RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
घर पहुँच कर मैने डिन्नर किया ऑर रूम मे चला गया,,,अब मैं ऑर मोम मेरे रूम मे
थे,,ऑर मामा जी ड्रॉयिंग रूम मे भुआ के रूम मे कोई सोने को तैयार नही था,,ना मोम ऑर ना
मामा जी इसलिए मामा जी ड्रॉयिंग रूम मे सो गये,,,मैं बहुत तका हुआ था आज 4 बार भुआ
की चुदाई जो की थी,,बट मोम को तो लंड चाहिए था,,,मैने बोला कि मैं बहुत थका हुआ
हूँ फिर भी मोम ने मेरी बात नही सुनी ओर मेरे लंड को बाहर निकाल कर चूसने लगी,,
कुछ ही देर मे लंड हार्ड हो गया ऑर मेरा भी मूड बन गया,,,बट मैं आज ऐसे नही करना
चाहता था,,इसलिए मैने मोम को साइड पर किया ऑर लॅपटॉप उठा लिया ऑर पॉर्न साइट ओपन करके
एक मूवी प्ले करदी ऑर मोम को मूवी दिखाने लगा ऑर बोला कि मोम आज हम बिल्कुल वैसे ही
करेंगे जैसे मूवी मे होगा,,मोम बोली ठीक है बेटा,,,फिर हमने बिल्कुल वैसे ही किया
'जैसा मूवी मे उन लोगो ने किया था,,मैने आज एक बार ही किया क्यूकी ऑर हिम्मत नही हो रही
थी ओर सो गया,,,बट मोम को तो ओर चाहिए था तो मोम मेरे सोने के बाद मामा के रूम मे चली
गई,,क्यूकी मुझे डोर खुलने की आवाज़ आ गई थी,,,,,
सुबह उठा ओर कॉलेज चला गया सोनिया ऑर कविता मुझे कॉलेज के गेट पर मिली,,,रूको भाई
मैं रुका ऑर देखा की सोनिया ऑर कविता मेरी तरफ़ आ रही थी,
,,,,,अरे तुम दोनो कॉलेज के बाहर अंदर जाने से पीओन ने रोक रखा है क्या,
,,,,,नही भैया आज मूड नही कॉलेज जाने का.
,,,,,,,,,,,फिर क्या मूड है
,,,,मूवी देखने का,,
,,,,,,,सच मे तूने आज बंक करना है क्या,,
,,,,,,,,बंक तोआपका होगा भैया हम तो कविता के घर बोल कर आए है कि सन्नी भैया के साथ मूवी देखने
जा रहे है,,
,,,,,,,,,,,,अच्छा तो मुझे बलि का बकरा बना दिया तुमने,
,,,,,,,,यस भैया वैसे भी स्टुपिड भाई होते किस लिए है,,
,,,,,,,मैने कहा ठीक है बेटा एक बार मेरा टाइम आने दे फिर बताता हूँ तेरे को,,
,,,,,,,,,,ठीक है ठीक है तुम्हारा टाइम जब आएगा देखा जाएगा अब जल्दी चलो नही
तो मूवी का टाइम निकल जाएगा,
,,,,,,,,,,,अच्छा बैठो फिर ,,,,आज सोनिया ने कविता को पहले बैठने को बोला बट वो शरमा रही थी,,
,,,,,,,,अरे बैठ जाओ कविता मेडम मुझे खुजली नही पड़ी हुई जो मेरे साथ बैठने ऐसे डरती हो,,,
कविता हँसने लगी ओर मेरे पीछे बैठ गई,,आज उसने भी
सोनिया की तरह जीन्स ऑर टी-शर्ट पहनी हुई थी,उसकी हाइट कम थी बट फिगर सोनिया जैसा
था ऑर कलर भी,वो हिमाचल की रहने वाली थी एक दम गोरी,,
,,,,,,,,,,आज कोई ख़ास बात है क्या
,,,,,,,,,,,,,,,क्यू सन्नी भाई,,,
,,,,,,,,,,,,,अरे आज कविता ने जीन्स ऑर टी-शर्ट जो पहना हुआ है इसलिए,
,,,,,,,,,,,,,,क्यू कविताजींस ऑर टी-शर्ट नही पहन सकती क्या कोई पाबबंदी लगी है उसपे,,
,,,,,,,,,,,अरे नही मैं तो ऐसे ही पूछ रहा था
,,,,,,,,,,पूछना वूछना बंद करो ओर चुप छाप ड्राइव करो,,,,,,
मैने बाइक चलानाशुरू किया ऑर हम थियेटर की तरफ चल पड़े बाइक पर तीन लोग थे इसलिए बहुत टाइट
बैठे हुए थे हम लोग बट मुझे इसका फ़ायदा हो रहा था,, कविता के बूब्स मेरी पीठ को
टच कर रहे थे ऑर मेरे अरमानो को जगा रहे थे,,
,,,,,,,एक बात बोलू कविता
,,,,,जी,,वो शरमातेहुए बोलिए सन्नी जी,,
,,,,,,,आप इस ड्रेस मे बहुत सेक्सी लग रही हो,,वो तो शरमा गई लेकिन पीछे
से सोनिया ने मेरे सर पे एक थप्पड़ लगा दिया,,,,,
,,,,,,,,,मारती क्यू है स्टुपिड,,
,,,,मेरी बेस्ट फ्रेंडसे फ्लर्ट करेगा तो सर फोड़ दूँगी तेरा,
........,,फ्लर्ट कॉन कर रहा है मैं तो जस्ट तारीफ कर हूँ,,,
,,,,तारीफ करने के लिए सेक्सी बोलना ज़रूरी था क्या,,,खूबसूरत नही बोल सकता था,,,
,,,,,,,,,नही बोल सकता था क्यूकी खूबसूरत तो कविता जी सलवार सूट मे लगती है ऑर इस ड्रेस मे
सेक्सी लग रही है,,
,सोनिया ने एक ऑर थप्पड़ लगा दिया मेरे,,,जबकि कविता शरमाने लगी,,
कविता का फेस मेरे शोल्डर के पास था बट मैं मूड कर उसकी तरफ नही देख सकता था
इसलिए मैने बाइक के मिरर को उसकी तरफ सेट कर दिया,,ऑर मिरर मे उसको देखने लगा,,,
ब्लॅकी चुप चाप से बिका चला ले ऑर मेरी दोस्त को घूर्ना बंद कर,,,कविता तो बस शरमा
ही रही थी ऑर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था उसके शरमाने से,
,,,अब मैने क्या किया सोनिया जी,,
,,,,,,,,ये जो मिरर मे तू पीछे देख रहा है ना मुझे सब पता है,
,मिरर मे मुझे कविता के साथ सोनिया का फेस भी नज़र आ रहा था,,ऑर ज़ाहिर सी बात है सोनिया भी मुझे
मिरर मे देख रही थी,,,,मैने मिरर को वापिस घुमा दिया,,कविता का फेस मेरे फेस के
राइट साइड पर बिल्कुल शोल्डर से उपर था मैं साइड टर्न करके उसकी तरफ देखने लगा,,
जब मैं उसको देखता वो अपना फेस पीछे कर लेती,,,बट उसकी हल्की हल्की सांसो की खुश्बू
बहुत अच्छी लग रही थी मुझे,,,कविता भी सोनिया की तरह बहुत क्यूट फेस वाली लड़की थी,,
हम लोग थियेटर मे पहुँच गये ओर मूवी लगी थी 1920 - ईविल रिटर्न्स ,,सोनिया को तो हॉरर
मूवी से कोई प्राब्लम नही थी बट कविता को डर लगता था,,,हमने टिकेट लिए ऑर अंदर
चले गये,,हम चुप चाप मूवी देखते रहे,,,बट कविता जब भी कोई डरावना सीन आता तो
आँखें बंद कर लेती जिस बात पे सोनिया उसका मज़ाक बनाती,,सोनिया ऐसे मत करो उसको डर
लगता है तो हँसने की क्या बात,,,
,,,ओह्हो मैं अपनी फ्रेंड का मज़ाक कर रही हूँ तो मेरेभाई को गुस्सा आ रहा है,
,,,,,,,,कुछ तो गड़बड़ है,,,
,,,,,,,,,,,,गड़बड़ तेरे दिमाग़ मे है पागल सोनिया,,
ऐसे ही बातें करते हुए इंटरमिशन हो गया,,
,,,,,चलो चलके कुछ खा लेते है,,
,,,,,,,,,हमको न्हीजाना बाहर तुम जाओ ऑर खाने का के लिए कुछ लेके आओ,,सोनिया ने हुकम चलाते हुए बोला,
,,,,जी मेडम ,,,क्या खाएगी आप,,,
,,,,एक लार्ज पॉपकॉर्न ऑर एक लार्ज पेप्सी,
,,,,ठीक है मेडम,,कुछ ऑर चाहिए तो बात दो,,
,,,,,,,नही बेटा इतना ही बहुत है ऑर सोनिया हँसने लगी ऑर कविता भी बट जैसे ही मैने कविता की तरफ देखा उसने शरमा कर नज़रे झुका ली,
,,,आपको क्या चाहिएकविता जी ,,
,,,जी कुछ नही,,,,
,,जी कुछ नही तो यहाँ नही मिलता कुछ ऑर बता दीजिए,,
,,,,,,शरमाते हुए बड़ी मीठी आवाज़ मे,,एक पेप्सी बस,,,
,,,,,कुछ खाने का दिल नही है क्या कविता जी या मूवी देख कर इतना डर लगने लगा कि भूक ही मर गई,
,,,,,,,,भाई अब जाओ ना उसको नही कहाँ कुछ भी जल्दी जाओ ओर मेरे लिए खानेको लेके आओ,,,,मैं बाहर गया ऑर सबके लिए समान लेके आ गया,,,,जब मैं वापिस आया तो देखा कि सोनिया मेरी सीट पर बैठ गई थी,,
अरे ये क्या तुम अपनी सीट पर बैठो वापिस मुझे मेरी सीट पर बैठना है,,,इधर कविता
भी बार बार सोनिया को इशारा कर रही थी वापिस अपनी सीट पर आने को,
,,,नही भाई तुम अब कविता के साथ बैठ जाओ,,,मुझे नही बैठना,,इतना डरती है ये पागल जब भी कोई सीन
आता है तो ज़ोर से मेरी बाजू पकड़ लेती देखो एक दो जगह नाख़ून भी लग गया है इसका,,,तुम
साथ बैठ जाओगे तो शायद डर कम लगे इसको,,
,,,,बट मैं वो,
,,,,वो वो छोड़ो ऑर चुप चाप बैठ जाओ,,,,वैसे तो मैं भी शुरू से ही कविता के साथ बैठना चाहता था,,लेकिन थोड़ा
नखरा भी ज़रूरी है,,,,मैने सोनिया को उसका समान दिया ऑर कविता को उसका फिर बीच वाली
चेर पे बैठ गया,,,,मूवी शुरू हो गई,,,जब भी कोई सीन आता कविता आइज़ क्लोज़ कर
लेती ,,इतना क्यू डर रही हो कविता जी भूत कॉनसा बाहर निकल कर आपको खा जाएगा,लेकिन
कोई फ़ायदा नही हुआ वो फिर आइज़ क्लोज़ कर लेती,,,,मैने मज़ाक मज़ाक मे उसको कान मे बोला,
अगर अब अपनी आइज़ क्लोज़ की तो मैं आपको किसी कर दूँगा कविता जी,,,,इतना सुन कर उसकी
आइज़ बड़ी-बड़ी हो गई,,वो हैरान रह गई कि मैने उसको क्या बोल दिया,,अब जब भी कोई
सीन आता तो मैं उसकी तरफ़ देखता वो चुप चाप सीन देखती रहती,,लेकिन एक पंगा हो
गया था वो आइज़ तो क्लोज़ नही करती थी बट मेरी बाजू को ज़ोर से पकड़ लेती थी जैसा
सोनिया ने बोला था ऑर उसके नाख़ून भी बहुत बड़े बड़े थे जो मुझे चुभ रहे थे,,,एक बार
जब उसने मेरा बाजू पकड़ा तो मैने भी उसके हाथ पकड़ लिए,,वो मेरी तरफ देखने लगी ऑर
शरमा कर नज़रे झुका ली,,,तभी मैने सोनिया की तरफ़ देखा तो वो गुस्से से मुझे देखने
लगी थी,,,मैने जल्दी से कविता का हाथ छोड़ दिया ऑर मूवी देखने लगा,,,उसके बाद ना
तो कविता ने मेरा हाथ पकड़ा ओर नही मैने उसकी तरफ देखा,,लेकिन जब भी मैं सोनिया की
तरफ देखता तो वो मुझे गुस्से से ही देखती थी,,ऐसे तैसे मूवी ख़तम हुई ऑर हम बाहर
निकल कर बाइक पर बैठ गये,,,इस बार कविता पीछे थी ऑर सोनिया बीच मे,,मेरी हिम्मत न्ही
हुई कुछ बोलने की ऑर वो दोनो भी चुप रही,,,
कुछ देर बाद मैने बोला,,अब कहाँ जाना है सोनिया जी,,
,,,,कविता के घर,
,,,,,पिज़्ज़ा खाने नही जाना क्या,,
,,,,बोला ना सोनिया के घर,,,
,,,वो सच मूच बहुत गुस्से मे थी,,मैने कुछ ऑर ना कहनाही बेहतर समझा ऑर चुप चाप बाइक चलाते हुए कविता के घर के सामने बाइक रोक दी,,कविता ऑर सोनिया उतर गई सोनिया गुस्से मे अंदर चली गई ऑर कविता ने मुझे बाइ बोला ऑर शर्मा कर अंदर चली गई,,,,मैने वहाँ से अपने घर का रुख़ कर लिया,,,,,
घर पहुँचा तो देखा कि डोर लॉक था,,,अब इस डोर की चाबी भी नही थी मेरे पास,,,
नीचे वाले मेन डोर की तो थी बट उपर वाला डोर अंदर से ही लॉक होता था,,,बाहर से न्ही
मैने बेल बजाई बट कोई फ़ायदा नही हुआ,,मैने फिर बेल बजाई बट 10 मिनिट तक कोई
नही आया,,,,मुझे लगा कि मोम ऑर मामा जी कुछ ज़्यादा ही बिजी है इसलिए मैं भुआ के बुटीक
की तरफ चल पड़ा,,वहाँ पहुँचा तो नीचे पूजा ऑर मनीषा दोनो काम कर रही थी,,मैने
उनसे भुआ के बारे मे पूछा तो वो बोली कि मेडम उपर ही है,,,,मैं उपर चला गया,,भुआ सोफे पर
ही बैठी हुई थी ऑर कोई बुक रीड कर रही थी,,,मैने पीछे से जाके भुआ की आइज़ को कवर
कर लिया,
,,,,,आ गये सन्नी बेटा,,,
,,,भुआ तुमको कैसे पता चला ये मैं हूँ,,
,,,,,मैं तेराकल का टच अभी तक भूली नही हूँ बेटा,,भुआ ने सर पीछे की तरफ करके बोला,
,ऑरमैने जल्दी से अपना सर नीचे करके उनको किस कर दिया,
,,,,,पागल कहीं भी शुरू हो जाता है डोर खुला है कुछ तो शरम कर कोई आ जाता तो,
,,,,कोई नही आता भुआ अगर आ जाता तो मैं बोल देता कि एक भतीजा अपनी भुआ को प्यार कर रहा है,
,,,,,चल बदमाश,,,,,कहाँ से आ रहा है,
,,,,मूवी देख कर
,,,,,कॉलेज नही गया आज???
,,,,,बंक किया भुआ,,
,,,,,तू सच मे हाथ से निकलता जा रहा है सन्नी
,,,,,,जनता हूँ यही तो जवानी है भुआ,, भुआ खाने मे क्या है,,
,,,,तुझे क्या खाना है ,,
,,,,मुझे तो भुआ को खाना है,,
,,,,,बदमाशी नही पूजा ऑर मनीषा है नीचे कभी भी उपर आ सकती है,
,,,,,तो बुला लो उनको भी ज़्यादा मज़ा आएगा,,
,,,,,चल बेशरम कहीं का,,,तू रुक मैने दाल चावल बनाए है वो लाती हूँ तेरे लिए,
,मैं वहीबैठ गया ऑर भुआ दाल चावल लेके आ गई,,,मैं दाल चावल खाने लगा ऑर भुआ बुक
रीड करने मे बिज़ी हो गई,,
,,,,,,,ये कोई मर्दो की नंगी फोटो वाली बुक है जो इतने ध्यान से देख रही हो भुआ,
,,,,,,कुछ तो शरम कर सन्नी खाना खाते हुए भी आराम नही तेरे को,
,,,,,ये मेरी शॉप का बुकलेट है जो आज ही बनके आया है उसको देख रही हूँ,,,तू चुप चाप खाना खा
अपना,,,
मैने खाना ख़तम किया ओर टीवी ऑन कर लिया भुआ ये लोग कब जाते है रात को,,
,,,,,9 बजे क्यू,,
तब तक तो डॅड ने आ जाना है फिर तो मोका ही नही मिलना,,
,,,,मोका मिले भी तो आज तुझे कुछ नही मिलना,,,,,,कल कम ज़ोर लगाया था मेरे पे जो आज भी लगाना चाहता है,,
,,,,कल क्या किया मैने,,
,,,,,एक एक हड्डी तोड़ दी मेरी तूने गान्ड फाडी सो अलग,,,,अब तो तू कम से कम 4-5
दिन मेरे नज़दीक भी मत आना,,,
,,,,मेरा दिल मत तोडो भुआ
,,,,,,दिल टूट-ता है तो टूटने दे,,,,,मुझे अपनी बाकी की हड्डियाँ नही तुडवानी,,
,,,,मैं चुप चाप बैठ गया,,,फिर कब भुआ,,,
,,,,,,,,,,,,,जब तबीयत ठीक हुई मैं खुद ही बता दूँगी,
,,,,,,,,,,,मैं टीवी देखने लगा ऑर इधर उधर की बात करने लगा भुआ ने तो कोरा इनकार कर दिया था आज,,,,अब कुछ नही हो सकता था,,,चलो दिन को भुआ ना सही रात को मोम तो है ना,,,,
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