RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी सोनिया ने पूरे गुस्से से मेरी तरफ देखा ऑर रूठती हुई ऑटो मे जाके बैठ गई,,,,,मैने बाइक को आगे बढ़ा लिया ऑर ऑटो वाला भी पीछे पीछे आने लगा,,,,,
मैं बाइक के मिरर से पीछे ऑटो मे बैठी हुई सोनिया को देख रहा था ,,वो पूरे गुस्से मे मुझे घूर रही थी,,उसको
इतना गुस्सा था मेरे पर कि उसका दिल करता तो पत्थर मार कर मेरा सर फोड़ देती,,,लेकिन बेचारी कुछ नही कर सकती थी,,,,
मैने सोचा कि बाइक को ऑटो के साथ ही रखता हूँ ऑर उसको थोड़ा गुस्सा दिलाता हूँ,,,,थोड़ा तड़पाता हूँ लेकिन फिर
मैने सोचा कि ऑटो वाला क्या सोचेगा कि दोनो को एक जगह आना था तो लड़की को ऑटो मे क्यू बिठा दिया,,,यह सोच
कर मैने बाइक को तेज किया ऑर वहाँ से आगे बढ़ गया,,,
मैं घर पहुँचा तो मैं बहुत खुश था,,,एक तो आज सोनिया को मज़ा चखा दिया था ऑर उसको गुस्से को ओर भी भड़का
दिया था लेकिन आज मैं कोई ऐसी वैसी हरकत नही की थी बस मज़ाक मज़ाक मे उसको गुस्सा दिलवा दिया था ऑर उपर से मैं इस बात से खुश था कि आज सूरज भाई ऑर भाभी को वो स्टर्प-ऑन दे दिया था जिस से दोनो बहुत खुश हो गये थे,,अब वो दोनो मिलकर एक दूसरे को खुश कर सकते थे ,,उनको किसी की ज़रूरत नही थी,,,,मेरी भी नही,,फिर भी भाई ऑर भाभी ने बोला था कि अगर मेरी ज़रूरत पड़ेगी तो वो मुझे मज़ा ऑर मस्ती करने के लिए ज़रूर बुलाएँगे,,,,ऑर मैं भी तो उन लोगो के साथ मस्ती करने के लिए हमेशा तैयार था,,,क्यूकी जहाँ भाभी इतनी खूबसूरत थी वहीं सूरज को लंड चूसने का बड़ा हुनर था ओर उसकी गान्ड मार कर भी बहुत मज़ा आता था मुझे,,,,,
मैं सोनिया से पहले ही घर पहुँच गया था,,,मेरे घर आते ही मामा ने दरवाजा खोला जैसे ही मैं अंदर गया तो वो
बाहर निकल गया,,,,
कहाँ जा रहे हो मामा ,,,
कहीं नही बेटा बस थोड़ा काम है वही करने जा रहा हूँ,,,,
मैं सोचा नशेड़ी ऑर वहले बंदे को क्या काम हो सकता है,,,,,गया होगा अपने नशे का समान लेने,,,
खैर मामा वहाँ से चला गया ऑर मैं घर के अंदर आ गया,,,अंदर आके देखा तो माँ घर मे नही थी,,ना तो अपने
रूम मे थी ऑर ना ही किचिन मे थी,,,,शायद वो अभी भी करण के घर पर ही होगी,,,,,
मैने शोबा दीदी को भी आवाज़ लगाई तो कोई रिप्लाइ नही आया,,मैने नीचे भी देख लिया ऑर उपर जाके भी दीदी के रूम मे
देखा तो दीदी नही थी,,,मैं समझ गया कि दीदी वापिस बुटीक पर चली गई होगी ऑर मामा भी अभी वहीं गया होगा,,,,
सुबह से तो वो लोग घर पर ही मस्ती कर रहे थे लेकिन शाम को सोनिया ने आ जाना था घर पे इसलिए वो लोग बुटीक पर चले गये होंगे,,,,तभी तो मामा भी काम का बोलके घर से निकल गया है,,,अब ये रात को ही वापिस आएगा दीदी के आने के बाद,,,,लेकिन माँ अभी तक क्यू नही आई,,,लगता है माँ कुछ ज़्यादा ही मस्ती कर रही होगी अलका आंटी के साथ ऑर उनको कुछ ज़्यादा ही मज़ा आ रहा होगा तभी तो इतना टाइम हो गया है अभी तक वापिस नही आई ,,,,,,
मैं उपर रूम मे गया ऑर फ्रेश होके नीचे आ गया,,,,तभी बाहर बेल बजी ऑर मैं दरवाजा खोलने चला गया,,,,,मैने
दरवाजा खोला तो सामने सोनिया खड़ी हुई थी,,,,,उसने मुझे पूरे गुस्से से देखा ,,उसका चेहरा फूला हुआ था ऑर आँखें
गुस्से से लाल थी,,,वो कुछ नही बोली ऑर घर के अंदर आ गई,,,,,मैं उसको देख कर थोड़ा डर तो गया था लेकिन मुझे बहुत
अच्छा लग रहा था बहुत मज़ा आ रहा था क्यूकी आज मैने जान बूझ कर उसको गुस्सा कर दिया था,,,मैं मन ही मन थोडा
खुश होने लगा था,,,,
वो अंदर चली गई ऑर मैं भी दरवाजा बंद करके अंदर आके सोफे पर बैठ गया जबकि वो उपर अपने रूम मे चली गई ,,,,
कुछ देर बाद वो फ्रेश होके चेंज करके नीचे आ गई ऑर माँ को आवाज़ देने लगी,,,,लेकिन उसको जल्दी ही पता चल गया कि घर पर कोई नही है,,,फिर वो किचन मे चली गई ऑर कुछ देर बाद कुछ सब्जियाँ ऑर नाइफ लेके डाइनिंग टेबल पर बैठ
गई,,,मैं समझ गया कि ये माँ के आने से पहले डिन्नर की तैयारी करने लगी है,,,,,मैने उसकी तरफ देखा तो उसने मुझे गुस्से से देखते हुए सब्जियाँ काटना शुरू कर दिया,,,,वो अपने दाँतों को ज़ोर ज़ोर से भींच कर मेरी तरफ लाल आँखों से देखती
हुई सब्जी काट रही थी,,,वो इतने गुस्से मे थी कि जैसे उसके हाथ मे सब्जी नही मेरी गर्दन है ओर वो मेरी गर्दन काट रही है,,
मैने उसकी तरफ कोई ज़्यादा ध्यान नही दिया ऑर टीवी देखने लगा,,,,लेकिन मैं मन ही मन आज बड़ा खुश था ,,आज उसको इतना तंग जो किया था,,,जानभूज कर उसको आज गुस्सा दिलाया था,,,
कुछ देर बाद मैं किचन मे गया क्यूकी मुझे प्यास लगी थी,,मैने पानी को बॉटल निकाली ऑर पानी पीने लगा,,मैं
बॉटल को मूह से उपर करके पानी पी रहा था तो कुछ पानी नीचे ज़मीन पर गिर गया,,मैने उसकी कोई परवाह नही की
ऑर पानी की बॉटल को फ्रिज मे रख कर कुछ खाने को तलाश करने लगा,,,ऑर मुझे कुछ कुकीस भी मिल गई,,,मैं वहीं
खड़ा होके 2-3 कुकीस मूह मे डालके चबाने लगा ऑर कुछ कुकीस हाथ मे लेके कुकीस वाले बॉक्स को वापिस अपनी
जगह पर रख कर किचन से बाहर आने लगा,,,,तभी मैने देखा कि सोनिया किचन मे आ गई ऑर फ्रिज खोलकर कुछ
समान लेके वापिस बाहर जाने लगी,,,,तभी ज़मीन पर गिरे हुए पानी की वजह से वो फिसलकर गिरने लगी जो पानी मेरी वजह से गिरा था,,,,,सोनिया पीठ के बाल गिरने लगी तो मैने जल्दी से जाके उसको पकड़ लिया,,,मेरा हाथ उसकी पीठ पर था मैने उसको पकड़ कर सीधा किया ओर किचन से बाहर आ गया,,,ना तो उसने कुछ बोला ऑर ना मैं कुछ बोल सकता था क्यूकी मेरा मूह भरा हुआ था कुकीस से,,,,मैने किचन से बाहर निकलते टाइम उसकी तरफ मूड कर देखा तो उसकी आँखों मे गुस्सा ऑर अजीब सा भाव था,,मैं समझ नही पा रहा था लेकिन गुस्सा तो दूर से ही पहचान लेता था मैं उसका,,,,
मैं किचन से बाहर आके सोफे पर बैठा ऑर एक हाथ से रिमोट उठा कर चॅनेल सेट करने लगा ऑर दूसरे हाथ मे पकड़ी
हुई कुकीस खाने लगा,,,,मैं जान भूज कर टीवी देख रहा था ऑर कुकीस खा रहा ता क्यूकी मैं खुद पर क़ाबू कर
रहा था ,,,एक पल के लिए सोनिया को सहारा देके गिरने से बचाया था ऑर उसको पीठ पर हाथ लगाया था लेकिन उसी एक पल मे मेरी हालत पतली हो गई थी,,,,एक पल मे लगा कि कोई तूफान पूरे जिस्म मे खलबली मचाने लगा है ,,,लंड एक पल मे ओकात मे आना शुरू हो गया था ऑर अगर सोनिया को इस बात का पता चला जाता तो जिस नाइफ से सब्जी काट रही थी उसी से मेरी गर्दन काट देती,,,,
मैं टीवी देखते हुए खुद पर क़ाबू पा रहा था वहीं सोनिया वापिस डाइनिंग टेबल पर बैठ कर सब्जी काटने लगी थी,,,मैं टीवी
देखते हुए बीच बीच मे एक नज़र उसकी तरफ देख लेता ,,,लेकिन उसकी आँखों मे अब गुस्सा नही था लेकिन चहरे पर
अजीब भाव थे हालाकी वो मुझे घूर ज़रूर रही थी बट गुस्से से नही,,,,
तभी उसकी सब्जी कट गई ऑर वो किचन मे सब्जी रखके बाहर आ गई ऑर डाइनिंग टेबले पर कपड़ा मारने लगी,,मैं उसकी तरफ देख रहा था तो वो कपड़ा मारने के बाद सोफे की तरफ बढ़ने लगी ऑर मेरे पास आके दूसरे सोफे पर बैठ गई,,,तभी मैने अपनी कॉकीस ख़तम कर चुका था मैने रिमोट को टेबल पर रखा ऑर उठकर वहाँ से जाने लगा,,,,मैं झूठ मूठ
का गुस्सा ऑर अकड़ दिखा रहा था इसलिए उसके सोफे पर बैठते ही मैं वहाँ से उठके जाने लगा,,
अभी मैं सोफे से उठकर जाने ही लगा था कि मुझे सोनिया ने आवाज़ देके रोक लिया,,,,,,कहाँ जा रहे हो भाई,,,
मैने पीछे मूड कर नही देखा बस ऐसे ही पीठ करके उसकी बात का जवाब देने लगा,,,,,,,तुझे क्या लेना जहाँ मर्ज़ी जाउ
मैं,,इतना बोलकर मैं फिर से आगे बढ़ने लगा,,,,
तभी वो फिर से बोली लेकिन इस बार हल्के गुस्से से,,,,भाई मैने पूछा कहाँ जा रहे हो,,,,
मैं उसकी तरफ पलट कर नही देखा,,,,,,,,मैं उपर जा रहा हूँ अपने कमरे मे थोड़ा काम है,,,,
क्या काम है ,,,,?
तुझसे मतलब ,,,मुझे कुछ भी काम हो तेरे को क्या,,,,
तभी वो चलके मेरे आगे आके खड़ी हो गई ऑर मेरी तरफ देखने लगी,,,,,क्या काम है भाई ,,,मुझे भी बताओ,,
मेरे काम से तुझे क्या लेना देना तू बैठ कर टीवी देख,,,,,मैं उपर जा रहा हूँ,,,
भाई तू ऐसा क्यूँ कर रहा है मेरे साथ,,,,इतना गुस्सा किस बात पर है तुझे,,,,क्यू मुझे इग्नोर कर रहा है ,,मुझे आज
अपने साथ घर भी नही लेके आया ऑटो मे बिठा दिया ऑर अब इतनी देर से टीवी देख रहा था ऑर जब मैं आई तो तू उठकर उपर जाने लगा,,,,सीधी तरह क्यू नही बोल दिया कि सोनिया यहाँ मत बैठो तो मैं नही बैठती,,,,एक तो खुद बुरा काम करते हो उपर से खुद ही गुस्सा हो जाते हो,,,,
अच्छा आज मैं उठा तो तेरे को नज़र आ गया ऑर जब तुम टीवी देखती हो ओर मैं आके सोफे पर बैठ जाता हूँ तो तुम क्यू उठकर भाग जाती हो,,तुम मुझे क्यू नही बोल देती कि सन्नी यहाँ मत बैठो,,
क्यूकी तुम बुरे हो भाई,,,बुरी बातें करते हो इसलिए तुम जब आके मेरे पास बैठ जाते हो तो मैं उठकर चली जाती हूँ,,,
हाँ हाँ मैं बुरा काम करता हूँ ऑर मैं बुरा इंसान हूँ,,,क्या अब ऑर कुछ कहना है तुझे,,,,या मैं जाउ उपर,,,,
नही जा सकते,,मेरी पूरी बात सुने बिना मैं नही जाने दूँगी,,,,उसने अपने हाथ को दोनो तरफ खोल दिया ऑर मेरे सामने
ऐसी खड़ी हो गई जैसे मेरा रास्ता रोक रही हो,,,
क्या बात करनी है,,जल्दी कर मुझे उपर जाना है,,,
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