RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि-दीदी छत पर चलें बारिश का मज़ा लेते हैं....
अलका: नहीं मुझे सर्दी लग जाएगी .... मौसम ठंडा है....
रवि: अरे चलो ना और अलका का हाथ पकड़ के उसे छत पर जाने लगता है....वो साथ मैं एक गद्दा भी ले लेता है....जिस पर पॉलितेन चढ़ि हुई थी....और पिल्लो और चादर भी...कुछ सोचते हुए...
छत पर मुसलाधार बारिश हो रही थी....और ज़ोर ज़ोर से बिजली भी कड़क रही थी,.....
अलका : रवि मैं नहीं आती.....तबीयत खराब हो जाएगी.....
रवि-कमोन दीदी ज़्यादा नखरे मत करो ........
और वो छत पर एक शेड मे गद्दा बिछा देता है.... और अलका के पास आ जाता है.....अलका गद्दे पर लेट जाती है....
रवि- दीदी ज़रा उठो ना और अलका की दोनो बाँहे पकड़ कर उसे उठाकर बैठा देता है
रवि- दीदी आपको भी गर्मी लग रही होगी ना क्या मैं आपकी टीशर्ट उतार दूं
अलका- मुस्कुरा कर अपनी नज़रे नीचे कर लेती है
और रवि उसके गुलाबी सब जैसे रसीले गालो को चूमता हुआ उसकी टीशर्ट को उसके गले से उतार देता है और अपनी दीदी की कसी हुई मोटी-मोटी गदराई चुचियो को जब लाल रंग की ब्रा मे देखता है तो देखता ही रह जाता है और उसका लंड उसके पाजामे मे एक बड़ा सा तंबू बना लेता है,
अलका केवेल ब्लॅक रंग की स्कर्ट और उस पर रेड कलर की सेक्सी ब्रा मे बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी,
रवि- दीदी मेरी गोद मे आओ ना और अलका की कमर मे हाथ डाल कर उसको खींच कर अपने गोद मे उसकी दोनो टाँगो को अपनी कमर के आसपास करके बैठा लेता है, अलका की स्कर्ट जो कि उसके घुटनो तक थी रवि की गोद मे बैठने से थोड़ी उपर हो जाती है और उसकी गोरी-गोरी मोटी-मोटी जांघे साफ नज़र आने लगती है,
अलका जब रवि की गोद मे अपनी दोनो जांघे फैलाकर बैठती है तो रवि का मोटा लंड उसके पाजामे के उपर से सीधे अलका की चूत मे कसी हुई पेंटी से टकराता है और अलका को पहली बार अपने भाई के मोटे लंड का एहसास अपनी चूत पर महसूस होता है और वह एक अजीब नज़रो से रवि को देखती है तो रवि उसकी कमर और मोटी गान्ड मे हाथ डाल कर उसकी जाँघो की जड़ो को अपने लंड पर खिच कर एडजुस्ट कर लेता है और अलका रवि के मोटे लंड की चुभन को बर्दास्त नही कर पाती है और रवि से लिपट जाती है, रवि अलका की सुरहिदार गर्दन को चूमने लगता है और अपने हाथो को अलका की मोटी गान्ड पर ले जाता है और उसकी स्कर्ट को उठा कर अपने हाथ को उसकी पेंटी मे कसे आधे से ज़्यादा नंगे चुतड़ों पे फेरने लगता है और हल्के -हल्के मसल्ने लगता है, अलका की चूत पूरी गीली हो चुकी थी और वह भी अब पूरी तरह गरम हो गई थी और वह रवि के होंठो को चूमने लगती है,
रवि उसकी मोटी-मोटी जाँघो और गदराई गान्ड पर अपने हाथ फेरता रहता है,
बारिश की बौछार उन पर बार गिर रही थी....
तभी रवि बैठे-बैठे घूम जाता है और अलका को अपनी गोद मे लेकर खड़ा हो जाता है और अलका रवि के खड़े लंड
के सहारे उसकी गोद मे चढ़ि चिपकी रहती है और अलका के मोटे-मोटे चुतड़ों को देख कर मस्त हो जाता है,
रवि- दीदी
अलका- हूँ
रवि- दीदी पीछे देखो
और अलका अपने सर को पीछे घुमाकर रवि के उपर बंदरिया जैसे चढ़ कर लिपटे हुए देख कर अलका को शर्म आ जाती है और वह रवि के सीने पर मुक्के से मारती हुई, रवि मुझे नीचे उतार,
रवि उसे बारिश मे ले जाता है और दोनो पानी से सारॉबार हो जाते हैं.....
|