non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन
06-06-2019, 12:49 PM,
#3
RE: non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन
मुझे अब कुछ-कुछ होने लगा था। लण्डदेव खड़े होने लगे थे। मैंने नैतिकता की दुहाई देते हुए लण्डराज को बहुत समझाने की कोशिश की, पर साले ने मेरी एक ना सुनी और फनफना करके खड़ा होने लगा।
करीब आधे घंटे बाद में दीदी ने कहा- “भैया मेरी कमर दुख रही है, मैं सीधे लेटना चाहती हूँ..”
मैंने कहा- ठीक है दीदी, आप सीधे लेट जाओ।
दीदी ने कहा- “अरे पगले मुझे डर लग रहा है की कहीं गिर ना जाऊँ। मैं सीधे लेट रही हूँ, तुम एक काम करो... अभी मैं जैसे तुम्हारे ऊपर एक पैर रखी हूँ वैसे ही एक पैर तुम मेरे दोनों पैरों के नीचे रखो और दूसरा पैरों के ऊपर...”
मैंने कहा- दीदी, क्या ये सही रहेगा?
दीदी ने कहा- अरे पगले... बचपन में तुम दमऊ और मैं ऐसे ही चिपक के कितनी ही बार सोए हैं। भूल गया क्या ?
मैं- “पर दीदी- यहां किसी ने देख लिया तो?"
दीदी- “देख लिया... तो क्या? अरे पगले बस में एक तो अंधेरा है, दूसरा पर्दा लगा हुआ है। तीसरा हम दोनों ने कंबल ओढ़ रखा है। चौथा मुझे डर लग रहा है की कहीं गिर ना जाऊँ, पाँचवा... ... चल छोड़ ना मैं जैसे बोलती हूँ। वैसे ही कर...”
मैंने दीदी के कहे अनुसार एक पैर को नीचे रखा। दीदी ने दोनों पैरों को उनके ऊपर और उनके ऊपर मैंने अपना दूसरा पाँव रख दिया। यानी उनके दोनों पाँव मेरे दोनों पैरों के बीच में फँसे हुए थे। इस पोजीशन के लिए मुझे उनकी तरफ करवट बदलना पड़ा था। अब मेरे हाथ को पकड़कर दीदी ने अपनी बाहों के ऊपर रख दिया। दीदी थोड़ी ही देर में मुझसे इधर-उधर की बातें करते हुए सो गई। पर मेरी आँखों से नींद कोसों दूर भाग चुकी थी। मेरे लण्डराज फनफना चुके थे। मैं क्या करूँ कुछ समझ नहीं पा रहा था। उनके पैर की गर्मी दोनों तरफ से मेरे दोनों पैरों से होते हुए सारे बदन में घुसकर मेरे लण्ड को खड़ा कर रही थी। मैंने बहुत कोशिश की अपने दिल-एनादान को समझने की पर दिल तो आखिर दिल है जी। इस पे जोर किसी का चला है जो मेरा चलता।

मेरे हाथ बेकाबू होकर उसकी बाहों से फिसलकर उसके छाती को कब सहलाने लगे, मुझे मालूम ही नहीं पड़ा। मेरा बदन कामायनी में जल रहा था। और इसे जल्दी से अगर काबू नहीं किया गया तो ये आग कभी भी हम दोनों को जला सकती थी। पर मैं क्या करूं कुछ समझता उससे पहले ही ठंड के कारण वो मुझसे लिपटती ही जा रही थी। इससे मेरे बदन की आग बुझने के बजाय और भड़क रही थी।
मेरा हाथ उसकी चूचियों को सहलाते-सहलाते कब उसे दबाने भी लगे, मुझे पता ही नहीं चला। उसकी और मेरी दोनों की ही सांसें गहरी और गहरी हो चली थी। बस का सफर आगे नेशनल हाइवे के ऊपर था। सड़क शानदार, बस शानदार, ए.सी. स्लीपर और बगल में लड़की भी शानदार, मेरा लण्ड था दमदार, तो वो भी थी मलाईदार।
अमृता भी नींद में मुझसे लिपटती ही जा रही थी और बड़बड़ा रही थी- “बस ऐसे ही जानू, मेरे प्रियतम। बहुत तड़पाया है तुमने और ना तड़पाओ मेरे सैयां..”
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन - by sexstories - 06-06-2019, 12:49 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,665,725 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 563,877 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,303,657 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 986,947 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,749,098 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,159,083 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,087,807 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,524,676 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,181,563 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 300,764 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)