Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
05-18-2019, 01:07 PM,
#38
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
थोड़ी देर बाद लम्बी चुदाई की थकान गायब हो गयी और सुधा अपने पांच पुरुषों को प्यार से अपनी हल्की भूरी आँखों से देख कर उन्हें चुदाई का निमंत्रण देने लगी। सुधा के ससुर कालीन पर लेट गए और उन्होंने अपनी बहु को अपने खड़े मोटे लम्बे लंड के ऊपर खींच लिया। सुधा ने जल्दी से अपनी गीली छूट को अपने ससुर के खम्बे जैसे लंड के ऊपर लगाकर अपनी गांड नीचे दबाने लगी। उसकी मीठी सिसकारी के साथ उसकी मीठी सुगन्धित चूत इंच-इंच कर के ससुरजी के विशाल लंड को निगलने लगी। जैसे ही उसकी चूत के मुलायम भगोष्ट अपने ससुर के वृहत लंड की जड़ पर पहुंचे सुधा ने उनके लंड को अपने संकरी चूत की मांसपेशियों से जकड़ लिया। ससुर जी की हल्की सिसकारी ने सुधा के अत्यंत वासना से लिप्त सुंदर चेरे पर मुस्कान ला दी। सुधा को थोड़ा अहसास था कि पीछे खड़े उसके परिवार के पुरुष क्या प्लान बना रहे थे। जैसा सुधा ने सोचा था, उसके पति, उमेश, ने अपना मोटा लम्बा लंड अपनी पत्नी की छोटी सी गांड के छल्ले पर लगा कर अंडर डालने के लिए दबाने लगे। सुधा की सिसकारी ने उसके गांड में उपजे दर्द की घोषणा कर दी। सुधा अभी अपने को अपने पति के जानदार धक्के के लिए तैयार कर रहे थी कि उसका छोटा बेटा, अनिल, उसके मुंह के सामने आ गया। सुधा ने बिना देर लगाए अपने बेटे का खड़ा मोटा लंड अपने मुंह में ले लिया। उमेश ने पूरी ताकत से अपने पत्नी की कोमल गांड को फाड़ने के काबिल भयंकर धक्के से अपनी लंड उसकी गांड में बेदर्दी से घुसेड़ दिया। अनिल के लंड ने अपनी माँ की चीख को दबा दिया अनिल ने भी अपनी माँ के चेहरे को कास कर पकड़ कर अपने लंड से सुधा के कोमल मुंह को चोदना शुरू कर दिया। सुधा के मुंह से सिर्फ 'गोंगों ' की आवाज़ें निकल पा रहीं थी। सुधा के पति का लंड अपने पिता जैसे ही लम्बा और मोटा था। सुधा को दोनों भीमकाय लंड एक साथ लेते हुए शुरू की चुदाई में बहुत दर्द होता था। पर जब उसकी गांड और चूत मोटे लंदों के इर्द-गिर्द फ़ैल जाती थी तो उसके आनंद की कोई सीमा नहीं थी। थोड़ी देर बाद लम्बी चुदाई की थकान गायब हो गयी और सुधा अपने पांच पुरुषों को प्यार से देख कर उन्हें चुदाई का निमंत्रण अपनी हल्की भूरी आँखों से देने लगी। सुधा के ससुर कालीन पर लेट गए और उन्होंने अपनी बहु को अपने खड़े मोटे लम्बे लंड के ऊपर खींच लिया। सुधा ने जल्दी से अपनी गीली छूट को अपने ससुर के खम्बे जैसे लंड के ऊपर लगाकर अपनी गांड नीचे दबाने लगी। उसकी मीठी सिसकारी के साथ उसकी मीठी सुगन्धित चूत इंच-इंच कर के ससुरजी के विशाल लंड को निगलने लगी। जैसे ही उसकी चूत के मुलायम भगोष्ट अपने ससुर के वृहत लंड की जड़ पर पहुंचे सुधा ने उनके लंड को अपने संकरी चूत की मांसपेशियों से जकड़ लिया। ससुर जी की हल्की सिसकारी ने सुधा के अत्यंत वासना से लिप्त सुंदर चेरे पर मुस्कान ला दी। सुधा को थोड़ा अहसास था कि पीछे खड़े उसके परिवार के पुरुष क्या प्लान बना रहे थे। जैसा सुधा ने सोचा था, उसके पति, उमेश, ने अपना मोटा लम्बा लंड अपनी पत्नी की छोटी सी गांड के छल्ले पर लगा कर अंडर डालने के लिए दबाने लगे। सुधा की सिसकारी ने उसके गांड में उपजे दर्द की घोषणा कर दी। सुधा अभी अपने को अपने पति के जानदार धक्के के लिए तैयार कर रहे थी कि उसका छोटा बेटा, अनिल, उसके मुंह के सामने आ गया। सुधा ने बिना देर लगाए अपने बेटे का खड़ा मोटा लंड अपने मुंह में ले लिया। उमेश ने पूरी ताकत से अपने पत्नी की कोमल गांड को फाड़ने के काबिल भयंकर धक्के से अपनी लंड उसकी गांड में बेदर्दी से घुसेड़ दिया। अनिल के लंड ने अपनी माँ की चीख को दबा दिया अनिल ने भी अपनी माँ के चेहरे को कास कर पकड़ कर अपने लंड से सुधा के कोमल मुंह को चोदना शुरू कर दिया। सुधा के मुंह से सिर्फ 'गोंगों ' की आवाज़ें निकल पा रहीं थी। सुधा के पति का लंड अपने पिता जैसे ही लम्बा और मोटा था। सुधा को दोनों भीमकाय लंड एक साथ लेते हुए शुरू की चुदाई में बहुत दर्द होता था। पर जब उसकी गांड और चूत मोटे लंदों के इर्द-गिर्द फ़ैल जाती थी तो उसके आनंद की कोई सीमा नहीं थी। ************* पांच दस मिनट में सुधा की बेदर्दी से चुदती गांड और चूत का दर्द बिलकुल गायब सा हो गया और वो अपनी कमर और चूतड़ को हिला-हिला कर दोनों लंदों की अपनी चूत और गांड मारने के लिए पूरी सहायता कर रही थी। सुनील और सुधा के पिताजी अपने लोहे जैसे सख्त लंडो से सुधा के कोमल हाथों को भर दिया। सुधा अपने सारे परिवार के पाँचों पुरुषों के लंडों को सुख देने लगी। सुधा अगले दस मिनट में फिर से झड़ गयी। उमेश ने अपना लंड अपनी पत्नी की गांड में से निकाल लिया और अपनी जगह अपने ससुर को दे दी। अनिल ने अपना लंड अपनी माँ के मुंह से निकाल कर उसे अपने पितजी के माँ की गांड से निकले लंड के लिए खाली कर दिया। सुधा ने अपने पति का उसकी गांड के रस से सुगन्धित लंड को अपने मुंह में भर कर चाटने और साफ़ करने लगी। अनिल ने अपने लंड अपनी माँ के खाली हाथ में भर दिया। सुधा के परिवार के पांच पुरुष सुधा की चूत और गांड को मिल कर चेन बना कर अपने विशाल लंडों से चोदने लगे। सुधा की चूत बार बार झड़ रही थी। क्योंकि हर लंड को चूत और गांड के बाहर शांत होने का अवसर मिल रहा था इसकी वजह से पाँचों लंड बिना झड़े
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