RE: vasna story इंसान या भूखे भेड़िए
इधर सब लोग अपनी-अपनी बात करने मे लगे थे, और अखिल, काया का हाथ थामे उसे बस देखे ही जा रहा था. काया, अखिल की हरकतों पर हँसती हुई, बस खड़ी उसे देख रही थी. मनु की नज़र जब उन पर पड़ी तो ज़ोर से कहने लगा..... "अखिल तू बाहर से चिल्लाता हुआ क्या कह रह था"
अखिल का ध्यान टूटा, और वो हडबडा कर अपना हाथ हटाया. काया उसकी हालत देख कर ज़ोर-ज़ोर हँसने लगी. तीनो जैसे आए थे वैसे ही वापस चले गये. लेकिन काया का जाना अखिल को अखर रहा था, वो तो बस इस हसरत से था कि यहाँ से सब लोग चले जाए, और काया और वो बिल्कुल अकेले रहे.
मनु, अखिल के आँखों के पास चुटकियाँ बजाते.... "तू खोया कहाँ है अखिल"
अखिल.... यार बड़ा बेईमान है तू, शादी फिक्स कर ली और लड़की से मिलवाया भी नही....
मनु.... मेरी छोड़, तू मेरी बहन को घूर क्यों रहा था.... साले अभी निकल जा यहाँ से. तुम्हे शर्म नही आती, दोस्त की बहन को ऐसे घूरते हुए....
अखिल.... सॉरी यार, मुझे मंफ़ कर दे. पर सच कहता हूँ, उसे देख कर जैसे मैं कहीं खो सा गया.... देख तू मुझे जानता है, मैं क्या ग़लत लड़का हूँ.
मनु.... ग़लत क्या होता है अखिल. अभी तो देख लिया ना मैने. किसी के दिल मे क्या है, वो तो वक़्त आने पर ही दिख जाता है. जैसे मुझे अभी दिखा.
अखिल.... यार, मुझे वो वाकई बहुत प्यारी लगी. अगर तुम राज़ी हो तो मैं उस से शादी करना चाहता हूँ.
मनु..... दो कौड़ी के पोलीस वाले तुमने ऐसा सोचने की हिम्मत कैसे किया.
अखिल.... मनु, तू बहुत बड़ा पैसा वाला होगा, पर किसी की औकात इतनी आसानी से नही आँकते.
मनु.... अच्छा तो कैसे आँकते हैं. किसी के घर गये, और उसके घर के औरतों पर बुरी नज़र डाल कर.
अखिल.... आइ आम सॉरी दोस्त. ठीक है मुझ से ग़लती हुई. चलता हूँ अभी.
मनु.... ओये मूड कर उधर मेरे एनकाउंटर का तो नही सोच रहा.
अखिल, मुस्कुराता हुआ पिच्चे मुड़ा.... "यार बहुत गिल्टी फील करवाया तूने, जानता है अंदर से रोने-रोने जैसा मन कर रहा था. सॉरी यार, मैं पहली बार किसी लड़की को ले कर इतना सीरीयस हुआ. उस वक़्त पता नही क्या हुआ, मैं खुद पर काबू नही रख पाया. जब कि बात केवल दोस्त के घर की नही थी यार, मुझे तो ट्रनिंग मे एमोशनलेस्स होना सिखाया गया था".
मनु.... मियाँ, अब ग़लती तो हो गयी तेरे से. भाई मेरी तरफ से तो रिस्ता पक्का है. आख़िर घर का लड़का है, मेरा खुद का जाँचा-परखा. और माशा-अल्लाह आज के दौर मे ऐसा नायाब हीरा कहाँ मिलता है. पर बेटा मेरे हां कहने से कुछ नही होता, लग जा अपनी दुल्हनिया के पिछे, उसने हां कर दी तो तुम दोनो का रिश्ता मैं करवाउंगा....
स्नेहा.... लेकिन उसकी शादी तो पहले से तय है...
मनु... तो क्या हुआ, डीडीएलजी रीफ्रेन्स के तौर पर देख लेगा अखिल, हा हा हा.
अखिल.... वो सब छोड़, पर यार इतनी तो क्लास नही लेना था ना. सच मे बहुत बुरा फील हुआ.
मनु.... कल तुमने मेरी होने वाली दुल्हनिया को डराया, और उससे फ्लर्ट किया था ना, उसी की सज़ा तुम्हे दिया.
अखिल.... क्या ???? ओह्ह्ह हूओ, ओह्ह्ह हूओ ... मुझे कल ही लगा था तुम दोनो के बीच कुछ है, आख़िर मेरा अंदाज़ा सही निकला.... पार्टययययी टाइमेयीईयी... बॉस को बोल ऑफीस संभाले.... हम पार्टी करते हैं....
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