RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
आज बहुत टाइम बाद माँ मेरे साथ बैठी थी बाइक पर मुझे एक अलग ही मज़ा आ रहा था ,,उनके बड़े बड़े बूब्स
मेरी पीठ से दब रहे थे,,,नून टाइम था इसलिए गर्मी बहुत थी ऑर सभी सड़कें सुनसान थी,,बहुत कम लोग थे
सड़को पर,,,,लेकिन जितने भी लोग थे सब मेरी माँ की तरफ घूर घूर कर देखते जा रहे थे,,जितने भी मर्द
हमारे पास से गुजर रहे थे उनमे से शायद ही कोई मर्द होगा जिसनेपलट कर माँ को नही देखा होगा,,,आज मेरी
माँ इतनी खूबसूरत लग रही थी कि हर कोई मर्द दिल ही दिल मे उसको चोदने की ख्वाहिश कर रहा था ,,मेरा भी हाल
कुछ ऐसा ही था,,,
माँ आज तो आप सच मे बहुत मस्त लग रही हो,,,देखो सड़क पर जो भी मर्द गुजर रहा है आपको एक बार पलट कर
ज़रूर देख रहा है,,,,हर किसी का लंड खड़ा हो रहा होगा आपको देख कर,,,
मुझे हर किसी के लंड की नही तेरे लंड की ज़रूरत है बेटा,,,,इतना बोलकर माँ ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ लिया ऑर
हल्के से दबा दिया,,,,,,
क्या करती हो माँ कोई देख लेगा,,,,
तो मैं क्या करूँ कोई देखता है तो देखने दे,,,,,,इतना बोलकर माँ ने हल्के से लंड को फिर से दबा दिया,,मेरे मुँह
से अहह निकल गई ,,,,
करण मेरे एक साइड मे बराबर ही बाइक चला रहा था उसको मेरी अह्ह्ह्ह सुन गई ओर वो मुझे ऑर माँ को देख कर
हँसने लगा ऑर जल्दी ही उसने बाइक को एक गली मे मोड़ दिया,,,,
मैने भी उसके पीछे पीछे बाइक मोड़ दिया,,,
अबे करण इस तरफ बाइक क्यू मोड़ा ,,,तेरे घर नही जाना क्या,,,,
सन्नी भाई ये रास्ता भी मेरे घर को ही जाता है ,,,,बस फ़र्क इतना है कि रास्ता खराब होने की वजह से यहाँ से कोई आता
जाता नही,,,,,,अब आंटी जितना चाहहे तेरे लंड को मसल सकती है ,,,किसी के आने का डर नही इस रास्ते पर,,,,
मेरा बेटा कितना ख्याल रखता है अपनी माँ का,,,,,माँ ने करण को हँसते हुए बोला,,,,
मैं मिरर मे से पीछे देख रहा था तभी माँ ने हँसके मुझे देखा ऑर मेरे लंड से हाथ हटा लिया ऑर फिर
अपने दुपट्टे से अपने सर ऑर फेस को कवर कर लिया ताकि कोई अगर हमे देख भी ले तो माँ को पहचाने नही,,,माँ
की सिर्फ़ आँखें ही बाहर थी बाकी फेस कवर हो गया था,,,,,
माँ ने वापिस हाथ मेरे लंड पर रखा ऑर मसल्ने लगी,,,मैने नीचे अंडरवेार नही पहना हुआ था जिस से मेरा
लंड पॅंट मे पूरी तरह से फूल गया ऑर पूरा ओकात मे आ गया,,,माँ तेज़ी से मूठ नही मार रही थी बस हल्के हल्के लंड
को सहला रही थी,,लेकिन इतने से ही मेरी हालत खराब हो रही थी,,,,,जैसे तैसे 10 मिनट खुद पर क़ाबू करते हुए
मैं करण के घर तक पहुँच गया,,,,
करण बाइक से उतरा ऑर घर के गेट पर गया ऑर बेल बजाने लगा,,,,इतने मे मैं भी बाइक साइड पर रोक चुका था,,,माँ
बाइक से उतरी ऑर मेरे गाल पर हल्की किस करके मेरे लंड को एक बार ऑर दबा कर आगे करण के घर की तरफ बढ़ गई,,
मैं बाइक से उतरा ऑर मेरा ध्यान अपने लंड पर गया तो मेरी पैंट पर मेरे लंड का हल्का पानी लगा हुआ था,,,जो लंड
की चिकनाई थी जो चुदाई करते टाइम बीच बीच मे निकलती रहती है,,,उस चिकनाई की वजह से मेरी पैंट हल्की गीली हो
गई थी,,,,
मैं भी बाइक से उतर कर करण ऑर माँ के पास चला गया,,,
लगता है माँ घर पर नही है,,,,इतना बोलकर करण नीचे झुक गया ऑर गाते पर अंदर से लगे लॉक को देखने की
कोशिश करने लगा,,,,
माँ घर पर नही है ,,,लॉक लगा हुआ है अंदर से,,,,,
अब क्या करे वापिस चले क्या,,,माँ ने करण से पूछा,,,,
अरे नही आंटी जी मेरे पास घर की दूसरी चाबी है,,,इतना बोलकर करण ने पॉकेट से चाबी निकाली ऑर लॉक खोल दिया,,,,
लॉक खुलते ही माँ जल्दी से अंदर चली गई क्यूकी बाहर गर्मी बहुत थी,,,,माँ के पीछे पीछे करण भी अंदर चला गया
ऑर करण के पीछे मैं भी,,,,,
अंदर जाते ही करण घर के मेन डोर का लॉक खोलने लगा ऑर लॉक खुलते ही माँ अंदर चली गई ऑर मैं भी जल्दी से
अंदर चला गया,,,,जबकि करण वापिस पीछे मूड कर बाहर की तरफ चला गया गेट बंद करने,,,,
अंदर आते ही माँ सोफे पर बैठ गई,,करण ने एसी ऑन किया ऑर माँ के लिए पानी लेने किचन मे चला गया जबकि मैं
जल्दी से भाग कर करण के रूम मे बाथरूम मे चला गया,,,माँ ने रास्ते मे मेरे लंड को इतना सहलाया था कि
करण के घर तक आते आते मेरा लंड फटने वाला हो गया था,,,,जब बाथरूम मे जाके पेशाब किया तो कुछ राहत मिली
मैं बाथरूम से बाहर आया तो माँ अपना दुपट्टा उतार कर साइड पर रख चुकी थी ऑर मुझे करण के रूम से आते
देख कर हंस रही थी,,,,मैं भी माँ के पास आके सोफे पर बैठ गया ,,,इतने मे करण 3 ग्लास मे कोल्ड्ड्रिंक लेके आ गया
करण ने एक ग्लास माँ की तरफ बढ़ाया ऑर एक ग्लास मुझे दिया ऑर एक ग्लास खुद लेके साथ वाले सोफे पर बैठ गया,,,
मैं कोल्ड-ड्रिंक पीता हुआ अपनी पैंट की तरफ देख रहा था तभी माँ ने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे अपनी गीली पॅंट
की तरफ देखता हुआ पा कर हँसने लगी,,,,
अरे बेटा तूने पॅंट मे भी पेशाब कर दिया क्या,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी ऑर करण भी माँ का साथ देने लगा
आंटी जी अपने इतने प्यार से सारे रास्ते इसके लंड को मसला था पेशाब तो निकलना ही था इसका,,,करण फिर हँसने लगा,,
मैने जल्दी से अपना ग्लास ख़तम किया फिर ग्लास को टेबल पर रख दिया,,,,
हाँ माँ करण सही बोल रहा है तूने रास्ते भर इतने प्यार से मसला मेरे मूसल को की इसने पॅंट मे ही पानी निकलना
शुरू कर दिया था ऑर अब देख मैं तेरी चूत को ऐसी मसलूंगा की तेरा भी पानी निकल जाएगा,,,
इतना बोलकर मैं माँ के करीब हो गया ऑर माँ ने भी एक ही पल मे खुद को मेरी तरफ़ मोड़ लिया ऑर मेरे आगे होते ही
माँ ने अपना हाथ मेरे पॅंट के उपर से मेरे लंड पर रख दिया जो अभी तक हल्की मस्ती मे आधा खड़ा हुआ था,,
हयी राम अभी तक सोया नही ये,,,,,
नही माँ अभी ये अंगड़ाई लेना शुरू ही हुआ था कि अब फिर से तेरे हाथ लगते नींद उड़ गई इसकी,,,इतना बोलकर मैं
ऑर आगे हुआ ऑर माँ के लिप्स की तरफ़ बढ़ने लगा,,,माँ ने भी अपने फेस को मेरे करीब करण शुरू कर दिया ऑर पल भर
मे मेरी ऑर माँ की किस शुरू हो गई,,,,,मैं माँ को किस करते हुए माँ के बूब्स को हल्के से दोनो हाथों मे लेके
मसल्ने लगा माँ भी मेरे लंड को प्यार से सहलाने लगी,,,रास्ते भर माँ ने मेरे लंड को इतना मसला था कि मैं तो
करण के घर आते ही माँ को चोदने क लिए तैयार बैठा था ऑर माँ का भी यही हाल था,,,,मैं ऑर माँ किस कर रहे थे
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