RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
इतनी भी क्यूँ बैसब्रि हो रही हो बेटी ,,थोड़ा आराम से,,,अगर मज़ा लेना ही है तो जल्दबाज़ी क्या करनी,,,अलका ने
अपने ब्लाउस को खोलते हुए ये बात बोली और फिर ब्लाउस को उतार कर साइड मे रख दिया,,
जल्दबाज़ी है मुझे माँ,,,उधर करण की शादी हो गई है हर रात वो सुहागरात मना रहा है और हम दोनो
नकली लंड से काम चला रही है,,,,शिखा थोड़ी चिड़ते हुए बोली,,,
तभी मैने अलका आंटी को अपनी बाहों मे पकड़ा और उनके बूब्स को मसल्ते हुए बोला,,,चलो आंटी इसकी चूत
की आग भुजा ही देते है कितनी तड़प रही है बेचारी,,,इतना बोलकर मैं आंटी के साथ बेड के पास चला गया,,
बेड के पास जाके आंटी मेरी टी-शर्ट उतारने लगी,,,,हां बेटा आग तो भुजानी ही पड़ेगी और इसकी बात भी सही है
करण तो रोज सुहागरात मना रहा है और हम दोनो को नकली लंड से काम चलाना पड़ता है वो भी छुप-छुप
कर,,या रात को हम दोनो साथ सोती है तब,,,,लेकिन तब भी बहुत ध्यान देना पड़ता है,,,,यहाँ हम डरती
रहती है और वहाँ करण रितिका के साथ सुहागरात मनाता रहता है,,,,
मेरी टी-शर्ट उतर चुकी थी और मैं खुद अपने हाथों से अपनी पॅंट को उतार रहा था,,,,वैसे आंटी आप लोगो ने
उसकी सुहागरात का बेड बहुत अच्छा सजाया था,,,मैं तो तभी मस्त हो गया था दिल किया उस बेड पर जाके मैं भी
थोड़ी मस्ती करलूँ,,
तभी शिखा बोल पड़ी,,,,कोई बात नही सन्नी,,,ऐसा ही बेड हम फिर से सज़ा देंगी तेरे लिए और मैं उसी बेड पर
तेरे साथ सुहागरात भी मनाउन्गी तू फ़िक्र मत कर,,,,बस आज इस चूत की प्यास भुजा दे,,,,
मेरी पॅंट निकल चुकी थी और मैं अपने हाथों से अलका आंटी के बूब्स को मसल रहा था और आंटी खुद अपने
अपनी साड़ी को निकाल कर पेटिकोट को खोल रही थी,,,,और पल भर मे पेटिकोट नीचे गिर गया और हम दोनो नंगे
हो गये,,,,शिखा तो पहले से नंगी थी बेड पर,,,,
हां बेटा सही कहा इसने,,,,एक दिन तेरी भी सुहागरात की बेड सज़ा दूँगी मैं ,,,,,,और तेरी सुहागरात की दुल्हन
होगी ये शिखा,,,,पूरी रात मस्ती करना इसके साथ,,,,
ये अकेली क्यूँ आंटी जी,,,,,,अब भी साथ रहना आंटी जी,,,एक रात मे 2-2 दुल्हन से सुहागरात मनाउन्गा मैं,,,
मैने ये बात आंटी के बूब्स दबाते हुए बोली,,,और फिर हम लोग बेड पर शिखा के पास चले गये,,,और फिर
शुरू हुआ चुदाई का खेल जो रात तक चलता रहा,,,
मैने 3-4 अवर्स मे 2 बार चुदाई की थी और एक बार पानी निकाला था शिखा के मुँह मे और एक बार अलका आंटी
के मुँह मे,,,अलका आंटी और शिखा भी 2 बार झड़ी थी और मैने उनकी छूट का पानी पिया था,,फिर हम लोग
वहाँ से अपने अपने घर की तरफ चल पड़े,,,,
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