RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
देखा एक गाल ऑर एक थप्पड़,,,,,,,,,जिसकी वजह से गाल लाल हो गया था,,,,,,,,,,,,,मामा ने इतना बोला ओर हँसने लगा साथ मे माँ भी हँसने लगी,,,लेकिन शोभा चुप रही,,,,,
मेरी गान्ड फटने लगी कहीं माँ ऑर मामा ने मेरे थप्पड़ लगते तो नही देख लिया था गाओं मे जब सोनिया ने मुझे मांरा था,,,,
क्या देखा मामा ऑर कहाँ देखा,,,,,,,,,
यहीं देखा बेटा किचन मे,,,,,,,,,,,,,,सोनिया का थप्पड़ ऑर तेरी बुआ का गाल ,,,,,,,,,,,,,इतना कस्के थप्पड़ लगा था कि एक ही पल मे तेरी बुआ का मुँह लाल हो गया था,,,,ऑर ये देख कर मेरी बॉल्स मेरे गले मे अटक गई थी,,,,
क्या बोल रहे हो मामा खुल कर बोलो ना,,,,,,,,,
तभी शोभा बोलने लगी,,,,
सन्नी जब पापा ने गीता को मुझे उनके साथ खेल मे शामिल होने के लिए तैयार करने को बोला तो उसके कुछ दिनो बाद पापा की नज़रें सोनिया पर टिक गई ,,वो सोनिया के साथ भी चुदाई करना चाहते थे ,,गीता बुआ ने पापा की बात मान ली ऑर सोनिया को साथ मिलने का खेल शुरू हो गया लेकिन पहले तो गीता बुआ को सोनिया को अपने लिए पटाना था बाद मे पापा के सामने पेश करना था ,,लेकिन बुआ की कोशिश बेकार गई ऑर बदले मे एक कस्के थप्पड़ मिला सोनिया के हाथ का,,,,तभी तो सोनिया बुआ से कुछ खफा रहती है ऑर बुआ भी ज़्यादा बात नही करती सोनिया से,,,,,
मेरे तो गान्ड दोबारा फॅट गई ये सुनकर की सोनिया ने बुआ को थप्पड़ मारा था,,,,अगर वो बुआ को थप्पड़ मांर सकती है तो मेरे को तो गोली भी मांर सकती है,,,,शोभा की बात सुनके आज सोनिया मुझे अपने हाथ से रेत की तरह फिसलती हुई नज़र आ रही थी,,,,,,,,
हाँ बेटा ,,,मैं उस टाइम किचन के डोर के पास खड़ा हुआ था,,,कुछ दिनो मे मैं भी कोशिश करने वाला था सोनिया को क़ाबू करने की लेकिन गीता का हाल ऑर लाल गाल देख कर मेरी हिम्मत नही हुई,,,,वो है ही इतने गुस्से वाली,,,,,,,,,,,
साला अब समझा क्यू शोभा ने भी मुझे मना कर दिया था मेरे लिए सोनिया को तैयार करने के लिए,,,,साला अब तो जितना हो सके दूर रहना होगा उस हिट्लर सोनिया से,,,,ग़लती से भी करीब चला गया तो कच्चा चबा लेगी मुझे,,,,,
अरे आप लोग किन बातों मे उलझ गये,,,,,बात तो ये करनी है कि आज सोनिया घर पर है तो मस्ती कैसे कर सकते है हम्सब लोग मिलकर,,,
उसकी टेन्षन आप मत लो मों,,,,मैने सब बंदोबस्त कर दिया है बस कुछ देर रूको,,,,
क्या बंदोबस्त किया है मुझे भी बता दो बेटी,,,,माँ ने अभी पूछा ही था कि माँ के रूम के दरवाजे पर सोनिया आके खड़ी हो गई,,,,,
दीदी अक्तिवा की चाबी देना ज़रा,,,सोनिया ने रूम मे आते ही बोला,,,,
सोनिया को दरवाजे पर खड़ा देख कर एक दम से सबका रंग उड़ गया ,,,,,सब लोग डर गये,,रूम मे एक दम से सन्नाटा हो गया,,,,
सबको यही डर लग रहा था कहीं सोनिया ने वो सब बातें तो नही सुन ली थी जो अभी हम लोग कर रहे थे,,,,,,
तभी शोभा की आवाज़ के साथ रूम का सन्नाटा दूर हुआ,,,,,,,,,,अक्तिवा क्या करनी है तूने इतनी रात को,,,,,,कहाँ जाना है,,,,,
दीदी वो कामिनी भाभी का फोन आया था उन्होने मुझे घर पे बुलाया है अभी,,,,,सोनिया ने जवाब दिया,,,,,,,,
अरे बेटी अभी तो कुछ देर पहले तू कविता के घर से आई है ऑर अभी फिर जा रही है,,,कोई खास वजह,,,,,,माँ ने सोनिया से पूछा,,,,,
माँ अभी कामिनी भाभी का फोन आया था ,,,,उनकी सास यानी कविता की मोम अभी कुछ देर पहले कविता के डॅड के पास चली गई है,,,वो जिस फॅक्टरी मे काम करते है वहीं उनको एक नया फ्लॅट मिला है ,,,,,कविता का भाई सूरज भी उनको छोड़ने के लिए उनके साथ गया है,,घर मे कविता ऑर भाभी है बस,,इसलिए उन लोगो ने मुझे वहाँ बुलाया है,,,मैं अब कल सुबह ही वापिस आउन्गी,,,,
इतनी देर तक शोभा रूम से निकल कर उपर अपने रूम मे चली गई अक्तिवा की चाबी लेने ऑर उसके बाहर जाते ही मामा भी माँ के रूम से निकल गया,,,,मैं ऑर माँ वहीं थे,,,,,,,,,,,,,,
तभी माँ बोली,,,,,तुम अब रात वहीं रहने वाली हो सुबह वापिस आओगी,,,,
हाँ माँ मैं रात वहीं रहने वाली हूँ,,,,,,,,,,,लेकिन ऐसा क्यू पूछ रही हो आप,,,,,,
कुछ नही बेटी ये सन्नी मेरे साथ सोने वाला था ,,बोल रहा था उपर तुम्हारे साथ नही सोना,,,,लगता है तुम लोगो का झगड़ा अभी तक ख़तम नही हुआ है इसलिए ये उपर नही सोने जा रहा था लेकिन मुझे इसको अपने साथ नही सुलाना था रात को बहुत हिलता जुलता रहता है ये बेड पर,,,,सोते टाइम बहुत हाथ पैर चलाता है ,,,ना खुद सोता है ना मुझे सोने देता है,,,,,अब तुम अगर रात वहीं रहने वाली हो तो ये उपर जाके उस रूम मे सो जाएगा,,,,इसलिए पूछा था बेटी,,,,,
सोनिया कोई बात करती इस से पहले शोभा दीदी चाबी लेके आ गई ऑर सोनिया कुछ बोले बिना ही वहाँ से चली गई,,,शोभा दीदी उसको दरवाजे तक छोड़ने गई ऑर फिर दरवाजा बंद करके वापिस आ गई,,,,,
रूम मे मैं ऑर माँ बेड पर बैठ गये थे ,,,जबकि मामा बाहर सोफे पर बैठा हुआ टीवी देख रहा था,,,टीवी देख नही रहा था बस सोनिया के सामने टीवी देखने का नाटक करने लगा था ऑर सोनिया के जाने का वेट कर रहा था,,,,सोनिया के जाते ही वो भी शोभा के पीछे पीछे रूम मे आ गया,,,,,,,,,
अच्छा हुआ चली गई,,,,अब वापिस आएगी या रात वहीं रुकने वाली है,,,,,,,मामा ने अंदर आते ही पूछा,,,,,
वो रात वहीं रुकने वाली है मामा,,,ऐसा मुझे दरवाजे पर बोलकर गई है,,,अब सुबह ही वापिस आएगी,,,,,शोभा ने मामा की बात का जवाब दिया,,,,
इतने मे मामा ने शोभा को अपने करीब किया ऑर किस करने लगा,,,अच्छा हुआ चली गई अब रात भर तेरी चूत ऑर गान्ड मारूँगा मैं,,,,
मामा दीदी को किस करने ही लगा था कि दीदी ने मामा को रोक दिया,,,,,,,,,,,,,
अभी नही मामा कुछ देर रूको मुझे थोड़ा काम है,,,,तब तक तुम माँ के साथ मस्ती करो ,,,मैं अभी आई 15-20 मिनट मे,,,,
मामा ने दीदी को छोड़ दिया ,,,,,अच्छा जल्दी अपना काम ख़तम करके आ जाओ बेटी तब तक मैं तेरी माँ को थोड़ा खुश करता हूँ सन्नी के साथ मिलकर लेकिन ज़्यादा टाइम मत लगाना वरना मेरे लंड का बुरा हाल हो जाना है,,,मामा ने पयज़ामे के उपर से अपने लंड को मसल्ते हुए सब बात बोली ऑर बेड पर हम लोगो के पास आ गया ,,आते आते मामा अपने कपड़े उतारने लगा,,,,मामा को देख माँ भी जल्दी से नंगी होने लगी लेकिन मुझे कुछ अजीब लग रहा था,,,सोनिया इतनी रात को कभी नही गई कविता के घर ऑर भला ऐसा क्या काम होगा कि भाभी ने उसको फोन करके बुला लिया है,,,,
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