RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
देख सन्नी मुझे नही पता कि तेरा क्या झगरा चल रहा है सोनिया के साथ ,,और मैं जान-ना भी नही
चाहती ,,,मैं तो बस इतना चाहती हूँ कि तुम दोनो भाई बेहन पहले की तरफ मिलकर रहने लगो,,क्यूकी
मैं तुम दोनो की दोस्त हूँ और तुम दोनो को अच्छी तरह जानती हूँ,,,,आज तुम दोनो एक दूसरे से दूर
हो लेकिन ना तुम इस बात से खुश हो और ना वो इस बात से खुश है,,,,तुम दोनो को अपनी प्रोब्लम्स को
सॉल्व करना चाहिए,,,तुम दोनो को सब कुछ पहले जैसा करना चाहिए,,,,
मैं चुप रहा और उसकी बात सुनता रहा,,,,,,कुछ नही बोला मैं,,क्यूकी वो जो कुछ भी बोल रही थी सब
सच था,,,,मैं सोनिया को खुद से दूर रखकर खुश था लेकिन खुद उस से दूर रहके खुश नही था
जा उपर जाके उस से माफी माँग ले ,,जो अभी तूने उसका मज़ाक उड़ाया है इसके लिए,,जो झगड़ा तुम लोगो का
पहले से चल रहा है उसको भूल जा ,,,वो फिर कभी सॉल्व कर लेना,,,,लेकिन जो पंगा तूने आज किया है
उसके लिए सौरी बोल्डे उसको उपर जाके,,,,,
मैने ना मे सर हिला दिया,,,और सोचा कि कविता तुझे क्या पता कि हम लोगो का झगड़ा क्यूँ चल रहा है
,,और मैं इस झगड़े को ख़तम करना नही चाहता क्यूकी जब तक ये झगड़ा है हम दोनो के बीच तब तक
सोनिया बची हुई है मेरे से,,,और मैं खुद भी नही चाहता कि ये झगड़ा सॉल्व हो जाए क्यूकी अगर ऐसा
हो गया तो आज नही तो कल मैं फिर से बुरा बर्ताव शुरू कर दूँगा सोनिया के साथ और अगर दोबारा से ऐसा
कुछ हो गया तो मैं खुद को माफ़ नही कर पाउन्गा,,,,
कविता ने फिर बोला मुझे लेकिन मैने ना मे सर हिला दिया,,,,,तभी वो मेरे पास आई और मुझे बाहों
मे भरके हल्की किस करदी मेरे लिप्स पर,,,,प्ल्ज़्ज़ सन्नी मेरी खातिर माफी माँग लो सोनिया से,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
उसने इतने प्यार से बोला कि मैं मना नही कर पाया,,,,,ओके ठीक है माँग लेता हूँ माफी लेकिन सिर्फ़ आज के
मज़ाक के लिए,,,जो पहले से फाइट चल रही है हम लोगो मे वो चलती रहेगी,,,,,,,
ओके ठीक है बाबा ,,आज के लिए तो माफी माँग ले,,,,बाद की बाद मे देखते है,,,उसने मुझे उपर जाने के
लिए किचन से बाहर हल्का सा धक्का दिया,,,,जा अब माफी माँग उस से,,,
मैं किचन से निकला और उपर की तरफ जाने लगा,,,मेरा दिल तो नही था सोनिया से सौरी बोलने का लेकिन मैं
कविता की वजह से ऐसा करने को तैयार हो गया,,,मुझे पता था सौरी बोलने से भी सोनिया मुझे माफ़ नही
करेगी क्यूकी मेरी ग़लती ही ऐसी थी,,,लेकिन कविता को क्या पता मेरी ग़लती के बारे मे,,और वैसे भी उसने
मुझे आज की बात के लिए सौरी बोलने को कहा था ना कि जो ग़लतियाँ मैने पहले की थी जिनके बारे मे उस
कविता को कुछ पता ही नही था,,,,
मैं ना चाहते हुए भी सौरी बोलने के लिए उसके रूम मे चला गया,,,मैने रूम मे अंदर जाके देखा
तो वो वहाँ नही थी ,,मैं समझ गया कि बैसन उपर गिरने की वजह से वो गंदी हो गई थी इसलिए शायद अब
वॉशरूम मे खुद को सॉफ कर रही होगी,,,,इसलिए मैं वहाँ से निकल कर नीचे जाने लगा लेकिन इतनी जल्दी
नीचे चला जाता तो कविता मेरे से सवाल करती,,,,,कि इतनी जल्दी मैं माफी माँग कर नीचे भी आ गया इसलिए
उसके सवालो से बचने के लिए मैं शोबा के रूम मे चला गया ताकि कुछ देर यहाँ बैठ जाउन्गा और
जैसे ही मैं शोबा के रूम मे घुसा और अंदर गया तभी मैने देखा की सोनिया शोबा दीदी के रूम मे
बने बातरूम से बाहर निकल रही थी,,,,,वो सिर्फ़ टवल मे थी,,उसका गौरा बदन एक दम चमक रहा
था उसके गीले बालों से पानी की बूँदें टपक कर नीचे बिछे हुए कार्पेट पर गिर रही थी ,उसका टवल भी
काफ़ी हद तक गीला हो चुका था,,,,,वो टवल उसके बूब्स से थोड़ा उपर बढ़ा हुआ था और उसकी टाँगों
पर घुटनो से थोड़ा सा उपर था,,,,,उसकी आधी नंगी मखमली गौरी टाँगें पानी से भीगी हुई किसी काँच
की तरह चमक रही थी,,,,मैने उसको एक पल के लिए ही देखा था लेकिन इतनी देर मे ही मैने उसको उपर
से नीचे तक देख लिया था,,,मैने तो शायद उसको इतनी गौर से देखा था कि उसके बालों से गिरने वाली पानी
की बूँदो को भी काउंट कर लिया था,,,
वो एक दम से मुझे देख कर चीख उठी,,लेकिन चीखते टाइम उसने अपने दोनो हाथ अपने मुँह पर रख
लिए ताकि उसकी आवाज़ नीचे तक नही पहुँच जाए लेकिन मुँह पर हाथ होने के बावजूद वो काफ़ी तेज आवाज़
मे चीखी थी,,,,रूम मे उसकी चीख गूँज उठी थी,,,रूम का दरवाजा बंद नही होता तो मुँह पर हाथ
रखने के बावजूद उसकी चीख नीचे कविता को सुनाई दे जाती,,,,
मैं एक दम से डर गया उसकी चीख से और जल्दी से उसकी तरफ पीठ करके पलट गया,,,,,
कुछ देर तक रूम मे सन्नाटा रहा,,,,बस हम दोनो के दिल की धड़कन और तेज साँसों की आवाज़ गूँजती रही
रूम मे,,,,,हम दोनो डर गये थे,,,,वो मेरे से डर रही थी और मैं अपने अंदर के जानवर से जो सोनिया
को इस हालत मे देख कर कुछ भी करने को तैयार था,,
तुम य्यहहानं क्क्या कार राहही हूँ,,,उसने डरते और घबराते हुए मेरे से बोला,,,तुउम तूऊओ
ननीहक्सी त्तहेी ना,,,उसकी आवाज़ से डर और घबराहट सॉफ सॉफ झलक रही थी,,,
सूउररयी मैं उूओ ,,मैं बस तुमसे मैं वो,,,मैं भी थोड़ा डर गया था,,मैं उसकी तरफ पीठ करके
खड़ा हुआ था लेकिन डर की वजह से मैं इधर उधर देख रहा था,,तभी मेरी नज़र पड़ी मेरी लेफ्ट साइड
पड़े हुए मिरर पर ,,मैने मिरर मे देखा कि सोनिया बाथरूम से बाहर निकल कर दीवार के साथ
लग्के खड़ी हुई थी,,,,उसने अपने जिस्म पर लिपटे हुए टवल को कस कर पकड़ा हुआ था,,वो बड़ी बुरी तरह से
डरी हुई थी ,,,उसका बदन बुरी तरह से काँप रहा था,,डर और घबराहट का सॉफ सॉफ पता चल रहा था क्यूकी
उसके भीगे हुए फोरहेड पर पसीना सॉफ सॉफ नज़र आ रहा था जो घबराहट की निशानी था,,,वो नहा कर
बाहर आई थी और उसके फोरहेड पर पानी भी था लेकिन उस पानी मे घबराहट की वजह से आया पसीना कुछ
अलग ही तरीके से चमक रहा था,,,मुझे अभी खुद पर गुस्सा आ रहा था,,,,,
बोलो कय्या कारर राहहे हहू तुउंम यहहानं ,,उसने फिर डरते हुए पूछा,,,
मैं बस तुमसे कुछ बात करने आया था,,,मेरी हालत भी बहुत खराब थी डर की वजह से,,,,
क्या बात कररननी हाीइ,,,वो डरी जा रही थी ,उसके काँपते होंठों से लफ़्ज बड़ी मुश्किल से निकल रहे थे,,
मुझसे उसका ऐसे डर कर बात करना बर्दाश्त नही हो रहा था,,,,
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