांस कर मेरे नाश्ते के साथ भेजा था,,ना कि स्टडी
करने के लिए,,,,,,यही सोचता हुआ मैं उदासी के समुंदर मे डूबता जा रहा था ,,
तभी कविता पास आ गयी,,,उसने दोनो हाथों से मेरे फेस को पकड़ा ऑर उपर उठा दिया,,ऑर मेरे
उदास चेहरे को देखने लगी,,,,,,,,,,,अभी तक उदास है तू सन्नी,,अब तो दिल हल्का मत कर ना तू प्ल्ज़्ज़
देख तू उदास होगा तो मैं भी उदास हो जाउन्गी,,,,चल प्ल्ज़्ज़ ना मूड ठीक कर अब तो सोनिया ने भी
नाश्ता कर लिया है,,,
वो मुझे समझने लगी थी लेकिन मेरे चेहरा अभी भी उदास था ऑर आँखें नम,,,
अच्छा तो तू मेरी बात नही मानेगा,,कविता ने हंसते हुए बोला,,,लेकिन मुझे पता है तेरी उदासी कैसे
दूर करनी है,,,,इतना बोलकर उसने शरमाते हुए अपनी आँखें बंद की ऑर अपने लिप्स को मेरे लिप्स की
तरफ आगे बढ़ने लगी ऑर कुछ ही पल मे उसके लिप्स मेरे लिप्स पर टिक गये,,,उसने हल्के से मुझे किस
की ऑर पीछे हट गयी,,,क्यूकी मैने उसको किस का रेस्पॉन्स देने क लिए अपने लिप्स को नही खोले थे,
उसने पीछे हटके मुझे देखा ऑर बोली,,,,सन्नी इतना उदास मत हो ना प्ल्ज़्ज़,,अब तो खुश हो जाओ
मैं फिर भी उदास ही रहा,,,,
अब तो सब ठीक हो गया है ना,,,,तूने भी नाश्ता कर लिया ऑर सोनिया ने भी,,,अब तो खुश होज़ा ना ,,
देख तू खुश नही हुआ तो मैं उदास हो जाउन्गि ऑर बता भला मेरे जैसी खूबसूरत लड़की उदास
अच्छी लगेगी तुझे,,,,उसने अपनी आँखे मटकाते हुए मासूम चेहरे पर हल्की शरारती मुस्कान के साथ
ये बात बोली,,,,
उसकी इस हरकत से मैं थोड़ा खुश हो गया ,,,मेरे चेहरे पर खुशी देखकर उसने फिर से मुझे
हल्की किस करदी लिप्स पर,,,,हां ये हुई ना बात,,,,जैसे तुझे मैं उदास अच्छी नही लगूंगी वैसे तू भी
उदास अच्छा नही लगता मुझे,,,ऐसे ही हंसता खेलता रह तू मेरे सन्नी,,हमेशा खुश रह,,,कभी
उदास मत होना ,,तुझे उदास देखकर मेरा भी दिल उदास हो जाता है,,,,,वो हल्के हल्के ऐसे बोल रही
थी ऑर मुझे हल्की हल्की किस भी कर रही थी,,,,
तभी वो पीछे हटके बैठ गयी,,,अब तो मूड ठीक है ना जनाब का,,,,उसने हँसके शरमाते हुए बोला
हां मूड तो वैसे भी ठीक था मेरा कविता जी,,,मैने भी शरारती अंदाज मे उसकी बात का जवाब
दिया तो वो खुश हो गयी,,,,
एक बात पुछु क्या तेरे से कविता,,,,
मेरे से कुछ पूछने क लिए तुझे मेरी इजाज़त की ज़रूरत नही सन्नी,,,,तू मेरे से कभी भी कुछ
भी पूछ सकता है,,,,
देख कविता,,,तू सोनिया की अच्छी दोस्त है,,,ऑर मेरी भी,,,लेकिन तूने मुझे कभी इस बात का एहसास तक
नही होने दिया कि तू मेरे ऑर कामिनी भाभी के बारे मे जानती है,,जो कुछ भी कामिनी भाभी ऑर
मेरे बीच मे हुआ उसके बारे मे जानती है,,,,तूने कभी मुझे भनक भी नही लगने दी किसी बात
की ,,,लेकिन तुमने सोनिया को सब बता दिया था जो भी तुम्हारे डॅड ने तुम्हारे साथ किया या फिर कामिनी
भाभी के साथ किया,,,,तो क्या उसी तारह तुमने मेरे ऑर कामिनी भाभी के बारे मे सोनिया से कुछ कहा
तो नही,,,,,ऑर क्या तुमने उसको हम लोगो के बारे मे कुछ बताया तो नही,,,,
मेरे सवाल से कविता थोड़ी उदास हो गयी,,,,नही सन्नी,,,मैने सोनिया को कुछ नही बताया कभी तेरे
ऑर मेरे बारे मे,,,,ऑर ना ही वो तेरे ऑर कामिनी भाभी के बारे मे कुछ जानती है,,डॅड ऑर अपने बारे
मे तो मैने इसलिए बताया था क्यूकी मेरे दिल मे एक दर्द था जिसको मैं किसी के साथ बाँटना चाहती
थी ऑर मेरा दर्द बाँटने के लिए मेरे पास सोनिया के सिवा कोई नही था,,,मैं उसी को बता सकती थी,,,
मैं एक लड़की हूँ सन्नी ये बात मैं तुझे नही बता सकती थी,,ऑर कामिनी भाभी ऑर तेरे बारे मे
मैं तेरे से इसलिए बात नही करना चाहती थी क्यूकी मुझे गुस्सा आता था जब भी तुम्हारे ऑर भाभी
के बारे मे सोचती थी,,,,,ये तो भाभी को प्राब्लम थी जो उनको लड़का नही हो रहा था ऑर उसी वजह
से मेरा कमीना बाप मेरी दोस्त जैसी भाभी के जिस्म से खेलता रहता था,,,अगर एसी कोई मजबूरी नही
होती तो मैं कभी तुझे भाभी के पास भी नही जाने देती,,,तेरी जान ले लेती मैं,,,,क्यूकी कभी सपने
मे भी तुझे भाभी के साथ एक ही बेड पर देखती तो गुस्सा आने लगता मुझे ऑर मैं सपने से जाग
जाती थी,,,,ऑर जब भी मुझे सपने मे मेरा बाप मुझे अपने बेड पर नज़र आता तो मैं उठकर रोने
लगती थी,,,,,,,,,इतना बोलकर वो सच मे रोने लगी,,,,
अरे पगली रोने क्यूँ लगी अब तू,,,चल चुप कर,,,मैने तेरे को रुलाने के लिए ये सब नही पूछा था
मैं उसको चुप करवाने लगा,,,,,
वो रोते हुए बोलने लगी,,,,प्लज़्ज़्ज़ सन्नी फिर कभी अपने ऑर कामिनी भाभी के बारे मे बात नही करना
ऑर ना ही मेरे ओर मेरे कमिने बाप के बारे मे,,,,क्यूकी वो सब बुरे सपने है बुरी यादें है मैं
जिनको भूल जाना चाहती हूँ,,,,कभी नही याद करना चाहती उन यादों को जिनमे मेरा प्यार मेरी
ही भाभी के साथ हमबिस्तर होता है ओर ना ही कभी याद करना चाहती हूँ उन यादों को जब मेरा
कमीना बाप शराब के नशे मे मेरी साथ वो घटिया हरकते करता है,,,,मैं उन सब यादों को
भूल जाना चाहती हूँ लेकिन फिर भी ना जाने क्यूँ वो बुरी यादें मेरा पीछा नही छोड़ती,,,वो
फिर से रोती जा रही थी,,,,
मैने उसके आँसू पोन्छ दिए,,,,चुप कर पगली,,,,मैं तुझे रुलाना थोड़ी चाहता था,,,,ऑर आगे से
कभी मैं तुझे वो सब याद नही कराउन्गा ऑर ना ही तुझे याद करने दूँगा वो सब,,,क्यूकी अब
तू मेरे साथ है ऑर मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ,,ऑर मैं तुझे इतना प्यार करूँगा कि तुम सब
पुरानी बातों को भूल जाओगी,,,वैसे भी कहते है ना कि पुरानी यादों को भूलने के लिए नयी
यादें बनानी पड़ती है,,,वैसे ही मैं भी प्यार से तेरे साथ मिकलर नयी यादें बनाउन्गा ऑर तुझे
तेरी सारी पुरानी यादें भुला दूँगा,,,हम दोनो प्यार की ज़मीन पेर पुरानी यादों को दफ़न करके
उसी ज़मीन पर नयी यादों का एक फूल खिला देंगे,,,बोल क्या तू मेरा साथ देगी नयी यादें बनाने
मे ,,,,मैने इतना बोलते हुए उसके आँसू सॉफ किए तो उसने भी हल्की स्माइल से मुझे हां मे सर हिला
कर बता दिया कि वो भी मेरा साथ देगी,,,,
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