Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
05-24-2019, 12:09 PM,
#40
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
डॉली ने घबरा कर मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे उंगली अपने होंठों पर रख कर चुप रहने का इशारा किया।
उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे।
चेतन.. उसका अपना सगा बड़ा भाई अपनी बीवी के सामने उसकी गीली बनियान के नीचे हाथ डाल कर.. उसकी नंगी चूचियों को दबा रहा था।
चेतन ने उसे और भी मजबूती से जकड़ते हुए.. उसकी कमर को अपने लौड़े के साथ चिपकाया और उसकी चूचियों को मसलते हुए उसकी गर्दन पर अपने होंठों रख कर चूमते हुए बोला- डार्लिंग पकड़ी गई हो ना.. अब निकल कर दिखाओ। बस अब डॉली रह गई है अभी.. इसके बाद उसे पकड़ लूँगा तो मैं जीत जाऊँगा।
चेतन ने आहिस्ता आहिस्ता उसकी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया और शायद वो अपनी उंगलियों से डॉली के निप्पलों को भी मसल रहा था। 
मैं चेतन के पीछे से उसके थोड़ा क़रीब गई.. और बिना उसके जिस्म को छुए हुए.. उसका एक हाथ पकड़ कर नीचे को खींचा.. ऐसा कि डॉली को अँधेरे में पता ही नहीं चल पाया और चेतन समझा कि यह मैं हूँ.. जो उसकी गिरफ्त में हूँ और हाथ नीचे लौड़े की तरफ लिए जा रही हूँ। 
मैंने चेतन का हाथ डॉली के बरमूडा के ऊपर से उसकी चूत पर रख दिया।
चेतन बोला- इस बारिश में बड़ी मस्ती सूझ रही है तुझे डार्लिंग..
यह कह कर उसने डॉली की चूत को उसकी पैन्टी की ऊपर से रगड़ना शुरू कर दिया। 
एक बात थी कि यह तो मुमकिन नहीं था कि चेतन को मेरे और डॉली की जिस्म के फ़र्क़ का अहसास ना हुआ हो। लेकिन अगर उसे पता चल भी गया था तो अब वो इस अँधेरे में और गेम का फ़ायदा उठाते हुए अपनी बहन के जिस्म के मजे लेना चाह रहा था।
मैं भी उसे रोकना नहीं चाह रही थी।
अब चेतन ने अपना हाथ डॉली की पैन्टी की इलास्टिक से अन्दर डाला और अपना हाथ उसकी नंगी चूत पर रख दिया और उसे आहिस्ता आहिस्ता दबाने लगा। 
चेतन की इस हरकत की वजह से डॉली और भी परेशान हो गई.. उसे नहीं पता था कि मैं यह सब देख रही हूँ लेकिन फिर भी उसे डर था कि कहीं मैं ना देख लूँ। 
चेतन ने अपनी कुँवारी बहन की चूत को अच्छी तरह से रगड़ा और इसी वजह से उसकी गिरफ्त जरा ढीली हुई.. तो डॉली फ़ौरन ही उसकी बाँहों से फिसल गई और दूर होकर बोली- बस भाभी अब गेम खत्म। 
मैं मुस्कराई और उसकी तरफ बढ़ी.. इतने में लाइट भी आ गई। मैंने देखा कि डॉली की हालत खराब हो रही थी। उसकी साँस फूल रही थी और उसकी चूचियाँ भी तेज़ी के साथ ऊपर-नीचे हो रही थीं। 
चेतन ने भी अपनी आँखों पर बँधा दुपट्टा खोल दिया और फिर हम दोनों की तरफ हैरत से देखने लगा। 
मैंने कहा- चेतन.. अब तो बारिश भी खत्म हो गई है.. चलो अन्दर ही चलते हैं।
डॉली भी अपने जिस्म को छुपाते हुए अन्दर आ गई।
मैं और चेतन दोनों एक साथ ही बाथरूम में नहाने के लिए घुस गए और ऊँची आवाज़ में मस्तियाँ करते हुए नहाने लगे। सारी आवाजें बाहर डॉली के कानों तक जा रही थीं। 
थोड़ी देर में डॉली ने नॉक किया और बोली- भाभी आप लोग निकल भी आओ.. मुझे भी नहाना है।
मैंने थोड़ा सा दरवाज़ा खोला और बोली- डार्लिंग आ जाओ तुम भी.. हमारे साथ ही नहा लो।
डॉली बोली- जी नहीं.. शुक्रिया.. आप लोगों का।
हम दोनों ही अन्दर हँसने लगे।
कुछ देर में डॉली भी नहा ली और हम दोनों ने फिर से वो ही नेट शर्ट बिना ब्रेजियर के पहन ली और इस बार बिना मेरी कहे ही डॉली ने वो शर्ट बिना ब्रा के पहनी और बड़े आराम से अपने भाई के सामने आ गई। 
अब वो चेतन के सामने और भी ज्यादा घबरा रही थी.. क्योंकि आज उसका भाई उसकी नंगी चूचियों को और चूत को भी मसल चुका था। 
रात का खाने खाते हुए भी चेतन अपनी बहन की चूचियों को भी देखना चाह रहा था। वो उनको अपने भाई की नजरों से छुपा रही थी.. शरम से नहीं.. बल्कि अपने भैया को टीज़ करने के लिए। 
अब मुझे रात का इन्तजार था कि रात को क्या होगा।
क्योंकि अब तो चेतन और भी खुल गया हुआ था और रात भी पूरी बाक़ी थी।
डिनर के बाद अभी चेतन टीवी पर कोई न्यूज़ शो देख रहा था कि मैंने डॉली का हाथ पकड़ा और उसे बेडरूम में ले आई और बत्तियाँ बुझा कर दोनों बिस्तर पर लेट गए, मैंने डॉली को दरम्यान में ही लिटाया था।
डॉली को चेतन की तरफ मुँह करके मैंने उसे अपनी बाँहों में खींचा और उसके होंठों पर चुम्बन करते हुए बोली- आज तो तुझे तेरी भाई ने ही रगड़ दिया यार..
डॉली शरमाते हुए- हाँ भाभी.. शायद वो आपके चक्कर में मुझे पकड़ बैठे थे और यही समझे कि यह मैं नहीं.. आप हो।
मैं- वैसे तेरी कुँवारी चूचियों को बड़ी जोर-जोर से मसल रहा था।
मैंने उसकी चूचियों पर उसके टॉप के ऊपर से हाथ फेरते हुए कहा।
डॉली शर्मा रही थी- भाभी ना करो ना ऐसी बातें..
मैंने धीरे से डॉली के टॉप को नीचे सरकाया और उसकी चूची को बाहर निकाल लिया। डॉली की खूबसूरत सुडौल चूची मेरी सामने थी। मैंने उसके निप्पल के ऊपर आहिस्ता आहिस्ता उंगली फेरनी शुरू कर दी।
डॉली- भाभी ना करो.. अभी भैया आ जायेंगे।
मैंने उसकी बात अनसुनी करते हुए उसके निप्पल को अपने मुँह में ले लिया और आहिस्ता आहिस्ता उसे चूसने लगी। धीरे-धीरे उसके निप्पलों को काटा.. तो डॉली के होंठों से सिसकारियाँ निकलने लगीं।
मैंने एक हाथ उसकी जाँघों पर फेरते हुए नीचे उसके बरमूडा में ले जाकर उसकी चूत पर रख दिया। डॉली ने फ़ौरन ही मेरा हाथ अपनी जाँघों की दरम्यान दबा लिया।
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RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद - by sexstories - 05-24-2019, 12:09 PM

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