RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
दीदी ने मूह को खोला ऑर थोड़ा ज़्यादा लंड मूह मे लिया ऑर अपने दोनो हाथों को लंड पर रखके मुट्ठी मे पकड़ लिया,,,वो दोनो हाथों को लंड पर हल्के से चला रही थी ऑर बाकी के बचे लंड को मूह मे लेके चूस रही थी जो सिर्फ़ 2-3 इंच ही था,,,,,,,,,
मैने दीदी केएक हाथ को लंड से उठा दिया ऑर अपनी बॉल्स पर रख दिया ऑर दीदी को थोड़ा ऑर लंड लेने का इशारा किया,,
दीदी ने भी एक हाथ से लंड को सहलाते हुए ऑर दूसरे से बॉल्स को सहलाते हुए थोड़ा ऑर ज़्यादा लंड मूह मे लेने की कोशिश करने लगी,,,,मैने भी दीदी के सर को हाथों मे पकड़ा ऑर लंड को हल्के से आगे पीछे करने लगा मेरा लंड अब
आधा दीदी मे मूह मे जाने लगा था लेकिन दीदी के हल्के दाँत मेरे लंड पर लग रहे थे दीदी को भी ये पता लगा तो दीदी ने मूह को ऑर ज़्यादा खोलने की कोशिश की लेकिन मेरा लंड था ही इतना मोटा कि दीदी का पूरा मूह खुल
गया था फिर भी लंड दाँतों से टकरा रहा था,,,,,,,,,,मैं दीदी की तरफ ही देख रहा था तभी दीदी ने अपने
फेस को थोड़ा उपर करके आँखों ही आँखों मे इशारा किया कि अब इस से ज़्यादा मूह नही खोल सकती थी इसलिए
मैं इतने लंड को ही मूह मे पेलने लगा था,,,,,
मैने खड़े खड़े अपनी टी-शर्ट ऑर बनियान निकाल दी ऑर उपर का जिस्मा नंगा कर दिया,,दीदी मुझे अजीब नज़रो
से देख रही थी तभी मैने दीदी को उठाया ऑर अपने साथ सोफे पर ले गया ऑर वहाँ बैठ कर अपने जूते ऑर पॅंट
भी निकाल कर नंगा हो गया,,,,,,,,,,,दीदी ने अपने सर को दूसरी तरफ घुमा लिया वो मुझे नंगा नही देखना
चाहती थी,,,,,,,,,,
दीदी--;सन्नी लंड चूसने के लिए तुमने सारे कपड़े क्यूँ उतार दिए,,,,,,,,,
मैं-;,अरे दीदी जब मस्ती ही करनी है तो पूरी तरह करो ना,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी-;,नही सन्नी मैं इस से आगे कुछ नही करूँगी,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;ठीक है दीदी मत करना लेकिन लंड तो चूसो ना,,,,,,,,,,मैने दीदी के सर को पकड़ कर अपनी तरफ किया ऑर लंड पर झुका दिया
दीदी ने भी लंड को मूह मे लिया ऑर आधे लंड पर सर को उपर नीचे करते हुए चूसने लगी मैने मोका देखा ऑर
दीदी के हाथ को अपनी चेस्ट पर रखा ऑर अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चेस्ट पर घुमाने लगा,,दीदी ने अपने
हाथ को पीछे खींच लिया तब मैने अपने हाथ को दीदी की पीठ पर रख दिया,,,,,,,,,,दीदी एक दम से उठ गई
दीदी-;सन्नी ये क्या कर रहे हो,,,,,,
मैं-;वही जो करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी-;तुमने लंड चूसने को बोला वो मैं कर रही हूँ तुम प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे टच मत करो,,,,,,,,,,
मैं--;दीदी ऐसे मज़ा नही आ रहा ना हल्का हल्का टच करने दो ना प्ल्ज़्ज़,,,,,,
दीदी-;नही सन्नी ,,,,,,,,,
मैं-;ठीक है तो मैं चला जाता हूँ,,,,,,,,,,
दीदी उदास होके वापिस नीचे झुकी ऑर चुप चाप लंड को चूसने लगी,,,,,,,,,मैं खुश हो गया,,,,,,,,,,,,,,दीदी ने लंड को फिर से मूह मे लेके चूसना शुरू कर दिया ऑर मैने हाथ दीदी की पीठ पर रख दिया ऑर आराम से पीठ पर हाथ घुमाने लगा
अबकी बार दीदी कुछ नही बोली ऑर लंड चुस्ती रही मैं बड़े प्यार से हाथ को पीठ पर घुमा रहा था तभी
मेरा हाथ दीदी की ब्रा की पट्टी पर लगा जहाँ हुक लगे हुए थे,,,,,,,,,,,,
मैं-;दीदी अपनी कमीज़ उतारो ना ,,,,,,,,,,,,,
दीदी ने मेरी तरफ देखा इस से पहले दीदी कुछ बोलती मैने दीदी को टेबल पर पड़े मोबाइल की तरफ इशारा कर
दिया,,,,,,,,दीदी ने चुपचाप अपने हाथ उपर उठा कर कमीज़ उतार दी,,,,,,,,,,,,दीदी के कमीज़ उतारते ही मैं
दीदी के बड़े बड़े बूब्स को खा जाने वाली नज़रो से देखने लगा दीदी मेरी नज़रो के अंदाज़ को पहचान गई
ऑर जल्दी से लंड पर झुक गई ताकि मैं बूब्स को ज़्यादा नही देख सकूँ,,,मैने भी हाथ को वापिस दीदी की पीठ
पर घुमाना शुरू कर दिया ,,,,,,,,क्या मक्खन जैसी चिकनी ऑर गोरी पीठ थी साला हाथ खुद ब खुद
फिसलता जा रहा था,,,मैं भी दीदी की पीठ पर हाथ को बड़े प्यार से अपनी फिंगर्स को खोल कर सहला रहा था
मैने महसूस किया कि दीदी की पीठ हल्के झटके खा रही थी उनको मेरा हाथ पीठ पर घूमता हुआ अच्छा लग
रहा था ऑर शायद उनको मस्ती चढ़ रही थी, तभी मेरा हाथ दीदी की ब्रा की पट्टी पर लगा जहाँ हुक थे मैने
कोई देर किए बिना हुक खोल दिया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दीदी ब्रा खुलते ही उपर उठने लगी लेकिन मैने
दीदी के सर को लंड पर दबा दिया ऑर दीदी भी चुप चाप लंड को चूसने ,,,मैने भी अब दीदी की पूरी तरह नंगी
पीठ को प्यार से सहलाना शुरू कर दिया दीदी की पीठ भी हल्के झटके खाने लगी थी,,
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