RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
करण के फेस पर चमक ऑर खुशी देख कर सॉफ पता चल रहा था कि वो कितना खुश हो गया है अपनी ही माँ की चुदाई की बारे मे सोच सोच कर,,,,,,लेकिन अब करना क्या है आगे,,,,कुछ समझ नही आ रहा,,,,,,,,,,,,,,,चलो देखते है क्या होता है,सबसे बड़ा पंगा तो था इसको मनाने का,,,,,, ये मान गया अब कोई टेन्षन नही,,,,,
बात ख़तम करके मैं कार से निकला ऑर करण को बाइ बोलके वहाँ से चला गया,,,,,
ओके बाइ अब मैं घर चला ,,,,,तू भी घर जा ऑर ऐश कर शिखा के साथ,,,,,,,,,,,,करण हँसने लगा ऑर फिर बाइ बोलके वहाँ से चला गया,,,,,,,,,,
मुझे बड़ा गुस्सा आया साले पर,,,,,अपनी माँ ऑर मेरी माँ को चोदने को तैयार हो गया लेकिन साले ने एक बार भी बात नही की उस लड़की के बारे मे जो उसके साथ बाइक पर थी सुबह,,,,,,,,,लगता है कोई खास ही मामला है जिसको ये खुद खाना चाहता है ऑर मेरे से बचना चाहता है,,,,,,,,,,चलो कोई बात नही साले की माँ तो चोदने को मिल जाएगी,,,,,,
फिर मैं भी बाइक लिया ऑर घर आ गया,,,,अभी कॉलेज से छुट्टी होने मे टाइम था इसलिए पता था कि माँ ऑर मामा घर मे चुदाई कर रहे होंगे लेकिन बेल बजाने के 1 मिनट बाद ही दरवाजा खुल गया,,,,,,वो माँ ने खोला था,,,,,,
अरे बेटा आ गया इतनी जल्दी,,,,,,माँ ने खुश होके मुझे गले से लगा लिया,,,,
हाँ माँ बोल कर तो गया था कि जल्दी आ जाउन्गा,,,,तेरी वजह से आया हूँ जल्दी,,,,,लेकिन ये क्या आप लोग मस्ती नही कर रहे,,,,
धीरे बोल शोबा उपर ही है,,,माँ ने मेरे मुँह पर हाथ रखते हुए बोला,,,,,,
दीदी भी जल्दी आ गई क्या,,,,,,
नही बेटा वो तो आज गई ही नही कॉलेज,,,,,,,,,,,माँ ने उदास होके कहा,,,,
लेकिन मेरे सामने तो गई थी,,,,,,फिर क्या हुआ वापिस क्यूँ आ गई,,,,,,
पता नही बेटा ,,,,,पहले चली गई थी ,,जब मैं ऑर तेरे मामा मस्ती की तैयारी करने लगे थे तभी वापिस आ गई,,,बोल रही थी कि तबीयत ठीक नही है,,,,,
वो आराम कर रही थी तो आप बाद मे खेल शुरू कर लेते,,,,,,वो तो अपने रूम मे ही थी,,,,,
यही सोचा था बेटा लेकिन शोबा के घर आते ही तेरा मामा घर से बाहर चला गया,,,,,,,,,अब नही आता वो रात से पहले,,,,,
मैं जानता था मामा नशे का समान लेने गया होगा ऑर कहीं बैठकर पार्क मे नशा करने लग गया होगा,,,,जब नशा दूर होगा
तभी घर आएगा वो,,,,,,
तेरे लिए कुछ खाने को बना दूँ,,,,,,भूक लगी होगी,,,,,
भूख तो लगी है माँ लेकिन कुछ ऑर ही खाने को दिल कर रहा है,इतना बोलते ही मैने माँ के बूब्स को ब्लाउस के उपर से पकड़ लिया ऑर ज़ोर से दबा दिया,,,,
चल हट बदमाश,,,,शोबा उपर ही है,,,,जब देखो मसखरी करता रहता है,,,,,,,,,,,जा जाके नहा ले गर्मी मे पसीने की बदबू
आ रही है तेरे से तब तक मैं तेरे लिए कुछ खाने को बना देती हूँ,,,,,,,,,,,,,
अभी हटा रही हो ओर सुबह कॉलेज जाने से रोक रही थी,,,,,,ठीक है अभी नहा कर आता हूँ फिर पेट भर कर खाउन्गा तेरे को माँ इतना बोल कर मैने माँ की लिप्स पर हल्की किस की ऑर उपर अपने रूम मे चला गया,,,,
अपने रूम मे जाके मैं नहा धो कर बाहर निकला ऑर नीचे जाने लगा तभी मुझे शोबा उपर वाले ड्रॉयिंग रूम से निकलकर
किचन मे जाती नज़र आई,,,,,,,
मैं उसके पास चला गया,,,,,,,,,, वो किचन मे कुछ काम कर रही थी,,,,,,,,,,,
यहाँ क्या कर रही हो दीदी,,,,,,,मैने किचन के बाहर खड़े होके उस से पूछा,,,,,
उसने पलट कर मेरी तरफ देखा ,,,,,,,कोफ़ी बनाने लगी हूँ सन्नी ,,,,,,,,,तू पिएगा क्या,,,,,,,,
नही दीदी शुक्रिया वैसे भी माँ नीचे मेरे लिए कुछ खाने को बना रही होगी ,,,,,आपकी तो तबीयत ठीक नही थी माँ ने बताया
आज आप कॉलेज नही गई,,,,,,,,
हाँ सन्नी तूने रात भर इतनी दमदार चुदाई की पूरी रात सोने नही दिया ,,,सुबह कॉलेज जाती तो क्लास रूम मे ही सो जाती इसलिए सर दर्द का भाना करके वापिस घर आ गई,,,,,थोड़ी देर सो गई थी अभी कॉफी पीने को दिल किया तो यहाँ आ गई,,,,,
अब तबीयत कैसी है दीदी,,,,
तबीयत को क्या होना भाई तबीयत तो एक दम ठीक है बस आग लगी हुई है चूत मे ,,,दीदी ने बर्म्यूडा के उपर से ही अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए बोला,,,,,,
मैं हँसने लगा,,,बोलो तो आग भुजा दूं दीदी,,,,,,,,,,
अभी नही ,,पहले नीचे जाके माँ को खा ले,,,,,,आइ मीन माँ के हाथ का पका हुआ खाना खा ले,,,,,
दीदी के बोलने का अंदाज़ ठीक नही लगा मुझे,,,,,,
क्या बोला दीदी फिर से बोलना,,,,,,,,,,मैने भी उसी अंदाज़ मे बोला जैसे दीदी बोल रही थी,,,,
अरे बुद्धू माँ तेरे लिए खाने को कुछ बना रही है वही बोला कि पहले नीचे जाके कुछ खा ले फिर मेरे पास आना,,,,,वैसे भी
तुझे माँ के हाथ का बना खाना ज़्यादा अच्छा लगता है तभी तो हर टाइम माँ के पास रहता है,,,,,दीदी फिर मज़ाक मे बोल रही थी,,,,,
मैं चुप चाप दीदी के करीब चला गया ऑर दीदी को बाहों मे भर लिया,,,,,,
क्या कर रहे हो सन्नी इतनी भी क्या जल्दी है पहले माँ के पास तो चला जा,,,,,वो तेरा इंतेज़ार कर रही होंगी,,,,,
मैने कुछ नही बोला ऑर दीदी के लिप्स को किस करने लगा,,,,,दीदी भी एक ही पल मे मेरी बाहों मे पिघलने लगी ऑर किस का रेस्पॉन्स देने लगी,,,,,,फिर दीदी ने मुझे पीछे किया ,,,,,,,,बुद्धू नीचे जा माँ के पास वर्ना माँ ने उपर आ जाना है,,,,,
मुझे नही जाना दीदी ,,मुझे अभी यहीं रहना है आपके पास ,,,पहले आपकी खुजली दूर करूँगा फिर नीचे जाके माँ के हाथ का
खाना खाउन्गा,,,,,,,,,,मैने फिर से दीदी को किस करना शुरू कर दिया,,,,,
माँ के हाथ का खाना खाएगा या माँ को खाएगा,,,,
दीदी ने हसके इतनी बात बोली ऑर मुझे किस करने लगी अब दीदी ने कुछ ज़्यादा ही मस्ती मे किस की थी,,,,
मैने भी दीदी को किस करते हुए अपने दोनो हाथों की दीदी की पीठ पर से उनकी गान्ड पर रखा ऑर उनको गान्ड से पकड़ कर गोद मे उठा लिया ऑर किचन की शेल्व पर बिठा दिया,,,,,,
क्या बोला दीदी फिर से बोलो,,,,,,,,,,,
वही बोला मैने सन्नी जो तूने सुना,,,,,,,,,जब तू माँ से बात कर रहा था मैं नीचे की सीडियों मे खड़ी हुई थी ऑर सब सुन रही थी
अब तू इसलिए नहा धो कर जा रहा है ताकि माँ के साथ मस्ती कर सके,,,,,
पहले आपके साथ मस्ती करूँगा फिर माँ के साथ ,,,,,,,,,
नही तू उनके पास चला जा पहले ही मेरे घर वापिस आ जाने की वजह से मामा ऑर माँ मस्ती नही कर सके अब तू मेरे पास रहेगा तो माँ की आग ऑर ज़्यादा भड़क जानी है,,,,मैं तो बाद मे भी अपनी खुजली दूर करवा लूँगी तेरे से,,,,,
तो आप भी चलो मेरे साथ नीचे ,,,,,हम तीनो मिलकर मस्ती कर लेते है,,,,,
दीदी पहले खुश हो गई लेकिन एक ही पल मे वापिस उदास हो गई,,,,,,,,,,,नही सन्नी मुझे नही जाना ,,,
क्यू दीदी,,,,,,,,क्या हुआ ,,,,,आपका दिल नही करता मेरे ऑर माँ के साथ मिलकर मस्ती करने को,,,,
दिल तो करता है सन्नी लेकिन डर भी लगता है,,,,मैं कैसे माँ के सामने जाउन्गी,,,मुझे तो शर्म आती है,,,,,ऑर वैसे भी अगर इस बात का डॅड ऑर बुआ को पता चल गया तो मुश्किल होगी,,,,,
दीदी की बातों से एक बात तो सॉफ हो गई थी कि दीदी भी नीचे जाके मेरे ऑर माँ आके साथ मस्ती करने को तैयार थी,,,,लेकिन डर रही थी
कुछ पता नही चलेगा दीदी,,,,,,कॉन बताएगा उनको,,,,,,,,आप तो नही बताओगी ऑर ना मैं बताने वाला हूँ,.,, ऑर ना ही माँ बोलेगी उनको ,,,,,,
नही भाई,,मुझे डर लगता है,,,,,
डरो नही दीदी ,,,,ऑर वैसे भी जब आप माँ के बड़े बड़े बूब्स देखोगी तो डर खुद-ब-खुद निकल जाएगा आपका,,,मैं दीदी को
मनाने की कोशिश कर रहा था,,,,
आपने देखे है ना माँ के बूब्स ,,,,,ज़रा सोचो अपने कभी इतने बड़े बूब्स को मुँह मे भरके मज़ा लिया है,,,,
दीदी सोच मे पड़ गई थी शायद माँ के बड़े बड़े बूब्स के बारे मे सोच रही थी,,,,
तभी मैने दीदी को ऐसे ही गोद मे उठा लिया ऑर किचन से बाहर की तरफ आने लगा,,,,,,
कहाँ लेके जा रहा है बुद्धू,,,,नीचे उतार मुझे,,,,,,दीदी समझ गई मैं दीदी को नीचे लेके जा रहा हूँ,,, जल्दी नीचे उतार मुझे,,,
इतना मत डरो दीदी कुछ नही होता,,,,कोई किसी को कुछ नही बताएगा आपको पता है,,,,ना तो माँ इस बारे मे डॅड से बात करेगी ऑर बुआ से तो माँ बात भी नही करती,,,,फिर बचे आप ऑर मैं,,भला हम बुआ ऑर डॅड को क्यू बताने लगे इस बारे मे,,,
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