RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
क्यूँ सन्नी मज़ा आया भाभी की चुदाई करके,,,,,उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी ऑर उसने मुझे आँख मारते हुए
ये बात पूछी थी,,,,,
मैने भी हंस के उसकी बात का जवाब दिया,,,,,,,हाँ दीदी बहुत मज़ा आया,,,,,,,लेकिन पहले ज़्यादा मज़ा नही आया था वो तो
जब आप भी हम दोनो का साथ देने आई तो ज़्यादा मज़ा आया,,,,,,लेकिन दीदी अपने मुझे भाभी की गान्ड क्यूँ नही मारने
दी,,,
सन्नी अभी भाभी की गान्ड मे कभी लंड नही गया है ,,,बहुत टाइट है उनकी गान्ड ,,,,तू फ़िक्र मत कर आज पूरी रात
अपनी है मैं पूरी रात मे भाभी की गान्ड को तेरे लिए तैयार कर दूँगी,,,,,,
क्या सच मे दीदी,,,,,,,,तो क्या मैं रात को उनकी गान्ड मांर सकता हूँ,,,,,,,,,,मैने एग्ज़ाइट होके पूछा,,,,
नही सन्नी आज नही फिर कभी,,,,,,,,,,आज तो गान्ड को तैयार करूँगी लेकिन चोदने नही दूँगी भाभी की गान्ड को,,,वो
बेचारी मजबूर है ,,थोड़ा तरस कर उसपे,,,,,,,थोड़ा टाइम दे उसको वो खुद ही तैयार हो जाएगे तेरे से गान्ड मरवाने
के लिए,,,,लेकिन आज नही ,,,,,,,,दीदी ने मुझे हल्की किस करते हुए बोला,,,,,,,,,,
ठीक है दीदी,,,,,,,,जैसा आप बोलो,,,,
तभी हम दोनो की नज़र दरवाजे की तरफ गई,,,,,भाभी हम दोनो की तरफ देख रही ऑर अभी भी हल्का सा शरमा रही
थी,,,,फिर भाभी ने अपने हाथ को अपनी चूत की तरफ किया ऑर चूत पर हाथ रगड़ कर उस हाथ को शोबा की तरफ
दिखा कर हल्के से मुस्कुराने लगी,,,भाभी के चहरे पर अजीब सी खुशी थी,,,,
शोबा ने भी भाभी की तरफ हसके देखा ,,
मैने भाभी के हाथ की तरफ देखा तो उनके हाथ मे मेरा स्पर्म लगा हुआ था ,,,वो मेरे स्पर्म से गीले हाथ को शोबा
को दिखा कर खुश हो रही थी,,,,,मैं कुछ कुछ तो समझ गया था उनकी खुशी की वजह,,,,,
भाभी हाथ ऐसे ही शोबा को दिखाती हुई हस्ती हुई ऑर मुझे देख कर शरमाती हुई बेड के करीब आ गई,,,
शोबा बेड से नीचे उतरी ऑर भाभी के पास चली गई,,,,,ऑर भाभी को हल्की किस करके भाभी के उस हाथ को अपने हाथ मे
पकड़ लिया जिसपे मेरे लंड का पानी लगा हुआ था,,,,,,
आपके काम तो आ गया ये अनमोल पानी लेकिन इस हाथ पे लगे पानी को जाया नही करना मुझे,,,,इतना बोल कर शोबा ने भाभी के हाथ पर लगे मेरे स्पर्म को अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया,,,भाभी बड़ी हैरत से शोबा की तरफ
देख रही थी,,,शोबा ने भाभी के हाथ पर लगे स्पर्म को अच्छी तरफ चाट कर भाभी के हाथ को अच्छी तरह सॉफ
कर दिया,,,
ये क्या कर रही हो पगली,,,,,,ये गंदा है,,,,,,,,
नही भाभी ये गंदा नही ये तो अमृत है,,,,,,इसका स्वाद किसी औरत के मुँह लग जाए तो जन्नत का मज़ा देता है,,,फिर
शोबा हँसने लगी,,,,
सही कहा तूने ये अमृत है,,,,,बस ये अमृत अब मेरे काम आ जाए,,,,,भाभी ने थोड़ा उदास होके सर झुका कर बोला
अरे भाभी उदास मत हो ये जवान लंड का अमृत है आपके कम ज़रूर आएगा,,,,इतना बोलके शोबा ने भाभी को बेड
पर मेरे करीब बिठा दिया,,,भाभी कुछ शरमा रही थी मेरे से,,,,,,,,
अब क्यू शरमा रही हो भाभी,,,,इतनी देर से मस्ती कर रही थी सन्नी के साथ ऑर अभी भी शरमा आरही हो,,,,अब ये शरम
ऑर डर को निकाल दो अपने मन से ऑर मस्ती करो हम लोगो के साथ,,,,
शोबा मैं मस्ती करने नही आई तू जानती है,,,,,मैं तो बस,,,
जानती हूँ भाभी लेकिन अगर इसी बीच थोड़ी मस्ती हो जाए तो क्या हर्ज है,,,,,
हर्ज है शोबा ,,,,,मैं तो तुम लोगो की दूर की भाभी हूँ लेकिन तुम दोनो तो भाई बेहन हो,,,,,तुम लोगो को शरम
नही आती ये सब करते,,,,ज़रा भी नही सोचा तुमने कि ये तुम्हारा भाई है जिसके साथ तुम ये सब कर रही हो,,,,,
भाभी किसी लंड या चूत पे कोई नाम नही लिखा होता ना ही कोई रिश्ता लिखा होता है,,,,,,
लेकिन फिर भी तुम लोगो को ज़रा भी एहसास नही कि आज तुम लोगो ने जो किया वो ग़लत है,,,,
भाभी आज ही क्या हमने तो कभी नही सोचा कि जो कर रहे है वो ग़लत है,,,,,,
क्या मतलब,,,,,,क्या तुम दोनो पहले से ये सब करते आ रहे हो,,,,,,हयी राम क्या बोल रही हो तुम शोबा,,,,,
हाँ भाभी,,,,तो इसमे क्या बड़ी बात है,,,,आप भी तो आज अपनी मजबूरी के लिए यहाँ आई हो,,,,ये तो अच्छा हुआ मैने
सन्नी को तैयार का लिया आपकी मजबूरी दूर करने के लिए अगर ये नही होता तो आप भी किसी गैर मर्द से चुदवाने को
तैयार थी ना,,,ऑर सोचो ज़रा कि वो गैर मर्द आपकी मजबूरी दूर करते करते आपकी मजबूरी का हद से ज़्यादा फ़ायदा उठा
लेता,,,,,आपको ब्लॅकमेल करता,,,,या बदनाम कर देता,,,,,
भाभी शोबा की बात बड़ी गौर से सुन रही थी,,,,,
बोलो भाभी,,,,अगर कोई गैर मर्द होता तो,,,,
सही कहा शोबा ,,,,कोई ऑर होता तो कुछ भी करसकता था,,,मुझे बदनाम भी कर सकता था,,,,मुझे तो सोच कर
ही डर लगता है,,,,,
बस यही वजह है भाभी कि मैं भी सन्नी के साथ चुदाई करती हूँ,,,,,क्यूकी चढ़ती जवानी मे लड़का हो या लड़की
दोनो के कदम बहक जाते है ऑर दोनो चुदाई के लिए पागल होते है,,फिर पागलपन मे इधर उधर मुँह मारते है,,
बाहर मुँह मारने से बदनाम होने का डर रहता है,,,,ज़रा सोचो कि अगर आपको चुदाई का मज़ा घर से ही मिलने लगे
तो ना किसी का डर ऑर जब दिल करे तब मस्ती करो,,,,,
मैं दोनो की बातों को आराम से लेट कर सुन रहा था,,,,तभी मैं बीच मे बोल पड़ा,,,,
अरे दीदी अब मुझे भी तो बताओ कि भाभी की मजबूरी क्या थी,,,,
उस से क्या पूछ रहे हो सन्नी मैं बताती हूँ,,,,,,,,,,भाभी ने मेरी तरफ चेहरा किया ऑर हँसके मुझे देखा,,,
उनके चेहरे पर अब डर या शरम नही थी शायद शोबा की बातें सुनकर डर ऑर शरम दूर भाग गई थी,,,,
सन्नी मेरे पति मे बच्चा पेदा करने की हिम्मत नही है,,,इसलिए मेरे घर मे हर दिन फाइट होती थी,,,,
लेकिन भाभी जहाँ तक मैने सुना था एक बार आप प्रेग्नेंट हुई थी,,,,
तभी शोबा बोल पड़ी,,,,,,,,,,,,,एक बार नही सन्नी,भाभी 3 बार प्रेग्नेंट हुई है,,,,,,,,,,
भाभी ने शोबा को चुप रहने का इशारा किया लेकिन शोबा चुप नही हुई,,,,
लेकिन दीदी ये तो बोल रही है कि सूरज मे बच्चा पेदा करने की ताक़त नही है फिर ये 3 बार प्रेग्नेंट कैसे हो गई,,
सूरज मे बचा पेदा करने की हिम्मत है सन्नी,,,,,लेकिन लड़का पेदा करने की नही,,,,
मैं हैरान हो गया क्यूकी मुझे उनकी बातें समझ नही आ रही थी,,,,,,
क्या बोल रही हो दीदी मैं कुछ समझा नही,,,,,,,,,,
सूरज ने भाभी को 3 बार प्रेग्नेंट तो किया है सन्नी लेकिन हर बार भाभी को अबॉर्षन करवाना पड़ा,,,,,
अबॉर्षन का नाम सुनके मैं चोंक गया ओर भाभी की तरफ देखने लगा,,,भाभी की आँखों मे आँसू आ गये
थे ऑर वो शोबा को चुप रहने को बोल रही थी,,,,,,
सूरज बाप बन सकता है सन्नी लेकिन हर बार भाभी के पेट मे लड़की जनम लेने लगी थी जबकि सूरज ऑर उसके घर
वालो को अपनी बहू के पेट से पहली औलाद लड़का चाहिए,,,,वो लोग कहते है कि पहली औलाद घर मे लड़का ही होगी
इसलिए उन लोगो ने 4 साल मे भाभी का 3 बार अबॉर्षन करवा दिया था,,,,
मैं थोड़े गुस्से मे बोला,,,,,,,बस्टर्ड,,,,,,,,,,,,,,,कैसे लोग है वो दीदी जो आज भी लड़का ऑर लड़की मे इतना फ़र्क करते है
अनपढ़ ऑर जाहिल लोगो मे तू ऐसा सुना था लेकिन आजकल की मॉडर्न ऑर हाइ सोसाइटी के लोग भी ऐसे बातों को मानते है,,,
सूरज तो पड़ा लिखा वेल अडुकटेड है ,,,,ऑर उसका बाप भी,,,,,आप भी तो पड़ी लिखी हो भाभी फिर अपने कैसे उनकी बात
मान ली ऑर अबॉर्षन करवा लिए,,,,वो भी 1 नही 3-3 अबॉर्षन,,,,,,,,,,,
सही कहा सन्नी,,,,,,वो लोग पड़े लिखे अनपढ़ ऑर जाहिल लोग है जो लड़का ऑर लड़की मे फ़र्क करते है,,,,लेकिन इसमे भाभी का कोई क़सूर नही है,,,ये तो बेचारी अपने सास ऑर ससुर के डर से चुप चाप अबॉर्षन करवाती रही ,,ऑर जब इस बार इसने प्रेग्नेंट होने से मना किया तो उन लोगो ने इसके साथ बहुत मांर पीट की,,,,,,,,,,तभी तो कविता भी अपने घर आके रो रही थी
उस दिन जब मैं सोनिया के साथ कविता के घर गई थी,,ऑर फिर वहाँ जाके मैने कविता की मोम को पोलीस मे शिकायत
करने की धमकी दी थी,,,तब जाके वो लोग कुछ ठीक हुए,,,,,
हाँ सन्नी,,,,,शोबा ने उनको पोलीस का डर दिखाया तो कहीं जाके मेरा ऑर कविता का जीना सुखी हुआ उस घर मे,,मैं
पड़ी लिखी ज़रूर हूँ सन्नी लेकिन अपने सार ससुर के सामने बोलने की हिम्मत नही होती थी मेरी,,,,एक बार जब हिम्मत
करके बोलने की कोशिश की तो उन लोगो ने मुझे ऑर कविता को बहुत मारा ,,क्यूकी कविता भी अपने माँ बाप के खिलाफ मेरा साथ दे रही थी,,,,,भाभी रोते हुए बोलती जा रही थी,,,,
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