RE: Muslim Sex Stories मैं बाजी और बहुत कुछ
काफी देर साना के मोटे मम्मे दबाने के बाद मैंने उसकी कमीज को ऊपर किया। उसके मखमली मम्मे और उनके ऊपर मौजूद पिंक निप्पल मेरे मुंह के सामने थे। । । मैंने अपना मुँह खोला और फिर कुछ सोचते हुए कहा: साना मुंह में डाल लूँ तुम्हारा मम्मा।
"हां जानी डालो ना, पूरा डालना मुंह में" इतना सुनने की देर थी कि मैंने साना के मम्मों पे मुँह मारना शुरू कर दिया और बारी बारी उसके दोनों मम्मों को चूसना शुरू कर दिया साना के शरीर से आती खुश्बू ने मेरे अंदर मौजूद वासना की आग को खूब भड़का दिया था। । वह दोनों हाथ मेरे सिर के ऊपर रखे, अपने मम्मे मुझसे चूसा रही थी कि मैंने एक हाथ नीचे किया और उसकी योनी पे अपने हाथ की उंगलियां रखकर उसकी योनी कोरगड़ने लगा। । ।
"" आह आह मम हम हाय आह जानी यह तो मत करो आह ""
"" "कैसा लग रहा है"
"साना तड़पते हुए बोली: आह मत करो ना सलमान।।। एक ओर बूब्स मेरे मुंह में और दूसरी ओर योनी मेरी उंगलियों की चपेट में, साना की भावनाओं को बहकाने के लिए इतना काफी था।
साना की योनी को रगड़ते रगड़ते मैंने अपना वह हाथ ऊपर किया और उसकी सलवार के अंदर डाल दिया और उसकी सलवार के अंदर मौजूद योनी को अपनी उंगलियों की मदद से आराम से सहलाने लगा "
" सलमान प्लीज़,,, आह हाह आह उफ़ मम आह यह क्या कर रहे हो सलमान ""
एक ओर वह यह नहीं चाहती थी कि मैं उसके साथ यह सब करू, पर दूसरी ओर यौन इच्छाएं उसे आगे बढ़ाए जा रही थीं। । । । उसकी गीला योनी को जब मैंने अपनी उंगलियों से रगड़ा तो मेरी उंगलियां भी गीली होती चली गईं। कितनी ही देर में उसकी योनी उसकी सलवार के अन्दर ही हाथ डाले रगड़ता रहा
साना की योनी का टच, बदन की खुश्बू ने मेरे अंदर वासना के पुजारी जानवर को पूरी तरह से जगा दिया था, इसलिए मामला मेरी बर्दाश्त से बाहर हो गया था। । मैंने सलवार से हाथ बाहर निकाललते हुए और उसके मम्मों से मुंह हटाते हुए बोला कि साना सीधी हो के लेट जाओ सेट पे और अपनी ऊपर फ़ोल्ड कर लो। । साना बिखरे बालों, भावनाओं से गुलाबी हुए चेहरे और नशे से चूर आँखों से मुझे देखते हुए टूटी हुई आवाज में बोली: क्यों "
" तुम लेटो ना "" मैने कहा
वह अपने सैंडल्स अपने पैरों की मदद से ही उतारती हुई सीट पर लेट गई और अपनी टाँगों को सीट पे फ़ोल्ड सा कर लिया। । इसी दौरान उसकी कमीज भी काफी नीचे आ गई थी। मैंने भी अपने शूज उतारते हुए साना की टाँगों की ओर घुटनोब के बल सीट के ऊपर हो गया और आगे बढ़ के अपनी टांगे ओपन कीं और अपने आप को उसकी टाँगों के बीच में एडजेस्ट किया। ((कार पुरानी थी, पर इम्पोटेड होने के कारण उसकी एक सीट काफी कमफरटेबल थी हमारी इस स्थिति के लिए)) मैंने साना की सलवार पे दोनों हाथ रखे और उसको नीचे करने लगा कि साना ने वैसे ही मजे में डूबे डूबे कहा: नहीं प्लीज़ ऐसा मत करो प्लीज़, सुनो मत करो ऐसे प्लीज़, देखो यह सब शादी के बाद होगा ना। ।
शादी हूँ माई फुट, मेरे अंदर यह आवाज उठी और वहीं पे ही दब के रह गई। । साना ने मेरे हाथ पकड़े हुए मुझे बहुत रोका, पर मेरे अंदर वह जंगली जानवर रुका नहीं और मैं एक तरह से जबरन ही उसकी सलवार को खोलता चला गया। । मैंने उसकी कमीज भी ऊपर को कर दी, अब वह लगभग मेरे सामने पूरी ही नंगी थी। इसका विरोध रुका नहीं। "सलमान यह गलत है, समझो ना"
मैंने बिना कोई उत्तर दिए उसकी योनी को अपनी उंगलियों से रगड़ना शुरू कर दिया।
"ससआह आह हाय आह रुको आह नहीं करो ऐसे मम हम"
"कैसा लग रहा है?" "
" आह आह क्यों कर रहे हो मुझे पागल सलमान "" विरोध के साथ साथ अब साना फिर मज़े से सिसकियाँ भी लेने लगी
"साना मजे लो, आह, एंजाय करो ""
उसका भावनाओं से गुलाबी हुआ गोरा चेहरा अब शर्म से और गुलाबी हो चुका था, उसने अपना मुंह शर्म के मारे एक तरफ मोड़कर अपनी प्यारी प्यारी आँखें बंद कर ली और न न नहीं मत करो की रट धीरे धीरे लगाकर ही रखी।।।
साना की योनी एक हाथ से रगड़ते हुए मैंने दूसरे हाथ से अपनी बेल्ट खोली और फिर पैंट का बटन खोल करके जीप नीचे और फिर पेंट और अंडरवियर नीचे किया मेरा लंड उछलता और झूमता हुआ बाहर आ गया। । ((मेरा लंड काफी लंबा और मोटा था और उसकी टोपी भी काफी मोटी थी)) साना इस सबसे बेखबर अपनी योनी की रगड़ाई से लज़्जत में डूबी आंखें बंद किए तड़प रही थी। । फिर मैंने अपना हाथ उसकी योनी से उठाया और आगे झुकते हुए अपना लंड साना की योनी पे जा टिकाया मेरे लंड की मोटी टोपी का टच मिलते ही उसके शरीर को एक झटका सा लगा और वह घबरा के आंखेंखोलते हुए बोली: यह क्या कर रहे हो, तुम्हें खुदा का वास्ता ऐसा नहीं करना। पर उस मासूम कली को क्या मालूम था कि बहुत देर हो चुकी है।
मैंने उसके दोनों पैरों में नीचे से हाथ डालते हुए उसकी योनी को थोड़ा ऊपर उठाया और एक जोर का झटका मारा तो लंड उसकी योनी में । । सख्त हुआ लंड पहले ही झटके में योनी में घुसे बिना न रह सका। । मेरा झटका इतना हैवानों जैसा था और था भी बहुत ज़ोर का बेचारी पहली बार तो वो चीखे बिना न रह सकी। । । । । । । ।
'' आह हाय हाय मर गई नहीं करो निकालो इसे बाहर आह आह "साना चीखने के साथ रोना भी शुरू हो गई" निकालो बाहर इसे वास्ता है तुम्हें आह आह अम्मी मर जाउंगी ""
मेरी दरिंदगी और वासना पे उसके रोने का कुछ असर नहीं पड़ा "" मैने कहा चुप हो जाओ, अब आराम आ जाएगा, बस थोड़ा सा दर्द और होगा ""
"मुझे नहीं करना यह निकाल लो बाहर"
"अभी वह कुछ और भी कहने वाली थी कि मैंने एक झटका और दे मारा, मेरा यह झटका भी कारगर साबित हुआ और मेरा लंड आधे से ज़्यादा उसकी योनी में घुसता चला गया।। साना के आंसू थे कि रुकने का नाम नहीं ले रहे थे और चेहरा दर्द से अजब हाल में जा पहुंचा था अगर मैं मानवता का व्यवहार उससे करता और आराम से यह सब होता तो तब उसे इतना पैन नहीं होना था, इतने दर्द की वजह केवल केवल मेरा बर्बर पन था।।
उसकी चीखें जैसे उसके गले में फँस के रह गईं, उसकी सुंदर आँखों से आँसू बहते रहे और टिप टिप करते सीट पे गिरते जा रहे थे।
। । कुछ देर के लिए मैं वहीं पे रुका और इतने में साना जैसे दुनिया में वापस आई और फिर से चीखने और रोने लगी "" तुम बहुत बुरे हो, यह क्या हो गया आज तुम्हें आह आह हाय ""
उसकी बातों के उसके इन आंसुओं की मुझे कुछ परवाह नहीं थी, और मेरा उद्देश्य पूरा हो रहा था। । । मैंने एक अंतिम झटका मारा और मेरा मूंद उसकी योनी में पूरा घुसता चला गया। ।
"" मम मम हम आह सलमान आह आह आह ""
"" बस अब हो गया अब शोर मत करो चुप हो जाओ, अब आराम आ जाएगा "" साना की योनी में मेरा मोटा लंबा लंड जो घुसा तो मैं नशे में पागल ही हो गया। । मज़े और मस्ती में डूबा हुआ था तब। ।
फिर कुछ देर के अंतराल के बाद मैंने अपने लंड पीछे की ओर खींचा और फिर एक झटका आगे मारा। अब जो मेरा लंड आगे पीछे गया तो पहले की तुलना में उसे कुछ आराम से गया। । । फिर यह सिलसिला ऐसे चला कि इसमें गुजरते समय के साथ मस्ती आरम्भ हो गई और साना की चीखें सिसकियों में और फिर थोड़ी ही देर में सिसकियों के साथ मस्ती में बदलना शुरू हो गईं
"" आह उफ़ प्लीज़ आराम से करो, आह धीरे जानी आराम से, आह आह उफ़ "
" आराम से कैसे करता , जब उद्घाटन किया, तब आराम से नहीं किया, तो अब आराम से क्यों। । । अपने इसी जोश से साना की योनी को अपने लंड से तार तार करने में जुटा रहा। मेरे हर धक्के पे साना मस्ती से " 'आह कहती" "और शायद उसका दिल" "वाह कहता" "यानी कि उसके अंदर आह और वाह का कम्बीनशन चल रहा था।।। फिर साना के मुंह से " "आह आह आह मम हम उफ़ हम मम जानी आह "की आवाजें निकलने लगी और मुझे लगा कि जैसे उसकी योनी ने मेरे लंड पे पानी से फेंका है। । ।
अब बात मेरे अधिकार से भी बाहर हो चुकी थी। मैंने तेज सांसें लेते पूछा "साना तुम डिस्चार्ज हो गई हो?"
"हां" "
" "आह में भी होने वाला हूँ आह आह होने लगा हूँ बस" यह कहते हुए मैंने अपना लंड एक झटके मे साना की योनी से बाहर निकाला, उसके मुंह से अचानक आवाज निकली ""अह्ह्ह्ह धीरे "
" और मेरे मुँह से "" "आह आह मम आह हाय" "और साना की योनी ऊपर अपने वीर्य की बूँदें छोड़ता चला गया। जैसे उसकी योनी ने मेरे लंड को नहलाने दिया था अपने पानी से, वैसे ही मैंने अपने वीर्य से उसकी योनी को नहलाने दिया।।।।
साना उस दिन मेरे कंधे पे सर रख के काफी देर रोती रही और मैं उसे न चाहते हुए भी चुप करवाता रहा। । । शायद इसलिए मुझे खेलने के लिए एक खिलौना मिल गया था, हाँ एक सुंदर खिलौना, हाँ एक ऐसा खिलौना जिसे जब चाहूँ तोड़ भी सकता था।
साना को उसके घर ड्राप करने के बाद मैं अपने घर वापस आ गया। । ।
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