Muslim Sex Stories मैं बाजी और बहुत कुछ
03-30-2019, 11:22 AM,
#15
RE: Muslim Sex Stories मैं बाजी और बहुत कुछ
एक पल में और दूसरे पल में क्या हो यह जीवन, किसी को पता है। । । मेरी आत्मा के साथ जो हादसा हुआ, इस दुर्घटना से मुझे यह एहसास तीव्रता से होने लगा कि मैंने साना को अपना दिल बहलाने के लिए इस्तेमाल किया है। । मैंने आज तक एक ही से प्रेम किया था और वह मेरी बाजी थी। । । । बाजी जब मेरे होठों को चूमती थी तो ऐसे लगता था कि मेरे शरीर से प्राण निकलने वाले है और जब साना ने मेरे होठों को चूमा तो जाने क्यों वह बात नहीं थी साना की किस में । । साना के साथ वो आराम वह नशा न आने के कारण मेरी आत्मा ने मुझे बता दी थी। । 

शरीर से शरीर के मिलन का नाम प्यार नहीं। जब शरीर और आत्मा दोनों का मिलन अपने प्रेमी के शरीर और आत्मा से होता है, तब प्रेम की पूर्ति होती है। ऐसा मिलन मेरा एक ही व्यक्ति के साथ होता था और वह थी मेरी बाजी। साना का उपयोग तो कर बैठा था पर अब मैं अजीब ही परेशानी में फंस गया था। । साना यह समझना शुरू हो गई थी कि मैं उससे प्यार करने लगा हूँ। । अब अगर साना को कहता कि मैं उससे प्यार नहीं करता तो वह मुझसे यह पूछती कि फिर मैंने उसके शरीर को किस अधिकार से छुआ है? या फिर उसे ऐसी वैसी लड़की समझता हूँ कि मैंने उसके साथ ये सब कुछ किया? ? । । । । । अगर साना की जगह कोई और लड़की होती तो मैं उसे कह भी देता कि मुझसे गलती हो गई पर साना को यह बात कहने की मुझ में हिम्मत न थी। । । । 

दिल के करीबी रिश्ते भी अजीब होते हैं, आदमी कभी कभी उनसे सच नहीं कह सकता, वह सच जो वह किसी और के मुंह पे आसानी से कह सकता है। । । पहले ही बाजी का प्यार इतना निढाल कर रखा था ऊपर से अब साना के साथ किए गए दुर्व्यवहार ने मुझे जैसे काट रखा था। । । दिन परेशानी के साथ गुजर रहे थे कि एक दिन में सुबह के समय नीचे गया तो अम्मी किसी से फोन पे काफी हंस हंस के बात कर रही थी। । फिर थोड़ी देर बाद अम्मी ने जब कॉल डिस्कनेक्ट की तो अम्मी खुद ही बताने लगी कि: साना की अम्मी की कॉल आई थी, उसकी बड़ी बेटी हुमा की शादी है और वह हम सब को इनवाइट कर रही है शादी पे, कार्ड की भी कह रही थी कि आज भिजवाएँगी पर विशेष कॉल भी की कि जरूर आ ना है। । हुमा बाजी की शादी का साना मुझे काफी दिन पहले ही फोन पे बता चुकी थी। । । 


फिर कुछ दिन बाद हुमा बाजी की मेंहदी वाला दिन भी आ गया। । मैं तैयार हो के नीचे आया तो मेरा ध्यान बाजी पर ठहर चुका था। । । । मेरे महबूब पे तो आज नजर नहीं ठहर रही थी। । । । वैसे मेरा माझी था ही कुछ अलग ही तरह का। । उस जैसा तो इस धरती पे कोई नहीं भेजा गया था ना। । । । पीले रंग का ड्रेस उनके सफेद रंग पे जॅंच रहा था जैसे पीला रंग बनाया ही मेरे महबूब के लिए गया है। । वह जन्नत की हूर जो अपने इस दीवाने को एक नज़र भी नहीं देख रही थी। । । 

अबू बोले: आप लोग और मेरी ओर से रफ़ीक साहब से माफी लेना और तबीयत का कह देना। । । अबू वैसे भी शादी वग़ैरह मे ज्यादा नहीं जाते थे सिर्फ़ करीबी रिश्तेदारों की शादियों के अलावा . हम लोग साना के घर पहुँचे तो साना जैसे हमारी ही राह देख रही थी। वह अम्मी और बाजी से बहुत प्यार से मिली और फिर मुझसे भी हाय हेलो की और फिर हमें अपने परिवार से मिलवाने ले गयी। उसके घरवालों का सब मुझे पहले से ही पता था, अम्मी और बाजी पहली बार ही साना की बाजी अबू और बाकी लोगों से भी मिल रही थी। मैं उन सभी से हाय हेलो कर पीछे खड़े अपनी एज के साथी लड़कों से जा के गपशप करना शुरू हो गया। घर काफी बड़ा होने की वजह से उन्होने अपने घर में ही शादी का अरेंजमेंट किया हुआ था। । हल्की आवाज में रीमिक्स इंडियन सॉंग्स लगे हुए थे। जिस तरफ नज़र जाती थी लड़कियां रंग बिरंगे कपड़ों मे तैयार नजर आ रही थीं और सबने एक दूसरे के कानों में मुंह घुसाए हुए थे और बातों में व्यस्त थीं। लड़के कम ही थे, शायद मेंहदी का समारोह होता ही लड़कियों के लिए है इसलिए, या शायद यह लड़की वालों का घर था इसलिए। । । । दिल में ही आराम न हो तो सब कुछ जैसे खाने को दौड़ता है। । । जितने लोग भी वहां मौजूद थे सब खुश थे सिवाय मेरे। । । 


काफी देर बीतने के बाद साना मेरे पास आई और मुझे कहा कि सलमान एक मिनट बात सुनो। । मैं उसके पास गया तो उसने मुझे अपने पीछे आने को कहा । फिर वह मुझे अपने घर की एक साइड में ले आई। साना का घर काफी बड़ा था घर के चारों ओर ही वैसा ही ग्रीन एरिया था। । वहाँ पहुँच कर मैंने साना से पूछा कि वो मुझे यहाँ क्यों लाई है तो उसने कहा कि सॉरी सलमान मैं तुम्हें समय नहीं दे सकी आज। । मैं बोला कोई बात नहीं मैं समझ सकता हूँ कि तुम बिजी हो। "

" यहाँ इसलिए लाई कि सोचा कुछ देर तसल्ली से बात कर लें "

" ऐसे ही बातें करते करते धीरे धीरे मैं साना की आँखों में खोना शुरू हो गया। मैं तो वह व्यक्ति था जिससे उसके प्यार ने सब कुछ छीन लिया था और मुझे एक चलती फिरती लाश बना दिया था। शायद इसीलिए मैं साना की आँखों में खो सा गया था। हां मैं मानता हूँ कि शायद इस समय अपने प्यार में खोने के कुछ पल अपनी इस चलती फिरती लाश को सकून देना चाहता था। । । । । । । 

खोने की देर थी कि पता ही नहीं चला कब मेरे होंठ साना के होंठों से टकराए और हम दोनों ने ही अपनी आँखें बंद कर लीं और फिर होश तब आया जब एक आवाज मेरे कानों से टकराई "सलमान" " 

मुझे ऐसे लगा जैसे अब मैं कभी आँखें खोल नहीं पाऊंगा। मैं जहां था वहीं पर जम सा गया। । साना ने मुझे पीछे से धक्का दिया। । मैं आधा मृत हालत में पीछे की ओर देखा और वहाँ मेरी बाजी खड़ी थी। । । । बाजी के चेहरे पे गुस्सा था, दुख था, तड़प थी, घाव थे, यह सब मेरी आँखों ने देखने की बहुत कोशिश की परदिखाई कुछ न दिया, क्योंकि मेरी आंखों के सामने अंधेरा सा हो गया था । । । बाजी ने कहा कि अम्मी बुला रही हैं, घर चलना है। । 

कुछ समझ नहीं आया कि घर तक कैसे कार लेकर पहुंचा। । । घर में घुसते ही में अपने रूम में आ गया और बेड पे गिर गया और बेड के फोम में मुंह घुसा दिया। । । मैं इस समय किन विचारों में किन सोचों में था, इस बात का पता मुझे भी नहीं था। । थोड़ी देर भी नहीं गुज़री थी कि मेरे रूम काडोर किसी ने ओपन किया। । हालांकि ऐसा तो कभी नहीं हुआ था, अगर किसी को भी आना होता था तो पहले मेरे डोर पर नोक करता था। । 


मैंने बहुत हिम्मत करके अपनी आँखें खोली तो सामने वही हूर यानी कि मेरी बाजी पीले ड्रेस में खड़ी थी। । लग रहा था कि वह अपने कमरे में नहीं गईं और सीधा मेरे रूम में ही आ गई हैं। । । बाजी ने रूम के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया था और मेरी ओर देख रही थीं। । । मैं हिम्मत करके उठ कर बैठ गया बेड पे। । । बाजी का चेहरा गुस्से से लाल हो चुका था और बाजी इतनी अधिक नाराज थी कि वह गुस्से से कांप रही थीं। । मेरी सोच तो पहले से ही मेरा साथ छोड़ चुकी थी मैं खाली आँखों से बाजी की ओर देख रहा था कि दीदी आगे बढ़ी और मेरे मुंह पे एक थप्पड़ दे मारा और साथ ही उसकी प्यारी सुंदर आँखों से आँसू गिरना शुरू हो गए। बाजी ने एक के बाद एक थप्पड़ मेरे मुंह पे मारने शुरू कर दिए और एक ही शब्द उनके मुंह से निकलना शुरू हो गया "क्यों" क्यों "क्यों"। ।

बाजी के ठप्पाड़ों से जैसे मैं होश की दुनिया में वापस आ गया। मुझ में हिम्मत नहीं हुई कि मैं उनका हाथ पकड़कर उन्हें रोक सकूँ। । । इतने में दीदी ने पास ही साइड टेबल पे पड़ी मेरी एक किताब उठा ली और वह मेरे मेरे सर पे मारना शुरू कर दिया और साथ ही कहने लगी "" क्यों तुमने ऐसा "क्यों सलमान" "मेरे साथ ऐसा क्यों किया तुम ने बताओ मुझे "" 

मैं अचानक उठा और अपने एक हाथ से बाजी का हाथ पकड़ लिया और दूसरे हाथ को बाजी केशोल्डर बैक से घुमा के उन काशोल्डर पकड़ लिया और उन्हें ऐसे ही पकड़े हुए अपने बेड पे बैठा दिया और खुद भी उनके साथ बैठ गया । । फिर मैंने अपने हाथ को जो बाजी केशोल्डर पे था, उसे बाजी के सिर पे रखा और उनका सिर अपने सीने से लगा लिया और अपना चेहरा बाजी के सिर पे रख दिया। । । । बाजी वैसे ही रोए जा रही थी। धीरे धीरे मेरी भी आँखों से आंसू निकलना शुरू हो गये । जिस दिन प्यार इंसान के दिल में बसता है शायद उसी दिन से रोना उसके भाग्य में लिख दिया जाता है। । । 


बाजी के आँसुओं ने मेरी शर्ट को भिगो कर रख दिया और मेरे आंसुओं ने बाजी का सिर। । । उस मैने दिन ये बात जानी कि औरत सब कुछ सहन कर सकती है, औरत अपना सब कुछ कुर्बान कर सकती है, पर जिसे वो प्यार करे उसे किसी और के साथ कभी साझा नहीं कर सकती। इस मामले में पुरुष अलग हो सकता है। औरत सारी दुनिया को आग लगा के रख दे पर अपने प्यार को कभी किसी और के साथ नहीं देख सकती .

ऐसे ही रोते हुए मैंने बाजी को कहा कि बाजी मेरा साना के साथ कोई रिश्ता नहीं है मैं बस आप से प्यार करता हूँ बस आप से। ।

। । बाजी जैसे मेरी इसी बात का इंतजार कर रही थी उनके रोने में कुछ इज़ाफा हो गया और उन्होंने कहा कि झूठ मत बोलो मैंने अपनी आँखों से तुम्हें उस के साथ घटिया हरकत करते देखा है, मैं कोई बच्ची नहीं हूँ कि तुम्हारी इस बात पे यकीन कर लूंगी, पीछे हो मुझे जाने दो, तुम एक घटिया और धोकेबाज़ हो, घृणा हो गई है आज मुझे तुम से । ये कहते हुए बाजी ने मुझे पीछे करने की कोशिश की पर मैंने उन्हें उठने नहीं दिया और उन्हें अपने साथ जाकड़ के रखा। । । मैं अजीब मुसीबत में था। उन्हें अपने प्यार का यकीन दिलाता भी तो कैसे? ? ? 


मेरी वजह से मेरी यह नाजुक सी मुहब्बत, मेरा प्यार, मेरे दिल की राहत रोए जा रही थी। । मैंने अपने आप को बहुत कोसा "

" बाजी मेरी बात तो सुनो मैं साना से प्यार नहीं करता वह मुझसे प्यार करती है, उस समय जो भी हुआ मुझे समझ नहीं आया, उसने मेरे साथ ज़बरदस्ती की, जो आपने देखा। । । । मैंने अंत में झूठ बोल दिया और झूठ बोलकर प्यार का पहला सिद्धांत ही तोड़ दिया, शायद इसलिए कि गुजरते पलों और अपने प्रिय को मैं खोना नहींचाहता था। । । न ही मैं अपनी प्रेमिका को यह कह सकता था कि मैं उस समय कमजोर पड़ रहा था, ये सच बताने के बाद शायद मैं पूरे जीवन के लिए अपने उस प्यार खो देता। । एक ऐसे प्रेमी को जो जब मेरे साथ होता था तो जिंदगी सुहानी लगती थी खुशी का एहसास मेरी रगों में दौड़ने लगता था। । हां इसलिए ही में ने झूठ बोला, नहीं जिया जाता था मुझसे इस अलगाव में, एक ऐसा एकांत जिसमें वहशत और दर्द के सिवा कुछ नहीं था

जाने क्यों यह झूठ बोलने के बाद मेरी आँखों से आँसू बहने रुक गए, शायद मेरी सच्ची मुहब्बत में आज झूठ की मिलावट हो चुकी थी। । पर मैंने जब अपने अंदर झांका तो उस प्यार को वहीं ऐसे ही मौजूद पाया, प्यार की तीव्रता में तो कोई कमी नहीं आई थी। शायद मैं प्यार की उस ऊँचाई को छू रहा था जहां ऐसे झूठ की कोई जगह नहीं थी। । पर प्यार जब सच्चे दिल से किया जाए तो ऐसे सौ झूठ प्यार में शायद दब के रह जाते हैं। । यह बात मन में आते ही जैसे एक विश्वास सा मेरे अंदर फिर से जाग गया, जो झूठ ने कुछ पलों के लिए सुला दिया था। । । । । 

मेरे आँसू फिर से निकलना शुरू हो गए थे। । । ऐसे ही रोते रोते मैंने अपने जिस हाथ से बाजी हाथ पकड़ रखा था उस हाथ से मैंने बाजी के हाथ में पकड़ी बुक ली और साइड पे रख दी और अपना चेहरा बाजी के सिर से हटा दिया और अपने हाथ की एक उंगली से उनका चेहरा अपने सीने से ऊपर की ओर उठाया। । । अब उनका चेहरा मेरी आँखों के सामने था। । उस नाजुक सी हूर ने रो रो के अपनी स्थिति अजीब कर ली थी, आँखें बंद और आंसू आंखों से ऐसे बहे जा रहे थे जैसे कब से आज ही के दिन के इंतजार में थे कि आज खुल के बहेंगे । । मैंने अपने होंठ बाजी के होंठों पे रख दिए और फिर नाजाने कितनी देर हम दोनों प्यार के मारे दीवाने ऐसे ही होंठ पे होंठ रखे ही बस रोते ही रहे। । हम दोनों की आत्मा एक दूसरे की बाँहों में खोई हुई घूम रही थीं। । । आंसू तो थे हम दोनों की आँखों में पर एक आराम था, एक सकून था जिसे शब्दों में बयान करना मेरे बस से बाहर है। । । 


ऐसे ही बाजी के होंठों पे होंठ रखे मैंने उन्हें बेड पे लिटा लिया। हम दोनों के पैरों बेड से नीचे और बाकी शरीर बेड पे था। । । अब धीरे धीरे मैंने अपने होठों से बाजी के होंठों पे किस करना शुरू कर दिया और कुछ ही देर बाद वह राहत अमीर, वह पल ले के आई जिसका मुझे कब से इंतजार था। । उन्होंने भी मुझे किस करना शुरू कर दिया। । ऐसे ही बाजी को किस करते हुए एक डर सा मेरे अंदर भरा हुआ था और मैंने उनके होंठों से अपने होंठ उठाये और कहा अब मुझे छोड़ कर कभी मत जाना, नहीं जी सकता तुम्हारे बिना, मुझे डर लगता है तुम्हारे बिना जीने में, मैं मर जाऊँगा। । । 
Reply


Messages In This Thread
RE: Muslim Sex Stories मैं बाजी और बहुत कुछ - by sexstories - 03-30-2019, 11:22 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,649,917 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 561,941 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,297,015 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 980,423 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,738,845 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,151,446 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,074,299 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,480,197 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,167,417 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 299,146 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)